कम न्यूनतम जमा

कम न्यूनतम जमा द्विआधारी विकल्प दलाल
एक कम न्यूनतम जमा बाइनरी ऑप्शंस प्लेटफॉर्म नए व्यापारियों के लिए एक शानदार पिक है जो अभी शुरू हो रहा है कम न्यूनतम जमा और बड़ी मात्रा में नकदी को जोखिम में डालने के लिए तैयार नहीं है। यहां दलालों की एक सूची है जिसमें न्यूनतम न्यूनतम जमा आवश्यकताएं 2019 हैं।
भारत में कम न्यूनतम जमा दलाल
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ऐसे व्यापारी जो द्विआधारी विकल्प के लिए नए हैं और बड़ी रकम जमा किए बिना ट्रेडिंग करने की कोशिश करना चाहते हैं, उनके पास कम जमा आवश्यकताओं वाले ब्रोकर के साथ साइन अप करके शुरुआत करने का एक शानदार तरीका है। जैसा कि अधिक से अधिक फर्मों को एहसास है कि न्यूनतम जमा आवश्यकता कुछ व्यापारियों के लिए किस बाधा का प्रतिनिधित्व करती है, हमारा मानना है कि नए व्यापारियों के लिए विकल्पों की बढ़ती संख्या होगी।
कम न्यूनतम जमा
आवंटन
न्यूनतम अभिदान प्राप्त आवंटन का निषेध जब तक.
६९. (1) कोई आवंटन, सदस्यता के लिए जनता के लिए पेशकश की एक कंपनी के किसी भी शेयर पूंजी का किया जाएगा जब तक कि निदेशक बोर्ड की राय में, इस मुद्दे से उठाया जाना चाहिए, जो कम से कम राशि के रूप में प्रॉस्पेक्टस में कहा राशि शेयर पूंजी की अनुसूची द्वितीय के खंड 5 में विनिर्दिष्ट विषयों के लिए प्रदान करने के लिए सदस्यता ली गई है, और इसलिए कहा राशि के लिए आवेदन पर देय राशि के भुगतान और कंपनी द्वारा प्राप्त किया गया है, चाहे नकद या चेक या द्वारा भुगतान किया गया है जो अन्य साधन.
(2) तो प्रोस्पेक्टस में कहा गया है राशि अन्यथा पैसे में से देय किसी भी राशि के लिए विशेष रूप से गणना की जाएगी, और "न्यूनतम सदस्यता" के रूप में भेजा, इस अधिनियम में है.
(3) प्रत्येक शेयर पर आवेदन पर देय राशि शेयर की मामूली राशि का कम से कम पांच प्रतिशत नहीं होगा.
11 [(4) के शेयरों के लिए आवेदकों से प्राप्त सभी धनराशि जमा किया जाएगा और एक अनुसूचित बैंक में जमा रखा
(एक) व्यापार शुरू करने के लिए प्रमाण पत्र के तहत प्राप्त की है जब तक खंड 149 , या
न्यूनतम सदस्यता के संबंध में शेयरों के लिए आवेदन पत्र पर देय पूरी राशि कंपनी द्वारा प्राप्त किया गया है जब तक (ख) ऐसे प्रमाण पत्र पहले ही प्राप्त कर लिया गया है, जहां
और इस तरह की राशि शेयरों के लिए आवेदकों से प्राप्त धनराशि उप - धारा के तहत बिना ब्याज चुकाया जाने की आवश्यकता है जो की समाप्ति पर समय के भीतर कंपनी द्वारा प्राप्त नहीं किया गया है, जहां (5), सब धन शेयरों के लिए आवेदकों से प्राप्त करेगा कि उप - धारा के प्रावधानों के अनुसार लौटा दी.
इस उप - धारा, हर प्रमोटर, निर्देशक या इस तरह के उल्लंघन के लिए जानबूझकर जिम्मेदार है जो अन्य व्यक्ति के प्रावधानों का कोई उल्लंघन की घटना में तक का हो सकता है जो ठीक से दंडनीय होगा 12 [पचास] हजार रुपए.]
