अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है?

चुनौतियाँ
'अंतरराष्ट्रीय व्यापार'
व्यापार संयोजन: पिछले कुछ शताब्दियों से देशों द्वारा आयतित और निर्यातित वस्तुओं में बदलाव हुआ है। पहले के समय में कच्चे माल का व्यापार अधिक होता था। वर्तमान समय में विनिर्मित वस्तुओं का अधिक व्यापार होता है।
व्यापार की दिशा: बीसवीं शताब्दी के बाद से विश्व व्यापार में बहुत परिवर्तन हुए हैं। यूरोप के उपनिवेश अब समाप्त हो गए हैं जबकि भारत, चीन और अन्य विकासशील देश भी अब व्यापार में बड़े-बड़े देशों को टक्कर दे रहे हैं। पहले विकासशील देशों का कच्चा माल सिर्फ यूरोपीय देशों तक ही जाता था।
उ.11. एक देश दूसरे देश को अपनी वस्तुएं निर्यात करता है तथा कुछ वस्तुएं आयात करता है इस आयात निर्यात के अंतर को व्यापार संतुलन कहा जाता है।
ऋणात्मक: जब देश को अपने निर्यात से ज्यादा पैसा नहीं मिलता तथा अपने आयात पर अधिक खर्च अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? होता है तो व्यापार का ऋणात्मक संतुलन होता है।
आर्थिक संवृद्धि और विकास में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का महत्व
प्रश्न: आर्थिक विकास की द्रुत गति को हासिल करने में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की भूमिका को बखूबी मान्यता प्राप्त है। भारत जैसे विकासशील राष्ट्र के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्या लाभ हैं? विश्व व्यापार में अपनी भागीदारी बढ़ाने में भारत द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालिए।
- आर्थिक संवृद्धि और विकास में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- भारत पर ध्यान केंद्रित करते हुए विकासशील देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभों का आकलन कीजिए।
- वैश्विक व्यापार में अपनी अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? भागीदारी को बेहतर करने में भारत के समक्ष आने वाली चुनौतियों का परीक्षण कीजिए।
- उत्तर के अंत में इस सम्बन्ध में सुझाव दीजिए।
उत्तर
2030 एजेंडा फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट के तहत अंतरराष्ट्रीय व्यापार को समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ाने एवं निर्धनता में कमी हेतु एक प्रमुख कारक के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। भारत की विदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? व्यापार नीति में 2019-20 तक देश की वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात को 900 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। भारत का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार इसकी कुल अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? GDP का लगभग 20% है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभ
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विकासशील देशों को उनकी आगतों की लागत में कमी करने तथा निवेश के माध्यम से वित्त प्राप्त करने में सहायता प्रदान करके उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाता है।
- यह विकासशील देशों को नए बाजारों और नई सामग्रियों तक पहुँच की अनुमति प्रदान कर निर्यात विविधीकरण को सुगम बनाता है जो नई उत्पादन संभावनाओं हेतु मार्ग प्रशस्त करता है।
- यह अनुसंधान अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? एवं विकास में निवेश (FDI के माध्यम से भी), प्रौद्योगिकी और व्यावहारिक ज्ञान के विनिमय में सहायता प्रदान कर नवाचार को प्रोत्साहित करता है।
- व्यापार में खुलापन; नए बाजारों की स्थापना, अनावश्यक बाधाओं की समाप्ति और निर्यात के सरलीकरण द्वारा स्थानीय कंपनियों के लिए व्यापारिक अवसरों का विस्तार करता है।
