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Moving Average Convergence Divergence (MACD) क्या है?

मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (एमएसीडी) क्या है? [What is Moving Average Convergence Divergence (MACD)? In Hindi]

मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस (एमएसीडी) एक ट्रेंड-फॉलोइंग मोमेंटम इंडिकेटर है जो एक सिक्योरिटी की कीमत के दो मूविंग एवरेज के बीच संबंध को दर्शाता है। एमएसीडी की गणना 12-अवधि के ईएमए से 26-अवधि के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (ईएमए) को घटाकर की जाती है।

उस गणना का परिणाम एमएसीडी लाइन है। एमएसीडी के नौ-दिवसीय ईएमए को "सिग्नल लाइन" कहा जाता है, फिर एमएसीडी लाइन के शीर्ष पर प्लॉट किया जाता है, जो सिग्नल खरीदने और बेचने के लिए ट्रिगर के रूप में कार्य कर सकता है। व्यापारी सुरक्षा खरीद सकते हैं जब एमएसीडी अपनी सिग्नल लाइन से ऊपर हो जाता है और जब एमएसीडी सिग्नल लाइन से नीचे हो जाता है तो सुरक्षा (Security) को बेचता है या कम करता है। मूविंग एवरेज कन्वर्जेन्स डाइवर्जेंस (एमएसीडी) संकेतकों की कई तरह से व्याख्या की जा सकती है, लेकिन अधिक सामान्य तरीके क्रॉसओवर, डाइवर्जेंस और तेजी से बढ़ते / गिरते हैं।

'मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस' की परिभाषा [Definition of 'moving average convergence divergence' In Hindi]

मूविंग एवरेज कन्वर्जेन्स डाइवर्जेंस, या एमएसीडी, तकनीकी विश्लेषण में उपयोग किए जाने वाले सबसे लोकप्रिय उपकरण या गति संकेतकों में अग्रणी संकेतक से एक है। इसे 1970 के दशक के अंत में गेराल्ड एपेल द्वारा विकसित किया गया था। इस सूचक का उपयोग दो समय अवधि अंतरालों के बीच अंतर की गणना करके गति और इसकी दिशात्मक ताकत को समझने के लिए किया जाता है, जो ऐतिहासिक समय श्रृंखला का संग्रह है। एमएसीडी में, दो अलग-अलग समय अंतरालों के 'मूविंग एवरेज' का उपयोग किया जाता है (अक्सर एक सुरक्षा के ऐतिहासिक समापन मूल्यों पर किया जाता है), और दो मूविंग एवरेज के अंतर को लेकर एक मोमेंटम ऑसिलेटर लाइन प्राप्त की जाती है, जिसे इस रूप में भी दर्शाया जाता है। 'भिन्नता'। दो चलती औसत लेने का सरल नियम यह है कि एक छोटी समय अवधि और दूसरी लंबी अवधि की होनी चाहिए। आम तौर पर, इस उद्देश्य के लिए एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (ईएमए) पर विचार किया जाता है।

Moving Average Convergence Divergence (MACD) क्या है?

कुछ अन्य महत्वपूर्ण बिंदु [Some other important points]:

  • एमएसीडी संकेतक का उपयोग उचित प्रवृत्ति होने पर किया जाना चाहिए। यह एक सीमाबद्ध बाजार में काम नहीं करता है।
  • हिस्टोग्राम में लंबी पट्टियाँ विचलन दिखाती हैं जबकि छोटी पट्टियाँ चलती औसत का अभिसरण दिखाती हैं
  • जब छोटी ईएमए लंबी ईएमए से ऊपर जाती है, तो एमएसीडी में सकारात्मक गति होती है, लेकिन जब यह लंबी ईएमए से नीचे जाती है, तो यह नकारात्मक गति का संकेत देता है।
  • जब एमएसीडी काफी बढ़ जाता है और छोटी ईएमए लंबे समय से खींचती है, तो यह एक अधिक खरीद की स्थिति का संकेत देता है
  • एमएसीडी से भी नकली संकेत मिल सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक बुलिश सिग्नल लाइन क्रॉसओवर हो सकता है लेकिन एक सुरक्षा की कीमत में भारी गिरावट हो सकती है।

इसी तरह, एक नकारात्मक क्रॉसओवर हो सकता है लेकिन अंतर्निहित की कीमत में तेज वृद्धि हो सकती है। तो पुष्टि के लिए एक घटना को लंबी अवधि के लिए देखा जाना चाहिए।

क्या एमएसीडी एक अग्रणी संकेतक है, या एक पिछड़ा हुआ संकेतक है? [Is MACD a leading indicator, or a lagging indicator?]

