FOMC क्या है?

बुधवार को सेंसेक्स का हाल: तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 152.18 अंक यानी 0.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ पिछले दस माह के सबसे निचले स्तर 52,541.39 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में पिछले चार कारोबारी सत्रों में 2,778.89 अंक की गिरावट आ चुकी है। इसी FOMC क्या है? तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 39.95 अंक यानी FOMC क्या है? 0.25 प्रतिशत टूटकर 15,692.15 अंक पर बंद हुआ।
US Fed द्वारा ब्याज दर बढ़ाने से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों पर प्रभाव
अमेरिका में महंगाई के आंकड़े जारी होने के बाद फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में जल्द इज़ाफ़ा करने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि जारी किये आंकड़ों में अनुमान से भी कम गिरावट देखी गई है। इस चिंता के कारण अमेरिका के साथ ही भारतीय शेयर बाज़ार में भी बड़ा उतार- चढ़ाव देखने को मिल रहा है।
तो आखिर अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने से दुनिया भर के बाज़ारों पर क्यों प्रभाव पड़ता है। ख़ास तौर से भारत पर?
अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने का सीधा असर विकासशील देशों के बाज़ारों पर पड़ता है जैसे की भारत । इससे अमेरिका में बॉन्ड यील्ड पर सकारात्मक प्रभाव होता है और निवेशक अपने ही देश में पूंजी लगाने के लिए प्रेरित होते हैं।
हम सभी जानते है कि किसी भी विकासशील देश FOMC क्या है? में विकसित देशों की तुलना में विकास की असीमित संभावनाएं होती है। इसी कारण अमेरिका में ब्याज दरें भारत की तुलना में काफी कम है। जिसका फ़ायदा निवेशक उठाते है। वे अधिक रिटर्न के लिए बैंकों से पैसा निकलकर भारतीय बाज़ारों में निवेश करते हैं। लेकिन जब ब्याज दरें बढ़ती है तो यही निवेशक अपने देश FOMC क्या है? में निवेश करने लगते है। नतीजतन भारतीय बाज़ार को घाटे का सामना करना पड़ता है।
US Fed सितंबर और नवंबर में ब्याज दरों में कर सकता है ज्यादा बड़ी बढ़ोतरी: नोमुरा
बिजनेस डेस्कः नोमुरा होल्डिंग्स इंक के एनालिस्टों ने वर्ष के अंत तक फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में होने वाली बढ़त के अपने पूर्वानुमानों को बढ़ा दिया। Aichi Amemiya (आइची अमेमिया) के नेतृत्व में नोमुरा के अर्थशास्त्रियों द्वारा शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक फेड इस महीने और नवंबर की बैठक में अपने बेंचमार्क दर में 0.75 फीसदी की वृद्धि कर सकता है। यह अनुमान नोमुरा के पिछले पूर्वानुमान की तुलना में 0.25 फीसदी ज्यादा है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के दिनों में एफओएमसी FOMC क्या है? से जुड़े लोगों की टिप्पणियों से संकेत मिलता है यूएस फेड FOMC क्या है? टालरेंस लिमिट से ऊपर चल रहे महंगाई से निपटने के लिए अपनी नीति दरों तेजी से बड़ी बढ़ोतरी करता दिख सकता है। यूएस फेड के अधिकारी महंगाई में बढ़ोतरी के चलते शॉर्ट-टर्म नॉमिनल न्यूट्रल रेट में हुई बढ़ोतरी को लेकर चिंतित हैं। अगर इंफ्लेशन अब अपने पीक पर पहुंच भी चुका है तो अधिकारी की नजर इस बात पर लगी हुई है कि अब ये कहां सेटल होगा।
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US Federal Reserve Rate Hike: फेड रिजर्व ने 0.75 फीसदी बढ़ाई ब्याज दर, 28 साल का सबसे बड़ा इजाफा
