ट्रेडिंग विचार

Stock Market में कैसे इन्वेस्ट करें

Stock Market में कैसे इन्वेस्ट करें

वर्ष 2022 में उच्च रिटर्न देने वाले भारत में शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान

उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्प

उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्प

निवेश भारत में संपत्ति बनाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है. यह महंगाई को हराने, फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने और अपने आर्थिक भविष्य को स्थिर बनाने में मदद करता है. अपने बैंक अकाउंट में पैसे को रखने की बजाय, आप स्टॉक्स, शेयर्स, म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे विभिन्न विकल्पों में इन्वेस्ट कर सकते हैं.

यह आपको फाइनेंशियल लक्ष्यों को प्राप्त करने और भारत के टॉप इन्वेस्टमेंट विकल्पों में इन्वेस्ट करके सुरक्षित जीवन जीने के लिए, भविष्य के लिए फाइनेंशियल सुरक्षा बनाने में मदद कर सकता है.

मार्केट में कुछ इन्वेस्टमेंट प्लान हैं, जिनमें उच्च स्तर के जोखिम होते हैं और अन्य एसेट क्लास की तुलना में लॉन्ग-टर्म में लाभकारी रिटर्न जनरेट करने की क्षमता होती है.

कई इन्वेस्टमेंट प्लान उपलब्ध होने के कारण, सही विकल्प चुनना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. नीचे कुछ इन्वेस्टमेंट प्लान दिए गए हैं, जो सेविंग को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.

भारत में सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान

अगर आप सोच रहे हैं कि पैसे कहां इन्वेस्ट करें, तो यहां कुछ प्रकार के इन्वेस्टमेंट दिए गए हैं जिन्हें आप चुन सकते हैं:

स्टॉक्स

स्टॉक किसी कंपनी या इकाई के स्वामित्व में हिस्सेदारी को दर्शाते हैं. स्टॉक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर के लिए ज़्यादा रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक हैं. लेकिन, ये मार्केट के उतार-चढ़ाव से जुड़े होते हैं, इसलिए पूंजी की हानि का जोखिम हमेशा बना रहता है.

फिक्स्ड डिपॉजिट

जोखिम से बचने वाले इन्वेस्टर के लिए, फिक्स्ड डिपॉजिट एक आदर्श इन्वेस्टमेंट विकल्प है. एफडी आपके डिपॉजिट पर सुरक्षित रिटर्न प्रदान करती है और इस पर मार्केट के उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. उच्च-जोखिम लेने वाले इन्वेस्टर भी अपने पोर्टफोलियो को स्थिर बनाने के लिए एफडी, आरईआईटीएस और क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने का विकल्प चुनते हैं.

म्यूचुअल फंड

म्यूचुअल फंड, फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किए जाने वाले इन्वेस्टमेंट टूल्स हैं, जो लोगों के पैसे को संग्रह करते हैं और विभिन्न कंपनियों के स्टॉक और बॉन्ड में इन्वेस्ट करते हैं, ताकि रिटर्न मिल सके. आप शुरुआत में छोटी डिपॉजिट राशि से शुरू करके भी अच्छा-खासा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.

सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम

रिटायर हो चुके लोगों के लिए सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम एक लॉन्ग-टर्म सेविंग विकल्प है. यह उन लोगों के लिए एक आदर्श विकल्प है जो रिटायरमेंट के बाद एक स्थिर और सुरक्षित आय प्राप्त करना चाहते हैं.

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड

पीपीएफ भारत में एक विश्वसनीय इन्वेस्टमेंट प्लान है. इन्वेस्टमेंट प्रति वर्ष मात्र रु. 500 से शुरू है और इन्वेस्ट किए गए मूलधन, अर्जित ब्याज़ और मेच्योरिटी राशि पर टैक्स से छूट दी जाती है. इसका लॉक-इन पीरियड 15 वर्षों का है, जिसमें विभिन्न पड़ावों पर आंशिक निकासी की अनुमति दी जाती है.

एनपीएस

एनपीएस, लाभदायक सरकार समर्थित इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक है, जो पेंशन के विकल्प प्रदान करता है. आपके फंड बॉन्ड, सरकारी सिक्योरिटीज़, स्टॉक और अन्य इन्वेस्टमेंट विकल्पों में इन्वेस्ट किए जाते हैं. लॉक-इन अवधि इन्वेस्टर की आयु द्वारा निर्धारित की जाती है, क्योंकि जब तक इन्वेस्टर 60 वर्ष की आयु का नहीं होता, तब तक यह स्कीम मेच्योर नहीं होती है.