एमएसीडी एक Lagging Indicator है। आखिरकार, एमएसीडी में उपयोग किए जाने वाले सभी डेटा स्टॉक के ऐतिहासिक मूल्य व्यवहार पर आधारित होते हैं। चूंकि यह ऐतिहासिक डेटा पर आधारित है, इसलिए इसे अनिवार्य रूप से कीमत को "अंतराल" करना चाहिए। हालांकि, कुछ व्यापारी एमएसीडी हिस्टोग्राम का उपयोग यह अनुमान लगाने के लिए करते हैं कि प्रवृत्ति में बदलाव कब होगा। इन व्यापारियों के लिए, एमएसीडी के इस पहलू को भविष्य की प्रवृत्ति में बदलाव के प्रमुख संकेतक के रूप में देखा जा सकता है। Margin Trading क्या है? हिंदी में

एमएसीडी सकारात्मक विचलन क्या है? [What is MACD Positive Divergence? In Hindi]

एक एमएसीडी सकारात्मक विचलन एक ऐसी स्थिति है जिसमें एमएसीडी एक नए निम्न स्तर तक नहीं पहुंचता है, इस तथ्य के बावजूद कि स्टॉक की कीमत एक नए निम्न स्तर पर पहुंच गई है। इसे एक बुलिश ट्रेडिंग सिग्नल के रूप में देखा जाता है - इसलिए, "पॉजिटिव डाइवर्जेंस" शब्द। यदि विपरीत परिदृश्य होता है - स्टॉक की कीमत एक नई ऊंचाई पर पहुंच जाती है, लेकिन एमएसीडी ऐसा करने में विफल रहता है - इसे एक मंदी के संकेतक के रूप में देखा जाएगा और इसे नकारात्मक विचलन के रूप में संदर्भित किया जाएगा।

फ्लिपकार्ट हेल्थ+ ने लॉन्च किया डायबिटीज फ्री डेज, डायबिटीज के बारे में जागरूकता लाने के लिए अग्रणी डॉक्टरों से मिलाया हाथ

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भारत के अग्रणी डायबिटीज विशेषज्ञ, एंडोक्रायनोलॉजिस्ट और वेलनेस एक्सपर्ट्स के साथ डायबिटीज के खतरों और इसे मैनेज करने के तरीकों पर शैक्षणिक सत्रों का आयोजन होगा
भारत के सबसे बड़े डिजिटल मैराथन में शुमार पहल के लिए कई लोकप्रिय कंटेंट राइटर्स से किया गया है गठजोड़
डायबिटीज के बारे में जागरूकता लाने के लिए प्लेटफॉर्म पर सभी ऑर्डर्स के साथ ग्राहकों को मेट्रोपॉलिस हेल्थकेयर की तरफ से एचबीए1सी डायबिटीज स्क्रीनिंग टेस्ट की निशुल्क सुविधा मिलेगी

फ्लिपकार्ट हेल्थ+ ने लॉन्च किया डायबिटीज फ्री डेज, डायबिटीज के बारे में जागरूकता लाने के लिए अग्रणी डॉक्टरों से मिलाया हाथ

दिल्ली : भारत के घरेलू ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म संचालक फ्लिपकार्ट ग्रुप के डिजिटल हेल्थकेयर मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट हेल्थ+ ने डिजिटल हेल्थकेयर की दुनिया में सबसे बड़ी डायबिटीज केयर पहल में शुमार डायबिटीज फ्री डेज (10 से 16 नवंबर, 2022) का एलान किया है। टियर-2 और टियर-3 शहरों समेत पूरे भारत से ग्राहक इस दौरान फार्मास्युटिकल दवाओं एवं हेल्थकेयर उत्पादों पर सर्वश्रेष्ठ ऑफर एवं अन्य लाभ ले सकते हैं।

फ्लिपकार्ट हेल्थ+ ने इस अभियान के दौरान खरीदारी करने वाले ग्राहकों के निशुल्क डायबिटीज स्क्रीनिंग टेस्ट (एचबीए1सी टेस्ट) के लिए भारत के अग्रणी डायग्नोस्टिक सर्विस प्रोवाइडर में शुमार मेट्रोपॉलिस हेल्थकेयर लिमिटेड के साथ भी करार किया है। ग्राहक फ्री ग्लूकोमीटर डिवाइस भी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे खून में ग्लूकोज का स्तर जांचा जा सकता है, जो डायबिटीज का अहम संकेतक होता है।

