कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं

रीइंश्योरेंस पॉलिसी जारी करना एक पेंचीदा काम है. इसके लिए कागजी कार्रवाई के रूप में बहुत अधिक प्रशासनिक कामों की जरुरत होती है. इसलिए ब्रोकर का काम ये होता है कि वो रीइंश्योरेंस कॅान्ट्रेक्ट के पॅालिसी नियमों का ध्यान से इवेल्यूएशन करे. इन प्रशासनिक कामों के लिए बाजार से संबंधित बहुत ज्यादा स्किल्ड और एक्सपीरियंस वाले इंसान की जरुरत होती है.
सबसे ज्यादा डिविडेंड कौन सी कंपनी देती है?
इसे सुनेंरोकेंITC Ltd:- हर साल अच्छा Dividend देनेवाला स्थिर कंपनी की बात करे सबसे पहला नाम आता है ITC Share। जो हर साल लगातार अपने शेयरहोल्डर को डिविडेंड देते आ रहे हैं। कंपनी ने इस साल 2021 में 2 बार Dividend पेमेंट किया हैं।
इसे सुनेंरोकेंकंपनी को एक साल में जो मुनाफा होता है उसको शेयरधारकों में बाँटा जाता है और इसे ही डिविडेंड कहते हैं। कंपनी अपने शेयरधारकों को डिविडेंड देती हैं। डिविडेंड प्रति शेयर के आधार पर दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर 2012-13 में इन्फोसिस ने हर शेयर पर 42 रुपये का डिविडेंड दिया था।
Dividend कब मिलता है?
इसे सुनेंरोकेंकंपनी के कुल मुनाफे में निवेशकों को दिया गया हिस्सा डिविडेंड (What is dividend) कहलाता है. डिविडेंड प्रति शेयर के हिसाब से दिया जाता है. मतलब जिस निवेशक के पास जितने ज्यादा शेयर होंगे उसकी डिविडेंड रकम उतनी ज्यादा होगी. लगातार बेहतर डिविडेंड का रिकॉर्ड रखने वाली कंपनी में निवेश सुरक्षित माना जाता है.
कौन से शेयर में निवेश करें?
इसे सुनेंरोकेंTop Stock Picks of 2022: एक्सपर्ट की राय में साल 2022 में बेहतर मुनाफे के लिए इन 5 शेयरों में निवेश किया जा सकता है. नए साल 2022 में निवेश के लिए बेहतरीन स्टॉक की बात करें तो ओएनजीसी, एसबीआई, गेल, एचडीएफसी बैंक और टीसीएस चार्ट पर मजबूत दिख रहे हैं.
इसे सुनेंरोकेंकुछ shortcut तरीका बताएं जिससे पता लगे किस कंपनी का stock अच्छा है जिसे हम खरीद कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। एक अच्छा शेयर का चुनाव करने से पहले हमें अपने आप से एक बात पूछना होगा कि हम शेयर को खरीद कर कितने दिनों तक रख सकते हैं। यानी हम लंबे समय के लिए शेयर खरीद रहे हैं या फिर एक-दो घंटे के लिए।
कौनसी कंपनी के शेयर खरीदे?
इसे सुनेंरोकेंनए साल 2022 में निवेश के लिए बेहतरीन स्टॉक की बात करें तो ओएनजीसी, एसबीआई, गेल, एचडीएफसी बैंक और टीसीएस चार्ट पर मजबूत दिख रहे हैं. Top 5 Stock Picks for 2022: इस साल स्टॉक मार्केट में निवेशकों को इक्विटी मार्केट से शानदार रिटर्न मिला लेकिन अगला साल अधिक चुनौती भरा रहने वाला है.
Dividend Paying Stocks in Sep: ये कंपनियां अपने शेयरहोल्डर्स को देंगी डबल मुनाफा, समझिए डिविडेंड का फंडा
डिविडेंड का मतलब होता है कंपनियों की कमाई के लाभ के कुछ हिस्से को शेयरहोल्डर्स के बीच बांटा जाता है. हिंदी में इसे लाभांश कहते हैं. यह लाभांश कंपनी के बोर्ड के डायरेक्टर तय करते हैं कि कंपनी के नेट प्रॉफिट का कितना प्रतिशत डिविडेंड में बांटा जाए.