रियल एस्टेट

रियल एस्टेट, भारत के सबसे तेज़ी से बढ़ते सेक्टर्स में से एक है, जिसमें बेहतरीन संभावनाएं हैं. भारत के कई इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से फ्लैट या प्लॉट खरीदना भी सर्वश्रेष्ठ विकल्प में से एक है. क्योंकि प्रॉपर्टी की दर हर छह महीने में बढ़ सकती है, इसलिए जोखिम कम होता है और रियल एस्टेट एक ऐसे एसेट के रूप में काम करता है, जो लंबे समय में उच्च रिटर्न प्रदान करता है.

गोल्ड बॉन्ड्स

सोवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकारी सिक्योरिटीज़ हैं, जो सोने के ग्राम में मूल्यांकित किया जाता है. रिज़र्व बैंक, भारत सरकार की ओर से फिज़िकल गोल्ड रखने के विकल्प के रूप में बांड जारी करता है. इन्वेस्टर को कैश में इश्यू प्राइस का भुगतान करना होता है, और मेच्योरिटी पर बॉन्ड को कैश में रिडीम किया जा सकता है.

आरईआईटीएस

आरईआईटी, या रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, ऐसी कंपनियां होती हैं, जो कई प्रॉपर्टी सेक्टर में, आय प्रदान करने वाले रियल एस्टेट का मालिक होती हैं या फाइनेंस करती है. इन रियल एस्टेट कंपनियों को आरईआईटी के रूप में पात्रता प्राप्त करने के लिए कई आवश्यकताओं को पूरा करना होता है. अधिकांश आरईआईटी प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होता है, जो इन्वेस्टर को कई लाभ प्रदान करता है.

क्रिप्टो

क्रिप्टोकरेंसी, या क्रिप्टो, करेंसी का एक रूप है, जो डिजिटल या वर्चुअल रूप से मौजूद है और ट्रांज़ैक्शन सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग होता है. क्रिप्टोकरेंसी के पास केंद्र द्वारा जारी होने या विनियमित किए जाने वाला प्राधिकरण नहीं है; बल्कि ट्रांजैक्शन को रिकॉर्ड करने और नई यूनिट जारी करने के लिए डिसेंट्रलाइज़्ड सिस्टम का उपयोग किया जाता है.

आपको अपने पैसे कहां इन्वेस्ट करने चाहिए?

अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर, आप या तो मार्केट-लिंक्ड या मार्केट से अप्रभावित रहने वाले इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करने का विकल्प चुन सकते हैं. मार्केट से जुड़े इन्वेस्टमेंट में अधिक रिटर्न मिलते हैं, लेकिन ये हमेशा सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान नहीं होते क्योंकि इनमें पूंजी खोने का जोखिम रहता है. तुलना में, फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे इन्वेस्टमेंट टूल, फंड की अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं. बजाज फाइनेंस एक ऐसा फाइनेंसर है जो उच्च एफडी दरों और फंड की सुरक्षा का दोहरा लाभ प्रदान करता है.

जोखिम उठाने की क्षमता आपके इन्वेस्टमेंट के विकल्पों को किस तरह प्रभावित करती है

अधिकांश इन्वेस्टमेंट विकल्पों में कुछ अस्थिरता होती है, और आमतौर पर जब जोखिम का स्तर अधिक होता है, तो इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न भी अधिक होता है. इसलिए, अक्सर Stock Market में कैसे इन्वेस्ट करें इन्वेस्टमेंट के निर्णय इन्वेस्टर्स की जोखिम क्षमता के आधार पर लिए जाते हैं.

कम जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: फिक्स्ड-इनकम विकल्पों में बॉन्ड, डिबेंचर, फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम, और सरकारी सेविंग स्कीम शामिल हैं.

मध्यम-जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: डेट फंड, बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड, और इंडेक्स Stock Market में कैसे इन्वेस्ट करें फंड इस कैटेगरी में आते हैं.

अधिक जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: अस्थिरता वाले इन्वेस्टमेंट में स्टॉक और इक्विटी म्यूचुअल फंड जैसे विकल्प शामिल हैं.