उक्त शर्तों प्रॉस्पेक्टस के पहले अंक के बाद एक सौ और बीस दिन की समाप्ति पर साथ पालन नहीं किया गया है (5), सब धन शेयरों के लिए आवेदकों से प्राप्त तत्काल ब्याज के बिना उनके लिए चुकाया जाएगा; किसी भी तरह के पैसे तो प्रोस्पेक्टस के जारी होने के बाद एक सौ तीस दिनों के भीतर चुकाया नहीं है, तो और, कंपनी के निदेशक से प्रतिवर्ष छह फीसदी की दर से ब्याज के साथ कि पैसे चुकाने के लिए संयुक्त रूप से और अलग - अलग उत्तरदायी होगा 130 दिन की समाप्ति:
वह पैसे की अदायगी में डिफॉल्ट की वजह से उसकी ओर से किसी भी कदाचार या लापरवाही के लिए नहीं था साबित होता है कि अगर एक निर्देशक तो उत्तरदायी नहीं होगी.
(6) इस खंड की कोई आवश्यकता के साथ अनुपालन माफ करने के लिए शेयरों के लिए किसी भी आवेदक की आवश्यकता होती है या बाध्य करने के लिए तात्पर्यित किसी भी हालत शून्य होगी.
(7) इस अनुभाग, उप खंड को छोड़कर (3) क्या है, सदस्यता के लिए जनता के लिए पेशकश के शेयरों की पहली आवंटन के बाद शेयरों के किसी भी आवंटन के संबंध में लागू नहीं होगा.
प्र।11. कंपनी (संशोधन) अधिनियम, 1965 से प्रभावी द्वारा प्रतिस्थापित 15-10-1965. मूल उपधारा के लिए, का उल्लेख परिशिष्ट आई.
प्र.12. कंपनी (संशोधन) अधिनियम, 2000 से प्रभावी द्वारा "पांच" के लिए एवजी 13-12-2000.
न्यूनतम जमा राशि नहीं होने पर एसबीआई ने 41.16 लाख बचत खाते बंद किए: आरटीआई
भारतीय स्टेट कम न्यूनतम जमा बैंक ने बचत खाते में न्यूनतम औसत मासिक राशि नहीं रखने पर लगाए जाने वाले दंड शुल्क को तीन चौथाई से भी कम कर दिया है. The post न्यूनतम जमा राशि नहीं होने पर एसबीआई ने 41.16 लाख बचत खाते बंद किए: आरटीआई appeared first on The Wire - Hindi.
भारतीय स्टेट बैंक ने बचत खाते में न्यूनतम औसत मासिक राशि नहीं रखने पर लगाए जाने वाले दंड शुल्क को तीन चौथाई से भी कम कर दिया है.
इंदौर/मुंबई: सूचना के अधिकार (आरटीआई) से खुलासा हुआ है कि न्यूनतम जमा राशि नहीं रखे जाने पर ग्राहकों से जुर्माना वसूली के प्रावधान के कारण मौजूदा वित्तीय वर्ष के शुरुआती 10 महीनों (अप्रैल-जनवरी) के दौरान देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में करीब 41.16 लाख खाते बंद कर दिए गए हैं.
मध्य प्रदेश के नीमच निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने मंगलवार को को बताया कि उनकी आरटीआई अर्जी पर एसबीआई के एक आला अधिकारी ने उन्हें 28 फरवरी को भेजे पत्र में यह जानकारी दी.
इस पत्र में बताया गया कि न्यूनतम जमा राशि उपलब्ध नहीं होने पर दंड शुल्क लगाने के प्रावधान के कारण स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 में 31 जनवरी तक बंद किए गए बचत खातों की संख्या लगभग 41.16 लाख है.
देश में गरीब तबके के लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने के सरकार के महत्वाकांक्षी अभियान के बीच खासकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा इस मद में जुर्माना वसूली को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है.
गौड़ ने कहा, ‘अगर एसबीआई इस मद में जुर्माने की रकम को घटाने का निर्णय समय रहते कर लेता, तो उसे 41.16 लाख बचत खातों से हाथ नहीं धोना पड़ता. इसके साथ ही इन खाताधारकों को परेशानी नहीं होती, जिनमें बड़ी तादाद में गरीब लोग शामिल रहे होंगे.’
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीते दिनों देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने अप्रैल से नवंबर 2017 के बीच अपने उन खाताधारकों से 1,771 करोड़ रुपये की वसूली की जिन्होंने अपने बचत कम न्यूनतम जमा खातों में न्यूनतम मासिक औसत राशि नहीं रखी थी.