फ्लिपकार्ट हेल्थ+ शैक्षणिक एवं प्रश्नोत्तर सत्रों के आयोजन के लिए भारत के अग्रणी डायबिटीज विशेषज्ञों, एंडोक्रायनोलॉजिस्ट और वेलनेस एक्सपर्ट्स से भी गठजोड़ कर रहा है। इन सत्रों का आयोजन विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किया जाएगा। डायबिटीज इस सदी की सबसे बड़ी ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी है। इसे देखते हुए कंपनी इस बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता लाने और उन्हें इससे बचाव व इसे मैनेज करने के तरीकों के बारे में बताने की दिशा में प्रयासरत है।

इसके अतिरिक्त, फ्लिपकार्ट हेल्थ+ नोवो नॉडिस्क के साथ मिलकर भारत के सबसे डिजिटल मैराथन में शुमार डायबिटीज फ्री रन (13-14 नवंबर) का भी आयोजन कर रहा है। देशभर से लोगों को एक दिन में 6,000 कदम चलकर इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #FlipkartDiabetesFreeRun के साथ शेयर करते हुए इस मैराथन का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस मैराथन के माध्यम से टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों को इंसुलिन दान की जाएगी।

डायबिटीज का दबाव भारत में तेजी से बढ़ रहा है। आईडीएफ के मुताबिक, 2019 में 7.7 करोड़ डायबिटीज के मरीजों और 4 करोड़ प्री-डायबिटिक लोगों के साथ भारत दूसरे नंबर पर (चीन के बाद) था। इसका अर्थ है कि हर 12 वयस्क में से एक व्यक्ति डायबिटिक है। यह भी अनुमान है कि करीब 57 प्रतिशत वयस्क (करीब 4.39 करोड़) ऐसे हैं, जिनमें डायबिटीज की अभी जांच नहीं हो पाई है। इतना ही नहीं, आईसीएमआर ने हाल ही में बताया था कि भारत में पिछले तीन दशक में डायबिटीज से पीड़ित लोगों की संख्या में 150 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

फ्लिपकार्ट हेल्थ+ के सीईओ प्रशांत झावेरी ने कहा, ‘फ्लिपकार्ट हेल्थ+ भारत में डायबिटीज को लेकर ज्यादा जागरूकता लाने के मिशन पर है। हम लगातार किफायती, स्वास्थ्य केंद्रित एवं इनोवेटिव सॉल्यूशन के साथ लाखों भारतीयों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए प्रयासरत हैं। इस विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर फ्लिपकार्ट हेल्थ+ मरीजों एवं उनके करीबियों को उनके पैसे का सर्वश्रेष्ठ मूल्य देते और उन्हें मेडिकल एक्सपर्ट्स से जोड़ते हुए स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को कम करने एवं उनके जीवन की गुणवत्ता को सुधारने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को और आगे बढ़ा रहा है।’

इस पहल को लेकर मेट्रोपॉलिस हेल्थकेयर लिमिटेड की प्रमोटर एवं मैनेजिंग डायरेक्टर अमीरा शाह ने कहा, ‘फ्लिपकार्ट हेल्थ+ के साथ यह साझेदारी डायबिटीज जैसी लाइफस्टाइल से जुड़ी गंभीर बीमारियों के प्रति मरीजों में जानकारी एवं जागरूकता लाने की हमारी प्रतिबद्धता के ही अनुरूप है। भारत एवं दुनिया में बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए डायबिटीज को लेकर जागरूकता की पहल बहुत जरूरी हो गई है। हमें फ्लिपकार्ट हेल्थ+ के साथ गठजोड़ की खुशी है और हमें भरोसा है कि इस अभियान से हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचेंगे और डायबिटीज को लेकर जागरूकता ला सकेंगे।’