बजाज फाइनेंस एफडी सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक क्यों है

  • प्रति वर्ष 7.85% तक की उच्च ब्याज़ दरें. द्वारा एफएएए और इकरा द्वारा एमएएए की उच्चतम सुरक्षा रेटिंग के साथ समय-समय पर भुगतान का विकल्प
  • समय से पहले निकासी से बचने के लिए एफडी पर लोन

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10 रुपये से कम के इन छोटे शेयरों का बड़ा कमाल, एक हफ्ते में ही कर दिए मालामाल

टाइटन, एचडीएफसी, विप्रो, एलएंडटी, टाटा स्टील, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे दिग्गज स्टॉक जहां लाल निशान पर थे तो 10 रुपये से कम के कुछ शेयर 9 से 10 फीसद की उछाल के साथ कारोबार कर रहे थे।

10 रुपये से कम के इन छोटे शेयरों का बड़ा कमाल, एक हफ्ते में ही कर दिए मालामाल

शेयर बाजार में आज बड़े शेयरों में गिरावट के बीच छोटे शेयर कमाल का रिटर्न दे रहे हैं। गुरुवार दोपहर दो बजे तक सेंसेक्स 443 अंक टूट कर 59167 के स्तर पर आ गया था। टाइटन, एचडीएफसी, विप्रो, एलएंडटी, टाटा स्टील, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे दिग्गज स्टॉक जहां लाल निशान पर थे तो 10 रुपये से कम के कुछ शेयर 9 से 10 फीसद की उछाल के साथ कारोबार कर रहे थे।आज ऐसे 10 स्टाक्स के बारे जानें, जिन्होंने अपने निवेशकों को तगड़ा मुनाफा कमवा रहे हैं.

1. दोपहर दो बजे तक Excel Realty N Infr दस फीसद की उछाल के साथ 8.25 रुपये पर कारोबार कर रहा था। यह स्टॉक पिछले एक हफ्ते में 22.22 फीसद का रिटर्न दे चुका है।

2. तगड़ा मुनाफा कमवाने वाले छोटे शेयरों में दूसरे नंबर पर है Kridhan Infra जैसा स्टॉक। आज यह 9.91 फीसद उछल कर 6.10 रुपये पर पहुंच गया। पिछले एक हफ्ते में यह 31.18 फीसद चढ़ा है।

3. निवेशकों की झोली भरने में पेनी स्टॉक Country Club Hospit भी पीछे नहीं है। आज यह 9.82 फीसद उछल कर 8.95 रुपये पर पहुंच गया है। इस Stock Market में कैसे इन्वेस्ट करें स्टॉक ने पिछले एक हफ्ते में 20.13% का रिटर्न दिया है।

4. मुनाफा कमवाने वाले शेयरों में आज चौथे नंबर पर है Shrenik. आज 9.80 फीसद चढ़कर यह शेयर 2.80 रुपये पर पहुंच गया है। एक हफ्ते में यह 14.29% उछला Stock Market में कैसे इन्वेस्ट करें है।
5. आज Prakash Steelage के शेयरों में 9.73 की उछाल दर्ज की जा रही है। यह स्टॉक अब 6.20 रुपये पर पहुंच गया है। इसने पिछले एक हफ्ते में 20 फीसद तक रिटर्न दिया है।

इनके अलावा आज मुनाफा कमाने वाले पेनी स्टॉक्स की लिस्ट में BAG Films, Gyscoal Alloys , Gammon Infra, SITI Networks, Kaushalya Infra, Sumeet Ind, Setubandhan Infra के भी नाम हैं।

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है. यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

काम की खबर: नजारा का IPO तो खुला, लेकिन जानिए कैसे करें IPO में निवेश, डीमैट अकाउंट है जरूरी

हमारे देश में बचत के पैसे लगाने यानी निवेश करने के कई तरीके हैं। इन्ही में से एक है 'इनीशियल पब्लिक ऑफर' यानि IPO। निवेश का ये तरीका आज कल ट्रेंड में है। अगर आप भी IPO में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं या करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये समझ लीजिए कि IPO क्या होता है? दरअसल, जब कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर्स छोटे-बड़े निवेशकों के लिए जारी करती है तो उसका जरिया IPO होता है। इसके बाद कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होती है।

