ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है

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शेयर मार्किट में स्टॉप लॉस क्या ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है होता है?
इसे सुनेंरोकेंStop Loss वह मूल्य है जो शेयर मार्केट में ट्रेडर को ज्यादा नुकसान होने से बचाता है। यह ट्रेडर्स के जोखिम को कम कर उन्हें सही समय पर मार्केट से बाहर निकलने की अनुमति देता है। शॉर्ट टर्म ट्रेड में स्टॉप लॉस की जरुरत और भी बढ़ जाती है क्योंकि यहां जोखिम की संभावना और भी ज्यादा होती है।
इसे सुनेंरोकेंस्टॉप-लॉस(Stop Loss Meaning in Hindi) वह प्राइस पॉइंट है जो आपको ट्रेड से बाहर निकलने में केवल विशिष्ट इकाइयों से दूर होता है। यदि आप एक बड़ा स्टॉप-लॉस लगाते हैं, तो आप करंट मार्केट प्राइस ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है के पास आ रहे हैं और इस प्रकार, ट्रेडिंग में बने रहने के लिए बहुत कम जगह छोड़ते हैं।
शेयर मार्केट में स्टॉप लॉस कैसे लगाए?
इसे सुनेंरोकेंपरसेंटेज मेथड (Percentage Method): ज्यादातर ट्रेडर Stop loss के लिए परसेंटेज नियम का पालन करते हैं। यह परसेंटेज नियम शेयर प्राइस का 10 प्रतिशत होता है। उदाहरण के लिए यदि शेयर प्राइस 100 रुपये है तो 100 रुपये का 10 प्रतिशत कम यानी 90 रुपये पर आप अपना Stop loss लगा सकते है।
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इसे सुनेंरोकेंस्टॉप-लॉस(Stop Loss Meaning in Hindi) वह प्राइस पॉइंट है जो आपको ट्रेड से बाहर निकलने में केवल विशिष्ट इकाइयों से दूर होता है। यदि आप एक बड़ा स्टॉप-लॉस लगाते हैं, तो आप करंट मार्केट प्राइस के पास आ रहे हैं और इस प्रकार, ट्रेडिंग में बने रहने के लिए बहुत कम जगह छोड़ते हैं।
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इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे
Soma Roy | Edited By: मनीष रंजन
Updated on: May 14, 2021 | 10:32 PM
लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.
क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.
डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.
डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
Stop Loss क्या होता है?
Stop Loss:- जब भी हम शेयर मार्केट में किसी शेयर को खरीदते हैं तो हमारा उद्देश्य होता है कि जब शेयर की किमत बढ़ जाएगी तब हम उसे बेच देंगे और उससे मुनाफा जो है वह कमा लेंगे, लेकिन हर समय ऐसा नहीं होता कभी-कभी शेयर की प्राइस हमारे खरीदने के बाद कम हो जाती है तो ऐसे नहीं हम क्या करें ऐसे में अगर हम शेयर को नहीं बेचते तो हमें और भी ज्यादा नुकसान हो सकता है इसी नुकसान को कम करने के लिए हम स्टॉपलॉस का उपयोग करते हैं जिसमें हमारे जो हमने खरीदा है उसकी प्राइस एक निश्चित से कम हो जाने पर शेयर ऑटोमेटिक सेल हो जाता है इसी प्राइज को हम स्टॉपलॉस कहते हैं!