वित्तीय शब्दावली

योजनागत व्यय और गैर योजनागत व्ययः
वित्तीय शब्दावली
सबसे पहले चीनी व्यापारी चीन की एक सांस्कृतिक पहचान होनी चाहिए, केवल शारीरिक श्रम नहीं सांस्कृतिक समर्थन है, केवल शारीरिक व्यायाम किया जा सकता है, मानवता का सार कमी - संस्कृति. व्यापारी --- वास्तव में एक बहुत ही कलात्मक काम, कोई सच्चाई ऐसी भौतिकी और गणित की कक्षाएं, लेन - देन का विज्ञान घटक की तुलना में कहीं अधिक कला के रूप में वित्तीय बाजारों में है क्योंकि वहाँ. व्यापारी हाथ, ज्यादातर अंतर्मुखी व्यक्तित्व, नहीं प्यार शब्द है, लेकिन आश्चर्यजनक बाहर बात करनी चाहिए. इस चरित्र उनके स्वभाव का एक बहुत कुछ नहीं है, लेकिन क्योंकि इस कारण पेशे की. गोपनीयता एक पेशेवर व्यापारी न्यूनतम गुणवत्ता है. दूसरे, एक अच्छा व्यापारी एक अच्छी समझ होनी चाहिए. शेयर बाजार की प्रवृत्ति की अनियमितता, कोई भी आप विश्लेषण का एक कारगर तरीका है, केवल अपना खुद का सारांश पर सब कुछ दे देंगे. एक अच्छा रवैया और सख्त आत्म अनुशासन है. शेयर बाजार हमेशा लालच की एक किस्म से भरा है, मानवीय कमजोरियों की एक किस्म केवल मानव प्रकृति की कमजोरियों को दूर करने के लिए, बाजार के प्रलोभन का विरोध करने के लिए, संतुलन की भावना बनाए रखने के लिए, वहाँ रहे हैं. इन स्पष्ट सुविधाओं, दूर एक पेशेवर के नाम से परे यह बना दिया है एक "अपने व्यापार की योजना और अपनी योजना के व्यापार. कहा," व्यापारी है. "यह कुछ ऐसा है जो आप करेंगे व्यापारी यह!" व्यापारी, लोगों की रोजमर्रा की भाषा, अर्थ विज्ञान और इस व्युत्पन्न के अर्थ को वित्तीय दृष्टि से एक ढाल, एक नया शब्द जल्दी से नागरिकों सकें. हम एक ऐतिहासिक अवधि के माध्यम से चला गया है क्योंकि लोगों की आर्थिक और सामाजिक जीवन, एक स्थिर रोजमर्रा की भाषा में विसर्जित कर दिया गया है, जो नागरिक आबादी, का महत्व नहीं रह गया वित्तीय शब्दावली है विशेष रूप से चिंतित है. जीवन की विजय हम नए शब्दों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है.