IPO होता क्या है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपनी कंपनी के शेयर्स को लोगों को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। कंपनियों द्वारा ये IPO इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में आ सके। शेयर बाजार में उतरने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीदारी और बिकवाली शेयर बाजार में हो सकेगी। यदि एक बार कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाए तो फिर इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है। इसके बाद शेयर को खरीदने और बेचने से होने वाले फायदे और नुकसान में भागीदारी निवेशकों की होती है।

कंपनी IPO क्यों जारी करती है?
जब किसी कंपनी को अपना काम बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत होती है तो वह IPO जारी करती है। ये IPO कंपनी उस वक्त भी जारी कर सकती है जब उसके पास धन की कमी हो वह बाजार से कर्ज लेने के बजाय IPO से पैसा जुटाना चाहती हैं। शेयर बाजार में लिस्टेड होने के बाद कंपनी अपने शेयरों को बेचकर पैसा जुटाती है। बदले में IPO खरीदने वाले लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है। मतलब जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के खरीदे गए हिस्से के मालिक होते हैं।

क्या इसमें निवेश करने में रिस्क हो सकता है?
इसमें कंपनी के शेयरों की परफॉर्मेंस के बारे में कोई आंकड़े या जानकारी लोगों के पास नहीं होती है, इसलिए इसे थोड़ा रिस्की तो माना ही जाता है। लेकिन जो व्यक्ति पहली बार शेयर बाजार में निवेश करता है उसके लिए IPO बेहतर विकल्प है।

IPO में निवेश कैसे करें?
अगर आप IPO में इन्वेस्ट करना चाहते है तो उसके लिए आपको डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है। ये अकाउंट एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट और एक्सिस डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है। इसके बाद आपको जिस कंपनी में निवेश करना है उसमें आवेदन करें। निवेश के लिए जरूरी रकम आपके डीमैड एकाउंट से लिंक्ड एकाउंट में होनी चाहिए। निवेश की रकम तब तक आपके एकाउंट से नहीं कटती जब तक आपको शेयर अलॉट नहीं हो जाता।

जब भी कोई कंपनी IPO निकालती है उससे पहले इसका एक समय किया जाता है जो 3-5 दिन का होता है। उसी समय में उस कंपनी का IPO ओपन रहता है। जैसे शेयर मार्केट से हम एक, दो या अपने चुनाव से शेयर खरीदते है यहां ऐसा नहीं होता। यहां आपको कंपनी द्वारा तय किए गए लॉट में शेयर खरीदना होता है। ये शेयर की कीमत के हिसाब से 10, 20, 50, 100, 150, 200 या अधिक भी हो सकता है। वहां आपको 1 शेयर की कीमत भी दिखाई देती है।

IPO की कीमत कैसे तय होती है?
IPO की कीमत दो तरह से तय होती है। इसमें पहला होता है प्राइस बैंड और दूसरा फिक्स्ड प्राइस इश्यू ।

प्राइस बैंड कैसे?
शेयर की कीमत को फेस वैल्यू कहा जाता है। जिन कंपनियों को आईपीओ लाने की इजाजत होती है वे अपने शेयर्स की कीमत तय कर सकती हैं। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को सेबी और बैंकों को रिजर्व बैंक से अनुमति लेनी होती है। कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बुक-रनर के साथ मिलकर प्राइस बैंड तय करता है। भारत में 20% प्राइस बैंड की इजाजत है। इसका मतलब है कि बैंड की अधिकतम सीमा फ्लोर प्राइस से 20% से ज्यादा नहीं हो सकती है। फ्लोर प्राइस वह न्यूनतम कीमत है, जिस पर बोली लगाई जा सकती है। प्राइस बैंड उस दायरे को कहते हैं जिसके अंदर शेयर जारी किए जाते हैं। मान लीजिए प्राइस बैंड 100 से 105 का है और इश्यू बंद होने पर शेयर की कीमत 105 तय होती है तो 105 रुपए को कट ऑफ प्राइस कहा जाता है। अमूमन प्राइस बैंड की ऊपरी कीमत ही कट ऑफ होती है।

