क्रिप्टो करंसी

Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है?

Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है?
आप आप में से बहुत लोगों ने कभी ना कभी अखबारों में न्यूज़ चैनल में मैगजीन में या यूट्यूब पर या फिर किसी वेबसाइट पर शेयर बाजार तथा trading के बारे में जरूर सुना होगा । जिसमें किस तरह बताया जाता है कि आप शेयर बाजार से पैसा कमा सकते हैं। आपने कभी न कभी सुना होगा कि अमीर लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं जिसके कारण वह और अमीर होते जाते हैं। परंतु किसी आम आदमी के पास इतना पैसा नहीं होता कि वह इसमें शुरुआत में इन्वेस्टिंग कर सके तो वह कुछ ही समय में पैसा कमाना चाहता है जिसके लिए वह ट्रेडिंग करता है।आज के इस ब्लॉग के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा की ट्रेडिंग क्या होती है तथा ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं । शेयर बाजार मैं शुरुआत करें तो आपको यह क्लियर हो।

स्टॉक कितने प्रकार के होते है?

वह स्टॉक जो हाई पीई रेशो पर ट्रेंड होते है और स्टॉक की वैल्यू तेज गति से बढ़ती है वह ग्रोथ स्टॉक होते है। ग्रोथ स्टॉक वाली कंपनी अपने शेयरधारको को डिविडेंड नही देती है क्योकी ऐसा माना जाता है कि ग्रोथ स्टॉक वाली कंपनी के पास भविष्य में अधिक अवसर होते है।

  • वैल्यू स्टॉक (Value stock)Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है?

वैल्यू स्टॉक वह होते है जो लॉ पीई रेशो पर ट्रेंड होते है तथा प्राइस बुक वैल्यू भी कम होता है उन्हें वैल्यू स्टॉक कहते है। वैल्यू स्टॉक वाली कंपनी के पास भविष्य में अधिक अवसर नही होते इसलिए इन स्टॉक का डिविडेंड रेशो अधिक होता है।

  • डिविडेंड स्टॉक (Dividend stock)

डिविडेंड स्टॉक जब कंपनी अपने प्रॉफिट में से अपने शेयरधारको को कुछ हिस्सा देती है उन शेयर को डिविडेंड स्टॉक कहते है। लेकिन डिविडेंड केवल प्रॉफिट होने पर ही मिलता है यह आवश्यक नही है कि सभी कंपनी डिविडेंड देती है तथा प्रत्येक बार देती है डिविडेंड देना कंपनी पर निर्भर करता है।

जैसे- किसी के पास X Ltd के 100 शेयर है और कंपनी प्रत्येक शेयर पर 4 रुपये का डिविडेंड देने के लिए कहती है तो डिविडेंड 4×100= 400₹

  • ब्लू चिप स्टॉक (Bluechip stock)

ब्लू चिप स्टॉक उन कंपनी के स्टॉक होते है जो अपने सेक्टर में लीडर होती है और इनकी लार्ज कैपिटल होती है। ब्लू चिप स्टॉक भरोसेमंद और इन्वेस्टर की पहली पसंद होते है। क्योकि यह स्टॉक नियमित रूप से प्रॉफिट कमाने में सक्षम है। यदि ब्लू चिप स्टॉक में अधिक समय के लिए निवेश किया जाए तो यह अधिक लाभकारी हो सकता है।

  • पैनी स्टॉक (Penny stock)

Penny Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? का अर्थ है- पैसे । वह स्टॉक जिनकी वैल्यू बहुत कम (यानी 1 रुपये से 25 रुपये तक) होती है और मार्किट कैपिटल 100 करोड़ से अधिक नही होती है उन्हें पैनी स्टॉक कहते है। पैनी स्टॉक में निवेश करना सुरक्षित नही माना जाता है यह स्टॉक में बहुत जोखिम होता है।

उम्मीद करते है कि आपको 'स्टॉक कितने प्रकार के होते है, Types of stock in hindi' के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इसे शेयर जरूर करे।

Trading क्या है? Stocks में कितने प्रकार की होती है? हिंदी में(2022)

