क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा

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विदेशी मुद्रा परिचालन
एसआईटीबी में विदेशी मुद्रा डीलिंग डेस्क, सभी आधुनिक संचार सुविधाओं, रिउटरस स्वचालित-डीलिंग प्रणाली के माध्यम से अपनी सभी अधिकृत शाखाओं के साथ विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए ऑनलाइन भाव प्रदान करता है.
बैंक निर्यात और आयात के व्यापार में लगे हुए अपने ग्राहकों की विदेशी मुद्रा की आवश्यकताओं को पूरा करता है और एसआईटीबी सभी विश्व की प्रमुख मुद्राओं जैसे अमेरिकी डॉलर ($), स्टर्लिंग पाउंड, यूरो, स्विस फ्रैंक (स्विस फ्रैंक), जापानी येन और अन्य विदेशी मुद्राओं के रूपांतरण के लिए दरें प्रदान करता है. बैंक के ग्राहकों की सेवाओं में विभिन्न डेरिवेटिव उत्पाद और फॉरवर्ड कवर उपलब्ध कराने के द्वारा विदेशी मुद्रा जोखिम की हेजिंग शामिल हैं.
अपनी अधिकतर विदेशी शाखाएं उन स्थानों पर स्थित होने क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा के कारण जहां अधिक मात्रा में अनिवासी भारतीय रह रहे हैं, बैंक अपने एनआरआई ग्राहकों को तुरंत और क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा कुशलतापूर्वक अपने उत्पाद वितरित करने की स्थिति में है. उत्पाद की रेंज में प्रेषण सुविधाएं और भारतीय रुपए (एनआरई/एनआरओ) में जमा राशि की स्वीकृति के साथ नामित विदेशी मुद्राओं (एफसीएनआर) शामिल हैं. निवासी के साथ साथ भारत लौटने वाले भारतीय निवासी विदेशी मुद्रा खातों (आरएफसी) का लाभ उठा सकते हैं.
ट्रेजरी (विदेशी मुद्रा) उत्पाद के मामले में सहायता के लिए आप एसआईटीबी, मुंबई में हमारे निम्नलिखित प्रभारियों से संपर्क कर सकते है.
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी, इस बार 2.23 अरब डॉलर घटकर 550.87 अरब डॉलर पर आया
पिछले हफ्ते की गिरावट के बाद इस समय मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर आ गया है.
देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 600 अरब डॉलर से गिरते-गिरते अब 550 अरब डॉलर के आस-पास आ गया है. पिछले हफ्ते की गिरावट क . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 17, 2022, 08:41 IST
हाइलाइट्स
पिछले हफ्ते की गिरावट के बाद इस समय मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर आ गया है.
हालिया गिरावट की मुख्य वजह रिजर्व बैंक द्वारा बड़ी मात्रा में डॉलर की बिकवाली है.
इस दौरान स्वर्ण भंडार 34 करोड़ डॉलर बढ़कर 38.64 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
मुंबई. देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट जारी है. विदेशी मुद्रा भंडार नौ सितंबर को समाप्त सप्ताह में 2.23 अरब डॉलर घटकर 550.87 अरब डॉलर रह गया. रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 7.94 अरब डॉलर घटकर 553.10 अरब डॉलर रहा था. पिछले हफ्ते की गिरावट के बाद इस समय मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर आ गया है.
लगभग 600 अरब डॉलर से यह गिरते-गिरते अब 550 अरब डॉलर के आस-पास आ गया क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा है. रिजर्व बैंक द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, फॉरेन करेंसी एसेट ( एफसीए) में गिरावट से विदेशी मुद्रा भंडार घटा है. समीक्षाधीन सप्ताह में एफसीए 2.51 अरब डॉलर घटकर 489.59 अरब डॉलर रह गया.
डॉलर की बिकवाली
पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार की गिरावट पर एक्सपर्ट ने कहा था कि हालिया गिरावट की मुख्य वजह रिजर्व बैंक द्वारा बड़ी मात्रा में डॉलर की बिकवाली है. रुपए की कमजोरी से निपटने के लिए आरबीआई ने पिछले दिनों यह कदम उठाया जिसका असर मुद्रा भंडार पर दिख रहा है. इस समय भी यह कारण हावी है.