शेयर बाजार में निवेश करने पर निवेशकों को एक तो शेयरों के वैल्यू पर कमाई होती है, वहीं एक और रास्ता होता है, जिससे उन्हें निवेश का फायदा मिलता है. शेयर बाजार में डिविडेंड एक टर्म होता है, जो निवेशकों को डबल फायदा दिलवा सकता है. डिविडेंड का मतलब होता है कंपनियों की कमाई के लाभ के कुछ हिस्से को शेयरहोल्डर्स के बीच बांटा जाता है. हिंदी में इसे लाभांश कहते हैं. वित्त वर्ष के अंत में कंपनियां अपने मुनाफे में से टैक्स और दूसरे खर्चों का पैसा अलग करने के बाद जो शुद्ध मुनाफा बनता है, उसमें से लाभांश अपने शेयरहोल्डर्स को देती हैं. यह लाभांश कंपनी के बोर्ड के डायरेक्टर तय करते हैं कि कंपनी के नेट प्रॉफिट का कितना प्रतिशत डिविडेंड में बांटा जाए.
डिविडेंड से जुड़ी कुछ अहम बातें जो आपको जाननी चाहिए
- कंपनियों के प्रॉफिट के कुछ हिस्से को पात्र शेयरहोल्डर्स के साथ शेयर करना डिविडेंड का डिस्ट्रीब्यूशन है. डिविडेंड का पेमेंट और अमाउंट कंपनी के बोर्ड डायरेक्टर तय करते हैं.
- प्रति शेयर पर मिलने वाले डिविडेंड या लाभांश को डिविडेंड यील्ड कहते हैं.
- ये डिविडेंड देना या न देना किसी भी कंपनी कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं का अपना फैसला होता है. ये अनिवार्य नियम नहीं है. पब्लिक सेक्टर की अधिकतर कंपनियां अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देती हैं. कुछ प्राइवेट कंपनियां भी डिविडेंड यील्ड देती हैं.
- यह डिविडेंड हर तिमाही के नतीजे के साथ दिया जाता है. कुछ कंपनियां साल की आखिरी तिमाही में एक बार ही डिविडेंड देती है, जिसे फाइनल डिविडेंड कहा जाता है.
- यह कंपनियों पर निर्भर करता है कि वो डिविडेंड कब देती हैं, कितना देती हैं और कितनी बार देती हैं. कुछ कंपनियां साल में एक बार तो कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं कुछ दो-तीन बार भी दे सकती हैं.
इस महीने आ सकते हैं कुछ चर्चित कंपनियों के डिविडेंड
LIC Housing Finance
फाइनेंशियल सेक्टर की बड़ी पीएसयू कंपनी एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस इस महीने अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड यील्ड दे सकती हैं. BSE के मुताबिक, कंपनी ने प्रति शेयर पर 8.50 रुपये का डिविडेंड देने की घोषणा की है. कंपनी के शेयर 13 सितंबर को दोपहर 3.30 बजे 436.50 रुपये पर बंद हुए. इसमें 1.05 अंक या 0.24% की तेजी दर्ज हुई थी. इसका एक्स-डेट 19 सितंबर, 2022 है.
Zee Entertainment
मीडिया कॉन्गलोमरेट ज़ी एंटरटेनमेंट प्रति शेयर 3 रुपये का डिविडेंड देगी. इसका एक्स डेट 15 सितंबर और रिकॉर्ड डेट 16 सितंबर है. इसका शेयर इस दौरान 0.24% या 0.65 अंक की तेजी के साथ 271 रुपये प्रति शेयर पर दर्ज हुआ.
Southern Gas Limited
सदर्न गैस लिमिटेड प्रति शेयर कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं 50 रुपये का डिविडेंड यील्ड देगा. इसका एक्स और रिकॉर्ड डेट दोनों ही 15 सितंबर हैं.
