उपलब्ध बाजार

Updated Sun, 23 Oct 2022 10:36 PM IST
बाजार में उपलब्ध गेहूँ, चावल, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, तिलहन और दलहन के बीजों को एकत्र कीजिए। उन्हें कक्षा में लाइए और पता लगाइए कि वे किस प्रकार की मृदा में उगते हैं? - Social Science (सामाजिक विज्ञान)
बाजार में उपलब्ध गेहूँ, चावल, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, तिलहन और दलहन के बीजों को एकत्र कीजिए। उन्हें कक्षा में लाइए और पता लगाइए कि वे किस प्रकार की मृदा में उगते हैं?
राज्यों को मध्याह्न भोजन के लिए बाजार दर से कम पर दालें उपलब्ध कराई जा रही हैं: केंद्र
केंद्र राज्यों को दालों के स्टॉक को सुव्यवस्थित करने के लिए मध्याह्न भोजन के साथ-साथ अन्य खाद्य संबंधित योजनाओं में उपयोग के लिए 42 रुपये प्रति किलोग्राम (निर्गम मूल्य) की बाजार दर से कम 8 रुपये प्रति किलोग्राम पर दाल उपलब्ध करा रहा है।
केंद्र राज्यों को दालों के स्टॉक को सुव्यवस्थित करने के लिए मध्याह्न भोजन के साथ-साथ अन्य खाद्य संबंधित योजनाओं में उपयोग के लिए 42 रुपये प्रति किलोग्राम (निर्गम मूल्य) की बाजार दर से कम 8 रुपये प्रति किलोग्राम पर दाल उपलब्ध करा रहा है।
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस कदम को कैबिनेट ने एक महीने पहले मंजूरी दे दी थी और तब से राज्यों को पर्याप्त मात्रा में दालों का स्टॉक वितरित किया गया है, यह कहते हुए कि दालों का पर्याप्त स्टॉक है।एक अधिकारी ने कहा कि त्योहारी सीजन में दालों की कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी, हालांकि इसमें मामूली उतार-चढ़ाव हो सकता है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग में सचिव रोहित कुमार सिंह ने गुरुवार को मीडियाकर्मियों से कहा कि सरकार के पास 43 लाख टन दालों का भंडार है और इसी से राज्यों को अपनी-अपनी योजनाओं में उपयोग के लिए दाल उपलब्ध कराई जा रही है.
यह पूछे जाने पर कि केंद्र पर्याप्त स्टॉक होने के बावजूद दालों का आयात क्यों कर रहा है, सचिव ने कहा कि यह इस तथ्य के कारण है कि देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न प्रकार की दालों की खपत होती है।
यह पूछे जाने पर कि सरकार दाल आयात करने वाले व्यापारियों से क्यों खरीदती है, उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि कोई जमाखोरी न हो।
सिंह ने आगे कहा कि देश में प्याज का पर्याप्त भंडार (करीब 25,100 मीट्रिक टन) है और राज्यों से कहा गया है कि वे जल्द से जल्द इसकी खरीद करें ताकि यह सड़ न जाए.
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा समय पर किए गए हस्तक्षेप जैसे कि बफर स्टॉक से कैलिब्रेटेड रिलीज के कारण, देश में अनाज और दालों की कीमतें स्थिर हो गई हैं।
किसानों को बाजार उपलब्ध कराएगा प्रशासन
मेरठ ब्यूरो
Updated Sun, 23 Oct 2022 10:36 PM IST
किसानों को बाजार उपलब्ध कराएगा प्रशासन
बिजनौर। किसी भी पदार्थ की बिक्री के लिए बाजार आसानी से मिल जाए तो किसानों को पारंपरिक खेती की जगह नवीनतम खेती करने में आसानी उपलब्ध बाजार हो जाती है। इसके लिए प्रशासन व कृषि विभाग अन्य विभागों के सहयोग से किसानों को सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक बाजार उपलब्ध करा रहा है।
यही वजह है कि जनपद के सब्जियां, धान विदेशी थालियों में सज रही है। यहां के तेल का यूरोपीय देशों की दाल-सब्जियों में तड़का लग रहा है। जनपद में किसानों द्वारा जैविक सब्जी, गन्ना, गेहूं, धान, चना, सब्जियां आदि फसलें उगाई जा रही हैं। किसानों के पदार्थों को लोकल बाजार, दुकान के साथ व्हाट्सएप ग्रुप व पेज आदि सोशल मीडिया के माध्यम से बिक्री कराई जा रही है। जिले में 20 से अधिक कृषक उत्पादक उपलब्ध बाजार संगठनों का गठन किया गया है। उनके चेयरमैन, सीईओ आदि को प्रशिक्षण भी दिया गया। यह किसानों से तालमेल बनाकर न सिर्फ फसलों का उत्पादन करा रहे हैं, बल्कि यहां से खरीदारी कर यूरोपीय देशों में बेच रहे हैं।
जिला कृषि अधिकारी डॉ. अवधेश मिश्र ने बताया कि जैविक व नवीनतम उत्पादकों की बिक्री के लिए जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में विकास भवन के गेट पर दुकान खुलवाई गई है। इच्छुक किसान की रेलवे स्टेशन पर कैनोपी लगाई गई। इच्छुक किसानों की अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कैनोपी लगवाई जाएंगी।
हमारी कंपनी किसानों के साथ मिलकर उत्पादन करा रही है। उनके उत्पादक को खरीदकर विदेशों में भेजा जा रहा है। अब तक गुड़, सरसों का तेल, आम, सब्जियों के बाद चावल व अन्य उत्पाद की तैयारी चल रही है - डा. शुऐब डायरेक्टर हिंदुस्तान एग्रो व हैल्थ मिस्ट ऑयल एंड फूड प्रा. लि.