फ्लिपकार्ट हेल्थ+ के बारे में

फ्लिपकार्ट हेल्थ+ डिजिटल हेल्थकेयर मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म है, जो भारत के घरेलू कंज्यूमर इंटरनेट इकोसिस्टम फ्लिपकार्ट ग्रुप का हिस्सा है। फ्लिपकार्ट हेल्थ+ का लक्ष्य सही दवाएं एवं हेल्थकेयर प्रोडक्ट पहुंचाते हुए देशभर में लाखों ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। फ्लिपकार्ट ग्रुप ने 2021 में सस्तासुंदर डॉट कॉम मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म की बहुमत हिस्सेदारी खरीदी थी, जिससे उसके अनुभवों का लाभ लेते हुए फ्लिपकार्ट हेल्थ+ के माध्यम से ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता की दवाएं व हेल्थकेयर प्रोडक्ट तथा सेवाएं दी जा सकें। इस प्लेटफॉर्म को फ्लिपकार्ट ग्रुप के अनुभव एवं विशेषज्ञता का भी लाभ मिलेगा, जिसके पास तकनीकी क्षमता एवं पूरे भारत में पहुंच है। साथ ही सस्तासुंदर डॉट कॉम के पास हेल्थटेक इकोसिस्टम में सही दवाएं व सेवा प्रदान करने का अनुभव है।

गत तीन वर्षों में दोगुना हुए भारतीय वैज्ञानिक पेटेंट

अनुसंधान प्रयोगशाला की एक प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटोः Mygov.in)

नई दिल्ली, 04 अप्रैल (इंडिया साइंस वायर): विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत तीन विभाग - विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) वैज्ञानिक अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन तीनों विभागों ने अपने द्वारा समर्थित वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यों, शोध प्रकाशनों, प्रौद्योगिकी अग्रणी संकेतक विकास; और देश के समग्र विकास में योगदान देने वाले नवाचारों के माध्यम से महत्वपूर्ण वैज्ञानिक ज्ञान अर्जित किया है। इसका अंदाजा भारतीय पेटेंट कार्यालय (आईपीओ) द्वारा भारतीय वैज्ञानिकों को मिलने वाले पेटेंट से लगाया जा सकता है।

गत तीन वर्षों में भारतीय पेटेंट कार्यालय (आईपीओ) द्वारा भारतीय वैज्ञानिकों को पहले से दोगुने पेटेंट प्रदान किए गए हैं। वर्ष 2018-19 में भारतीय वैज्ञानिकों को 2511 पेटेंट प्रदान किए गए थे, जिनकी संख्या वर्ष 2019-20 में बढ़कर 4003, और वर्ष 2020-21 में 5629 हो गई। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष, डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा राज्यसभा में यह जानकारी प्रदान की गई है। उल्लेखनीय है कि बढ़ती पेटेंट संख्या को वैज्ञानिक शोध एवं नवाचार का एक संकेतक माना जा सकता है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी देशों के साथ तकनीकी अंतर को पाटने के लिए भारत के लिए पेटेंट महत्वपूर्ण है।

केंद्रीय मंत्री ने संसद को बताया कि भारत की ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) रैंकिंग में भी पिछले कुछ वर्षों के दौरान सुधार हुआ है। जीआईआई इंडेक्स-2021 के अनुसार, भारत की जीआईआई रैंकिंग, जो वर्ष 2014 में 81वें पायदान पर थी, वह अब सुधरकर 46वें स्थान पर पहुँच गई है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत के अनुसंधान प्रदर्शन में भी हाल के वर्षों में काफी सुधार हुआ है। एनएसएफ - विज्ञान और इंजीनियरिंग संकेतक-2022 रिपोर्ट का हवाला देते हुए डॉ सिंह ने बताया कि वैज्ञानिक प्रकाशनों में विश्व स्तर पर भारत की स्थिति 2010 के 7वें स्थान से सुधरकर 2020 में तीसरे स्थान पर आ गई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में भारत का स्कॉलर आउटपुट बढ़कर 1,49,213 शोधपत्रों तक पहुँच गया, जो 2010 में सिर्फ 60,555 शोधपत्रों के प्रकाशन तक सिमटा हुआ था।

