भारतीय निवेशक

TV9 Bharatvarsh | Edited By: Neeraj Patel
FPI Investment in India: भारतीय कंपनियों से विदेशी भारतीय निवेशक निवेशक निकाल रहे पैसा, मजबूत डॉलर ने बिगाड़ा सेंटिमेंट
घरेलू मार्केट के लिए स्थिति अभी भी पॉजिटिव है क्योंकि इस पूरे महीने अब तक एफपीआई नेट बॉयर्स है यानी कि बिकवाली से अधिक खरीदारी हुई है।
FPI Investment in India: मजबूत डॉलर और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड बढ़ने के चलते विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी मार्केट से पैसा निकाल रहे हैं। मौजूदा मैक्रोइकनॉमिक परिस्थितियों के चलते भारतीय बाजार में FPI (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) का निवेश प्रभावित हो रहा है। एफपीआई का निवेश बहुत उतार-चढ़ाव भरा दिख रहा। पिछले कारोबारी सप्ताह 19 सितंबर से 23 सितंबर की बात करें तो एफपीआई ने भारतीय शेयरों में निवेश से अधिक बिकवाली की।
ओवरऑल बात करें तो घरेलू मार्केट के लिए स्थिति अभी भी पॉजिटिव है क्योंकि इस पूरे महीने अब तक एफपीआई नेट बॉयर्स है यानी कि बिकवाली भारतीय निवेशक से अधिक खरीदारी हुई है। हालांकि अगस्त के मुकाबले सितंबर में अब तक निवेश कम हुआ है।
भारतीय निवेशक
- कंपनी अधिनियम, 2013 की वर्किग तथा प्रशासन पर वार्षिक रिपोर्ट
- कंपनी अधिनियम, 2013 की वर्किग तथा प्रशासन पर वार्षिक रिपोर्ट
- कंपनी अधिनियम, 2013 की वर्किग तथा प्रशासन पर वार्षिक रिपोर्ट
- कंपनी अधिनियम, 1956 की वर्किग तथा प्रशासन पर वार्षिक रिपोर्ट
- वार्षिक रिपोर्ट
- विविध
- पावती तथा संवितरण का विवरण
- कंपनी विधि पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट
- भारतीय घरेलू निवेशक सर्वेक्षण-2004
- वैश्य समिति रिपोर्ट
- कंपनी अधिनियम की धारा 620ए के तहत निधि कंपनियों की रिपोर्ट
मेक इन इंडिया
भारतीय अर्थव्यवस्था देश में मजबूत विकास और व्यापार के समग्र दृष्टिकोण में सुधार और निवेश के संकेत के साथ आशावादी रुप से बढ़ रही है । सरकार के नये प्रयासों एवं पहलों की मदद से निर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है । निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को 'मेक भारतीय निवेशक इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके।
'मेक इन इंडिया' मुख्यत: निर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है लेकिन इसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना भी है। इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है।
FPI Investment in India: भारतीय कंपनियों से भारतीय निवेशक विदेशी निवेशक निकाल रहे पैसा, मजबूत डॉलर ने बिगाड़ा सेंटिमेंट
घरेलू मार्केट के भारतीय निवेशक लिए स्थिति अभी भी पॉजिटिव है क्योंकि इस पूरे महीने अब तक एफपीआई नेट बॉयर्स है यानी कि बिकवाली से अधिक खरीदारी हुई है।
FPI Investment in India: मजबूत डॉलर और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड बढ़ने के चलते विदेशी निवेशक भारतीय भारतीय निवेशक इक्विटी मार्केट से पैसा निकाल रहे हैं। मौजूदा मैक्रोइकनॉमिक परिस्थितियों के भारतीय निवेशक चलते भारतीय बाजार में FPI (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) का निवेश प्रभावित हो रहा है। एफपीआई का निवेश बहुत उतार-चढ़ाव भरा दिख रहा। पिछले कारोबारी सप्ताह 19 सितंबर से 23 सितंबर की बात करें तो एफपीआई ने भारतीय शेयरों में निवेश से अधिक बिकवाली की।
ओवरऑल बात करें तो घरेलू मार्केट के लिए स्थिति अभी भी पॉजिटिव है क्योंकि इस पूरे महीने अब तक एफपीआई नेट बॉयर्स है यानी कि बिकवाली से अधिक खरीदारी हुई है। हालांकि अगस्त के मुकाबले सितंबर में अब तक निवेश कम हुआ है।
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