आखिरी कीमत
स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट अविनाश गोरक्षकर के अनुसार बैंड प्राइस तय होने के बाद निवेशक किसी भी कीमत के लिए बोली लगा सकता है। बोली लगाने वाला कटऑफ बोली भी लगा सकता है। इसका मतलब है कि अंतिम रूप से कोई भी कीमत तय हो, वह उस पर इतने शेयर खरीदेगा। बोली के बाद कंपनी ऐसी कीमत तय करती है, जहां उसे लगता है कि उसके सारे शेयर बिक जाएंगे।

अगर IPO में कंपनी के शेयर नहीं बिकते हैं तो क्या होगा?
अगर कोई कंपनी अपना IPO लाती है और निवेशक शेयर नहीं खरीदता है तो कंपनी अपना IPO वापस ले सकती है। हालांकि कितने प्रतिशत शेयर बिकने चाहिए इसको लेकर कोई अलग नियम नहीं है।

ज्यादा मांग आने पर क्या होगा?
मान लीजिए कोई कंपनी IPO में अपने 100 शेयर लेकर आई है लेकिन 200 शेयरों की मांग आ जाती है तो कंपनी सेबी द्वारा तय फॉर्मूले के हिसाब से शेयर अलॉट होते हैं। कंप्यूटराइज्ड लॉटरी के जरिए आई हुई अर्जियों का चयन होता है। इसके अनुसार जैसे किसी निवेशक ने 10 शेयर मांगे हैं तो उस 5 शेयर भी मिल सकते हैं या किसी निवेशक को शेयर नहीं मिलना भी संभव होता है।

शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

How to open a Demat Account : डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है. इसके लिए सबसे पहले आपको एर फॉर्म ऑनलाइन भरना होता है. जिसके बाद ई वेरिफिकेशन होता है. ये प्रोसेस पूरी होते ही आपका डीमैट खाता खुल जाता है.

शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर Stock Market में कैसे इन्वेस्ट करें की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.

तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.

क्या होता है डीमैट खाता

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जिस तरह Stock Market में कैसे इन्वेस्ट करें से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.

डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.

कैसे खोलें डीमैट खाता

- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.

- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.

- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद Stock Market में कैसे इन्वेस्ट करें इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.

- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.

- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.

कौन खोलेगा डीमैट खाता

इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.

जरूरी शर्तें

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.

Earn Money From Stock Market : बिना निवेश के शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाएं ?

Earn Money From Stock Market

स्टॉक मार्केट (stock market) से पैसा तो हर कोई कमाना चाहता है लेकिन शेयर मार्केट में इन्वेस्ट (invest in share market) करने से भी सभी डरते हैं. शेयर मार्केट में इंवेस्टमेंट (share market investment) करना बहुत ही आसान है लेकिन यहाँ रिस्क भी बहुत होता है. शेयर के प्राइस (share price) बढ़ने के साथ ही इन्वेस्टर को प्रॉफिट होता है तो वहीँ शेयर के प्राइस कम होने पर इन्वेस्टर को लोस का सामना करना पड़ता है.

यदि आप भी स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट (how to invest in share market) करना चाहते हैं और पैसा कमाना चाहते हैं. तो आपको इसके पहले शेयर बाजार के बारे में कुछ चीजें जान लेना बहुत ही जरुरी है. जैसे कि स्टॉक क्या है ? स्टॉक मार्केट यानि शेयर बाजार क्या होता है ? शेयर बाजार में इंवेस्ट कैसे करते हैं ? बिना इंवेस्टमेंट यानि निवेश के शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाएं ?

What is stock? What is stock market ie stock market? How to invest in share market? How to Stock Market में कैसे इन्वेस्ट करें earn money from stock market without investment? Earn Money From Stock Market in hindi ? Earn Money From Stock Market ?

शेयर क्या है? what is share ?

‘शेयर यानि हिस्सा’, इस शब्द से ही आपको यह समझ आ गया होगा कि शेयर यानि हिस्सा Stock Market में कैसे इन्वेस्ट करें होता है. जैसे आप यदि किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो इसका मतलब है कि उस कंपनी में आपका हिस्सा है. उदाहरण से समझे तो मान लीजिए आपने टाटा का कोई शेयर ख़रीदा है. यानि अपने टाटा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी खरीदी है. आप इसे पार्टनरशिप भी कह सकते हैं. यानि कंपनी का मुनाफा अपना मुनाफा और कंपनी का नुकसान आपका नुकसान. “Company’s profit Your profit and Company’s loss Your loss”

शेयर कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं? जानिए कैसे करते हैं शेयर मार्केट में इंवेस्ट?