भविष्य में शिक्षा एवं वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहन दिये जाने से संबंधित केंद्र सरकार के प्रयासों के बारे में संसद में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए डॉ सिंह ने बताया कि सरकार देश में शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस दिशा में किए गए प्रमुख प्रयासों में वैज्ञानिक विभागों के लिए योजना आवंटन में क्रमिक वृद्धि, और अकादमिक तथा राष्ट्रीय संस्थानों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के उभरते व अग्रणी क्षेत्रों में उत्कृष्टता केंद्रों और अन्य सुविधाओं का निर्माण शामिल है। डॉ सिंह ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्यिगिकी के क्षेत्र में मानव और संस्थागत क्षमता निर्माण, मूलभूत एवं अनुप्रयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं/कार्यक्रम लागू किए गए हैं।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के कार्यक्रमों एवं योजनाओं में फंड फॉर इम्प्रूवमेंट ऑफ साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर (FIST), परिष्कृत विश्लेषणात्मक उपकरण सुविधाएं (SAIF), इंस्पायर (INSPIRE) फेलोशिप, विज्ञान में महिलाओं को प्रोत्साहन देने के लिए कार्यक्रम, इंस्पायर अवार्ड मानक (मिलियन माइंड्स ऑगमेंटिंग नेशनल एस्पिरेशन एंड नॉलेज), विजिटिंग एडवांस्ड जॉइंट रिसर्च (VAJRA), शोध छात्रों को विदेश में सेमिनारों /संगोष्ठियों में भाग लेने के लिए वित्तीय सहायता, नेशनल पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप योजना, डीएसटी की प्रधानमंत्री की रिसर्च फेलोशिप, और छात्रों एवं वैज्ञानिक को जोड़ने के लिए सीएसआईआर-जिज्ञासा कार्यक्रम मुख्य रूप से शामिल है। सरकार जैव प्रौद्योगिकी विभाग-विश्व विज्ञान अकादमी (डीबीटी-टीडब्ल्यूएएस) अंतरराष्ट्रीय फेलोशिप और एक्स्ट्रा-म्यूरल रिसर्च फंडिंग के माध्यम से वैज्ञानिकों को अनुदान, सार्वजनिक-निजी शोध एवं विकास भागीदारी को प्रोत्साहन, अनुसंधान एवं विकास इकाइयों को मान्यता एवं वित्तीय प्रोत्साहन, और अनुसंधान तथा विकास गतिविधियों में उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए समर्थन के माध्यम से शिक्षा एवं वैज्ञानिक अनुसंधान से संबंधित प्रयासों को बढ़ावा दे रही है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्ष 2021-22 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत तीनों विभागों को लगभग 13,499 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसमें से करीब 11,502 करोड़ रुपये की निधि इन विभागों द्वारा प्रयुक्त की जा चुकी है। वर्ष 2021-22 में डीएसटी को 5,240 करोड़ रुपये, सीएसआईआर सहित डिएसआईआर को करीब 5,298 करोड़ रुपये; और डीबीटी को 2,961 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। (इंडिया साइंस वायर)

Innovations, Science, Technology, R&D, Research, अग्रणी संकेतक FIST, SAIF, INSPIRE, VAJRA, DBT-TWAS, Research Papers, GII Index, Ministry of Science & Technology, DST, DBT, CSIR, DSIR

मुंबई चार महीने के बाद आईआरआईएस इंडेक्स पर पहले स्थान पर पहुंच गया – अधिकतम ऑनलाइन संपत्ति खोज मात्रा रिकॉर्ड करता है