क्या है Reinsurance प्रोसेस, कंपनियां कब हायर करती हैं रीइंश्योरेंस ब्रोकर- जानें फायदे
एक रीइंश्योरेंस कॅान्ट्रेक्ट एक बीमा कंपनी और एक रीइंश्योरेंस कंपनी के बीच होता है. रिस्क को कम करने के लिए रीइंश्योरेंस ब्रोकर को सबसे अच्छा ऑप्शन माना जाता है.
कई मामलों में, बीमा कंपनियां रीइंश्योरेंस ब्रोकर की सेवाओं का यूज करके इन कंपनियों के साथ डील करती हैं. साधारण शब्दों में समझें तो रीइंश्योरेंस एक ऐसा इंश्योरेंस है जो एक इंश्योरेंस कंपनी खुद को रिस्क से बचाने के लिए खरीदती है. रीइंश्योरेंस की प्रोसेस मुश्किल हो सकती है. ये इंडिविजुअल पॉलिसी खरीदने जैसा नहीं है. जहां बहुत कम संख्या में ऑप्शन मिल जाते हैं. बीमा कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं कंपनियों की बैलेंस शीट पर बड़े रिस्क होते हैं. इन रिस्क को कम करने के लिए रीइंश्योरेंस ब्रोकर को सबसे अच्छा ऑप्शन माना जाता है. ये ब्रोकर बीमा करने का सबसे अच्छा और सस्ता तरीका खोजने में माहिर होते हैं. इसलिए कई बीमा कंपनियां अपनी सर्विस को ज्यादा अच्छा बनाने के लिए रीइंश्योरेंस ब्रोकरों को हायर करती हैं. इन ब्रोकरों का एक्सपीरियंस बीमा कंपनियों के बहुत काम आता है. ये ब्रोकर कमीशन के रूप में या फिक्स प्राइस के रूप में कमाई करते है. कभी-कभी रीइंश्योरेंस बिजनेस के लिए एक फिक्स राशि पर मिनिमम फिक्स प्राइस का भुगतान किया जाता है. और फिर रीइंश्योरेंस ब्रोकरों को उसी कंपनी के साथ अपना बिजनेस करने के लिए अच्छे-खासे कमीशन की पेशकश की जाती है.
रीइंश्योरेंस ब्रोकर कौन-कौन सी सुविधाएं देते हैं
पॅालिसी का सिलेक्शन
ऐसे कई तरीके हैं जिनमें अलग-अलग तरह की रीइंश्योरेंस पॅालिसी का इस्तेमाल करके एक ही रिस्क को कवर किया जा सकता है. रीइंश्योरेंस ब्रोकर को रीइंश्योरेंस पॅालिसी लेने का काफी एक्सपीरियंस होता है. अपने डेटा के आधार पर, वे बेहतर तरीके से जानते हैं कि किस तरह के रिस्क को कवर के लिए कौनसी पॅालिसी बढ़िया कवरेज देगी.
नेगोशिएटिंग रेट
रीइंश्योरेंस ब्रोकर कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं बड़ी संख्या में फर्मों के लिए रीइंश्योरेंस पॅालिसी खरीदते हैं. इसलिए रीइंश्योरेंस ब्रोकर बहुत सारे बिजनेस को कंट्रोल करते हैं. रीइंश्योरेंस कंपनियाँ इन ब्रोकर को स्पेशल रेट देती हैं. जो बीमा कंपनी के डायरेक्ट अपनी पॉलिसी को लाने पर उपलब्ध नहीं होती हैं.
प्रशासनिक कार्यों में सहायता
डिविडेंड यील्ड किसे कहते हैं?
