टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं?

डॉव थ्योरी निवेशकों की शेयर मार्केट में ट्रेंड समझने में मदद करता है। (फोटो: रॉयटर्स)
Technical Analysis Time Frame
जब हम किसी शेयर का टेक्निकल एनालिसिस करते हैं तब Time Frame का बहुत अधिक महत्व होता है, आप किस टाइम फ्रेम में किस शेयर का एनालिसिस कर रहे है उसके आधार पर यह तय होता है की आपकी एनालिसिस सही होगी या टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं? नहीं!
जब आप Candlestick चार्ट में एक कैंडल या LINE चार्ट में एक पॉइंट जितने समय का होता है उसको हम उस चार्ट का टाइम फ्रेम कहते है, आप अपने ट्रेडिंग टर्मिनल में जिस भी टाइम फ्रेम का चार्ट देखना चाहते है, उस टाइम फ्रेम का चार्ट देख सकते है!
सही टाइम फ्रेम टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं? का चुनाव कैसे करे
शेयर मार्केट में सही टाइम फ्रेम का चुनाव करने के लिए आपको यह पता होना चाहिए की आप कितने समय के लिए शेयर में ट्रेडिंग करना चाहते है, अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए एनालिसिस कर रहे है तो उसके लिए टाइम फ्रेम अलग होगा, वही स्विंग ट्रेडर और पोजीशन ट्रेडिंग के लिए फ्रेम दूसरा होगा! आप किस तरह के ट्रेडर या निवेशक है, उसके आधार पर आपको टाइम फ्रेम को चुनना चाहिए, तभी आप एक अच्छा ट्रेडर बन सकते है!
क्या है Charles Dow की The Dow Theory, एक बार समझ गए तो आसानी पकड़ सकेंगे बाजार के ट्रेंड्स
डॉव थ्योरी निवेशकों की शेयर मार्केट में ट्रेंड समझने में मदद करता है। (फोटो: रॉयटर्स)
अगर आप शेयर बाजार में पैसे लगाने का मन बना रहे हैं और यह नहीं समझ पा रहे कि बाजार काम कैसे करता है। कौन- से ऐसे फैक्टर्स हैं जिनकी मदद से यह आसानी से पता लगाया जा सकता है कि मार्केट किस तरफ जाएगा और आने वाले समय में बाजार की क्या दशा होगी। आज से एक सदी पहले बनी The Dow Theory टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं? आपकी काफी मदद कर सकती है।
The Dow Theory को शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस की आधारशिला कहा जाता है। इसे चार्ल्स डॉव ने लिखा था, जिन्होंने आगे चलकर अपने दो साथियों के मिलकर अमेरिका के प्रचलित अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की स्थापना की थी।
स्टॉक मार्केट एंड टेक्निकल एनालिसिस Book Review in Hindi
स्टॉक मार्केट एक ऐसी जगह है जहाँ पे स्टॉक का एक्सचेंज होते रहेता है. याने एक ऐसी जगह जहाँ पे लोग आते हैं और शेअर्स खरीदते हैं या बेचते है. हमारे यहा उदाहरण के तौर पर देखा जाये तो नॅशनल स्टॉक एक्सचेंज (एन. एस. इ) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बी. एस. इ) ये दो एक्सचेंज है जिसमे ज्यादातर ट्रेडिंग होती रहती है।
अभी हम एक उदाहरण देखते है जिसके जरीये हम ये समज लेंगे कि स्टोक्स किस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पे लिस्ट होते हैं और उससे किस तरह से फायदा होता है. मान लिजिए कि आपने एक नयी कंपनी शुरु कि है. पहले आप आपकी खुद्द कि कॅपिटल इन्व्हेस्ट करके उसे शुरू करते हैं. बादमे जब कंपनी कि ग्रोथ होती जायेगी तो आपको उसे बढ़ाने के लिये और पैंसों कि जरुरत पढेंगी.