यह रिपोर्ट वित्त मंत्रालय की ओर से दिए गए आंकड़ों पर आधारित थी. रिपोर्ट के अनुसार, 1,771 करोड़ रुपये की यह राशि जुलाई से सितंबर की तिमाही में बैंक को 1,581.55 करोड़ रुपये के कुल लाभ से कहीं ज़्यादा और अप्रैल से सितंबर के दौरान बैंक को हुए 3,586 करोड़ रुपये के लाभ से तकरीबन आधा थी.
स्टेट बैंक के पास 42 करोड़ बचत खाताधारक हैं. इनमें से 13 करोड़ बेसिक कम न्यूनतम जमा बचत खाते और जनधन योजना के तहत खुले खातों से न्यूनतम बचत न होने का जुर्माना नहीं लिया गया. उन्हें इससे मुक्त रखा गया.
यह रिपोर्ट अपने के बाद बचत खातों से पैसा काटने की वजह से भारतीय स्टेट बैंक की काफी आलोचना भी की गई थी.
बचत खाते में औसत न्यूनतम राशि नहीं रखने पर एसबीआई ने जुर्माना कम किया
भारतीय स्टेट बैंक ने बचत खाते में न्यूनतम औसत मासिक राशि (एएमबी) नहीं रखने पर लगाए जाने वाले दंड शुल्क को तीन चौथाई से भी कम कर दिया है. शुल्क की नई दरें एक अप्रैल से प्रभावी होंगी.
मेट्रो और शहरी क्षेत्र में न्यूनतम औसत मासिक राशि कम होने पर पहले बैंक 50 रुपये मासिक दंड और उसके साथ माल एवं सेवाकर (जीएसटी) वसूल करता था. अब इसे घटाकर 15 रुपये और जीएसटी कर दिया गया है.
इससे बैंक के 25 करोड़ ग्राहकों को लाभ होगा.
बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अर्द्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में न्यूनतम औसत मासिक राशि कम होने पर दंड शुल्क 40 रुपये की जगह 12 रुपये और जीएसटी एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए 10 रुपये और जीएसटी कर दिया गया है.
बैंक के प्रबंध निदेशक (खुदरा एवं डिजिटल बैंकिंग) पीके गुप्ता ने कहा, ‘बैंक ने इन दरों में यह कटौती ग्राहकों से मिली प्रतिक्रिया एवं उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए की है.’
इसके अलावा बैंक अपने ग्राहकों को उनके नियमित बचत खाते को प्राथमिक बचत बैंक जमा खाते (बीएसबीडी) में परिवर्तित कराने का विकल्प भी दे रहा है. इन खातों में जमा राशि कम होने पर भी दंड नहीं लगता.
अटल पेंशन योजना
भारत सरकार का सह योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 के लिए यानी 5 साल के लिए उन ग्राहकों को उपलब्ध है जो 1 जून, 2015 से 31 मार्च, 2016 की इस अवधि के दौरान इस योजना में शामिल होते हैं और जो किसी भी वैधानिक और सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल नहीं हैं एवं आयकर दाताओं में शामिल नहीं हैं। सरकार का सह-योगदान पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा पात्र स्थायी सेवानिवृत्ति खाता पेंशन संख्या को केंद्रीय रिकार्ड एजेंसी से ग्राहक द्वारा वर्ष के लिए सभी किस्तों का भुगतान की पुष्टि प्राप्त करने के बाद वित्तीय वर्ष के अंत में लिए ग्राहक के बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये का एक अधिकतम अंशदान जमा किया जाएगा। वैसे लाभार्थी जो वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत आते हैं, एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित अधिनियमों के तहत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्य एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हो सकते है:
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और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952
- कोयला खान भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1948
- असम चाय बागान भविष्य निधि और विविध प्रावधान, 1955
- नाविक भविष्य निधि अधिनियम, 1966
- जम्मू-कश्मीर कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1961