Trading

आप आप में से बहुत लोगों ने कभी ना कभी अखबारों में न्यूज़ चैनल में मैगजीन में या यूट्यूब पर या फिर किसी वेबसाइट पर शेयर बाजार तथा trading के बारे में जरूर सुना होगा । जिसमें किस तरह बताया जाता है कि आप शेयर बाजार से पैसा कमा सकते हैं। आपने कभी न कभी सुना होगा कि अमीर लोग शेयर मार्केट में Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? इन्वेस्ट करते हैं जिसके कारण वह और अमीर होते जाते हैं। परंतु किसी आम आदमी के पास इतना पैसा नहीं होता कि वह इसमें शुरुआत में इन्वेस्टिंग कर सके तो वह कुछ ही समय में पैसा कमाना चाहता है जिसके लिए वह ट्रेडिंग करता है।आज के इस ब्लॉग के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा की ट्रेडिंग क्या होती है तथा ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं । शेयर बाजार मैं शुरुआत करें तो आपको यह क्लियर हो।

Table of Contents

ट्रेडिंग क्या होती है?

Trading शब्द का उपयोग व्यापार में प्राचीन काल से होता आ रहा है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है किसी वस्तु का या किसी उत्पाद का विनिमय करके लाभ प्राप्त करना । अर्थात् जब व्यापारी किसी उत्पाद(product) या वस्तु को कम मूल्य पर खरीदकर अधिक मूल्य पर बेच दे उसे trading कहा जाता है।

शेयर बाजार मैं ट्रेडिंग का अर्थ होता है उसमें लिस्टेड कंपनियों में खरीदी तथा बिक्री करना इसकी समय सीमा 1 दिन से लेकर 1 साल तक होती है अर्थात यदि आप कोई कंपनी के शेयर 1 दिन से लेकर 1 साल तक अपने पास रखते हैं तो कह सकते हैं कि आप उसमे ट्रेडिंग कर रहे हैं। जिसमें कंपनी का शेयर ही उसका उत्पाद होता है जिसमें लेनदेन का काम किया जाता है।

उदाहरण के रूप में हम इसे इस तरीके से समझ सकते हैं कि रिलायंस नाम की कंपनी है जिसका शेयर प्राइस ₹2000 है। एक व्यक्ति जिसका नाम प्रतीक है वह उसके शेयरों को खरीदता है तथा जब शेयर की कीमत 2500 रुपए हो जाती है तो वह उसे बेच देता है तथा उस पर ₹500 का लाभ अर्जित करता है तो हम कह सकते हैं कि उसने उस कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग करके यह पैसे कमाए हैं।

शेयर मार्केट मैं ट्रेडिंग बिना कंपनी के फंडामेंटल को समझें केबल प्राइस के आधार पर की जाती है जिसमें जैसे ही प्राइस बढ़ता है हम शेयर बेचकर पैसे कमा सकते हैं।

इस प्रकार की trading में चार्ट का महत्वपूर्ण स्थान होता है । क्योंकि इस प्रकार की ट्रेडिंग में चार्ट के विभिन्न पैटर्नो का अध्ययन किया जाता है।

जिसमें कंपनी के फंडामेंटल को समझें बिना केवल चार्ट के आधार पर ट्रेडिंग की जाती है ।चार्टों के इस प्रकार के अध्ययन को tecnical analysis कहते है।

ट्रेडिंग के प्रकार

ट्रेडिंग को मुख्यतः 4 प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं।

  1. Scalping
  2. Intraday trading
  3. Swing trading
  4. Positional trading

Scalping trading क्या होती है।

Scalping से तात्पर्य उस प्रकार की ट्रेडिंग से है जिसमे किसी कंपनी के शेयरों को कुछ समय के लिए Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? खरीदा जाता है तथा फिर उसे बेच दिया जाता है ।

Scalping की समय सीमा 1मिनट से लेकर 15 मिनट तक होती है । इसमें लाभ उस समय के बीच मार्केट में हुए उतार चढ़ाव के आधार पर की जाती है।

Scalping मार्केट में 9:15 से लेकर 9:20 के बीच कभी भी की जा सकती है। इस समय के दौरान आप मार्केट में ट्रेड करके पैसा बना सकते हैं।

Intraday trading क्या होती है?