बृहत् हिंदी कोश और अभिनव हिंदी कोश
हिंदी चूँकि एक जीवंत भाषा है, अत: इसकी शब्दावली का भी निरंतर विकास हो रहा है।यद्यपि बाजार में आज अनेक बृहत् हिंदी कोश निर्मित एवं प्रकाशित किए गए हैं, किंतु विभिन्न विषयों में नई शिक्षण व्यवस्थाओं के कारण पिछले लगभग पचास वर्षों में जो नई शब्दावली बोल-चाल और लेखन में अवतरित हुई है, हिंदी-कोशों में उसका अभाव है। इसी कारण ये कोश आधुनिक पाठकों की वांछित आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम नहीं हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार के कोश की आवश्यकता को दीर्घकाल से अनुभव किया जाता रहा है। उपर्युक्त उद्देश्य की पूर्ति के लिए केंद्रीय हिंदी निदेशालय ने एक 'बृहत् हिंदी कोश' के निर्माण की परियोजना पर 'विशिष्ट कोश योजना' के अंतर्गत कार्यारंभ किया है।
2. अभिनव हिंदी कोश
नित नूतन अनुसंधानों और वैज्ञानिक आविष्कारों के कारण नई-नई विधाओं और विद्याशाखाओं का निर्माण हो रहा है। हिंदी चूँकि एक जीवंत भाषा है, अत: इसकी शब्दावली का भी निरंतर विकास हो रहा है। यद्यपि बाज़ार में आज अनेक 'हिंदी-हिंदी कोश' उपलब्ध हैं, परंतु वे हिंदी की अद्यतन शब्दावली से युक्त नहीं है और इसी कारण सजग पाठकों, मुख्यत:विद्यार्थियों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में समर्थ नहीं हो पा रहे हैं। एकअद्यतन प्रामाणिक हिंदी कोश के अभाव में शब्दों के सही अर्थ समझने और उनके विषयगत प्रयोग की समस्या भी बनी रहती है। विद्यालय-स्तर पर इस प्रकार के कोश की आवश्यकता को दीर्घकाल से अनुभव किया जाता रहा है। उपर्युक्त उद्देश्य की पूर्ति के लिए केंद्रीय हिंदी निदेशालय ने 'अभिनव हिंदी कोश' के वित्तीय शब्दावली निर्माण की परियोजना पर जनवरी, 2002 से कार्यारंभ किया।
3. हिंदी-पारिभाषिक लघु कोश
नित्यप्रति होने वाले नवीन अनुसंधानों और वैज्ञानिक आविष्कारों के कारण नई-नई विधाओं और शिक्षा व्यवस्थाओं का निर्माण हो रहा है। चूँकि हिंदी एक जीवंत भाषा है, अत: इसकी शब्दावली का भी निरंतर विकास होना स्वाभाविक है।यद्यपि बाजार में आज अनेक वित्तीय शब्दावली हिंदी-हिंदी कोश उपलब्ध हैं, परंतु वे हिंदी कीअद्यतन शब्दावली और परिभाषाओं से युक्त नहीं हैं और इसी कारण पूर्व माध्यमिक (कक्षा 8 तक के) स्तर के विद्यार्थियों की विद्या की आवश्यकताओं की पूर्ति में समर्थ नहीं हो पा वित्तीय शब्दावली रहे हैं। एकअद्यतन प्रामाणिक हिंदी कोश के अभाव में शब्दों के सही अर्थ समझने और उनके विषयगत प्रयोग की समस्या बनी रहती है। पूर्व-माध्यमिक विद्यालय स्तर पर इस प्रकार के कोश की आवश्यकता को दीर्घकाल से महसूस किया जा रहा है। उपर्युक्त उद्देश्य की पूर्ति के लिए केंद्रीय हिंदी निदेशालय ने 'हिंदी पारिभाषिक लघु कोश' निर्माण परियोजना को सितंबर, 2008 में आरंभ किया।
इस कोश में पूर्व माध्यमिक कक्षाओं के स्तर की पाठ्य-पुस्तकों में प्रयुक्त विभिन्न विषयों से संबंधित शब्दावली को समाहित किया गया है। इसके अतिरिक्त पिछले 50 वर्षो में जो शब्द (तकनीकी और गैर-तकनीकी) पूर्व माध्यमिक स्तर की पाठ्य-पुस्तकों में समाविष्ट होकर मानक रूप ग्रहण कर चुके हैं, उन्हें विशेष रूप से इस कोश में सम्मिलित किया गया है ताकि छात्रों को सम्यक रूप से समझाए और ग्रहण कराए जा सकें। इस कोश में शब्दों के अर्थों को स्पष्ट करने हेतु उनकी अर्थ-तकनीकी परिभाषा/व्याख्या को विशेष रूप से दिया गया है। इसके साथ ही इन शब्दों की व्याकरणिक कोटि, उनके सामान्य अर्थ, आवश्यकतानुसार कहीं - कहीं उनके वित्तीय शब्दावली अंग्रेजी समानक पर्याय एवं विलोम भी दिये गये हैं। इस कोश में कुल मिलाकर लगभग 10,800 मूल प्रविष्टियों का समावेश किया गया है।