तो अब आप क्या करोगे? तो तरिका ये हो जाता है कि पार्टनर बढ़ाओ और उनसे पैसे लेकर कंपनी मे इन्व्हेस्ट करो. लेकिन कंपनी जैसे जैसे बढ़ती जाती है वैसे हि पैंसों कि जरुरत भी बढती जाती है. हम पार्टनर बढाकर भी कितने बढ़ा सकते है. हम कुछ पार्टनर बढ़ाने के बाद रुक जाते है और अलग सोल्युशन ढूंढने मे लग जाते है.
Stock Market And Technical Analysis Book Review in English
A stock market is a place where the exchange of pay stocks takes place. That is a place where people come and buy or sell shares. As an example, the National Stock Exchange (NSE) and the Bombay Stock Exchange (BSE) are the two exchanges in which most of the trading takes place.
Now let us see an example through which we will understand how the stocks are listed on the stock exchange and how they benefit. Suppose you have started a new company. First, you start it by investing your own capital. Later, when the growth of the company will continue, then you will read the need for more money to increase it.
so what will you do now? So the way becomes that increase the partners टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं? and invest in the company by taking money from them. But as the company grows, so does the need for money. How much can we increase even by increasing partners? We stop after increasing some partners and start looking for different solutions.
बाजार को पछाड़ने की संभावनाए
मार्केट को पछाड़ना मतलब मार्केट बेंचमार्क से ज्यादा लाभ कमना होता है उदारणार्थ, अगर आज मार्केट १% उपर है और आपने अगर २% मुनाफा कमाया तो इसका मतलब है आज आपने मार्केट को पछाड़ दिया| मगर ये इतना भी आसन नहीं होता |
इसका दूसरा उदहारण है, अगर स्टॉक मार्केट ने एक साल में २५% लाभ एक निवेशक को दिया है और आप एक साल में अपनी पूंजिपर २५% ज्यादा लाभ कमा लेते हो तो आप मार्केट के हराने वाले बड़े खिलाडियों में अपना स्थान बना लेते हो. दुनियाभर में हर रोज हजारो पेशेवर ट्रेडर्स मार्केट को टेक्नीकल एनालिसिसकी मदत से पछाड़ते रहते है |
टेक्नीकल एनालिसिस के मदत से बाजार को पछाड़े
Types of stock analysis :
स्टॉक एनालिसिस के दो मुख्य प्रकार होते हैं । उनमें से पहला प्रकार Fundamental Analysis और दूसरा Technical Analysis होता है ।
हम सबसे पहले फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में जानकारी लेते हैं । फंडामेंटल एनालिसिस कंपनी की पूरी इंफॉर्मेशन होती है जैसे कि कंपनी के डायरेक्टर कौन है कंपनी के सीईओ कौन है कंपनी किस सेक्टर से बिलॉन्ग करती है कंपनी का Market Capital कितना है इससे कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में हमें पता चलता है । बाद में कंपनी के फाइनेंसियल मैनेजमेंट के बारे में भी पता होना बहुत जरूरी होता है जैसे कि कंपनी की बैलेंस शीट, कंपनी का प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट स्टेटमेंट, कैश फ्लो स्टेटमेंट, लेजर स्टेटमेंट Etc .
कंपनी के हर 3 महीने में Quarterly Results आते हैं उसकी जानकारी से हमें यह पता चलता है कंपनी प्रॉफिट में है यह लॉस में हैं । कंपनी का ग्रोथ रेट कैसा है यह हमें फंडामेंटल एनालिसिस से पता चलता है अगर कंपनी प्रॉफिट में है तो कंपनी को कितने करोड़ का प्रॉफिट हुआ है टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं? और अगर कंपनी लॉक में है तो कंपनी को कितने करोड़ को लॉस हुआ है यह क्वार्टरली रिजल्ट्स से पता चलता है । अगर किसी क्वार्टर में कंपनी को लॉस हुआ है तो नेक्स्ट क्वार्टर में कंपनी ने अपना कितना लॉस कवर किया है इसका भी कंपनी के शेयर प्राइस पे फर्क पड़ता है ।