गंगा किनारे 46 गांवों व अन्य गांवों में भी जैविक खेती हो रही है। इसकी बिक्री को विकास भवन में दुकान, रेलवे स्टेशन कैनोपी लगवाई गई। व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उत्पाद की बिक्री कराई जा रही है - डॉ. अवधेश मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी।
निर्यातकों व किसानों के बीच समन्वय बैठाया जा रहा है, जिससे जैविक व सामान्य खेती करने वाले किसानों को आसानी से बाजार उपलब्ध हो रहा है। इससे किसानों आय बढ़ रही है - जेपी चौधरी, संयुक्त कृषि निदेशक मुरादाबाद
बिजनौर। किसी भी पदार्थ की बिक्री के लिए बाजार आसानी से मिल जाए तो किसानों को पारंपरिक खेती की जगह नवीनतम खेती करने में आसानी हो जाती है। इसके लिए प्रशासन व कृषि विभाग अन्य विभागों के सहयोग से किसानों को सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक बाजार उपलब्ध करा रहा है।
यही वजह है कि जनपद के सब्जियां, धान विदेशी थालियों में सज रही है। यहां के तेल का यूरोपीय देशों की दाल-सब्जियों में तड़का लग रहा है। जनपद में किसानों द्वारा जैविक सब्जी, गन्ना, गेहूं, धान, चना, सब्जियां आदि फसलें उगाई जा रही हैं। किसानों के पदार्थों को लोकल बाजार, दुकान के साथ व्हाट्सएप ग्रुप व पेज आदि सोशल मीडिया के माध्यम से बिक्री कराई जा उपलब्ध बाजार रही है। जिले में 20 से अधिक कृषक उत्पादक संगठनों का गठन किया गया है। उनके चेयरमैन, सीईओ आदि को प्रशिक्षण भी दिया गया। यह किसानों से तालमेल बनाकर न सिर्फ फसलों का उत्पादन करा रहे हैं, बल्कि यहां से खरीदारी कर यूरोपीय देशों में बेच रहे हैं।
जिला कृषि अधिकारी डॉ. अवधेश मिश्र ने बताया कि जैविक व नवीनतम उत्पादकों की बिक्री के लिए जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में विकास भवन के गेट पर दुकान खुलवाई गई है। इच्छुक किसान की रेलवे स्टेशन पर कैनोपी लगाई गई। इच्छुक किसानों की अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कैनोपी लगवाई जाएंगी।
हमारी कंपनी किसानों के साथ मिलकर उत्पादन करा रही है। उनके उत्पादक को खरीदकर विदेशों में भेजा जा रहा है। अब तक गुड़, सरसों का तेल, आम, सब्जियों के बाद चावल व अन्य उत्पाद की तैयारी चल रही है - डा. शुऐब डायरेक्टर हिंदुस्तान एग्रो व हैल्थ मिस्ट ऑयल एंड फूड प्रा. लि.