- व्यापार आर्थिक क्षेत्रकों को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसरों का सृजन करता है। इससे नौकरियों में स्थायित्व तथा अधिकतम आय प्राप्त होती है जिसके परिमाणस्वरूप जीवन स्तर में वृद्धि होती है।
- व्यापार शांतिपूर्ण एवं परस्पर लाभकारी विनिमय के माध्यम से लोगों को एक साथ लाकर राष्ट्रों के मध्य परस्पर संबंधों को सुदृढ़ता प्रदान करते हुए शांति व स्थिरता में योगदान देता है।
व्यापार से आप क्या समझते हैं
राज्य और देशों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान व्यापार कहलाता है।
एक देश में दो स्थानों पर वस्तुओं का आदान-प्रदान स्थानीय व्यापार कहलाता है अर्थात् देश की सीमा के भीतर किया गया व्यापार स्थानीय व्यापार के अंतर्गत आता है। ये नगरों और गॉंवों के बीच होता है। जबकि दो देशों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है अर्थात् देश की सीमा में रहकर देश से बाहर किया गया व्यापार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के अंतर्गत आता है।
व्यापार (Trade) का अर्थ है क्रय और विक्रय। दूसरे शब्दों में, एक व्यक्ति (या संस्था) से दूसरे व्यक्ति (या संस्था) को सामानों का स्वामित्व अन्तरण एवं मूल्य के बदले सेवा प्रदान करना व्यापार कहलाता है। स्वामित्व का अन्तरण सामान, सेवा या मुद्रा के बदले किया जाता है। जिस नेटवर्क (संरचना) में व्यापार किया जाता है उसे ‘बाजार’ कहते हैं।
व्यापार के प्रकार
भारत के व्यापार को दो भागों में बांटा गया हैं।
- आंतरिक व्यापार
- विदेशी व्यापार।
आंतरिक व्यापार – जब दो या दो से अधिक व्यक्ति फर्म संगठन या अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? संगठन राज्य देश की सीमा के भीतर वस्तुओ का आदान प्रदान करते हैं तो उसे आंतरिक व्यापार कहते हैं। जैसे जूट पश्चिम बंगाल मे कपास महाराष्ट्र और गुजरात में गन्ना संकेद्रित हैं। अत: अन्य राज्यों की अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये दूसरे उत्पादक राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता हैं।
विदेशी व्यापार – जब दो या दो से अधिक राष्ट्रों के मध्य परस्पर वस्तुओं का आदान प्रदान होता हैं। तो उसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार कहते हैं। इसके तीन महत्वपूर्ण घटक हैं-
- आयात व्यापार- देश के भीतर जब किसी वस्तु का अभाव होता हैं और उसकी पूर्ति दूसरें देशों से मांगकर की जाती हैं। उसे आयात व्यापार कहते हैं।
- निर्यात व्यापार- देश के भीतर जब किसी वस्तु की अधिकता हो जाती हैं तो उस वस्तु को आवश्यकता वाले देश में भेज दिया जाता हैं इसे निर्यात व्यापार कहते हैं।
- पुन: निर्यात व्यापार- जब विदेशों से आयातित वस्तुओं को पुन: दूसरे देशों को निर्यात कर दिया जाता हैं तो इसे पुन: निर्यात व्यापार कहते हैं।
व्यापार योजना का अर्थ क्या है
व्यापार योजना यह एक प्रबंधन उपकरण है जो एक उद्यम, एक विपणन कार्रवाई या एक व्यावसायिक इकाई के विस्तार की योजना बनाने के लिए एक गाइड के रूप में काम करता है। यह उद्देश्यों को पूरा करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों, अनिश्चितताओं को कम करने और योजना की व्यवहार्यता बढ़ाने में मदद करता है।
इस पोस्ट में आपको व्यापार से आप क्या समझते हैं ? स्थानीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अंतर स्पष्ट करें।Vyapar Se Aap Kya Samajhte Hain स्थानीय व्यापार किसे कहते हैं? विदेशी व्यापार से आप क्या समझते व्यापार कितने प्रकार के होते हैं Vyapar Kise Kehte Hain व्यापार कितने प्रकार के होते हैं? देसी व्यापार कितने प्रकार का होता है? विदेशी व्यापार कितने प्रकार के होते हैं? राष्ट्रीय व्यापार और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में क्या अंतर है? व्यापार क्या है परिभाषा से संबंधित काफी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे.
