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वित्त और ऋण

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जना स्मॉल फाइनेंस बैंक ने 271वां यूआरसी किया लॉन्च, संजीव बालियान ने किया उद्धघाटन

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बेंगलुरू। भारत के सबसे बड़े लघु वित्त बैंकों में से एक, जना स्मॉल फाइनेंस बैंक ने उत्तर प्रदेश में अपना अनबैंक्ड रूरल सेंटर (यूआरसी) खोले जाने की घोषणा की है। यह सेंटर खिजरपुर (मदीनपुर) के 30 से अधिक गांवों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करेगा। जना बैंक का यूआरसी माइक्रोफाइनेंस ऋण प्रदान करता है जैसे कृषि ऋण, समूह ऋण, और व्यक्तिगत एवं देयता सेवाएं (बचत खाते, चालू खाते और जमा)। इस प्रकार, यह सरकार की वित्तीय समावेशन रणनीति को पूरा करने में सहायता भी करता है। इस यूआरसी के खुलने के साथ, जना बैंक के अनबैंक्ड रूरल सेंटर की कुल संख्या अब 271 हो गई है और जना स्मॉल फाइनेंस बैंक की शाखाओं की संख्या अब 730 हो गई है।

केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री और सांसद डॉ. संजीव बालियान ने इसका उद्घाटन किया और जितेंद्र त्यागी, चेयरमैन बुढाना; परितोष त्यागी, सतपाल सिंह पाल, अरुण चौधरी, अध्यक्ष, गन्ना सोसायटी आदि इस अवसर पर उपस्थित थे।

जना स्मॉल फाइनेंस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अजय कंवल; खुदरा वित्तीय सेवाओं के जोनल हेड अमित त्यागी, जोनल कनेक्ट हेड विजय कुमार और अभिषेक शरन, ज़ोनल हेड - ब्रांच बैंकिंग, जना स्मॉल फाइनेंस बैंक ने शाखा का उद्घाटन किया।

जना स्मॉल फाइनेंस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अजय कंवल ने बताया कि "जना एसएफबी के लिए उत्तर प्रदेश एक महत्वपूर्ण राज्य है और हमें यहाँ एक और अनबैंक्ड रूरल सेंटर खोलने की खुशी है। हमें विश्वास है कि हमारी फाइनेंसिंग से रोजगार सृजन और आजीविका को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी। हमें बैंकिंग सेवा-वंचित या अपर्याप्त बैंकिंग सेवा वाले स्थानों में सेवा उपलब्ध कराने की प्रसन्नता है। हम अपने बिजनेस मॉडल के जरिए सुदूर क्षेत्रों तक सर्वोत्तम कोटि के डिजिटल ऋण प्रदान कर पाने में सक्षम हैं।

उन्होंने बताया कि जना, कृषि ऋण, व्यक्तिगत ऋण, 2 व्हीलर, एमएसएमई ऋण जैसी ऋण सुविधाएं प्रदान करते हुए ग्रामीण भारत का सहयोगी रहा है, साथ ही फिक्स्ड डिपॉजिट और बचत खाता उत्पादों की अपनी श्रृंखला के माध्यम से बचत के लिए प्रोत्साहन देता है और उक्त सभी सुविधाएं डिजिटल माध्यम से समर्थित हैं।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा ऋण वितरण किया गया

समस्तीपुर : यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा वृहद ऋण वितरण शिविर के भव्य समारोह मे कृषि ऋण के तहत दुग्ध उत्पादन किसानों के बीच पशुपालन के॰सी॰सी॰, मत्स्य उत्पादक को मत्स्यपालन के॰सी॰सी॰ एवं खेतिहर किसानों को फसल ऋण के॰सी॰सी॰, जीविका एसएचजी एवं अन्य योजनाओं में ऋण वितरण किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि माननीय वित्त, वाणिज्यिक कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, विशिष्ट अतिथि जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह, क्षेत्र प्रमुख समीर कुमार साईं की गरिमामई उपस्थिति रही। शिविर में 7670 जीविका कि महिलाओं को 234 एमएसएमई के ग्राहकों को एवं रीटेल क्षेत्र के 142 लाभार्थियों के आर्थिक उत्थान हेतु माननीय मंत्री श्री चौधरी के द्वारा 101.50 करोङ का ऋण स्वीकृति पत्र दिया गया।

