वित्तीय जोखिमों के प्रकार

दुर्भाग्य से, हम आज भी उसी शून्य-योग की मानसिकता में अटके हुए हैं। हम इसे तब देखते हैं, जब विभिन्न देश, क्षेत्र या संसाधनों के लिए आपस में लड़ते हैं। हम इसे तब देखते हैं, जब आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को हथियार बनाया जाता है। हम इसे तब देखते हैं, जब कुछ लोगों द्वारा टीकों की जमाखोरी की जाती है, भले ही अरबों लोग बीमारियों से असुरक्षित हों।
G20 India: आज से भारत के हाथों में जी-20 की अध्यक्षता- पीएम नरेंद्र मोदी का लेख
सांकेतिक फोटो।
नरेंद्र मोदी
इसलिए हमारा थीम- ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ है। यह सिर्फ एक नारा नहीं है। यह मानवीय परिस्थितियों में वित्तीय जोखिमों के प्रकार उन हालिया बदलावों को ध्यान में रखता है, जिनकी सराहना करने में हम सामूहिक रूप से विफल रहे हैं।
जी-20 की पिछली सत्रह अध्यक्षताओं के दौरान वृहद आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने, अंतरराष्ट्रीय कराधान को तर्कसंगत बनाने और विभिन्न देशों के सिर से वित्तीय जोखिमों के प्रकार कर्ज के बोझ को कम करने समेत कई महत्त्वपूर्ण परिणाम सामने आए। हम इन उपलब्धियों से लाभान्वित होंगे तथा यहां से और आगे की ओर बढ़ेंगे।
चार शहरों में एक दिसंबर से ई-रूपी का पहला पायलट परीक्षण होगा
दिल्ली: कारोबारियों की तरह अब आम लोग भी ई-रूपी में लेनदेन कर सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इसके लिए देश के चार शहरों में एक दिसंबर से डिजिटल रुपये के खुदरा इस्तेमाल से जुड़ा पहला पायलट परीक्षण करेगा। परीक्षण में सरकारी और निजी क्षेत्र के चार बैंक एसबीआई, आईसीआईसीआई, यस बैंक एवं आईडीएफसी फर्स्ट शामिल होंगे। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) एक डिजिटल टोकन के रूप में होगी। यह लीगल टेंडर होगा यानी इसे कानूनी मुद्रा माना जाएगा। ई-रूपी को उसी मूल्य पर जारी किया जाएगा, जिस पर वर्तमान में करेंसी नोट और सिक्के जारी होते हैं।
आरबीआई ने कल (मंगलवार) को कहा कि एक दिसंबर को बंद उपयोगकर्ता समूह (सीयूजी) में चुनिंदा जगहों पर यह परीक्षण किया जाएगा। यह भौतिक मुद्रा की तरह ही भरोसे, सुरक्षा और अंतिम समाधान (सेटलमेंट) जैसी खूबियों से लैस है। पायलट प्रोजेक्ट वास्तविक समय में डिजिटल रुपये के निर्माण, वितरण और खुदरा उपयोग की पूरी प्रक्रिया की मजबूती का परीक्षण करेगा। इससे पहले एक नवंबर से इसके थोक इस्तेमाल का पायलट परीक्षण शुरू हो चुका है। डिजिटल रूपी में करेंसी नोट वाले सभी फीचर होंगे। लोग डिजिटल रूपी को नकदी में बदल सकेंगे। खास बात है कि क्रिप्टोकरेंसी के उलट इसके मूल्य में कोई उतार-चढ़ाव नहीं आएगा।
समावेशी व निर्णायक होगा भारत का जी20 एजेंडा
जी-20 की पिछली 17 अध्यक्षताओं के दौरान वृहद आर्थिक स्थिरता वित्तीय जोखिमों के प्रकार सुनिश्चित करने, अंतर्राष्ट्रीय कराधान को तर्कसंगत बनाने और विभिन्न देशों के सिर से कर्ज के बोझ को कम करने समेत कई महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए। हम इन उपलब्धियों से लाभान्वित होंगे तथा यहां से और आगे की ओर बढ़ेंगे।
अब, जबकि भारत ने इस महत्वपूर्ण पद को ग्रहण किया है, मैं अपने आपसे यह पूछता हूं- क्या जी-20 अभी भी और आगे बढ़ सकता है? क्या वित्तीय जोखिमों के प्रकार हम समग्र मानवता के कल्याण के लिए मानसिकता में मूलभूत बदलाव लाने की पहल कर सकते हैं?
मेरा विश्वास है कि हां, हम ऐसा कर सकते हैं। हमारी परिस्थितियां ही हमारी मानसिकता को आकार देती हैं। पूरे इतिहास के दौरान मानवता का जो स्वरूप होना चाहिए था, उसमें एक प्रकार की कमी दिखी। हम सीमित संसाधनों के लिए लड़े, क्योंकि हमारा अस्तित्व दूसरों को उन संसाधनों से वंचित कर देने पर निर्भर था। विभिन्न विचारों, विचारधाराओं और पहचानों के बीच टकराव और प्रतिस्पर्धा को ही जैसे आदर्श मान बैठे।
राह चलते टैटू बनवाना भी बन सकता है एचआइवी संक्रमण का संवाहक
यदि आप टैटू के शौकीन है तो सजग और सतर्क रहने की जरूरत है। एचआइवी संक्रमण के चार प्रमुख कारण के बाद पांचवा कारण टैटू भी वर्तमान समय में बन रहा है।टैटू में उपयोग किए जाने वाले सुई को सही तरीके से स्टरलाइज करने की जरूरत है।
अंबिकापुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)।यदि आप टैटू के शौकीन है तो सजग और सतर्क रहने की जरूरत है। एचआइवी संक्रमण के चार प्रमुख कारण के बाद पांचवा कारण टैटू भी वर्तमान समय में बन रहा है।टैटू में उपयोग किए जाने वाले सुई को सही तरीके से स्टरलाइज करने की जरूरत है।यदि किसी एचआइवी संक्रमित व्यक्ति में टैटू बनवाने उपयोग किया गया सुई का उपयोग किसी स्वस्थ इंसान में किया गया तो वह भी एचआइवी संक्रमित हो सकता है।
राह चलते टैटू बनवाना भी बन सकता है एचआइवी संक्रमण का संवाहक
यदि आप टैटू के शौकीन है तो सजग और सतर्क रहने की जरूरत है। एचआइवी संक्रमण के चार प्रमुख कारण के बाद पांचवा कारण टैटू भी वर्तमान समय में बन रहा है।टैटू में उपयोग किए जाने वाले सुई को सही तरीके से स्टरलाइज करने की जरूरत है।
अंबिकापुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)।यदि आप टैटू के शौकीन है तो सजग और सतर्क रहने की जरूरत है। एचआइवी संक्रमण के चार प्रमुख कारण के बाद पांचवा कारण टैटू भी वर्तमान समय में बन रहा है।टैटू में उपयोग किए जाने वाले सुई को सही तरीके से स्टरलाइज करने की जरूरत है।यदि किसी एचआइवी संक्रमित व्यक्ति में टैटू बनवाने उपयोग किया गया सुई का उपयोग किसी स्वस्थ इंसान में वित्तीय जोखिमों के प्रकार किया गया तो वह भी एचआइवी संक्रमित हो सकता है।