चालू खाता क्या है प्रकार और लाभ

भारतीय बैंकों में कितने प्रकार के खाते खोले जाते हैं?
भारत में आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का इतिहास दो सौ वर्ष पुराना है। देश में विभिन्न आय वर्ग के लोगों, उनकी जरूरतों और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से विभिन्न प्रकार के बैंक खातों का विकास हुआ है, जैसे चालू खाता बड़े व्यापारी या संस्थान खुलवाते हैं जबकि बचत खाता मध्य आय वर्ग के लोग खुलवाते हैं l इस लेख में हम बचत खातों, चालू खातों और सावधि जमा खातों के बारे में पढेंगेl
भारत में आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का इतिहास दो सौ वर्ष पुराना है। देश में विभिन्न आय वर्ग के लोगों, उनकी जरूरतों और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से विभिन्न प्रकार के बैंक खातों का विकास हुआ है, जैसे चालू खाता बड़े व्यापारी या संस्थान खुलवाते हैं जबकि बचत खाता, मध्य आय वर्ग के लोग खुलवाते हैं l इस लेख में हम बचत खातों, चालू खातों और सावधि जमा खातों के बारे में पढेंगेl
बैंक खातों के प्रकार निम्न हैं:-
1. बचत खाता
2. चालू खाता
3. सावधि जमा खाता
4. आवर्ती जमा खाता
5. नो-फ़्रिल अकाउंट या बुनियादी बचत खाता
आइये अब इन खातों के बारे में एक-एक करके विस्तार से जानते हैं कि कौन सा खाता किन लोगों के द्वारा खुलवाया जाता है l
1. बचत बैंक खाता (Savings Bank Account)
इस प्रकार का खाता किसी भी सरकारी या निजी बैंक में न्यूनतम रुपये जमा करके खुलाया जा सकता हैl यह न्यूनतम जमा राशि हर बैंक में अलग अलग होती है लेकिन ज्यादातर सरकारी बैंकों में यह राशि 1000 रुपये होती हैl इस प्रकार के खाते में धन किसी भी समय जमा किया या निकाला जा सकता है। इस प्रकार के खातों से रुपये निकालने के लिए खाता धारक बैंक में निकासी फॉर्म (withdrawal from), चेक जारी करके या एटीएम कार्ड का उपयोग करके निकाल सकता हैl
हाल ही में बैंकों में भीड़ को रोकने के लिए कुछ बैंकों जैसे स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, एक्सिस बैंक आदि ने इस प्रकार के खाते से पैसा निकालने के नये नियम बना दिए हैंl बचत खाता में जमा राशि पर बैंकों द्वारा ब्याज भी दिया जाता है हालांकि यह ब्याज दर हर बैंक में अलग अलग होती है और समय-समय पर बदलती भी रहती हैl बैंक के नियमों के अनुसार खाता धारक द्वारा बचत खाते में एक न्यूनतम शेष राशि (minimum balance) को बनाए रखा जाना चाहिए। बैंक इस प्रकार के खातों में जमा पर ब्याज प्रतिदिन की शेष राशि पर देता है l
2. चालू जमा खाता (Current Deposit Account)
बड़े व्यवसायी, कंपनियों और संस्थान जैसे स्कूल, कॉलेज, और अस्पतालों को अपने बैंक खातों के माध्यम से भुगतान करना पड़ता है चूंकि बचत खाते के माध्यम से आप अनगिनत जमा या निकासी नही कर सकते इसलिए ऐसे बड़े खाता धारकों के लिए चालू जमा खाता खुलवाना अनिवार्य होता है, क्योंकि इस प्रकार के लोगों को दिन में कई बार पैसे की जरुरत पड़ती है इसलिए ये लोग इस प्रकार के खाते को खुलवाना पसंद करते हैंl चालू जमा खाता पर बैंक, खाता धारक को उसकी जमा राशि पर ब्याज नही देता है बल्कि प्रत्येक साल खाता धारक ही बैंक को एक निश्चित राशि का भुगतान बैंक को करता हैl ग्राहकों की सुविधा के लिए बैंक खाता धारकों को उनकी जमा राशि से अधिक की निकासी की सुविधा भी देता है इसको ओवरड्राफ्ट सुविधा (overdraft facility) के रूप में जाना जाता है।
3. सावधि जमा खाता या मियादी जमा खाता (Fixed Deposit Account or Term Deposit Account)