पिछले महीने 116 के सर्वकालिक उच्च रिकॉर्ड करने के बाद, अक्टूबर 2021 में IRIS सूचकांक 110 अंक तक कम हो गया। हालांकि, ऑनलाइन उच्च-इरादे वाली होमबॉयर गतिविधि अक्टूबर 2020 की तुलना में 9 अंक अधिक रही। ऑनलाइन संपत्ति खोज मात्रा में वृद्धि तेज रिकवरी को दर्शाती है और उपभोक्ता भावनाओं में सुधार COVID-19 दूसरी लहर के बाद होता है, क्योंकि होमबॉयर्स लगातार बाजार में लौट रहे हैं। आय में विश्वास और समग्र रूप से आर्थिक परिदृश्य में सुधार से घर खरीदारों की भावनाएं उत्साहित हैं। इसके अनुरूप, भारत में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर (7.38 प्रतिशत) फिसलकर सात महीने के निचले स्तर पर आ गई है, जबकि व्यावसायिक गतिविधि पर नज़र रखने वाली सेवा पीएमआई (58.4) अक्टूबर में एक दशक के उच्च स्तर पर थी। आवास क्षेत्र के ऋण में इस वर्ष सितंबर में 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है क्योंकि केंद्रीय बैंक ने लगातार आठवीं बार ऐतिहासिक निम्न रेपो दर 4 प्रतिशत बनाए रखना जारी रखा है। बाजार में आशावाद और रिकवरी के साथ, आवासीय बिक्री जुलाई-सितंबर 2021 में तिमाही-दर-तिमाही 3.5 गुना बढ़ी। यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इसकी तुलना में, बिक्री पिछले वर्ष की समान समय सीमा में 1.8 गुना बढ़ी है। पहली लहर। अक्टूबर ऑनलाइन संपत्ति खोज प्रवृत्तियों के एक विस्तृत दृश्य से पता चलता है कि अधिकतम घर खरीदारों ने शीर्ष आठ शहरों और अन्य छोटे शहरों में 50 लाख से कम मूल्य श्रेणी में 2 बीएचके कॉन्फ़िगरेशन वाले अपार्टमेंट की खोज की। छोटे शहरों में, अपार्टमेंट के अलावा, स्वतंत्र घर भी महत्वपूर्ण कर्षण देखा। शहर-वार रुझानों पर करीब से नज़र डालने से पता चलता है कि मुंबई ने चार महीने के बाद IRIS सूचकांक में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है। शहर ने ठाणे वेस्ट, मीरा रोड वेस्ट और खारघर जैसे परिधीय सूक्ष्म बाजारों के साथ अधिकतम ऑनलाइन संपत्ति खोज मात्रा दर्ज की। इन इलाकों में अधिकतम होमबायिंग प्रश्न 1 बीएचके और 2 बीएचके कॉन्फ़िगरेशन के लिए 50 लाख रुपये से कम मूल्य वर्ग में थे। ऑनलाइन संपत्ति के रुझान के साथ, मुंबई में प्राथमिक और माध्यमिक आवासीय संपत्तियों के लिए पंजीकरण पिछले महीने की तुलना में अक्टूबर 2021 में 22 प्रतिशत अधिक था। त्योहारी सीजन के साथ-साथ गतिविधियों और सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं के आंशिक उद्घाटन ने उपभोक्ता भावनाओं को बढ़ावा दिया है जिससे भारत की वित्तीय राजधानी में आवासीय बाजार के लिए सकारात्मक बदलाव आया है।

कोलकाता और पुणे अधिकतम उच्च-इरादे वाले होमबॉयर गतिविधि दर्ज करने वाले शहरों में शीर्ष लाभ के रूप में उभरे हैं

कोलकाता और पुणे ने अधिकतम ऑनलाइन संपत्ति खोज और प्रश्नों को दर्ज करने वाले शहरों में रैंक में उच्चतम छलांग दर्ज की। दसवें स्थान पर पहुंचकर कोलकाता की स्थिति में छह अंकों का सुधार हुआ। अक्टूबर से पहले लगातार पांच महीनों तक शहर ने रैंक में गिरावट दर्ज की थी। पश्चिम बंगाल हाउसिंग इंडस्ट्रियल रेगुलेटरी अथॉरिटी (HIRA) से संबंधित नीतिगत गड़बड़ियों और उपभोक्ता निवारण में देरी के कारण इस साल जून से शहर में उपभोक्ता भावना प्रभावित हुई थी। हालांकि, आवश्यक कदमों के साथ मौजूदा मुद्दों को हल करने के लिए लिया जा रहा है, खरीदारों ने घरों की तलाश शुरू कर दी है, जैसा कि शहर में ऑनलाइन संपत्ति खोज मात्रा में वृद्धि से दिखाई देता है। कोलकाता में उच्च-इरादे वाली होमबॉयर गतिविधि का अधिकांश प्रमुख सूक्ष्म बाजारों जैसे न्यू टाउन, गरिया और साल्ट लेक सिटी में केंद्रित था, जिसमें आवासीय, वाणिज्यिक और संस्थागत क्षेत्रों का अच्छा मिश्रण है। शहर के अधिकांश घर खरीदारों ने 50 लाख रुपये से कम मूल्य वर्ग में 2बीएचके कॉन्फ़िगरेशन वाले अपार्टमेंट की खोज की। पुणे ने भी पिछले पांच महीनों में क्रमिक गिरावट देखने के बाद अपने रैंक में पांच अंकों की छलांग दर्ज की। जुलाई-सितंबर 2021 तिमाही में मुंबई के बाद आवासीय बिक्री में शहर ने दूसरा स्थान हासिल किया। पुणे में अधिकतम खरीदारों ने वाकाड, रावत और बनेर के इलाकों में घरों की खोज की, जो शहर के प्रमुख आईटी केंद्रों से निकटता और कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं। पुणे में अधिकांश घरेलू खोज और प्रश्न 2बीएचके कॉन्फ़िगरेशन वाले अपार्टमेंट के लिए थे और उसके बाद 1बीएचके थे।

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