गोल्ड रिजर्व बढ़ा
हालांकि, इस दौरान स्वर्ण भंडार 34 करोड़ डॉलर बढ़कर 38.64 अरब डॉलर पर पहुंच गया. 2 सितंबर को समाप्त सप्ताह में सोने का भंडार 38.303 अरब डॉलर पर था. उस समय इसमें 1.339 अरब डॉलर की गिरावट देखी गई थी. जेफरीज ने 6 सितंबर के अपने नोट में कहा था कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है. अब इसमें और गिरावट देखने को मिल रही है.
व्यापार घाटा भी बढ़ रहा
भारत का व्यापार घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में बढ़कर 124.5 अरब डॉलर हो गया है. एक साल पहले के इसी अवधि में यह 54 अरब डॉलर था. वहीं, भारत का चालू खाते का घाटा (कैड) वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के तीन प्रतिशत के भीतर रह सकता है. बीते वित्त वर्ष में यह 1.2 प्रतिशत पर था. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के शुक्रवार को जारी ताजा बुलेटिन में यह अनुमान जताया गया है.
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डॉलर की मजबूती के आगे फीके पड़े बड़े देशों के विदेशी मुद्रा भंडार, अमेरिका और जापान के मुकाबले कहां है भारत
Foreign Reserve डॉलर की मजबूती के कारण पिछले कुछ महीनों में यूरो ब्रिटिश पाउंड और येन की कीमत में तेजी के गिरावट हुई है जिससे दुनिया के बड़े केंद्रीय बैंकों का विदेशी मुद्रा भंडार बड़ी मात्रा में गिरा है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। डॉलर के लगातार मजबूत रहने के कारण वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। भारत ही नहीं, यूरोप के बड़े देशों के विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से नीचे गिरे हैं। इसके पीछे का कारण इन देशों की ओर से अपनी मुद्रा को सहारा देने के लिए डॉलर को बड़ी संख्या में खर्च करना है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की शुरुआत से अब तक दुनिया के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में 1 ट्रिलियन डॉलर की कमी आ चुकी है और यह घटकर 12 ट्रिलियन डॉलर रह गया है। ब्लूमबर्ग की ओर से 2003 से आंकड़े एकत्रित किए जाने के बाद से अब तक की यह सबसे बड़ी गिरावट है।
डॉलर दो साल की ऊंचाई पर
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेड की ओर से ब्याज दर लगातार तीसरी बार 0.75 प्रतिशत बढ़ाने क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा के एलान के बाद से डॉलर पूरी दुनिया की मुद्राओं के मुकाबले लगातार मजबूत हो रहा है। डॉलर, यूरो और येन जैसी मजबूती मुद्राओं के सामने 20 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण
डॉलर की मजबूती के कारण दुनिया के विभिन्न देशों के पास विदेशी मुद्रा भंडारों में मौजूद अन्य विदेशी मुद्राओं जैसे यूरो और पाउंड की कीमत में तेजी से गिरावट हुई हैं। इसके कारण दुनिया के विदेशी मुद्रा भंडारों का मूल्यांकन गिरा है। वहीं, दुनिया के सभी देशों के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का एक अन्य बड़ा कारण डॉलर के सामने अपने देश की मुद्रा के अवमूल्यन में कमी लाने के लिए बड़ी मात्रा में डॉलर को बेचना है।
उदाहरण के लिए, भारत का विदेश मुद्रा भंडार इस क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा साल की शुरुआत से अब तक 96 बिलियन डॉलर गिरकर 538 बिलियन डॉलर पहुंच गया है। इसमें 67 प्रतिशत गिरावट दुनिया की अन्य मुद्राओं में कमी के कारण है, जबकि बाकी की गिरावट भारतीय रुपये में गिरावट रोकने के लिए डॉलर खर्च करने के कारण हुई है। इस साल की शुरुआत से अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में 10 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
जापान अपनी मुद्रा येन को संभालने के लिए करीब 20 बिलियन डॉलर की राशि को खर्च कर चुका है। 1998 के बाद क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा यह पहला मौका था, जब जापान ने डॉलर के मुकाबले येन की स्थिति को संभालने के लिए करेंसी क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा मार्केट में हस्तक्षेप किया था। इस साल से अब तक डॉलर के मुकाबले येन की कीमत में 19 प्रतिशत की गिरावट हुई है। यूरोपीय देश चेक रिपब्लिक के विदेशी मुद्रा भंडार में भी 19 प्रतिशत की गिरावट हुई है।
भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। यह अभी भी 2017 के स्तर से 49 प्रतिशत अधिक है, जो कि नौ महीने के आयात के लिए काफी है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 204 मिलियन USD की वृद्धि
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि: रिजर्व बैंक ने सोने की संपत्ति (gold assets) के मूल्य में वृद्धि की सूचना दी है, जो 7 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में 204 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 532.868 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है।
पिछले रिपोर्टिंग वीक के दौरान, कुल भंडार 4.854 बिलियन अमरीकी डॉलर से घटकर 532.664 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। ।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा: प्रमुख बिंदु
- कुल विदेशी भंडार 30 सितंबर को समाप्त हुए पिछले सप्ताह के 4.854 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 532.664 बिलियनअमेरिकी डॉलर हो गया।
विदेशी मुद्रा भंडार कई हफ्तों से कम हो रहा है क्योंकि केंद्रीय बैंक अपने धन का उपयोग रुपये को ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय घटनाओं के दबाव से बचाने के लिए करता है।
अक्टूबर 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक सांख्यिकीय पूरक के अनुसार, 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में, विदेशी मुद्रा संपत्ति (FCA), कुल भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा 1.क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा 311 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 471.496 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
FCA, जो डॉलर के संदर्भ में व्यक्त किए जाते हैं, यूरो, पाउंड और येन जैसे विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गैर-अमेरिकी मुद्राओं की सराहना या मूल्यह्रास के प्रभाव को ध्यान में रखते हैं।
विशेष आहरण अधिकार (SDR) 155 मिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर 17.582 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जबकि गोल्ड होल्डिंग 1.35 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर 38.955 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गई।
RBI के अनुसार, इसने 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के लिए कुल भंडार में वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
शीर्ष बैंक के आंकड़ों के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा के साथ देश की आरक्षित स्थिति समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान 10 मिलियन अमरीकी डालर बढ़कर 4.836 बिलियन अमरीकी डालर हो गई।
विदेशी मुद्रा भंडार क्या है?
विदेशी मुद्रा भंडार: रिजर्व के रूप में विदेशी मुद्राओं में केंद्रीय बैंक द्वारा आयोजित महत्वपूर्ण संपत्ति और विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में जाना जाता है।
वे आम तौर पर मौद्रिक नीति निर्धारित करने और मुद्रा दर का समर्थन करने के लिए नियोजित होते हैं।
भारत में, विदेशी भंडार में आईएमएफ से सोना, डॉलर और एक निश्चित मात्रा में एसडीआर शामिल हैं।
वैश्विक वित्तीय और व्यापार प्रणाली में मुद्रा के महत्व को देखते हुए, अधिकांश भंडार आमतौर पर अमेरिकी डॉलर में संग्रहीत किए जाते हैं।
कुछ केंद्रीय बैंक अमेरिकी डॉलर में भंडार रखने के अलावा यूरो, ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन या चीनी युआन में भी भंडार रखते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार: महत्व
- विदेशी मुद्रा भंडार: अमेरिकी डॉलर सभी अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए मानक मुद्रा हैं, उन्हें भारत में आयात के लिए धन की आवश्यकता होती है।
अधिक महत्वपूर्ण रूप से, उन्हें केंद्रीय बैंक की कार्रवाइयों में विश्वास को बढ़ावा देने और बनाए रखने की आवश्यकता होती है, जिसमें मौद्रिक नीति में कोई भी बदलाव या देशी मुद्रा का समर्थन करने के लिए विनिमय दरों में कोई हेरफेर शामिल है।
यह विदेशी पूंजी प्रवाह में संकट से संबंधित अप्रत्याशित व्यवधान द्वारा लाई गई किसी भी भेद्यता को कम करता है।
इस प्रकार, तरल विदेशी मुद्रा रखने से ऐसे क्या है विदेशी मुद्रा मात्रा प्रभावों से सुरक्षा मिलती है और यह आश्वासन मिलता है कि बाहरी झटके की स्थिति में, देश के आवश्यक आयातों का समर्थन करने के लिए अभी भी पर्याप्त विदेशी मुद्रा होगी।
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