उन्होंने अपने संबोधन में क्षेत्र प्रमुख यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को धन्यवाद देते हुए कहा कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ज़िले का अग्रणी बैंक है और इस जिले के विकास के लिए यह एक अनूठी पहल बैंक के द्वारा ली गयी है जिसमें इतने लोगों को ऋण दिया जा रहा है खासकर जीविका समूहों की महिलाओं भी बहुत है जो घर के काम के साथ साथ अपने परिवार के जीविकोपार्जन हेतु बैंक से ऋण लेकर अपना रोजगार कर रही है। उन्होंने कहा कि बैंक से कर्ज लेकर उसको वापस करना भी हम सभी लोगों की जिम्मेदारी है। जिससे वित्तीय संस्कृति बनी रहे। मंत्री महोदय ने बैंक को आगे भी इस तरह के कार्यक्रम करने हेतु कहा।

इस मौके पर केन्द्रीय कार्यालय से कृषि कारोबार विभाग के महाप्रबंधक बी॰ श्रीनिवास राव ने यह संदेश दिया कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश, उत्पादन, रोजगार और आय को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। जिसमें जेएलजी, एसएचजी, डेयरी विकास, मुर्गी पालन, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, एफपीओ, स्वर्ण ऋण एवं क्षेत्र आधारित विकास योजनाओं के वित्तपोषण पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही ग्रामीण भंडारण गोदामों और कोल्ड स्टोरेज बनाने हेतु आकर्षक ब्याज़ दर पर ऋण उपलब्ध करना बैंक कि प्राथमिकता में है। क्षेत्र महाप्रबंधक, रांची अंचल ज्ञान रंजन सारंगी ने सभी ऋणियों को यह संदेश दिया कि बैंक सूक्ष्म एवं लघु व्यवसायों को आगे बढ़ाने हेतु मुद्रा ऋण, नारी शक्ति योजना में महिला उद्यमियों के लिए ऋण कि सुविधा आकर्षक ब्याज दरों पर उपलब्ध है।

चिकित्सा से जुड़े उद्यमियों एवं डॉक्टर के लिए बैंक यूनियन आयुष्मान नाम से विशेष योजना में ऋण दे रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि समस्तीपुर जिले के लोगों कि आर्थिक विकास हेतु इस तरह के ऋण मेला का आयोजित होना एक बहुत सराहनीय कदम है। इन आर्थिक सुधारों के इस दौड़ में बैंकिंग में बड़ी तेजी से बदलाव हो रहे हैं। जिसमें इंटरनेट बहुत हद तक शाखाओं में जाकर बैंकिंग लेन-देन करने की कठिनाइयों को आसान भी बना रहा है। किन्तु साइबर सुरक्षा और डिजिटल बैंकिंग एक सिक्के के दो पहलू हैं। साइबर सुरक्षा के बिना डिजिटल इंडिया-डिजिटल बैंकिंग की कल्पना असंभव है। इसलिए बैंक को साइबर सुरक्षा से संबंधित जागरूकता कैंप का आयोजन करना भी जरूरी है। इस मौके पर क्षेत्र प्रमुख श्री साईं द्वारा अपने संबोधन में कहा गया कि इस ज़िले का अग्रणी बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया जिले के विकास में अपना अहम भूमिका सक्रियता से निभा रहा है और आगे भी इसी तरह का ऋण शिविर आयोजित करेगा।

यह जिला कृषि प्रधान जिले के रूप में जाना जाता है, यहां के लोगों का मुख्य आय स्रोत कृषि है जो की अर्थव्यवस्था को संतुलित बनाए रखता है। इस जिले में कृषि मशीनीकरण, केसीसी तथा सिंचाई योजना के क्रियाकलापों में वित्त पोषण की प्रचुर संभावनाएं हैं। साथ ही कृषि से संबन्धित वित्त और ऋण अन्य गतिविधियों जैसे पशुपालन, मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन, बागवानी, फूलों की खेती, औषधीय पौधों की खेती, फूड प्रोसेसिंग आदि पर विशेष ध्यान देते हुए किसानो एवं ग्राहकों को ऋण देने का निर्देश दिया। उन्होंने उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमियों के लिए बैंक मुद्रा योजना में दस लाख तक लोन बिना किसी कोलैटरल के दे रहा है। सभी उद्यमी इसका लाभ ले और अपने अपने व्यवसाय को बढ़ायें।