वह ट्रेडिंग जिसमे किसी कम्पनी के शेयर्स को 1 दिन के के लिए खरीदा तथा बेचा जाता है intraday trading कहलाती है। जो buyers तथा sellers इसमें सक्रिय रूप से trading करते है उन्हे intraday traders कहा जाता है।

Intraday trading की समय सीमा एक दिन के भीतर कितनी Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? भी हो सकती है परंतु यह trading केवल 9:15 से 3:20 तक के बीच मे ही की जा सकती है यदि आप अपने शेयर्स 3:20 तक नहीं बेचते हो तो आपका स्टॉक ब्रोकर्स इन्हे सेल कर देगा ।

इस प्रकार की trading में चार्ट का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है क्योंकि चार्ट में मार्केट के छोटे से लेकर बड़े उतार चढ़ाव का ब्यौरा होता है चार्ट के अध्ययन के लिए इसमें बहुत सारे tools होते हैं जिनकी मदद से आप ट्रेडिंग से अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं।

Swing trading क्या होती है?

Swing trading से मार्केट में बहुत सारे लोगों ने पैसा बनाया है। एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें किसी कंपनी के शेयरों को 1 दिन से अधिक समय के लिए रखा जाता है यह समय एक हफ्ता एक महीना तथा 1 साल तक हो सकता है।

Swing trading में भी चार्ट बहुत अधिक महत्वपूर्ण है इसमें दिए गए विभिन्न टाइम फ्रेम का यूज करके आप मार्केट में आए स्विंग का पता लगा सकते हैं और वहां से पैसा बना सकते हैं।

यह ट्रेडिंग इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें आपको किसी शेयर में बढ़ोतरी के लिए अधिक समय मिल जाता है।

Positional trading क्या होती है?

पोजीशनल ट्रेडिंग स्विंग ट्रेडिंग का एक प्रकार है जिसमें शेयरों को एक से अधिक दिन के लिए रखा जाता है परंतु यदि स्वयं ट्रेडिंग 1 महीने से अधिक के लिए हो जाती हैं तो उसे हम पोजीशनल ट्रेडिंग कह सकते हैं। पोजीशनल ट्रेडिंग में कंपनी के शेयरों को 1 महीने से 1 साल तक के लिए होल्ड किया जाता है तथा चार्ट की मदद से मार्केट में आए उतार-चढ़ाव के आधार पर ट्रेडिंग की जाती है।

आशा करता हूं कि आज के ब्लॉग के माध्यम से आपको ट्रेडिंग क्या होती है तथा यह कितने प्रकार की होती है समझ में आ गया होगा। जिससे आप जब भी शेयर बाजार में शुरुआत करें आपको इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी रहे।

आपको यह ब्लॉग पसंद आया हो या किसी तरह Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? के finace या शेयर बाजार से संबंधित सवाल हो तो हमे comment करके बता सकते है हम आपको पूरी मदद करेंगे ।

Trading क्या होती है?

किसी व्यापार में ट्रेडिंग का तात्पर्य किसी वस्तु या उत्पाद को कम कीमत पर खरीद कर उसे ऊंचे दाम पर बेचकर लाभ प्राप्त करने को कहते हैं।
शेयर बाजार में उत्पाद की जगह कंपनी के शेयरों को खरीदा तथा बेचा जाता है।

Trading के कितने प्रकार होते है

ट्रेडिंग मुख्यतः चार प्रकार की होती है
Scalping, intraday trading, swing trading,तथा positional trading ।

क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम बनाई जा सकती है?

शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर के आप रेगुलर इनकम बना सकते हैं बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्होंने इसे करके रेगुलर इनकम बनाई है परंतु इसमें पैसे कमाने के लिए आपको discipline के साथ यह करनी होगी तभी आप इसमें सफल हो सकते हो ।

डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है-delivery trading Kya Hai (Full Information) | डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करे ?