जिन लोगों के पास प्रचुर मात्रा में धन होता है लेकिन वे लोग शेयर बाजार के रिस्क को झेलना नही चाहते हैं और यदि ऐसे लोग लम्बी अवधि के लिए धन बचाना चाहते हैं तो वे सावधि जमा खाता या मियादी जमा खाता खुलवा लेते हैं l अब आप यहाँ पर यह सोच सकते हैं कि लोग बचत खाता में भी तो पैसे जमा करा सकते हैं फिर सावधि जमा खाता क्यों खुलवाते हैं ? इसका कारण यह है कि बचत खाता पर बैंक बहुत ही कम ब्याज देता है जैसे 3% से 5% वार्षिक परन्तु सावधि जमा खाता में 8% से 10% का ब्याज मिलता है l सावधि जमा खाता की विशेषता यह होती है कि इसमें धन एक निश्चित समय के लिए जमा हो जाता है जैसे 1 साल से लेकर 10 साल तकl यदि कोई खाता धारक किसी खास जरुरत के समय अपने इस सावधि जमा खाता में जमा राशि को निकालना चाहता है तो बैंक उस पर कुछ पेनाल्टी लगाकर उसका शेष धन वापस कर देता है l
4. आवर्ती जमा खाता (Recurring Deposit Account)
इस प्रकार का खाता उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो नियमित रूप से बचत कर सकते हैं और एक निश्चित समय में जमा राशि पर उचित रिटर्न अर्जित करने की उम्मीद करते हैं। इस प्रकार का खाता खोलते समय एक व्यक्ति को निश्चित अवधि के लिए (जैसे 1 साल या 5 साल तक) महीने में एक बार एक निश्चित राशि जमा करनी पड़ती है। इसमें जमाकर्ता को अवधि पूरी होने के बाद पूरी जमा राशि पर ब्याज सहित मूल राशि लौटा दी जाती हैl जमाकर्ता अपने खाते को परिपक्वता से ही पहले बंद कर सकता है और जिस अवधि तक के लिए धन जमा था, पर ब्याज का भुगतान कर दिया जाता हैl इस प्रकार के खातों में जमा राशि चालू खाता क्या है प्रकार और लाभ पर ब्याज की दर बचत जमा से अधिक, लेकिन सावधि जमा की दर से कम होती है।
5. बुनियादी बचत खाता (Basic Saving Accounts ): इन खातों को '' नो फ्रिल खाता 'भी कहा जाता था l इस प्रकार के खातों की शुरुआत रिज़र्व बैंक ने 2005 में समाज के वंचित और गरीब लोगों को बैंकिंग सुविधा देने के लिए शुरू की थी l इस प्रकार के खातों को बिना रुपये जमा किये (zero balance) खुलवाया जाता था और खाता धारक को न्यूनतम बैलेंस बनाये रखने की बाध्यता से भी छूट दी गयी थीl सन 2012 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 'नो फ्रिल खातों' को बुनियादी बचत खातों (BSBDA-Basic Savings Bank Deposit Account) में बदलने के निर्देश दिए थेl BSBDA दिशानिर्देश "भारत में सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, और जिन विदेशी बैंकों की शाखाएं भारत में हैं सभी पर लागू होते हैंl इन बुनियादी बचत खातों धारकों पर खाता के ना चलाने पर या बैंक किसी भी तरह का शुल्क नही लगा सकता हैl बुनियादी बचत खाता धारकों को एक माह में अधिकतम चार निकासी की अनुमति दी जाएगी, जिसमें एटीएम के माध्यम से हुई निकासी भी शामिल है।
इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि भारत में बैंकिंग व्यवस्था को बहुत ही व्यवस्थित तरीके से बनाया गया है ताकि समाज के सभी वर्गों अमीर, गरीब, मध्यवर्ग और संस्थानों आदि के हितों की रक्षा की जा सके l
बैंक में करंट अकाउंट कैसे खोलें | Open a Current Bank Account
चालू खाता or Current Account एक खाता है जिसमें लेनदेन पर कोई सीमा नहीं है। लेनदेन का एक दिन में किया जा सकता है और इसलिए Transactional Accounts के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रकार के खाते न तो निवेश के उद्देश्य के लिए और न ही बचत के उद्देश्य के लिए आयोजित किए जाते हैं बल्कि केवल व्यापार की सुविधा के लिए होते हैं क्योंकि ये खाते सबसे अधिक तरल प्रकार के खाते होते हैं।बैंक इन खातों में लगी हुई राशि पर कोई ब्याज नहीं देते हैं और कुछ मामलों में वे जो सेवाएं प्रदान करते हैं, उनके लिए एक छोटा सा शुल्क भी लेते हैं। इन प्रकार के बैंक खाते आमतौर पर व्यवसायों द्वारा खोले जाते हैं क्योंकि वहां नहीं। लेनदेन के उच्च पक्ष पर हैं।