शेयर Stock Market में कैसे इन्वेस्ट करें मार्केट क्या होता है? what is share market ? share market definition ?

शेयर मार्केट (stock market) को स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) के नाम से भी जाना जाता है. इसके लिए आपको एक उदाहरण से समझते हैं. जिस तरह हमें घर का सामान खरीदने के लिए किराना स्टोर जाना होता है या जैसे हमें सब्जी या फल खरीदना हो तो हम मंडी जाते हैं. ठीक उसी तरह शेयर खरीदने के लिए या शेयर बेचने के लिए एक मार्केट होता है जिसे शेयर मार्केट (share market) कहा जाता है. इसे हम शेयर बाजार या स्टॉक एक्सचेंज भी कहते हैं. यहाँ आप अपने लिए शेयर खरीद और अपने शेयर बेच सकते हैं.

शेयर मार्केट में इंवेस्टमेंट (share market investment) करना हर किसी के बस की बात नहीं है. क्योंकि यहाँ पैसा बढ़ने से लेकर पिसा डूबने तक का खतरा रहता है. ऐसे में हम आपके लिए स्टॉक मार्केट से जुड़े कुछ ऐसा बिज़नेस लेकर आए हैं जिनके जरिए आप बिना इंवेस्टमेंट (income without investment) के भी काफी कमाई कर सकते हैं.

चलिए जानते हैं इन बिज़नेस आइडियाज के बारे में :

शेयर बाजार के ब्रोकर बन करें कमाई : become a broker of share market

ब्रोकर (stock broker) बनाकर आप 50 हजार रुपए महीने तक की कमाई कर सकते हैं. इसके लिए आपकी शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएशन होना चाहिए.

हम हमेशा से ही यह बात देख रहे हैं कि ज्यादातर लोग शेयर बाजार में सीधे इंवेस्ट करने की बजाय ब्रोकर के जरिए निवेश (investment in share market with broker) करते हैं. आप एक ब्रोकर के तौर पर काम करके काफी अच्छा पैसा या कहे कि 40 हजार से 50 हजार रुपए तक कमा सकते हैं. लेकिन ब्रोकिंग हाउस भी खोलना आसान नहीं है.

इसलिए आप किसी ब्रोकिंग हाउस से जुड़कर उसमें एक सब ब्रोकर का काम कर सकते हैं. एक ब्रोकर बनने के बाद आपकी कमाई आपके क्लाइंट पर निर्भर होती है. यानि यदि क्लाइंट छोटा है तो कमाई भी कम होगी और यदि क्लाइंट बड़ा है तो कमाई भी अच्छी होती है. इसके साथ ही यदि आप सब ब्रोकर हैं तो आपको ब्रोकिंग हाउस से भी कमीशन अच्छा मिल जाता है.

शेयर मार्केट से पैसा कैसे कमाए ? शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कैसे करें ?

एक सब ब्रोकर बनने के लिए आपके पास ग्रेजुएशन की डिग्री होना चाहिए. इसके साथ ही आपका नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National stock exchange) का सर्टिफिकेट कोर्स पूरा करना जरुरी है जिसका सर्टिफिकेट जरुरी होती है. हालाँकि यह कोर्स करना आसान है. यह कोर्स एनएसईएल (National Spot Exchange Limited) के द्वारा कराया जाता है.

आपको क्लाइंट्स के पोर्टफोलियो की समझ होना चाहिए ताकि आप अपने क्लाइंट को समझ सकें कि वे किस तरह से अपने पैसे को इंवेस्ट कर सकता है. क्योंकि अपने क्लाइंट्स के लिए शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर ही करता है.

इसके अलावा आप यदि किसी ब्रोकिंग हाउस से कुछ दिनों की ट्रेनिंग लेते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही अच्छा साबित हो सकता है.

ब्रोकिंग हाउस की फ्रैंचाइजी : broking house franchise :

किसी भी ब्रोकिंग हाउस की फ्रैंचाइजी (broking house franchise) ओपन करके ने लिए आपको एनएसई से सर्टिफिकेट (certificate from NSE) लेना बहुत ही जरुरी है. इसके जरिए आप अच्छी कमाई को अंजाम दे सकते हैं. इसके लिए भी आपको शेयर मार्केट में इंवेस्ट करने की जरुरत नहीं है. क्योंकि आपको कई ब्रोकिंग कंपनियों से सम्पर्क करना होता है जोकि आपको आपके काम के हिसाब से 20 हजार रुपए तक देती हैं.