दोस्तों स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग करने के बहुत सारे तरीके है लेकिन आज हम आपको डिलीवरी ट्रेडिंग के बारे में बताएँगे की डिलीवरी ट्रेडिंग क्या होती है और डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करे,डिलीवरी ट्रेडिंग के नुकशान और फायदे क्या क्या है क्या हमें डिलीवरी ट्रेडिंग करना चाहिए या नहीं करना चाहिए ये सारे सवालो के जवाब इस पोस्ट में हमने आपको बताया है

डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है (Full Information)-what delivery trading in Hindi

जब भी आप स्टॉक मार्केट में से शेयर को खरीदते हो और उसे अपने पास कुछ ज्यादा समय तक रखते है तो यही ट्रेडिंग आपकी डिलीवरी ट्रेडिंग कहलाती है डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक अपने शेयर को एक लम्बे अवधि तक होल्ड करके रखते है और जब प्राइस ज्यादा बड जाता है तब उस शेयर को बेचकर प्रॉफिट कमा लेते है तो यही होती है डिलीवरी ट्रेडिंग |

डिलीवरी ट्रेडिंग में आप चाहे तो अपने शेयर को एक दिन, हफ्ते ,महीने,साल ,पाच साल ,दस साल जब तक रखना चाहते हो तब तक रख सकते हो इसका कोई निर्धारित समय नहीं होता है ये intraday trading से बिलकुल अलग है intraday trading में same day ट्रेडिंग की जाती है शेयर को जिस दिन खरीदते है और उसी दिन बेच भी देते है लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट होता है |

निवेसको को शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक डीमैट खाता होना आवश्यक है इसी खाते से आप शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग कर सकते है |

डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करे-how to do delivery trading :

डिलीवरी ट्रेडिंग करना तभी सही रहता है जब आप long term investment करते है डिलीवरी ट्रेडिंग में आप स्टॉक खरीदते है और अपने डीमेट खाते में होल्ड करके रखते है इसलिए आपका डीमैट खाता होने अनिवार्य है |

आप किसी भी ब्रोकरेज जैसे Upstox, zerodha, 5 paisa, groww, Astha trad, angel broking में डीमैट अकाउंट ओपन करके डिलीवरी ट्रेडिंग सुरु कर सकते है लेकिन ध्यान रहे हर एक ब्रोकर के कुछ हिडन चार्ज रहते है उन्हें स्टडी करने के बाद ही किसी ब्रोकरेज में ट्रेडिंग करे

डिलीवरी ट्रेडिंग में Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? जब हम शेयर खरीदते है तब हमें फुल कैश पेमेंट करना होता है जब आप शेयर खरीद लेते है उसके बाद आपके शेयर आपके डीमैट खाते में सेव रहते है

delivery/holding trading जो सुरुआती निवेशक होते है उनको डिलीवरी ट्रेडिंग के द्वारा स्टॉक मार्केट में इंटर होना चाहिए स्टॉक मार्केट में उनकी ट्रेडिंग या फिर इन्वेस्टिंग की सुरुआत करना चाहिए

दोस्तों किसी भी ब्रोकरेज में leverage/margin प्रोवाइड करते है अगर आपके अकाउंट में 10 हज़ार रूपए है तो आपको 1 लाख या 1 लाख से भी ज्यादा अमाउंट दे देते है स्टॉक खरीदने के लिए लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में जो भी अमाउंट आपके पास है उसी अमाउंट में आपको शेयर खरीदना है

उधाहरण से समझते है : मानलो किसी स्टॉक रिलायंस इन्फ्रा की जो स्टॉक प्राइस है 100 रूपए है मतलब 1 शेयर की प्राइस 100 रूपए है डिलीवरी में रिलायंस इन्फ्रा की एक शेयर खरीदने के लिए आपको 100 रूपए ही देना पड़ेगा यहाँ पर कोई लिवरेज या मार्जिन नहीं मिल रहा है लेकिन कुछ ब्रोकर येसे भी है जो डिलीवरी के लिए भी आपको थोडा बहुत मार्जिन प्रोवाइड करते है

अगर आपको विडियो फार्मेट में डिलीवरी ट्रेडिंग में sell और buy कैसे करते है इसको समझने के लिए हमने आपके लिए एक विडियो प्रोवाइड किया है जो tech & finance YouTube channel से लिया गया है और इस विडियो में angel broking ब्रोकरेज का सहारा लेकर आपको बताएँगे –

डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे-benefit of delivery trading:

  • डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक लम्बे समय तक ट्रेडिंग कर सकते है और ये निवेशको के लिए फायदेमंद है
  • आप जिस भी कंपनी में निवेश करते है उनके द्वारा निकाला गया बोनस से भी आपको फायदा हो सकता है
  • यदि पूरी समझ और सही जानकरी के साथ डिलीवरी रीडिंग करे तो आप हमेशा फायदे में रहोगे
  • ट्रेडिंग में एक अच्छे शेयर में इन्वेस्ट करने पर आपको बैंक से लोन लेने में मदत भी मिलती है
  • डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशको को ब्रोकरेज नहीं देना पड़ता
  • ट्रेडिंग करते समय सभी शेयर्स की डिलीवरी अपने डीमैट खाते में ले सकते है
  • डिलीवरी ट्रेडिंग में एक फायदा ये है की निवेशक अपने शेयर को तब तक होल्ड करके रख सकता है जब तक उस शेयर को बेचने का सही समय ना आ जाये
  • शेयर खरीदते और बेचते समय ब्रोकरेज फीस नहीं देना होता है डिलीवरी ट्रेडिंग ये एक बड़ा फायदा है

डिलीवरी ट्रेडिंग के नुकशान-loss of delivery trading :

  • दोस्तों किसी भी ट्रेडिंग में निवेशको के लिए ट्रेडिंग में कुछ फायदे होते है तो कुछ नुकशान भी उठाना होता Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? है
  • डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए एडवांस में पैसे देना होता है लेकिन आपके पर्याप्त मात्र में धन की उपलब्धता नही है तो आप डिलीवरी ट्रेडिंग नहीं कर सकते लेकिन आपके पास प्रयाप्त मात्र में धन उपलब्ध है तो आसानी से ट्रेडिंग कर सकते है
  • यह एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट है इसमे इन्वेस्टरो को धर्य रखना होता है
  • स्टॉक मार्केट क्रेश होने का डर रहता है इसलिए इसमें नुकशान होने का खतरा रहता है
  • दूसरी बात ये भी की लाभी समय तक इन्वेस्ट करने के बाद भी अच्छे रिटर्न आने की उम्मीद नहीं रहती है

डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क- delivery trading charges in Hindi :

  • डिलीवरी ट्रेडिंग में सबसे पहला शुल्क GST का लगता है ये GST का शुल्क 18% देना होता है वो भी ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन चार्ज दोनों पर देना होता है
  • 1899 में भारत स्टाम्प एक्ट ने गवर्नमेंट को डिलीवरी ट्रेडिंग पर स्टाम्प शुल्क लगाया गया है
  • इसमें STT (security transaction tax) लगता है जो की 0.25% खरीद और बिक्री पर लगता है इसके अलावा CTT और ट्रांजेक्शन चार्ज भी डिलीवरी ट्रेडिंग में सामिल है
  • बात करे exchange transition charge की इसमें NSE और BSE कुछ चार्ज लेते है यह चार्ज आपको 0.00325% खरीद और बिक्री पर देना होता है
  • ब्रोकरेज चार्ज आपको 0.2% देना ही पड़ता है कुछ ब्रोकरेज चार्ज जीरो होता है और फुल ब्रोकरेज सर्विस में 0.2% ब्रोकरेज देना ही पड़ता है
  • इसमें SEBI (security and exchange board of India) चार्ज भी लगता है वो चार्ज 0.0001% का जो शेयर खरीद और बिक्री पर लगता है
  • स्टाम्प ड्यूटी देना होता है जो हर राज्य की अलग अलग होती है इसके अलावा कुछ और चार्ज देने होते है जैसे अनुअल चार्ज और टैक्स चार्ज आपको पे करने होते है |

डिलीवरी ट्रेडिंग में सावधानी (caution of delivery trading) :