- कोई भी अन्य वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना
अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन की इस अर्थ में सरकार द्वारा की गारंटी होगी कि यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न अंशदान की अवधि के दौरान कम हुआ तो इस तरह की कमी को सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। दूसरी ओर, यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न न्यूनतम गारंटी पेंशन के लिए योगदान की अवधि में रिटर्न की तुलना में अधिक हैं तो इस तरह के अतिरिक्त लाभ ग्राहक के खाते में जमा किया जायेगा जिससे ग्राहकों को बढ़ा हुआ योजना लाभ मिलेगा।
सरकार कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये प्रति साल जो भी कम हो का सह-योगदान प्रत्येक पात्र ग्राहक को करेगी जो इस योजना में 1 जून 2015 से 31 मार्च 2016 के बीच शामिल होते हैं और जो किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के एक लाभार्थी नहीं है एवं आयकर दाता नहीं है। सरकार के सह-योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक 5 साल के लिए दिया जाएगा।
वर्तमान में, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत ग्राहक योगदान एवं उसपर निवेश रिटर्न के लिए के लिए कर लाभ पाने के पात्र है। इसके अलावा, एनपीएस से बाहर निकलने पर वार्षिकी की खरीद मूल्य पर भी कर नहीं लगाया जाता है और केवल ग्राहकों की पेंशन आय सामान्य आय का हिस्सा मानी जाती है उसपर ग्राहक के लिए लागू उचित सीमांत दर लगाया जाता है। इसी तरह के कर उपचार एपीवाई के ग्राहकों के लिए लागू है।
- बैंक शाखा/पोस्ट ऑफिस जहां व्यक्ति का बचत बैंक है को संपर्क करें या यदि खाता नही है तो नया बचत खाता खोलें
- बैंक/डाकघर बचत बैंक खाता संख्या उपलब्ध करायें और बैंक कर्मचारियों की मदद से एपीवाई पंजीकरण फार्म भरें
- आधार/मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएं । यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन योगदान के बारे में संचार की सुविधा हेतु प्रदान की जा सकती है।
- मासिक/तिमाही/छमाही योगदान के हस्तांतरण के लिए बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में आवश्यक राशि रखना सुनिश्चित करें
योगदान की विधि, कैसे योगदान करें और योगदान की नियत तारीख
निरंतर चूक के मामले में
ग्राहकों को अपने बचत बैंक खातों/डाकघर बचत बैंक खाते में निर्धारित नियत दिनांक देरी योगदान के लिए किसी भी अतिदेय ब्याज से बचने के लिए पर्याप्त राशि रखनी चाहिए। मासिक/तिमाही/छमाही योगदान बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में महीने/तिमाही/छमाही की पहली तारीख को जमा किया जा सकता है। हालांकि, अगर ग्राहक के बचत बैंक खाते/डाकघर बचत बैंक खाते में पहले महीने के अंतिम दिन/पहले तिमाही के अंतिम दिन/ पहले छमाही के अंतिम अपर्याप्त शेष है तो इसे एक डिफ़ॉल्ट माना जायेगा और देरी से योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के साथ अगले महीने में भुगतान करना होगा। बैंकों को प्रत्येक देरी मासिक योगदान के लिए प्रत्येक 100 रुपये में देरी के 1 रुपये प्रति माह शुल्क लेना है। योगदान की तिमाही/छमाही मोड के लिए देरी योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के हिसाब से वसूल किया जाएगा। एकत्र बकाया ब्याज की राशि ग्राहक के पेंशन कोष के हिस्से के रूप में रहेगा। एक से अधिक मासिक/तिमाही/छमाही योगदान धन की उपलब्धता के आधार पर लिया जा सकता है। सभी मामलों में, योगदान यदि कोई हो अतिदेय राशि के साथ-साथ जमा किया जा सकता है। यह बैंक की आंतरिक प्रक्रिया होगी। देय राशि की वसूली खाते में उपलब्ध धन के अनुसार की जाएगी।