इस प्रकार यह कोश पूर्व माध्यमिक स्तर के छात्रों के लिए नई संकल्पनाओं वाला एक वित्तीय शब्दावली प्रामाणिक हिंदी पारिभाषिक लघु कोश है जो उन्हें शब्दों के अर्थ को स्पष्ट रूप से समझाने में विशेष सहायता करेगा । मूल्य रु० 306, पृष्ठ: 612
शब्दावली
न्यायिक निर्णय प्रक्रिया तब होती है जब हम अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी और शिक्षा प्रदाता की प्रस्तुतियों के आधार पर विवाद पर विचार करते हैं और निर्णय करते हैं। वित्तीय शब्दावली अधिनिर्णायक का निर्णय सभी पक्षों पर बाध्यकारी होता है
एक व्यक्ति जो प्रदान की गई जानकारी की समीक्षा करता है, विवाद पर विचार करता है और निर्णय करता है।
बाध्यकारी निर्णय का मतलब यह है कि सभी पक्षों को किए गए निर्णय का पालन या अनुसरण करना होगा।
किसी शिकायत के संबंध में शिकायत को दर्ज करने से लेकर उसके समाधान तक की प्रक्रिया।
विवादों को हल करने में प्रयुक्त प्रक्रियाएँ। विवाद समाधान प्रक्रियाओं में सुगमीकरण, मध्यस्थता, और न्यायिक निर्णय शामिल हैं।
सुगमीकरण वह प्रक्रिया है जहाँ हम संचार-संपर्क में सहायता करते हैं और इसमें आप और आपके प्रदाता के बीच निपटारे पर बातचीत करना शामिल हो सकता है।
बजट शब्दावली : आसान भाषा में समझिये बजट में अक्सर इस्तेमाल होने वाले शब्दों का मतलब
वार्षिक वित्तीय विवरण बजट में सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है. संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत, सरकार को राजकोष के लिए अनुमानित राजस्व और व्यय का एक विवरण पेश करना होता है. इस विवरण को ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ कहा जाता है. यह दस्तावेज तीन भाग में विभाजित होता है- समेकित निधि, आकस्मिक निधि और सार्वजनिक खाता.
बजट लेखा-जोखा Budget Estimates :
वित्त वर्ष के दौरान सरकार द्वारा विभिन्न करों से प्राप्त राजस्व और खर्च के आकलन को बजट लेखा-जोखा कहा जाता है.
संशोधित लेखा-जोखा Revised Estimates :
बजट में किए गए आकलनों और मौजूदा आर्थिक परिस्थिति के मद्देनजर इनके वास्तविक आंकड़ों के बीच का अंतर संशोधित लेखा-जोखा कहलाता है. इसका जिक्र आने वाले बजट में किया जाता है.
महत्वपूर्ण आर्थिक तथ्य एवं शब्दावली
महत्वपूर्ण आर्थिक तथ्य एवं शब्दावली
1. सी.आर.आर. (CRR नकद आरक्षण अनुपात): सी.आर.आर. वह धन है जो बैंकों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास गारंटी के रूप में रखना होता है।
2. बैंक दर(Bank Rate): जिस दर पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को उधार देता है बैंक दर कहलाती है।
3. वैधानिक तरलता अनुपात (SLR): किसी आपात देनदारी को पूरा करने के लिए वाणिज्यिक बैंक अपने प्रतिदिन कारोबार नकद सोना और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के रूप में एक खास रकम रिजर्व बैंक के पास जमा कराते है जिस एस.एल.आर. कहते है।
4. रेपो रेट(Repo Rate – RR) : रपो दर वह है जिस दर पर बैंकों को कम अवधि के लिए रिजर्व बैंक से कर्ज मिलता है. रेपो रेट कम करने से बैंको को कर्ज मिलना आसान हो जाता है।