विदेशी मुद्रा मुद्रा स्वैप

छह प्रमुख बैंकों ने मुद्रा अदला-बदली की पेशकश की
फ्रैंकफर्ट : अमेरिका के फेडरल रिजर्व सहित दुनिया के छह प्रमुख केन्द्रीय बैंकों ने कहा है कि वह आपस में एक दूसरे को विदेशी मुद्रा की आपूर्ति की आपसी सुविधा प्रदान करेंगे। इन बैंकों ने वर्ष 2007 में हुई उठापटक के बाद वैश्विक वित्तीय प्रणाली को स्थिरता प्रदान करने के लिए जो व्यवस्था की गई विदेशी मुद्रा मुद्रा स्वैप थी उसका आगे विस्तार किया है।
आज जो निर्णय लिया गया उसमें मुद्राओं की अदला बदली की भी व्यवस्था है। अब तक इस व्यवस्था को अस्थाई उपाय के तौर पर लिया जाता रहा है। यह व्यवस्था, अमेरिका के फेडरल रिजर्व, यूरोपीय सैंट्रल बैंक, दि बैंक ऑफ जापान, दि बैंक ऑफ इंग्लैंड, दि बैंक ऑफ कनाडा और दि स्विस नेशनल बैंक के बीच हुई है।
बैंकों के बीच मौजूदा स्वैप व्यवस्था में केन्द्रीय बैंकों को उनके अपने देश में किसी भी मुद्रा में नकदी उपलब्ध कराने की व्यवस्था होगी। उन्हें जिस भी मुद्रा में नकदी की आवश्यकता होगी वह उपलब्ध कराई जाती है। फेडरल रिजर्व और ईसीबी ने डालर.यूरो की अदला बदली व्यवस्था पहली बार दिसंबर 2007 में शुरू की थी। (एजेंसी)
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मुद्रा विनिमय (विदेशी मुद्रा मुद्रा स्वैप Currency Swap) क्या होता है
मुद्रा विनिमय (Currency Swap) दो पक्षों के मध्य एक मुद्रा में ऋण के विनिमय संबंधी पहलुओं (मतलब कि मूलधन और ब्याज के विदेशी मुद्रा मुद्रा स्वैप भुगतान) का किसी अन्य मुद्रा में ऋण के शुद्ध वर्त्तमान मान वाले समतुल्य पहलुओं हेतु एक विदेशी मुद्रा विनिमय अनुबंध होता है। विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव. मुद्रा विनिमय तुलनात्मक लाभ के माध्यम से प्रेरित होते हैं। इसके अलावा मुद्रा विनिमय को केंद्रीय बैंक के नकदी विनिमय से अलग माना जाना चाहिए |
अगर इसे सीधे शब्दों में कहा जाए तो पूरे विश्व में अदला-बदली का अर्थ ही विनिमय करना होता है। यदि आप भी मुद्रा विनिमय (Currency Swap) क्या होता है, इसके विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर पूरी जानकारी दी जा रही है |
मुद्रा विनिमय (Currency Swap) का इतिहास
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मुद्रा विनिमय (Currency Swap) का निर्माण 1970 में यूनाइटेड किंगडम में विदेशी मुद्रा नियंत्रणों से बचने हेतु किया गया विदेशी मुद्रा मुद्रा स्वैप था । उस वक्त, ब्रिटेन की कंपनियों को अमेरिकी डॉलर का कर्ज प्राप्ति हेतु प्रीमियम (किस्त) का भुगतान करना होता था। इससे स्वयं को बचाने के लिए, ब्रिटेन की कंपनियों ने स्टर्लिंग चाहने वाली संयुक्त राज्य अमेरिका की कंपनियों के साथ कई ऋण समझौते किए | लेकिन अब मुद्रा विनिमय पर इस प्रकार के प्रतिबंध दुर्लभ हो चुके हैं, तुलनात्मक फायदे की वजह से ऋण से अभी भी बचत उपलब्ध हैं |
मुद्रा ब्याज दर विनिमय (Currency Swap) वर्ष 1981 में विश्व बैंक (World Bank) द्वारा आईबीएम (IBM) के साथ नकद प्रवाह का विनिमय कर स्विस फ़्रैंक और जर्मन मार्क प्राप्ति हेतु किया गया। इस सौदे के लिए सालोमन ब्रदर्स ने 210 मिलियन डॉलर्स की अनुमानित राशि एवं दस वर्षों से अधिक के लिए विदेशी मुद्रा मुद्रा स्वैप समझौते पर हस्ताक्षर किये।
RBI ने US डॉलर/रुपये में दो साल की बिक्री-खरीद स्वैप नीलामी की घोषणा की है। यह 8 मार्च, 2022 को कितने बिलियन डॉलर में बिक्री/खरीद स्वैप नीलामी आयोजित करेगा?
Key Points
- RBI ने US डॉलर/रुपया दो साल की बिक्री-खरीद स्वैप नीलामी की घोषणा की है।
- यह 8 मार्च, 2022 को $5 बिलियन के लिए एक बिक्री/खरीद स्वैप नीलामी आयोजित करेगा, एक ऐसा कदम जो आगे बढ़ने वाले प्रीमियम को युक्तिसंगत बनाने और रुपये की तरलता को समतल करने में मदद करेगा।
- लेन-देन के पहले चरण में, बैंक नीलामी की तारीख के संदर्भ दर पर RBI से अमेरिकी डॉलर खरीदेंगे।
Important Points विदेशी मुद्रा मुद्रा स्वैप
- नीलामी बहु-मूल्य-आधारित होगी, अर्थात् सफल बोलियों को उनके संबंधित उद्धृत प्रीमियम पर स्वीकार किया जाएगा।
- स्वैप RBI की ओर से एक साधारण बिक्री/खरीद विदेशी मुद्रा स्वैप की प्रकृति में होगा।
- एक बैंक सेंट्रल बैंक से US डॉलर खरीदेगा और साथ ही स्वैप अवधि के अंत में US डॉलर की समान राशि बेचने के लिए सहमत होगा।
- नीलामी की कट-ऑफ दो दशमलव अंकों तक पैसे के रूप में प्रीमियम राशि पर आधारित होगी।
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