गंगा किनारे 46 गांवों व अन्य गांवों में भी जैविक खेती हो रही है। इसकी बिक्री को विकास भवन में दुकान, रेलवे स्टेशन कैनोपी लगवाई गई। व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उत्पाद की बिक्री कराई जा रही है - डॉ. अवधेश मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी।
निर्यातकों व किसानों के बीच समन्वय बैठाया जा रहा है, जिससे जैविक व सामान्य खेती करने वाले किसानों को आसानी से बाजार उपलब्ध हो रहा है। इससे किसानों आय बढ़ रही है - जेपी चौधरी, संयुक्त कृषि निदेशक मुरादाबाद
महिलाओं ने तैयार किए गोबर से बने दीपक: बाजार में सस्ते दर पर खरीदने के लिए उपलब्ध, कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ ने खरीदे
जिले के स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने दीपावली के त्योहार को लेकर गोबर से बने दीपक तैयार किए हैं। स्व सहायता समूह की महिलाओं ने कलेक्टर सभागार में दीयों का प्रदर्शन किया। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी सहित अन्य विभागों के जिला प्रमुख अधिकारियों ने गोबर से बने दीयों की खरीदारी की।
जिला परियोजना समन्वय ग्रामीण आजीविका मिशन प्रमोद शुक्ला ने बताया कि स्व सहायता समूह की महिलाओं को दीपावली त्योहार पर दीपदान करने के लिए गोबर से बने दीपक बनाने का प्रशिक्षण दिया है। अब महिलाएं दीपक तैयार करने का काम कर रही हैं। गोबर के बने दीपक का दीपदान के लिए विशेष महत्व है।
सस्ते दर में बाजार में उतारे दीपक
हिंदू धर्म में गोबर को सबसे ज्यादा पवित्र माना गया है, इसलिए पूजा के दौरान गोबर का उपयोग करते हैं। स्व सहायता समूह की महिलाओं ने गोबर से सस्ते दर पर दिए बनाकर लोगों के लिए बाजारों में उतारे हैं। इन दीयों की खरीदी कर हम गरीब महिलाओं की आर्थिक मदद भी कर सकते हैं।
शेयर बाजार में जारी रहेगी बिकवाली या लौटेगी खरीदारी? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
BSE पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक बाजार में 188 स्टॉक्स ने 52-वीक हाई बनाया, जबकि 28 शेयरों ने साल के सबसे निचले स्तर पर क्लोजिंग दी. हल्की कमजोरी के बावजूद BSE पर कुल कंपनियों का मार्केट कैप 2.84 लाख करोड़ रुपए का पार पहुंच गया.
शेयर बाजार में लगातार दो दिन की तेजी पर बुधवार को ब्रेक लग गया. बाजार के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी हल्की कमजोरी के साथ लाल निशान में बंद हुए. सबसे ज्यादा बिकवाली ऑटो, फार्मा और रिटल्टी सेक्टर के शेयरों में दर्ज की गई. निफ्टी के टॉप लूजर्स में पावरग्रिड, हिंडाल्को सबसे आगे रहे, जिनके शेयरों में 4-4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. BSE आंकड़ों के मुताबिक एक्सचेंज पर 1837 शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं.
बाजार में लौटी बिकवाली की वजह?
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) के रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक एक दिन की छुट्टी के बाद बाजार की शुरुआत पॉजिटिव रही, क्योंकि अमेरिकी बाजारों में मजबूती देखने को मिली. लेकिन ऊपरी स्तरों पर मुनाफावसूली के चलते कारोबार के दूसरे हाफ में फिसल गया.
उन्होंने कहा कि बाजार गिरावट की वजह यूरोपियन और एशियन मार्केट में कमजोरी भी रही. साथ ही निवेशक अमेरिका में मिड टर्म इलेक्शन को लेकर सतर्क नजर आए. हालांकि, अच्छे नतीजों के चलते निफ्टी बैंक और निफ्टी ऑटो इंडेक्स ने नया हाई बनाया.
मिलेजुले ग्लोबल संकेत का घरेलू बाजार पर
BSE पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक बाजार में 188 स्टॉक्स ने 52-वीक हाई बनाया, जबकि 28 शेयरों ने साल के सबसे निचले स्तर पर क्लोजिंग दी. हल्की कमजोरी के बावजूद BSE पर कुल कंपनियों का मार्केट कैप 2.84 लाख करोड़ रुपए का पार पहुंच गया.
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बाजार में कैसी रखें स्ट्रैटेजी?
रेलिगेयर ब्रोकिंग के रिसर्च VP अजीत मिश्रा के मुताबिक ग्लोबल मार्केट से मिलेजुले संकेत मिल रहे हैं. ऐसे में निवेशकों स्टॉक स्पेसिफिक नजरिया रखना चाहिए. जबतक की निफ्टी में मोमेंटम वापस ना आ जाए. बता दें कि सोमवार को विदेशी निवेशकों (FIIs) ने 387 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की. वहीं घरेलू निवेशकों (DIIs) ने 1060 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की.