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
भारत 15 फ़रवरी, 1971 से वैश्विक सीमाशुल्क संगठन (डब्ल्यूसीओ) का सदस्य है तथा इसने निम्नलिखित डब्ल्यूसीओ कन्वेंशनों को स्वीकार किया है:
- वैज्ञानिक उपकरणों के अस्थायी आयात पर सीमा शुल्क कन्वेंशन, 9 मार्च 1971।
- शैक्षणिक सामग्री 4 दिसंबर 1973 के अस्थायी आयात पर सीमा शुल्क कन्वेंशन।
- क्योटो कन्वेंशन- 1974, 18 अक्टूबर, 1976
- नैनैरोबी कन्वेंशन - 9 जून, 1977
- संगत प्रणाली सम्मेलन 23 जून 1996।
- 20 जून 1988 - आदि प्रदर्शनियों, मेलों, बैठकों, पर प्रदर्शन या उपयोग के लिए वस्तुओं के आयात के लिए सुविधाएं विषय में सीमा शुल्क कन्वेंशन।
- नैरोबी सम्मेलन 20 जून 1988।
- अता कन्वेंशन 5 जुलाई 1989।
- 30 दिसंबर 1994 - शुल्क मूल्यांकन पर समझौता।
- जोहानिसबर्ग सम्मेलन 23 जून 2005.
- संशोधित क्योटो कन्वेंशन - नवंबर 2005।
नारकोटिक्स
अवैध नशीली दवाओं का व्यापार व्यापक रूप से एक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार है। तस्कर, राष्ट्रीय सीमाओं का सम्मान नहीं अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? करते हैं और प्रायः विभिन्न राष्ट्रीय व्यवस्थाओं में मुख्य खामियों तथा विषमताओं का पता लगाने का प्रयास करते हैं। अतः नीति निर्माताओं और प्रवर्तन अधिकारियों के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग, नशीले पदार्थों की तस्करी पर रोक के प्रयासों के लिए एक अनिवार्य तत्व है। नशीले पदार्थों से संबंधित मामलों पर तीन संयुक्त राष्ट्र संघ की तीन कन्वेंशन हैं:
- स्वापक औषधि पर एकल कन्वेंशन, 1961
- मन: प्रभावी पदार्थ पर कन्वेंशन, 1971
- स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन, 1988
इन कन्वेंशनों में नशीली दवाओं के प्रत्येक वर्ग पर अधिरोपित किए जाने वाले नियमों के निर्धारण के प्रकार, नियंत्रित किये जाने वाली नशीली दवाओं की सूची, नशीली पदार्थों के अपराधियों के लिए निर्धारित दंड / सजा के प्रकार का निर्धारण किया गया है। इन कन्वेंशनों में, सरकार तथा उनके प्राधिकारियों के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक क्रियाविधि भी स्थापित की गई है।
परिभाषा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
लैटिन कॉमर्स्कम से, वाणिज्य एक ऐसी गतिविधि है जिसमें उनके परिवर्तन, पुनर्विक्रय या उपयोग के लिए सामान खरीदना या बेचना शामिल है । यह एक लेन-देन है जिसमें एक चीज का दूसरे के अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? लिए विनिमय होता है, आमतौर पर पैसा। दूसरी ओर, अंतर्राष्ट्रीय वह है जो दो या अधिक देशों से संबंधित है या जो किसी राष्ट्र की सीमाओं को पार अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? कर गया है।
ये दो परिभाषाएं हमें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की धारणा को संदर्भित करने की अनुमति देती हैं, जो दो देशों के बीच वाणिज्यिक गतिविधि है । इस अर्थ में, एक निर्यातक देश किसी आयातक देश को उत्पाद और / या सेवाएं भेजता है।