प्रधामंत्री स्वरोजगार योजना में भी नए उद्योग लगाने के लिए भी जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से 50 लाख तक ऋण आवेदन कर सकते हैं। साथ ही साथ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा चलाये जा रहे ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण के माध्यम से ज़िले के बेरोजगार युवा एवं युवतियों को कौशल मे निपुण कर स्वरोजगार से वित्त और ऋण जोड़ने का आवाह्न किया। अग्रणी जिला प्रबंधक पी. के. सिंह ने कहा कि वित्तीय समावेशन योजना बैंकों के क्रियाकलापों का एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें सामाजिक सुरक्षा योजनांतर्गत प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, सुरक्षा बीमा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया योजना, नेशनल पेंशन स्कीम, प्रधानमंत्री जनधन योजनाओं का लाभ प्रत्येक अंतिम व्यक्ति तक पहुचाएँ। अग्रणी ज़िला प्रबंधक ने सभी बैंको को भी इस तरह कि ऋण मेला का आयोजन करने हेतु आग्रह किया। उप क्षेत्र प्रमुख अंजनी कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

मौके पर डीडीएम नाबार्ड जयंत विष्णु, ज़िला पशुपालन पदाधिकारी, डीपीएम जीविका विक्रांत शंकर सिंह, मुख्य प्रबन्धक मनोज कुमार, सुजीत कुमार, रामा अनुज, सुनील कुमार, अभिमीत कुमार, सुनील कुमार सिंह, रवि भूषण सिंह, ब्रजभूषण तिवारी, आरसेटी निदेसक अशोक कुमार, एलडीएम कार्यालय प्रबंधक विकास कुमार, वरिष्ठ प्रबंधक मो. शफी, अमन कुमार, प्रकाश कुमार, आनंद कुमार, दमपा तोपनों, आनंद भल्ला, मुकेश सिंह, कल्पना कुमारी, अमित वत्स, प्रीति चौधरी, प्रियंका कच्छप, मुकेश कुमार, नरेंद्र नाथ, रवि कुमार,अमरेश कुमार, पीयूस कुमार, सुमन कुमार, रवि रौशन, बब्लू कुमार, आर्यन कुमार, प्रियंका कुमारी, क्षेत्र के सभी शाखा प्रबंधक एवं क्षेत्रीय कार्यालय के सभी अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

गिरती जा रही है पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था: POREG

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार गिरने की स्थिति में है और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली उसकी कमजोर गठबंधन सरकार अपने गिरते सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को बचाने में लाचार है.

पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था को देखते हुए निवेशकों का भी पाकिस्तान की कर्ज चुकाने की क्षमता पर से भरोसा उठना शुरू हो गया था. न तो लेनदार प्रभावित हैं और न ही बाजार।

पीओआरईजी के अनुसार, लेनदार आधिकारिक दावे से प्रभावित नहीं थे कि "शुद्ध की भूमि" डिफ़ॉल्ट नहीं होगी और अपने आगामी 1 बिलियन अमरीकी डालर के बॉन्ड भुगतान को पूरा करेगी।

इस बीच, शीर्ष बैंक के गवर्नर, जमील अहमद ने मीडिया के सामने पाकिस्तानी रुपये के स्वास्थ्य पर डेटा पेश किया है, लेकिन संदेहियों ने उनके इस दावे की निन्दा की है कि देश के पास "अपने विदेशी ऋण दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त डॉलर हैं।"

पीओआरईजी ने बताया कि वित्त मंत्री इशाक डार के साथ डॉलर के मुकाबले रुपए को बढ़ाने के लिए स्पष्ट रूप से हारने वाली लड़ाई में व्यस्त होने के साथ, योजना मंत्री अहसान इकबाल ने बाजार की धारणा को बकवास करने के लिए एक राजनीतिक स्पिन के साथ आया है।