  • डिलीवरी ट्रेडिंग में आपको हमेशा लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करना चाहिए
  • डिलीवरी ट्रेडिंग में आपके पास प्रयाप्त राशी होनी चाहिए तभी आप इन्वेस्टमेंट कर सकते है
  • ट्रेडिंग करते समय कुछ transaction चार्ज भी लगते है जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए
  • निवेशको को शेयर खरीदते समय कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करना बहुत जरुर होता है
  • किसी भी ब्रोकरेज के जरिये इन्वेस्ट या ट्रेडिंग करते है तो उसके हिडन चार्ज जानना बहुत जरुरी होता है

निष्कर्ष :

दोस्तों यदि आप सुरुआती ट्रेडर है और आप डिलीवरी ट्रेडिंग के बारे में जानते है तो आपके लिए ये जरुरी होगा की आप लगातार डिलीवरी ट्रेडिंग में बने रहे क्योकि डिलीवरी ट्रेडिंग एक लॉन्ग टर्म प्रोसेस है

उम्मीद करते है हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी डिलीवरी ट्रेडिंग को लेकर आपको समझ आ गयी होगी क्योकि आप सुरुआती निवेशक है तो ये बाते जानना बहुत जरुरी होता है इसके अलावा हमारे द्वारा जानकारी में कोई कमी है तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते है हम आपकी समस्या का निराकरण देने की कोशिश करेंगे |

लास्ट में ये कहना सही रहेगा की जब भी आप इन्वेस्ट करने का सोचते है उससे पहले उस ट्रेडिंग और शेयर्स की सम्पूर्ण जानकारी जुटा लेना चाहिए ताकि आप नुकशान से बच कसो हलाकि ट्रेडिंग एक येसा प्लेटफार्म है जहा आपको नुकशान भी झेंलना पड़ सकता है लेकिन उस नुकशान से कुछ न कुछ सिखने भी मिलता है |

ट्रेडिंग क्या है और ट्रेडिंग कैसे सीखे 2022 में | Trading Kya Hai

Trader Kaise Bane : आज बहुत से युवा Share Market और Trading में अपनी दिलचस्वी दिखा रहे है और बहुत से युवा को शेयर मार्किट और ट्रेडिंग में अपना करियर भी बनाने में दिलचस्वी दिखा रहे है, वैसे में बात आती है ट्रेडिंग के प्रॉपर जानकारी की आज के इस लेख में हम यही जानेंगे की शेयर मार्किट और ट्रेडिंग में अपना करियर कैसे बनाये

बहुत से युवा को इस क्षेत्र के बारे में जानकारी ही नहीं है एक रिपोर्ट अनुसार इस क्षेत्र में करियर बनाने वाले की काफी कमी है ट्रेडिंग बहुत से लोगो को लगता है यह एक गेमलिंग है, जुआ है इसमें पैसा लगाने पर डूब जाते है अगर आप अपने घर में अपना पापा, मम्मी या किसी अन्य व्यक्ति से ट्रेडिंग के बारे में पूछते है तो आपको यही सलाह देते है ट्रेडिंग एक जुआ है इसमें अच्छा तुम अपना पैसा FD में इन्वेस्ट करो इसमें कोई रिस्क नहीं है पर उनको कौन समझाए ,FD तो बस एक पानी का बून्द है और ट्रेडिंग समुन्द्र जहां जितना चाहो उतना पैसा कमा सकते हो लेकिन प्रॉपर स्किल के साथ तो चलिए में आज आपको Trading Kya Hai से जुडी पूरी जानकारी देता हूँ की Trading Kaise Sikhe, Professional Trader Kaise Bane, ट्रेडिंग से कैसे लॉन्ग टर्म तक पैसे कमाए, ट्रेडिंग के लिए बेस्ट कोर्स कौन से है, ट्रेडिंग बुक और ऐसे ही बहुत सारे जानकारी आज के इस लेख में आप जानेंगे तो चलिए बिना देर Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है? किये शुरू करते है

Table of Contents

ट्रेडिंग क्या है? (Trading Kya Hai)

ट्रेडिंग को आसान शब्दों में कहे तो किसी प्रोडक्ट या सेवा को कम दाम में खरीदना और उच्च दाम पर बेंच देना ट्रेडिंग कहलाता है, ट्रेडिंग का मतलब किसी स्टॉक की खरीदना और बेंचना भी ट्रेडिंग कहलाता है ट्रेडिंग का मुख्य मकशद कम दाम में खरीदना और उच्च दाम पर बेंच देना