रखरखाव शुल्क और अन्य संबंधित शुल्कों के लिए ग्राहकों के खाते से कटौती एक आवधिक आधार पर किया जाएगा। उन ग्राहकों के लिए जिन्होंनें सरकार के सह-योगदान का लाभ उठाया है के लिए, खाते की राशि शून्य माना जाएगा जब ग्राहक कोष एवं सरकार के सह-योगदान खाते से घटाने पर राशि रखरखाव शुल्क, फीस और अतिदेय ब्याज के बराबर हो जाये और इसलिए शुद्ध कोष शून्य हो जाता है । इस मामले में सरकार का सह अंशदान सरकार को वापस दिया जाएगा।
कम न्यूनतम जमा
- • उपयोगकर्ता को आईआरसीटीसी ई-वॉलेट पंजीकरण के लिए पैन या आधार का सत्यापन करने का विकल्प होगा।
सत्यापन पैन या आधार के माध्यम से किया जा सकता है। कृपया सफल सत्यापन के लिए सही जानकारी प्रदान करें। आधार के जरिए सत्यापन में, केवाईसी की प्रतिक्रिया उपयोगकर्ता के आईआरसीटीसी प्रोफाइल में संग्रहित की जाएगी।
- उपयोगकर्ता के सत्यापन के बाद, आईआरसीटीसीई-वॉलेट पंजीकरण शुल्क के भुगतान के लिए पेमेंट पेज दिखाई देगा।
- आरक्षण के समय आवशयक लेन-देन पासवर्ड बनाएं और टेक्स्टबॉक्स में दिए गए पासवर्ड से कंफर्म करें।
- उपलब्ध भुगतान विकल्पों की सूची से पंजीकरण शुल्क के भुगतान के लिए बैंक का चयन करें।
- पंजीकरण शुल्क धन वापसी में नहीं आता।
- सफल भुगतान के बाद सफल पंजीकरण का संदेश दिया जाएगा।
आईआरसीटीसी ई-वॉलेट जमा
- अपना उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड दर्जकर लॉगइन करें।
- आईआरसीटीसी ई-वॉलेट खाते में धनराशि जमा करने के लिए बाएं नेविगेशन बार पर ‘आईआरसीटीसी ई-वॉलेट जमा ’ लिंक पर क्लिक करें। विकल्प का चयन करें और धनराशि जमा करें और उसी खाते को कंफर्म करें। धनराशि न्यूनतम धनराशि से ज्यादा और अधिकतम धनराशि से कम होनी चाहिए ।
- ड्रॉप डाउन सूची से भुगतान विकल्प का चयन करें और भुगतान के लिए प्रस्तुत करें बटन पर क्लिक करें ।
- उपयोगकर्ता न्यूनतम 100 रूपए जमा कर सकता है और अधिकतम 10,000 रूपए तक अपने खाते में रख सकता है।
- उपयोगकर्ता 100 रूपए के गुणात्मक में खाते में धनराशि जमा कर सकता है।
- जमा की गई धनराशि वापिस नहीं होगी।
- सफल जमा के बाद सफल भुगतान का संदेश भेजा जाएगा।
- आईआरसीटीसी ई-वॉलेट खाते में जमा की स्थिति जांचने के लिए बाएं नेविगेशन बार में ‘जमा इतिहास’ लिंक पर क्लिक करें। प्रोफाइल पासवर्ड डालें और ‘जाएं’ बटन पर क्लिक करें।
- उपयोगकर्ता ‘जमा इतिहास’ पेज पर चला जाएगा जहां आईआरसीटीसी ई-वॉलेट खाते की पूरी धनराशि की स्थिति दिखाई देगी।
आईआरसीटीसी ई-वॉलेट लेन-देन
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आईआरसीटीसी ई-वॉलेट धनवापसी स्थिति
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- लेन-देन आईडी पर क्लिक करके आरक्षण का विवरण देखा जा सकता है।
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एक बार जब उपयोगकर्ता यात्रा योजना बनाता है और पेमेंट गेटवे पेज पर पहुंचता है तो अन्य भुगतान विकल्पों के बीच आईआरसीटीसी ई-वॉलेट भगुतान विकल्प के रुप में दिखाई देता है।
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लेन-देन कंफर्म करने के लिए उपयोगकर्ता को आईआरसीटीसी के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी उपलब्ध कराना होगा । प्रत्येक आईआरसीटीसी ई-वॉलेट लेन-देन के लिए अतिरिक्त आईआरसीटीसी ई-वॉलेट शुल्क के रुप में 10 रुपए + सेवाकर लिए जाएंगे । बुकिंग की अनुमति केवल तभी होगी जबकि टिकट की राशि खाते की राशि से कम होगी ।