यदि आपकी ब्रोकिंग हाउस की फ्रैंचाइजी का टर्नओवर अच्छा है तो आप इससे लाखों तक की कमाई कर सकते हैं.

ब्रोकिंग हाउस की फ्रैंचाइजी लेने पर आपको कुछ रकम डिपाजिट करना होती है. लेकिन आपको क्लाइंट्स की तरफ से ट्रेडिंग किए जाने पर ब्रोकिंग चार्ज में कमीशन भी दिया जाता है जिससे आपको प्रॉफिट होता है.

इस कंपनी के मालिक कभी सड़कों पर बेचते थे गुब्बारे, आज 80 हजार का बिकता है एक शेयर

डिमैट अकाउंट खोलें :

ब्रोकर बनने के अलावा आप लोगों के डिमैट अकाउंट खोलने का काम भी कर सकते हैं. यह काम करके भी आप काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं. एक डिमैट अकाउंट खुलवाने पर आप 200 रुपए से लेकर 500 रुपए तक की कमाई कर सकते हैं. स्टॉक मार्केट में इंवेस्टमेंट करने के लिए आपका डिमैट अकाउंट होना जरुरी होता है. इसलिए आप यदि लोगों के डिमैट अकाउंट खोलते हैं तो यह भी बिज़नेस का अच्छा आप्शन है.

हालाँकि डिमैट अकाउंट खुलवाने का काम आमतौर पर ब्रोकिंग हाउस या बैंक का होता है लेकिन आप यदि चाहे तो पर्सनली भी यह काम कर सकते हैं. इसके लिए आपको बैंक से या ब्रोकिंग हाउस से सम्पर्क करना होगा और अपना काम शुरू करना होगा. इस काम को आप पार्ट टाइम के तौर पर भी कर सकते हैं.

सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर बनें : Certified Financial Planner :

यदि आप एक सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (CFP) बनते हैं तो इसके जरिए आप अपने बिज़नेस के शुरुआत में ही 2 लाख रुपए से लेकर 4 लाख रुपए तक हर साल कमा सकते हैं. हालाँकि सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (CFP) बनना इतना भी आसान नहीं है. क्योंकि इसकी एग्जाम काफी कठिन होती है.

CFP की डिग्री पाना कठिन होता है लेकिन यदि आप एक बार CFP की डिग्री ले लेते हैं तो आपकी कमाई की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है. CFP का सर्टिफिकेट आपके पास होने पर आपको जॉब मिलना भी काफी आसान हो जाता है.

सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (CFP) बनने के बाद बिज़नेस करना अधिक प्रॉफिट वाला साबित हो सकता है. विश्व में केवल 23 देश ही ऐसे हैं जहाँ सीएफपी सर्टिफिकेशन को मान्यता दी जाती है. भारत में भी अब इसके जरिए ही निवेश करने का चलन बढ़ रहा है. इसलिए सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (CFP) की डिमांड में भी तेजी आ रही है.

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अब आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा कि सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (CFP) कैसे बन सकते हैं ? तो हम आपको इसकी जानकारी देते हुए बता दें कि सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (CFP) बनने के लिए आपको नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की एग्जाम को पास करना जरुरी है.

इसके लिए आप अपने ग्रेजुएशन के बाद इस एग्जाम का हिस्सा बन सकते हैं. NSE पर यह एग्जाम ओनिने कंडक्ट की जाती है. इस एग्जाम में बैठने से पहले आपको किसी इंस्टिट्यूट से CFP की पढ़ाई कर लेना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि यह एग्जाम कठिन होती है.

हम अधिक जानकारी में आपको यह बता दें कि सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (CFP) का कोर्स फाइनेंशियल प्लानिंग स्टैंडर्ड बोर्ड ऑफ इंडिया, इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ फाइनेंशियल प्लानिंग आदि के द्वारा करवाया जाता है. इसके अलावा अन्य भी कुछ यूनिवर्सिटी हैं जहाँ से आप यह कोर्स कर सकते हैं.

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