न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार स्थानीय ब्रोकरेज डेटा का हवाला देते हुए, पाकिस्तान के पांच साल के सॉवरेन वित्त और ऋण ऋण के जोखिम को बीमा करने की लागत सप्ताहांत में 1,224 आधार अंक बढ़ गई, जो अब तक के उच्चतम स्तर 92.53 प्रतिशत पर पहुंच गई।

स्थानीय पेय पदार्थों द्वारा सोमवार को आंकड़े दिखाए जाने के बाद, विश्लेषकों ने कहा कि देश के सॉवरेन डॉलर बॉन्ड तब तक कमजोर रहेंगे, जब तक कि सरकार और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुख्य विपक्षी पार्टी के बीच राजनीतिक गतिरोध नहीं सुलझ जाता।

राजनीतिक अनिश्चितता के कारण पाकिस्तान के आर्थिक वित्त और ऋण हालात इन दिनों काफी खराब हैं। बिजनेस रिकॉर्डर ने बताया कि सोमवार को अंतर-बैंक बाजार में, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तान के रुपये में 0.वित्त और ऋण 22 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के अनुसार रुपया 0.49 की गिरावट के बाद 223.66 पर बंद हुआ। पिछले सात कारोबारी सत्रों में डॉलर के मुकाबले रुपये में 2.24 रुपये या 1 फीसदी की गिरावट आई है।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पाकिस्तान के कुल ऋण और देनदारियों में पाकिस्तानी रुपये (रुपए) 12 ट्रिलियन या 23.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से ऋण की किश्त और रुपये के अवमूल्यन ने संख्या को काफी बढ़ा दिया, समाचार इंटरनेशनल ने विश्लेषकों का हवाला देते हुए सूचना दी।

वित्तीय वर्ष 2022-2023 में, जुलाई-सितंबर में ऋण और देनदारियां 62.46 ट्रिलियन रुपये थीं, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 50.49 ट्रिलियन रुपये अधिक है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि पाकिस्तान पांच साल के सुकुक (शरिया-अनुरूप बांड) के खिलाफ 1 बिलियन अमरीकी डालर चुकाने वाला है, जो 5 दिसंबर, 2022 को परिपक्व होने वाला है।

टॉपलाइन रिसर्च के मुताबिक, सुकुक पर यील्ड (रिटर्न की दर) एक दिन में 964 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 69.96 फीसदी हो गई। प्रतिफल में वृद्धि इस बात का संकेत दे रही है कि निवेशक सोच रहे थे कि पाकिस्तान 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर सुकुक पर डिफॉल्ट कर सकता है।

इस बीच, पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के नौवें दौर की वार्ता में देरी हुई है। चूंकि वे इस वित्तीय वर्ष के लिए बाढ़ से संबंधित वित्त और ऋण वित्तीय आवश्यकताओं पर स्पष्टता की कमी और आयात नियंत्रण के मद्देनजर घटती राजस्व धारा के बीच 7 बिलियन अमरीकी डालर के ऋण कार्यक्रम की अतिदेय वित्त और ऋण नौवीं समीक्षा पर औपचारिक वार्ता के कार्यक्रम को अंतिम रूप नहीं दे सके, डॉन की सूचना दी।

एक अन्य खतरनाक कारक यह है कि हाल के महीनों में पाकिस्तान का प्रेषण अब तक के निचले स्तर पर पहुंच गया है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने एक ट्वीट में कहा, "अक्टूबर 2022 में, श्रमिकों के प्रेषण में 2.2 बिलियन अमरीकी डालर का प्रवाह दर्ज किया गया, जो पिछले महीने की तुलना में 9 प्रतिशत की कमी दर्शाता है।"

केंद्रीय बैंक ने नवंबर में अपने आधिकारिक आंकड़ों में कहा कि पिछले महीने के 2.4 अरब अमेरिकी डॉलर के आंकड़े की तुलना में अक्टूबर में श्रमिकों के प्रेषण में 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रवाह दर्ज किया गया।

2023 के वित्तीय वर्ष में जुलाई-अक्टूबर की अवधि के दौरान 9.9 बिलियन अमरीकी डालर के संचयी प्रवाह के साथ, पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में प्रेषण में 8.6 प्रतिशत की कमी आई है।

बैंक के अनुसार, पिछले महीने, प्रेषण मुख्य रूप से सऊदी अरब से 570.5 मिलियन अमरीकी डालर, संयुक्त अरब अमीरात से 427 मिलियन अमरीकी डालर, ब्रिटेन से 278.8 मिलियन अमरीकी डालर और यूएस से 253.1 मिलियन अमरीकी डालर के साथ आया था।

विदेशी प्रेषण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे विदेशी मुद्रा के प्रमुख स्रोतों में से एक हैं। (एएनआई)

व‍ित्‍त मंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने के ल‍िए किया बड़ा ऐलान, सुनकर खुशी से उछल पड़ेंगे

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बिज़नेस न्यूज डेस्क - केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उनके उन्नत विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। वर्तमान समय में सरकार द्वारा कई ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे किसानों को जबरदस्त लाभ मिल रहा है। पीएम किसान सम्मान निधि सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इस योजना का लाभ 10 करोड़ से अधिक पात्र किसानों को मिल रहा है। इसके तहत किसानों को 1000 रुपये की तीन किस्तें दी जाती हैं। 2-2 हजार प्रत्येक यानी रु। 6 हजार सालाना। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों के आर्थिक फायदे के लिए बड़ी बात कही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से ग्रामीणों की आय बढ़ाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारकों को आसान कर्ज देने की अपील की है। वित्त मंत्री ने हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ भी इस विषय पर लंबी चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय बैंकों को ग्रामीणों की मदद के लिए बैंक की तकनीक को अपग्रेड करने का सुझाव दिया था।

इस बैठक के बाद मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने बैठक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस दौरान वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना की समीक्षा की। उन्होंने इस बारे में सोचा और यह भी सुझाव दिया कि किसानों को संस्थागत ऋण कैसे उपलब्ध कराया जा सकता है। इसके बाद बैठक में शामिल वित्त राज्य मंत्री भागवत के कराड ने कहा, 'बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री ने की और मछली पकड़ने और डेयरी क्षेत्र से जुड़े लोगों को केसीसी जारी करने पर चर्चा हुई। इस बैठक में कृषि ऋण में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की अहम भूमिका पर जोर दिया गया। इसके अलावा एक अन्य सत्र में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर निर्णय लिया गया कि प्रायोजक बैंक डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी सुधार में मदद करें।

एनबीएफसी का संपत्ति आधार 54 लाख करोड़ रूपये के पार पहुंचा : कराड

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एनबीएफसी का संपत्ति आधार 54 लाख करोड़ रूपये के पार पहुंचा : कराड

मुंबईं । केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री भागवत कृष्णराव कराड ने मंगलवार को कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का संपत्ति आधार मार्च, 2022 तक 54 लाख करोड़ रूपये के पार पहुंच गया है। यह वाणिज्यिक बैंकिंग क्षेत्र के बही-खाते का लगभग एक-चौथाईं है।
दो प्रमुख एनबीएफसी कंपनियों आईंएल एंड एफएस और दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के पतन के बाद से यह उदृाोग लंबे संकट में था। कराड ने भारतीय उदृाोग परिसंघ (सीआईंआईं) की तरफ से आयोजित एनबीएफसी सम्मेलन में कहा कि एनबीएफसी छोटे और मझोले उदृामों को ठ्ठण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर अर्थव्यवस्था के प्रमुख विकास चालक बन गए हैं।उन्होंने कहा वित्त और ऋण कि एनबीएफसी क्षेत्र ने एमएसएमईं उदृाोग को अपना परिचालन बढ़ाने और अधिक रोजगार सृजित करने में मदद की है। एनबीएफसी कंपनियों की तरफ से दिया जा रहा कर्ज पिछले वित्त वर्ष में 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया जबकि बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋण में इससे आधी वृद्धि हुईं है।

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