Choose the right Bank for taking Current account – चालू खाता लेने के लिए सही बैंक चुनें
वर्तमान बैंक खाते आपको सामान्य रूप से व्यक्तिगत खातों जैसे नकदी और चेक हैंडलिंग, प्रत्यक्ष डेबिट और स्थायी आदेश, एनईएफटी, मोबाइल बैंकिंग, डेबिट / क्रेडिट कार्ड और ओवरड्राफ्ट इत्यादि में जो कुछ भी मिलते हैं, प्रदान करते हैं। लेकिन व्यक्तिगत बचत खाते के विपरीत, आपसे शुल्क लिया जाएगा आपके वर्तमान खाते पर किए गए लेन-देन, इसलिए आपको हमेशा जो कुछ चाहिए, उसका विश्लेषण करना बेहतर होता है और लाभ प्रदान करने के लिए बैंकों को क्या प्रदान किया जाता है और उन दोनों से मेल खाता है। यह मोबाइल योजनाओं को चुनने की तरह है! उदाहरण के लिए – यदि आप अधिक लेनदेन करते हैं तो अधिक बैंकों को लेन-देन देने वाले बैंक का चयन करें। इन लिंकों को दो अलग-अलग बैंकों एचडीएफसी और बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा प्रदान की गई विभिन्न सुविधाओं को दिखाते हुए मिला।
How to open a Current Account in a Bank? – बैंक में चालू खाता कैसे खोलें?
सभी भारतीय बैंकों को चालू खाते खोलने की अनुमति है। आप अपेक्षित दस्तावेजों के साथ किसी भी बैंक से संपर्क कर सकते हैं और आवेदन पत्र में सभी विवरण सफलतापूर्वक प्रस्तुत कर सकते हैं, बैंकर सभी दस्तावेजों की पुष्टि करेगा और संतुष्ट होने पर, वे आपका चालू खाता खोलेंगे।
चालू खाता उपयोगकर्ताओं को अपने खातों में न्यूनतम त्रैमासिक औसत शेषराशि बनाए रखने की भी आवश्यकता होती है। अधिकांश बैंकों में न्यूनतम त्रैमासिक औसत बैलेंस मानदंड 5,000 / 10,000 रुपये है।
Documents required for opening a Current Account- एक चालू खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज
भारत में चालू खाता खोलने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं
LIst of Documents In Hindi –
- पैन कार्ड
- साझेदारी कार्य (साझेदारी फर्म के मामले में)
- निवेश का प्रमाणपत्र, एसोसिएशन के ज्ञापन और एसोसिएशन ऑफ आर्टिकल्स (कंपनियों के मामले में)
- बैंक खाता खोलने के लिए एक चेक
- फर्म / कंपनी / एचयूएफ का पता प्रमाण
- सभी भागीदारों / निदेशकों का आईडी और पता प्रमाण
List of Documents In English –
- PAN Card
- Partnership Deed (in case of Partnership Firm)
- Certificate of Incorporation, Memorandum of Association and Articles of Association (in case of Companies)
- A Cheque for opening the Bank Account
- Address Proof of the Firm/ Company/HUF
- ID and Address proof of all partners/directors
खाताधारक को सभी केवाईसी मानदंडों का पालन करने की भी आवश्यकता होगी। यदि आपके पास उपरोक्त सभी दस्तावेज नहीं हैं, तो आप इस लिंक को संदर्भित कर सकते हैं जो उपर्युक्त दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं होने पर वैकल्पिक दस्तावेजों की सूची प्रदान करता है।
लगभग सभी बैंक वर्तमान खाता उपयोगकर्ताओं के लिए डेबिट कार्ड, मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा प्रदान करते हैं। हालांकि, वे ऐसी सेवाओं के लिए एक छोटा सा शुल्क ले सकते हैं।
Conclusion
मुझे आशा है कि आपको इस लेख बैंक में करंट अकाउंट कैसे खोलें – How to Open a Current Bank Account पसंद आया होगा , अगर आप को कोई भी उलझन हुई हो तो , आप हमारी वेबसाइट देख सकते हैं और Current Account के लिए आवेदन कर सकते है |
Current Account क्या होता है? जानिए चालू खाता के फायदे
वर्तमान समय में Bank एक ऐसा स्थान है जहाँ पर हमलोग अपने कमाए हुए पैसे को एक सुरक्षित स्थान पर रखते है। जब भी आप किसी भी बैंक में अकाउंट ओपन करवाने जाते है तो ओपनिंग अकाउंट चालू खाता क्या है प्रकार और लाभ फॉर्म में आपको दो तरह के बैंक अकाउंट का जिक्र रहता है एक है Saving Account (बचत खाता) और दूसरा Current Account (चालू खाता) और यही पर आपको परेशानी होती है।
बहुत लोगो को Saving Account के बारे में पता होता है सामान्यतः एक व्यक्ति या हर एक आम नागरिक का बैंक में एक सेविंग अकाउंट होता ही है। पर इनमे से बहुत लोगो को Current Account के बारे में पता नहीं होता है। क्यूंकि सामान्यतः करंट अकाउंट सभी लोगो के पास नहीं होता है। तो चलिए जानते है आज के इस आर्टिकल Current Account क्या होता है (Current Account Kya Hota hai) के माध्यम से हम आपको इसी confusion को दूर कर देते है।
Table of Contents
करंट अकाउंट का मतलब क्या होता है? (What is Current Account)
Current Account, जिसे हिंदी में चालू खाता कहा जाता है। यह एक प्रकार का बैंक अकाउंट है जिसे मुख्य रूप से बिज़नेस से संबधित Fund Transctions के लिए उपयोग किया जाता है। इसलिए Current Account ज्यादातर कंपनी या कारोबार मालिकों के द्वारा खुलवाया जाता है और ये लोग इस अकाउंट के माध्यम से पैसे का लेन देन बड़े पैमाने पर करते है।
यह Saving Bank Account से बिलकुल अलग ही अकाउंट है। जानकारी के लिए आपको बता दूँ चालू खाता (Current Account) पर बैंक आपको किसी भी प्रकार का ब्याज (Interest) नहीं देती है। करंट अकाउंट मे Fund ट्रांसक्शन्स की कोई सिमा नहीं होती है आप जितना चाहे उतना प्रतिदिन पैसे का लेन देन कर सकते है। निचे आपको current account के फायदे के बारे में जानकारी दी गयी है। सेविंग अकाउंट और करंट अकाउंट में क्या अंतर है ये जानने के लिए आप ये आर्टिकल पढ़ सकते है Saving और Current Account में अंतर क्या है?
Current Account के फायदे और नुकसान क्या है?
Current Account (चालू खाता) ओपन कराने के कई सारे फायदे है तो कई नुकसान भी है जिसके बारे में विस्तार से निचे जानकारी दी गई है।
फायदे (Benefits)
- करंट अकाउंट के माध्यम से एक बिजनेसमैन बड़े पैमाने पर पैसे का लेन देन कर सकता है।
- प्रतिदिन पैसे की लेन देन के लिए कोई सिमा तय नहीं है आप जितना चाहे ATM या बैंक ब्रांच से पैसा निकाल और जमा कर सकते है आप जितने चाहे उतना Fund Transctions कर सकते है।
- करंट अकाउंट में आपको ओवरड्रफ्ट यानि की ज्यादा पैसा निकालने की सुविधा होती है जिसे बाद में आप पैसे डालकर ब्याज सहित मेन्टेन किया जाता है।
- करंट अकाउंट में बचत खाते की तरह ही आपको डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, डिजिटल पेमेंट, sms alert इत्यादि की सुविधा मिलती है।
- बिज़नेस कारोबारियों के लिए करंट अकाउंट, सेविंग अकाउंट से ज्यादा सुविधाजनक होती है।
- करंट अकाउंट के माध्यम से एक बिज़नेस owner Cheques, pay-orders, or demand-drafts से direct payment कर सकते है।
नुकसान (Loss)
- अगर एक बिजनेसमैन करंट अकाउंट में बैंक द्वारा बताये गए न्यूनतम राशि नहीं मेन्टेन करता है तो बैंक आपसे पेनाल्टी के रूप में एक्स्ट्रा पैसे चार्ज करती है।
- करंट अकाउंट में बैंक आपको किसी भी प्रकार का ब्याज (interest) नहीं देती है।
- बिज़नेस में बड़े पैमाने पर पैसे का transctions करने के कारण ज्यादा फीस due हो जाता है।
चालू खाता खोलने के लिए क्या क्या दस्तावेज चाहिए?
बैंक में Current Account (चालू खाता) खोलने के लिए जरुरी डाक्यूमेंट्स निम्नलिखित है।
- दो लेटेस्ट पासपोर्ट साइज कलर फोटो
- पहचान पत्र (Identity Proof) के रूप में आप Aadhar Card , Pan Card , ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर आईडी, राशन कार्ड इत्यादि प्रमाण प्रत्रों का इस्तेमाल कर सकते है।
- Address Proof के लिए आप इलेक्ट्रिसिटी, वाटर, गैस बिल, राशन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी, बैंक पासबुक इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते है।
- Partnership deed (for partnership Firm)
- Certificate of incorporation (companies के लिए)
करंट अकाउंट (Current Account) कैसे खुलता है?
ऊपर बताये गए सभी तरह के Documents को लेकर आप जिस किसी भी बैंक में करंट अकाउंट खुलवाना चाहते है वहाँ जाये और करंट अकाउंट का फॉर्म लेकर सभी तरह की बेसिक जानकारी जैसे की नाम, पता, मोबाइल नंबर, बिज़नेस से संबधित जानकारी को अच्छे से भरने के बाद इन सभी डाक्यूमेंट्स को Attached कर सबमिट कर दें।
बैंक आपके द्वारा दी गई जानकारी और डाक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन कर एक से दो दिनों के भीतर आपका बैंक में करंट अकाउंट ओपन कर देगी और अकाउंट से सम्बंधित डेबिट, क्रेडिट कार्ड, चेक बुक इत्यादि प्रदान कर देगी।
करंट अकाउंट में कितना पैसा रख सकते हैं?
एक वित्तीय वर्ष में करंट अकाउंट से आप 50 लाख से अधिक रूपये जमा और निकाल नहीं सकते है। अगर कोई भी बिज़नेस owner करंट अकाउंट में 1 साल में 50 लाख से अधिक की Transctions करता है तो इनकम टैक्स के द्वारा उसे नोटिस मिल सकता है। और फिर उसे कुछ पेनाल्टी के रूप में एक्स्ट्रा चार्ज देने पद सकते है।
करंट अकाउंट में मिनिमम बैलेंस कितना होना चाहिए?
करंट अकाउंट में अगर बैंक के द्वारा बताये गए न्यूनतम राशि (Minumum Balance) को अगर आप मेन्टेन नहीं करते है तो बैंक आपसे पेनल्टी के रूप में चालू खाता क्या है प्रकार और लाभ कुछ रूपये चार्ज करता है। सामान्यतः Minimum Balance 5000 रूपये होनी चाहिए, हालाकिं ये विभिन्न बैंको में अलग अलग हो सकती है।
Q. Current Account का मतलब क्या है?
Ans- करंट अकाउंट एक बैंक अकाउंट का प्रकार है। ये बिज़नेस मालिकों या कारोबारियों के बिज़नेस से सम्बंधित transctions के लिए होता है। करंट अकाउंट में पैसे का लेन देन बड़े पैमाने पर होता है।
Q. Current Account पर कितना ब्याज मिलता है?
Ans- करंट अकाउंट में सेविंग अकाउंट की तरह बैंक आपको किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं देती है।
आशा करता हूँ आज का ये आर्टिकल Current Account क्या होता है (Current Account Kya Hota Hai जानिए चालू खाता के फायदे आपको अच्छा और ज्ञानवर्धक लगा होगा अब आप आसानी से Current Account (चालू खाता) के बारे में किसी को भी बता सकते है, इस आर्टिकल को अपने तक सिमित न रखकर अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करें, किसी भी प्रकार का सवाल, सुझाव आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है धन्यवाद!
सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट, जानिए किसमें खाता खोलना होगा बेहतर
सेविंग अकाउंट या बचत खाता लोगों को पैसे जमा करने के साथ ही पैसे सेव और समय के साथ अपने धन को बढ़ाने या बनाने में मदद करने के साथ-साथ खाताधारकों को अन्य लेनदेन करने और बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करता है।
जानिए चालू और बचत खाते के फायदे (फोटो-Freepik)
देश के सभी बैंक लोगों को कई तरह के खाते खोलने का विकल्प देते हैं। इसमें सबसे ज्यादा सेविंग और करंट अकाउंंट में खाता सबसे अधिक खोला जाता है, लेकिन ज्यादातर लोगों को इन दो अकाउंट को लेकर कंफ्यूजन होता है कि किसमें आपको अधिक फायदा मिलेगा और कौन आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। हालांकि दोनों प्रकार के खातों के अलग-अलग फायदे हैं।
सेविंग अकाउंट या बचत खाता (Savings account)
सेविंग अकाउंट या बचत खाता लोगों को पैसे जमा करने के साथ ही पैसे सेव और समय के साथ अपने धन को बढ़ाने या बनाने में मदद करने के साथ-साथ खाताधारकों को अन्य लेनदेन करने और बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करता है। इसे ज्यादातर सैलरी पाने वाले लोगों द्वारा यूज में लाया जाता है। इसमें सीमित संख्या में निकासी होती है, जिसे बैंक द्वारा निर्धारित किया जा सकता है (आमतौर पर, चालू खाता क्या है प्रकार और लाभ 3 और 5 के बीच) बिना अतिरिक्त शुल्क के निकासी की जा सकती है।
बचत खाता पर ब्याज की भी सुविधा दी जाती है। वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 2.75 प्रतिशत से चालू खाता क्या है प्रकार और लाभ 4 प्रतिशत और निजी बैंकों में 2.75 प्रतिशत से 6.75 प्रतिशत के बीच है। वहीं कुछ बैंकों ने बचत खाते को आरबीआई के रेपो रेट से जोड़ा है, जिससे जब रेपो रेट में संशोधन होगा ब्याज दर बढ़ेगी।
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चालू खाता (Current account)
एक चालू खाता भी बचत खाते की तरह एक प्रकार का जमा खाता है, लेकिन ज्यादा पैसों की लेनदेन के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह खाता ज्यादातर व्यवसायों, उद्यमियों, संस्थानों और अन्य बड़ी संस्थाओं द्वारा खोला जाता है, जो प्रतिदिन के हिसाब से अधिक लेनदेन करते हैं। हालांकि, बचत खाते के विपरीत, एक चालू खाता शून्य-असर वाले ब्याज खाते हैं, लेकिन खाताधारकों को एक ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान किया जाता है।
जानिए कौन सा होगा बेहतर?
ब्याज दरें: बचत खातों में खाते में जमा राशि पर अलग-अलग ब्याज दरें होती हैं। कई डिजिटल बचत खाते भी हैं, जो बैंकों द्वारा सुरक्षा के आश्वासन के साथ उच्च ब्याज दरों पर पेश किए जाते हैं। चालू खातों में जमा धन पर कोई ब्याज नहीं मिलता है।
न्यूनतम शेष और अतिरिक्त शुल्क: बचत और चालू खातों दोनों पर रखरखाव और निकासी से जुड़े शुल्क होंगे। वे बैंक के आधार पर अधिक या कम हो सकते हैं। हालांकि यह आवश्यक है कि आप न्यूनतम शेष राशि को जानते हैं, जिसे बनाए रखने की आवश्यकता है, और यदि आप इसे बनाए रखने में विफल रहते हैं तो जुर्माना लगाया जाता है।
जबकि बचत खातों में न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकताएं कम होती हैं, चालू खातों में अधिक न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकताएं होती हैं। चालू खातों के साथ आपको ओवरड्राफ्ट शुल्कों को भी ध्यान में रखना पड़ सकता है।
लेन-देन की संख्या: बचत खातों में सीमित संख्या में मुफ्त लेनदेन होते हैं, जिसके बाद शुल्क लागू हो सकते हैं, जबकि चालू खातों में किए जा सकने वाले लेनदेन की संख्या पर कोई सीमा नहीं होती है।