US Federal Reserve Rate Hike: अमेरिका के सेंट्रल बैंक यूएस फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में 28 साल की सबसे बड़ी बढ़ोतरी की है। महंगाई कंट्रोल के लिए फेड रिजर्व ने ब्याज दरों FOMC क्या है? में 75 बेसिस प्वाइंट या 0.75 फीसदी तक का इजाफा FOMC क्या है? किया है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर में इतनी बड़ी बढ़ोतरी नवंबर 1994 में की थी। आपको बता दें कि मई माह में अमेरिका की महंगाई दर 40 साल के उच्चतम स्तर पर थी।
जुलाई में फिर बढ़ोतरी संभव: इसके साथ ही फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं। जेरोम पॉवेल के मुताबिक फेड जुलाई में फिर से दरों में 0.75 की बढ़ोतरी कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि फेड के पास महंगाई को कंट्रोल में लाने के लिए जरूरी समाधान हैं।
Fed Reserve ब्याज दरें 75 या 100 बेसिस पॉइंट बढ़ाए, शेयर बाजार में रैली जारी रहेगी, मार्क मैथ्यू को क्यों है उम्मीद
जूलियस बेयर के मार्क मैथ्यू का कहना है कि फेडरल रिजर्व चाहे ब्याज दरों में जितनी भी FOMC क्या है? वृद्धि कर दे, यह तय है कि शेयर बाजार में रैली आने वाली है.
नई दिल्ली: बुधवार 21 सितंबर को अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में वृद्धि करने जा रहा है. शेयर बाजार को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व अमेरिका में महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि कर सकता है. कई एक्सपर्ट हालांकि यह आशंका जता चुका है कि फेडरल रिजर्व इस बार ब्याज दरों में 100 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि कर सकता है. शेयर बाजार में इस वजह से काफी उतार-चढ़ाव दर्ज होने की आशंका है. शेयर बाजार FOMC क्या है? के एक्सपर्ट को लगता है कि अमेरिका में महंगाई पर काबू पाने के लिए फेडरल रिजर्व के इस कदम से अमेरिकी अर्थव्यवस्था संकट में फंस सकती है, हालांकि जूलियस बेयर के मार्क मैथ्यू का कहना है कि फेडरल रिजर्व चाहे ब्याज दरों में जितनी भी वृद्धि कर दे, यह तय है कि शेयर बाजार में रैली आने वाली है.
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मैथ्यूज ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि फेडरल रिजर्व के ब्याज दर बढ़ाने से कुछ बहुत अधिक असर पड़ने वाला है. वास्तव में महंगाई 4 दशक के उच्च स्तर पर है और महंगाई के लंबी अवधि तक इसी दायरे में बने रहने की आशंका है."
US Fed Hike Interest rate: हो गया खुलासा, इसलिए RBI ने बढ़ाई थी अचानक Repo Rate!
पूरी दुनिया के केंद्रीय बैंकों ने महंगाई पर एक साथ वार शुरू कर दिया है। अमरीकी रिजर्व बैंक ( Federal Reserve Bank) ने बुधवार को बेंचमार्क ब्याज दरों में 0.50% की बढ़ोतरी की है। इसके पहले 16 मार्च को अमरीकी फेडरल बैंक ने ब्याज दरों में 0.25% की बढ़ोतरी की थी। अब यूएस में ब्याज दरें 0.75 से 1 प्रतिशत की रेंज में पहुंच गई हैं। फेड के इस कदम से एक दिन पहले RBI ने भी ब्याज दरों में 0.40% की बढ़ोतरी की है। माना जा रहा है कि फेड के इस झटके से निपटने के लिए ही RBI ने एक दिन पहले ही रेपो रेट बढ़ाई थी। पढ़िए, क्या और क्यों.
ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान , प्रेस कॉन्फ्रेंस में 22 सालों की सबसे बड़ी 0.50% की बढ़ोतरी ब्याज दरों में की गई।