ट्रेडिंग के प्रकार (Types of Trading in Hindi)

स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग को मुख्य चार भागो में विभाजित किया गया है

  1. स्कल्पिंग ट्रेडिंग
  2. इंट्राडे ट्रेडिंग
  3. स्विंग ट्रेडिंग
  4. पोसिशनल ट्रेडिंग

स्कल्पिंग ट्रेडिंग : वह ट्रेड जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए ट्रेड किया जाता है इस टाइप की ट्रेडिंग काफी रिस्की होती है इस ट्रेडिंग को करने के लिए काफी एकग्रता की आवश्यकता है इस ट्रेड को अधिकतर प्रोफेशनल ट्रेडर ही ट्रेड करते है

इंट्राडे ट्रेडिंग : यह टाइप ट्रेडिंग एक दिन के लिए किया जाता है अर्थात वह ट्रेडर जो मार्किट खुलने के बाद ट्रेड करते है और मार्किट क्लोज होने से पहले बंद करते है इस तरह के ट्रेडिंग में रिस्क काम होता है.

ट्रेडिंग करने वाले व्यक्ति ट्रेडर कहलाते है ट्रेडिंग करने के लिए मार्किट 9:15 के खुलने के बाद मार्किट 3:30 होने तक बंद हो जाता है इस तरह के ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग भी कहा जाता है.

स्विंग ट्रेडिंग : वैसे ट्रेडर जो कुछ समय के लिए नहीं कुछ दिन के लिए ट्रेड करते है वैसी ट्रेडिंग स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है, इस टाइप के ट्रेडिंग उनलोगो ले किये है वो जॉब करते है, स्टूडेंट है

पोस्टशनल ट्रेडिंग : वह ट्रेड जो कुछ समय, कुछ घंटे या कुछ दिन के लिए नहीं कुछ महीने के लिए ताड़े किया जाता है, इस तरह के ट्रेडिंग लॉन्ग टर्म को कैप्चर करने के लिए जाता है इस ट्रेड में अन्य के तुलना काफी कम रिस्क होता है.

ट्रेडिंग मीनिंग इन हिंदी (Trading Meaning in Hindi)

ट्रेडिंग का मतलब हिंदी में व्यपार होता है आसान शब्दों में ट्रेडिंग खरीदने और बेंचने का व्यपार

    और इसमें अपना करियर कैसे बनाए

ट्रेडर कैसे बने (Trader Kaise Bane)

ट्रेडर बनने के लिए पहले आपके पास बेसिक स्किल होना अति आवश्यक है जैसे शेयर मार्किट क्या है? और शेयर मार्किट में कैसे इन्वेस्ट किया जाता है उसके बाद ट्रेडिंग क बारे में भी कुछ जानकारी होनी चाहिए जैसे ट्रेडिंग त्रादंग कितने प्रकार के होते है और ट्रेड कैसे किया जाता है.

ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास पहले एक डीमैट अकाउंट होना अतिआवश्यक है जिस प्रकार बैंक में पैसा जमा निकाशी के लिए सेविंग और करंट अकाउंट खुलवाते है उसी प्रकार शेयर मार्किट में निवेश और ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट क आवश्यकता होती है.

डीमैट खाता आप अपने घर से बस 5 मिनट में अपना अकाउंट बना सकते है ऐसे बहुत सरे मार्किट में ब्रोकर है जो डीमैट खाता खोलते है जैसे उपस्टेक्स, एंजेल वन , ग्रो और बहुत सारे

अगर अपने अभी तक अपना डीमैट खाता नहीं खोला है तो आप Upstox में अपना अकाउंट बना सकते है इसकी सर्विस काफी अच्छी होने के साथ इसका इंटरफ़ेस इंटरफ़ेस यूजर फ्रेंडली है इसका इस्तेमाल में करीब 5 साल से कर रहा हूँ.