किसी भी कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं शेयर का डिविडेंड यील्ड उस डिविडेंड का अनुपात होता हो जो शेयर धारकों को दिया जाता है। दोस्तों यह डिविडेंड आपके स्टॉक इंवेस्टमेंट पर आपकी पैसिव इनकम का जरिया हो सकती है ।
हमारे भारत में डिविडेंड इनकम दस लाख से कम हो तो टैक्स फ्री होता है। अगर आपको ये डोमेस्टिक कंपनी मतलब देश के अंदर की कंपनी से मिला है तो, सिर्फ शर्त ये है कि आप इस देश में रहते हो। हां इसमें एक बात ध्यान रखनी होगी कि अगर आप ट्रेडर हैं तो आप पर टैक्स लगेगा, लेकिन अगर आप इंवेस्टर हैं, और स्टॉक खरीद कर बहुत समय के लिए रखते हैं तो आपको टैक्स से राहत मिलेगी।
एनआरआई के लिए डिविडेंड पर टैक्स ।
इंडियन एनआरआई जो यहां की कंपनी के कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं शेयर फोरेन करेंसी में खरीदते हैं, तो उन्हें अपने डिविडेंड वाली कमाई पर दस से बीस प्रतिशत तक का कर देना पड़ता है। डिविडेंड की कमाई पर टैक्स का मुद्दा बहुत बड़ी चर्चा का विषय है, इसलिए अभी हम उसके बारे में बात नहीं करेंगे। वैसे दोस्तों आप बताईए कि आप इंडिया में रहते हैं या फिर आप एक एनआरआई हैं।
डिविडेंड इनकम को आप इस उदाहरण से और भी बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। मान लीजिए कि हमने मार्च 2009 में टीसीएस के दस शेयर खरीदे। तब उस कंपनी के एक शेयर का दाम 260 रुपया था। इस तरह टीसीएस कंपनी में हमने 2600 रुपए लगाए। फिर हमें उसी साल एक शेयर पर 14 रुपया डिविडेंड मिला तो हमारे पास दस शेयर के कुल 140 रुपये हो गए । फिर हमने अपने ये खरीदे हुए शेयर 2018 तक नहीं बेचे। इस दौरान सारे शेयर होल्डर्स को 1:1 का बोनस भी मिला और इस तरह टीसीएस कंपनी में हमारे पास 20 शेयर हो गए। हमको अब 2018 में एक शेयर पर 50 रुपये डिविडेंड मिला और हमारे पूरे एक हजार रूपए हो गए, ये बस सिर्फ हमारा डिविडेंड इनकम है, और हमारा खरीदा हुआ स्टॉक अब भी हमारे पास ही है। इस प्रकार डिविडेंड यील्ड अब 38.4% हो गया है, जो कि 2009 में सिर्फ 5.38% था। अगर कोई कंपनी इतने समय में इतना ग्रो करती है, तो इसको आप अपने इंवेस्टमेंट करने के पैसे पे लगा करके देख सकते हैं, कि आपको कितना रिटर्न मिलेगा।
Money Guru: तेजी के बाजार में कैसे मिलेगा मुनाफे का मोमेंटम? एक्सपर्ट से जानें मोमेंटम निवेश के फायदे
Zee Business हिंदी 1 दिन पहले स्वाति रैना
Money Guru: क्या आपको पता है कि फैक्टर इन्वेस्टिंग क्या होता है? इसमें आप अलग-अलग निवेश स्टाइल के साथ अपना पोर्टफोलियो बना सकते हैं. इसके साथ ही मोमेंटम स्ट्रैटजी जानना भी बहुत जरूरी है. हम आपको बताएंगे कि कैसे निवेशकों के लिए ये स्ट्रैटजी सही बैठती है. इसमें आपको पता चलेगी कि कैसे आप मोमेंटम स्टैटजी को पहचान सकते हैं और कैसे इसे अपनाया जा सकता है. ये सारी चीजें सुनने में बड़ी मुश्किल लग सकती हैं, लेकिन इसे आसान भाषा में समझाएंगे फिनफिक्स की फाउंडर प्रबलीन बाजपेयी और मॉर्निंगस्टार के डायरेक्टर मैनेज्ड पोर्टफोलियो धवल कपाड़िया.