उसके बाद आप ट्रेडिंग करना शुरू कर सकते है

ट्रेडिंग कैसे सीखे (Trading Kaise Sikhe)

ट्रेडिंग सिखने के लिए आज बहूत सारे तरीके है आप ट्रेडिंग घर बैठे ऑनलाइन सिख सकते है आज ऐसे भूत सरे प्लेटफॉर्म है जिसके माध्यम से आप ट्रेडिंग सिख सकते है

यूट्यूब : आज ऐसे हजारो चैनल है जो फ्री में ट्रेडिंग सिखाते है लेकिन में आपको निचे पांच ऐसे चैनल के नाम बता रहा हूँ जिसमे मेने भी बहुत कुछ सिका और आप भी सिख सकते है

01Vivek Bajaj
02Neeraj Joshi
03Fin Baba
04Puskar Raj Thakur

अगर आप ट्रेडिंग की शुरुवात करना चाहते है तो आप Upstox में अपना अकाउंट बना सकते है इसका इस्तेमाल में पिछले 5 साल से कर रहा हूँ

स्टॉक कितने प्रकार के होते हैं (How many types of stocks are there)

इस तरह की कंपनी लगातार अपने प्रॉफिट को मैनेज करने में सफल होती है इस तरह की कंपनी में Dividend स्टॉक कम होता है या नहीं होता है इस तरह की कंपनी अपने स्टॉक होल्डर को Dividend देगी या नहीं देगी यह निश्चित नहीं होता है और इस तरह के स्टॉक सबसे ज्यादा रिस्की होते हैं मतलब Growth स्टॉक में सबसे ज्यादा रिस्क होता है

Types of Stock

2. मूल्य स्टॉक (Value stock) = वैल्यू स्टॉक में डिस्काउंट अवेलेबल होते हैं जो प्राइस उसका निश्चित होता है उसमें भी वह डिस्काउंट कर देते हैं और कभी कभी Value स्टॉप पर कंपनी अपने प्रॉफिट पर डिस्काउंट भी देती है मतलब अपने प्रॉफिट का कुछ हिस्सा अपने शेयर होल्डर को Dividend के रूप में बांट देती है उसे Value स्टॉक कहते हैं

3.लाभांश स्टॉक (dividend stock) = कंपनी प्रॉफिट अमाउंट जनरेट करते हैं कंपनी अपने प्रॉफिट का कुल हिस्से में से कुछ हिस्सा अपने शेयर होल्डर में बांट देती है

इस तरह के स्ट्रोक मैं कंपनी Dividend देती ही देती है जिसे हम Dividend स्टॉक कहते हैं

4.चक्रीय स्टॉक (Cyclical stock) = Cyclical कंपनी का प्रॉफिट Economic के साथ लिंक होता है अगर Economic अच्छा होगा तो कंपनी को प्रॉफिट भी अच्छा होगा और अगर Economic खराब होगा तो कंपनी को प्रॉफिट नहीं होगा Cyclical स्टॉक इसी से लिंक होता है

इसके उदाहरण जैसे :- सीमेंट, आयल, मेटल्स, गैस आदि

अन्य दो प्रकार और भी है स्टॉक के

1.ब्लू चिप स्टॉक (Bluechip stock)

ब्लू चिप स्टॉक उन कंपनी के स्टॉक होते है जो अपने सेक्टर में लीडर होती है और इनकी लार्ज कैपिटल होती है। ब्लू चिप स्टॉक भरोसेमंद और इन्वेस्टर की पहली पसंद होते है। क्योकि यह स्टॉक नियमित रूप से प्रॉफिट कमाने में सक्षम है। यदि ब्लू चिप स्टॉक में अधिक समय के लिए निवेश किया जाए तो यह अधिक लाभकारी हो सकता है।

2.पैनी स्टॉक (Penny stock)

Penny का अर्थ है- पैसे । वह स्टॉक जिनकी वैल्यू बहुत कम (यानी 1 रुपये से 25 रुपये तक) होती है और मार्किट कैपिटल 100 करोड़ से अधिक नही होती है उन्हें पैनी स्टॉक कहते है। पैनी स्टॉक में निवेश करना सुरक्षित नही माना जाता है यह स्टॉक में बहुत जोखिम होता है।

रेटिंग: 4.55
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 728
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *