ट्रेडिंग विचार

ट्रेडिंग चार्ट क्या है?

ट्रेडिंग चार्ट क्या है?

निफ्टी (दैनिक) बार चार्ट

Types of charts in technical analysis । टेक्निकल एनालिसिस चार्ट्स के प्रकार

Types of charts in technical analysis । टेक्निकल एनालिसिस चार्ट्स के प्रकार

Hi मित्रों, हमारे Technical Analysis के topics में आगे बढ़ते है, और Types of charts in technical analysis । टेक्निकल एनालिसिस चार्ट्स के प्रकार कितने और कोन कोन से है उसे थोडा विस्तार से जानते है।

Table of Contents

आम तोर पर काफी तरीखे के चार्ट का इस्तेमाल होता है , जैसे की पाई चार्ट, मेप्स, डेंसिटी मेप्स , स्कैटर प्लॉट, गैंट चार्ट, बबल चार्ट आदि उपयोग होते है। पर यह सब टैक्निकल एनालिसिस में बिलकुल काम नहीं आते हैं ।

टेक्निकल एनालिसिस में काम आता वह है – लाइन चार्ट, बार चार्ट, कैंडलस्टिक चार्ट, हेईकिन अशी चार्ट, रेन्को चार्ट, पॉइंट-एंड-फिगर चार्ट। पर आज के इस पोस्ट में हम 3 basics चार्ट के बारेमे जानकारी देंगे।

आम चार्ट और टेक्निकल एनालिसिस चार्ट में फर्क यह है की, ज्यादातर इस्तेमाल ट्रेडिंग चार्ट क्या है? होने वाले चार्ट में सिर्फ एक ही data points होता हैं, जबकि टेक्निकल एनालिसिस के चार्ट में …एक से लेके चार तक का data points होता है। और वह है, Open, High, Low और Close ।

Technical Analysis चार्ट , एक ऐसे ग्राफ पर तैयार किए जाता हैं, जो X Axis पर Time को और Y Axis पर Price Value को Plot किया जाता है।

अब हम सभी प्रकार के चार्ट को विस्तार से जानेंगे ….

> 1) Line Chart लाइन चार्ट

यह एक simple सा और आसान चार्ट है। इसका उपयोग एक सामान्य view देने के लिए होता है।

इसमें केवल एक ही data points का उपयोग होता है। और उसीको जोड़कर एक चार्ट तैयार किया जाता है। बाएं से लेके दाएं तक एक ही लाइन से जुड़े होते हैं और हर दिन के सारे Closing Prices को जोड़ कर चार्ट बनाया जाता है।

line chart

लाइन चार्ट

चार्ट में प्रत्येक Closing Prices को एक बिंदु द्वारा दर्शाया जाता है। और सभी बिंदुओं को जोड़ा जाता है, एक ग्राफ को दर्शाने के लिए ।

लाइन चार्ट सरल होता है, वह उसकी बड़ी खासियत है। लेकिन यह कैंडलस्टिक चार्ट अथवा बार चार्ट की तुलना में कम जानकारी प्रदान करता है, वह उसकी कमजोरी भी है । कोई भी ट्रेडर इसको देख कर एक ट्रेंड का और बाजार को एक नजर में देखकर उसका अनुमान लगाने के लिए बेहतर है।

लाइन चार्ट की कमजोरी यह है कि, ट्रेडिंग चार्ट क्या है? यह Closing कीमत पर आधारित होने के कारण , दूसरे data points जैसे Open, High, Low का उपयोग ही नहीं होता है। जो मार्केट के बारे में काफी information देता है ।

इसलिए Traders लाइन चार्ट का इस्तेमाल बहुत ही कम ही करते है । सिर्फ Dow theory में use होता है, जहा सिर्फ closing price की जरुरत होती है ।

> 2) Bar Chart बार चार्ट

Stock chart में सबसे लोकप्रिय में से एक है और candlestick के आने से पहले यह सबसे ज्यादा use होती थी।

लाइन चार्ट के मुकाबले में Bar Chart बार चार्ट, कुछ ज्यादा डाटा और अधिक जानकारी प्रदान करते है। जैसे की Open, High, Low और Close चारों को इसमें दिखाये जाते है ।

bar chart

बार चार्ट

Bar Chart बार चार्ट में मुख्य तिन अंग होते है …

1. केंद्रीय रेखा – रेखा के सबसे ऊपर वाला का हिस्सा, High price को दर्शाता है जबकि रेखा के नीचे वाला हिस्सा, Low price को दर्शाता है।

2. बाँया tick मार्क – बाईं ओर एक छोटा सा टिक मार्क, उस अवधि में, यह एक खुलने यानि Open price को दिखता है।

3. दाहिना tick मार्क – दाहिने ओर एक छोटा सा टिक मार्क, उस अवधि में, यह एक बंध यानि Close price को दिखता है।

बार चार्ट में यदि Closing price, अगर opening price से ऊपर है, तो वह rising bar कहेलाता है और उसका कलर चार्ट में काले (या हरे) रंग का दर्शाया जाता है।

और यदि Closing price, अगर opening price से निचे है, तो वह falling bar कहेलाता है और उसका कलर चार्ट में लाल रंग द्वारा दर्शाया जाता है।

बार चार्ट से वजे से traders को पैटर्न खोजने में काफी आसानी होती है क्योकि इनमे Open, High, Low और Close सब आसानी से दर्शाये होते है।

> 3) Candlestick कैंडलस्टिक चार्ट

सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला और लोकप्रिय चार्ट है इसे Japanese Candlestick भी कहते है और इसकी उत्पत्ति जापान में हुई थी। और इसका इस्तेमाल 17वीं सदी में जापान में हुआ करता था।

होम्मा Homma नाम के एक चावल के trader ने , चावल के कीमतों की एनालिसिस करने के लिए इसका इस्तेमाल किया था ।

बाद में , स्टीव निशन Steve Nison नाम के व्यक्ति ने पुरी दुनिया को इसका उपयोग और तरीका बताया, उनकी book “Japanese Candlestick Charting Techniques” के जरिये।

कैंडलस्टिक चार्ट, OHLC बार चार्ट की तरह same जानकारी देते है, जैसे Open, High, Low और Close. और कैंडलस्टिक चार्टिंग एक ऐसा tools है जो मार्केट की sentiments और मार्केट की weakness को आसानी से दिखाती है। यह एक मूल्यवान Trading टूल्स है ।

कैंडलस्टिक चार्ट को , दर्शाने ट्रेडिंग चार्ट क्या है? के लिए , price के Open और Close कीमतों को एक Rectangle की तहर दिखाई जाती हैं।

चार्ट में यदि Closing price, अगर opening price से ऊपर है, तो वह bullish candle कहेलाता है और उसका कलर चार्ट में हरे रंग या सफ़ेद से दर्शाया जाता है।

और यदि Closing price, अगर Opening price से निचे है, तो वह bearish Candle कहेलाता है और उसका कलर चार्ट में लाल या काला रंग से दर्शाया जाता है।

candlestick chart

कैंडलस्टिक चार्ट

Bar Chart की ही तरह Candlestick Chart-कैंडलस्टिक चार्ट में भी मुख्य तिन अंग होते है….

1. केन्द्रीय बॉडी या real body – यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा है ,जो कि Rectangle की तहर दीखता है और Opening price और Closing price को जोड़ता है और इनके बिच का अंतर को दर्शाता है ।

2. Upper shadow या Wick – यह पतली रेखा जो High Price को Close Price से जोडती है।

3. Lower shadow या Wick – यह पतली रेखा जो Low Price को Close Price से जोडती है।

Shadow या Wick – यह एक पतली रेखाएं होती है जो real body के ऊपर और निचे दिखाई देती है।

यह है कैंडलस्टिक चार्ट की बेसिक्स जानकारी।

कैंडलस्टिक चार्ट ट्रेडिंग चार्ट क्या है? में काफी patterns प्रचलित है, जो single , double या triple candle से बनती है, जिससे आप यह पता कर सकते है की trend reversal कब हो सकता है?।

मारुबोजु , हैमर , डोजी , मोर्निंग स्टार , एन्गुल्फ़ ….. पैटर्न्स आदि।

इसके बारे में हम विस्तार से एक नए पोस्ट में बतायेंगे।

हेईकिन अशी चार्ट, रेन्को चार्ट, पॉइंट-एंड-फिगर चार्ट .. यह एक एडवांस्ड चार्ट का स्वरुप है … जिसके बारे में हम विस्तार से एक नए पोस्ट में बतायेंगे

मित्रों , यह था आज ट्रेडिंग चार्ट क्या है? का हमारा आर्टिकल।

आपने आज यहाँ क्या सिखा?

उम्मीद है की आपको मेरा यह आर्टिकल, Types of charts in technical analysis टेक्निकल एनालिसिस चार्ट्स के प्रकार पसंद आई होगी. इसे पढ़ने के बाद, आप आसानी से आपका अलग अलग चार्ट यानि के, लाइन चार्ट, बार चार्ट, कैंडलस्टिक चार्ट के बारे में जानकारी प्राप्त हुई होगी।

यदि आपको इस article को लेकर कोई भी और जानकारी चाहिए हैं, या कोई तरह का doubt हो तो, आप नीचे हमे comments लिख सकते हैं ।

यदि आपको यह post, पसंद आया , या कुछ नया सीखने को मिला तो Please इस post को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter और दुसरे Social media sites पर share करना न भूलिए ट्रेडिंग चार्ट क्या है? ।

Share Market Charts Study in Hindi | शेयर मार्केट चार्ट कैसे देखें

Share Market Charts का नाम तो आपने सुना ही होगा, अगर आपको सही समय पर शेयर मार्केट से अच्छा मुनाफ़ा कमाना है तो शेयर मार्केट चार्ट्स को समझना बहुत जरूरी है. इससे आप कम समय तक काम करते है और बहुत अच्छा रिटर्न कमाते है. बशर्ते शेयर मार्केट के चार्ट को समझने का ज्ञान होना जरूरी है.

अगर आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग या निवेश करते है तो यह आपकी इनकम को बढ़ा देता है. आपको पता होना चाहिए कि कब स्टॉक खरीदना है और कब मुनाफा कमाकर बेचना है. क्योंकि इससे आपको पता चल जाएगा कि आपका खरीदा गया शेयर कितने ऊपर या नीचे जाने की संभावना है.

अधिकांश खुदरा निवेशकों के दिमाग मे कोई भी Share Market Charts खोलने पर इस तरह के सवाल दिमाग मे आने शुरू हो जाते है.

शेयर बाजार मे किसी भी चार्ट को समझने के लिए पहले और भी कई अभ्यास होते है. तभी आपका Analytical कौशल विकसित होगा जो आपको उस चार्ट में उपयोग करना होगा.

Share Market Charts का Trend कैसे देखना चाहिए?

Share Market Charts मे तीन से चार तरह के ट्रेंड देखने को मिलते है UP Trend, Down Trend, Sideways Trend और Maturity Trend इन सभी ट्रेंड के काम करने के तरीके भी अलग ही होते है.

UP Trend क्या है और कैसे देखना चाहिए?

इस Trend का मतलब है Higher Top and Higher Bottom जब भी चार्ट इस Trend को फॉलो करेगा आपको लगातार स्टॉक सीढ़ी की तरह ऊपर जाते ही नजर आएगा. तब आपको हमेशा उन शेयर को खरीदना चाहिए.

Down Trend क्या है और कैसे देखना चाहिए?

इस ट्रेन्ड का मतलब है Lower Top Lower Bottom. जब भी आपको चार्ट मे Down Trend देखने को मिलेगा शेयर हमेशा सीढ़ी की तरह नीचे आता नजर आने वाला है. ऐसे समय मे उस शेयर को बेचके चलना चाहिए.

Sideways Trend क्या है और कैसे देखना चाहिए?

Sideways Trend Chart मे शेयर प्राइस न तो ऊपर की और जाता है और न ही नीचे की और बल्कि एक ही प्राइस पर अटक सा जाता है.

अगर आप शेयर मार्केट मे नए है तो ऐसे चार्ट वाले शेयर मे आपको सोच समझकर इन्वेस्ट करना चाहिए है. क्यूंकि इसमे रिस्क बहुत होता है.

इस केस मे या तो Share Market Charts एकदम से UP Trend करेगा जिससे आपकी कमाई होगी या फिर Down Trend तेजी से करेगा जिसकी वजह से आपका पैसा डूबने की संभावना तय है.

Maturity Trend Charts क्या है और कैसे समझे?

जब आप सभी स्टेप फॉलो कर रहे हो तब आपको अंतिम में देखना चाहिए कही वो स्टॉक कम समय में बहुत ज्यादा ऊपर तो चला नहीं गया। अगर आपको लगता है प्रॉफिट बुकिंग का समय आ चकता है। उस स्टॉक के चार्ट से आपको दूर रहना चाहिए।

चाहे न्यूज़ में कितना भी अच्छा उस स्टॉक के बारे में बताए पर ज्यादा लालच के चक्कर मे भूलकर भी इन्वेस्ट नही करना चाहिए है.

क्यूंकि वो शेयर पहले ही बहुत ज्यादा भाग चूका है आगे चार्ट में जितना बढ़ने की संभवाना होती है उतना ही ज्यादा गिरावट का माहौल भी देखने को मिल सकता है. इसलिए Maturity Trend Charts से दूर रहना ही बेहतर है.

Stock Market Chart Analysis कैसे जाने?

किसी भी Share Market Charts का मजबूत पक्ष जानने के लिए आपको पहले उस शेयर की गतिविधि कैसी है उसको जानना बहुत जरुरी है.

यदि शेयर प्राइस बहुत ज्यादा ऊपर नीचे होता दिखाई दे तो आपको ऐसे शेयर को खरीदने से बचना चाहिए.

अगर आपको लगता है Share Market Charts धीरे धीरे ऊपर या नीचे जाने की और है तो आप उस शेयर मे ट्रेन्ड के हिसाब से इन्वेस्टमेंट करे इसमे फायदा होने के ज्यादा आसार होते है.

Share Market Charts देखकर शेयर खरीदने का सही तरीका?

किसी भी स्टॉक के चार्ट मे इन्वेस्ट करना है तो उसके Momentum को ध्यान मे रख कर इन्वेस्ट करना चाहिए. बहुत सारी कंपनी के शेयरो के ऐसे चार्ट आपको देखने को मिलेंगे जिनकी ऊपर जाने की स्पीड काफी कम होती है.

अगर आप ऐसे शेयर में इन्वेस्टमेंट करेंगे तो अच्छा मुनाफा कमाने के लिए ज्यादा समय लग सकता वाला है. इसलिए आपको अच्छे Momentum वाले चार्ट को ही चुनना चाहिए.

Competitive Stock के चार्ट को कैसे समझे?

अगर आपने किसी कंपनी के शेयर मे इन्वेस्ट करने की सोची है तो उस कंपनी के अलावा और भी कंपनी होती है जिनका बिजनेस मॉडल उन्ही की तरह होता है.

इसलिए बाकि Competitive कंपनी के प्रदर्शन पर भी नजर रखनी चाहिए. आपको ध्यान मे रखना चाहिए कि कंपनी का शेयर प्राइस ग्रोथ प्रतियोगी कंपनी से बेहतर प्रदर्शन दिखा रहा है या नही.

चार्ट्स

चार्ट तकनीकी विश्लेषकों के काम करने के उपकरण हैं। वे विशिष्ट समय सीमा में स्टॉक के मूल्य आंदोलनों की साजिश रचने के लिए चार्ट का उपयोग करते हैं। यह दिखाने का एक ग्राफिकल तरीका है कि स्टॉक की कीमतें अतीत में कहां रही हैं।

एक चार्ट हमें एक घंटे, दिन, सप्ताह, महीने या कई वर्षों की अवधि में स्टॉक के मूल्य इतिहास की पूरी तस्वीर देता है। इसमें एक x-अक्ष (क्षैतिज) और एक y-अक्ष (ऊर्ध्वाधर) है। आमतौर पर, x-अक्ष समय का प्रतिनिधित्व करता है; y-अक्ष कीमत का प्रतिनिधित्व करता है। समय के साथ स्टॉक की कीमत की साजिश रचने से, हम किसी भी स्टॉक के ट्रेडिंग इतिहास के सचित्र प्रतिनिधित्व के साथ समाप्त होते हैं।

एक चार्ट स्टॉक में ट्रेडिंग की मात्रा के इतिहास को भी चित्रित कर सकता है। यही है, एक चार्ट उन शेयरों की संख्या का वर्णन कर सकता है जो एक निश्चित समय अवधि में हाथ बदलते हैं।

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मूल्य चार्ट के प्रकार:

लाइन चार्ट

“लाइन चार्ट” किसी विशिष्ट स्टॉक या बाजार की एक निश्चित अवधि में बंद कीमतों को जोड़कर बनाए जाते हैं। लाइन चार्ट विशेष रूप से स्टॉक की कीमत या बाजार की गति के रुझान का स्पष्ट दृश्य चित्रण प्रदान करने के लिए उपयोगी है। यह एक अत्यंत मूल्यवान विश्लेषणात्मक उपकरण है जिसका उपयोग व्यापारियों द्वारा पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है।

निफ्टी (दैनिक) लाइन चार्ट

बार चार्ट

बार चार्ट सबसे लोकप्रिय तरीका है जो व्यापारी किसी निश्चित अवधि में स्टॉक में मूल्य ट्रेडिंग चार्ट क्या है? कार्रवाई देखने के लिए उपयोग करते हैं। मूल्य गतिविधि का ऐसा दृश्य प्रतिनिधित्व प्रवृत्तियों और पैटर्न को खोजने में मदद करता है।

हालांकि दैनिक बार चार्ट सबसे अच्छी तरह से जाना जाता है, बार चार्ट किसी भी समय अवधि के लिए बनाया जा सकता है – उदाहरण के लिए साप्ताहिक और मासिक। एक बार शीर्ष पर अवधि के लिए उच्च मूल्य और बार के निचले भाग में सबसे कम कीमत दिखाता है। ऊर्ध्वाधर पट्टी के दोनों ट्रेडिंग चार्ट क्या है? ओर छोटी रेखाएँ खुलने और बंद होने की कीमतों को चिह्नित करने का काम करती हैं।

शुरुआती कीमत बार के बाईं ओर एक छोटे से टिक द्वारा चिह्नित की जाती है; समापन मूल्य बार के दाईं ओर एक समान टिक द्वारा दिखाया गया है। कई निवेशक दिन के कारोबार के दौरान कुछ ही मिनटों में बनाए गए बार चार्ट के साथ काम करते हैं।


निफ्टी (दैनिक) बार चार्ट

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कैंडलस्टिक्स चार्ट

कैंडलस्टिक चार्ट मौजूदा बाजार मनोविज्ञान के लिए दृश्य अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। एक कैंडलस्टिक एक आधुनिक बार-चार्ट के समान प्रारूप में खुली, उच्च, निम्न और समापन कीमतों को प्रदर्शित करता है, लेकिन इस तरह से जो उद्घाटन और समापन कीमतों के बीच संबंधों को कमजोर करता है। मोमबत्तियों में कोई गणना शामिल नहीं है। प्रत्येक कैंडलस्टिक डेटा की एक अवधि (जैसे, दिन) का प्रतिनिधित्व करता है। नीचे दिया गया चित्र मोमबत्ती के तत्वों को प्रदर्शित करता है।

प्रत्येक समय अवधि के लिए उच्च, निम्न, खुली और बंद कीमतों के डेटा का उपयोग करके एक कैंडलस्टिक चार्ट बनाया जा सकता है जिसे आप प्रदर्शित करना चाहते हैं। मोमबत्ती के खोखले या भरे हुए हिस्से को “शरीर” (जिसे “वास्तविक शरीर” भी कहा जाता है) कहा जाता है। शरीर के ऊपर और नीचे लंबी पतली रेखाएं उच्च / निम्न श्रेणी का प्रतिनिधित्व करती हैं और उन्हें “छाया” (जिसे “विक्स” और “पूंछ” भी कहा जाता है) कहा जाता है। उच्च को ऊपरी छाया के शीर्ष से और निम्न को निचली छाया के नीचे से चिह्नित किया जाता है।

यदि स्टॉक अपने शुरुआती मूल्य से अधिक बंद हो जाता है , तो एक खोखली कैंडलस्टिक तैयार की जाती है, जिसमें शरीर का निचला भाग शुरुआती मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है और शरीर का शीर्ष समापन मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है। यदि स्टॉक अपने शुरुआती मूल्य से कम बंद हो जाता है , तो एक भरी हुई कैंडलस्टिक शरीर के शीर्ष के साथ तैयार की जाती है जो शुरुआती मूल्य का प्रतिनिधित्व करती है और शरीर के नीचे समापन मूल्य का प्रतिनिधित्व करती है।

प्रत्येक कैंडलस्टिक मूल्य कार्रवाई की एक आसान-से-समझने वाली तस्वीर प्रदान करता है। तुरंत एक व्यापारी खुले और बंद के साथ-साथ उच्च और निम्न के बीच संबंधों को देख और तुलना कर सकता है। खुले और करीबी के बीच के संबंध को महत्वपूर्ण जानकारी माना जाता है और यह मोमबत्तियों का सार बनाता है। खोखले कैंडलस्टिक्स, जहां पास खुले से अधिक है, खरीद दबाव का संकेत देते हैं। भरे हुए कैंडलस्टिक्स, जहां क्लोज ओपन से कम है, बिकवाली के दबाव को दर्शाता है। इस प्रकार, पारंपरिक बार चार्ट की तुलना में, कई व्यापारी कैंडलस्टिक चार्ट को अधिक आकर्षक और व्याख्या करने में आसान मानते हैं।


निफ्टी (दैनिक) कैंडलस्टिक चार्ट कैंडलस्टिक चार्ट

कैंडल स्टिक चार्ट क्यों?

कैंडलस्टिक चार्टिंग क्या पेशकश करता है जो ठेठ पश्चिमी उच्च-निम्न बार चार्ट नहीं करता है? खुली और बंद की पहचान करने के लिए क्षैतिज टिक वाली ऊर्ध्वाधर रेखा के बजाय, कैंडलस्टिक्स दो आयामी निकायों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो दिन के उच्च और निम्न को चिह्नित करने के लिए खुली सीमा और छाया को दर्शाते हैं।

कई वर्षों से, जापानी व्यापारी बाजार गतिविधि को ट्रैक करने के लिए कैंडलस्टिक चार्ट का उपयोग कर रहे हैं। पूर्वी विश्लेषकों ने प्रवृत्ति की निरंतरता और उत्क्रमण को निर्धारित करने के लिए कई पैटर्न की पहचान की है।

ये पैटर्न जापानी कैंडलस्टिक चार्ट विश्लेषण का आधार हैं। यह कैंडलस्टिक्स को तकनीकी विश्लेषण के एक हिस्से के रूप में सही रखता है। जापानी कैंडलस्टिक्स शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के मनोविज्ञान में एक त्वरित तस्वीर पेश करते हैं, प्रभाव का अध्ययन करते हैं, कारण नहीं। कैंडलस्टिक्स लगाने का मतलब है कि अल्पावधि के लिए, एक निवेशक निवेश खरीदने, बेचने या रखने के बारे में ठोस निर्णय ले सकता है।

ये जानकारी सिर्फ एजुकेशन पर्पस के लिए है। किसी भी तरह के मार्किट इन्वेस्टमेंट के खरीदने या बचने की सलाह नहीं है।

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ध्यान दें: ये वेबसाइट सिर्फ, इनफार्मेशन की जानकारी के लिए है। आप किसी भी प्रकार के फ्रॉड से सावधान रहें।। किसी भी प्रकार या किसी भी प्रकार से ऋण लेने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होगा !!

ट्रेडिंग वॉल्यूम(trading volume) क्या है इसका विश्लेषण (analysis) कैसे किया जाता है

ट्रेडिंग वॉल्यूम(trading volume) क्या है इसका विश्लेषण (analysis) कैसे किया जाता है

शेयर बाजार में शेयर के ट्रेंडिंग वॉल्यूम (trending volume) का काफी ज्यादा अहम रोल होता है। जिससे कि निवेशक अपने निवेश की रणनीतियां (Strategies) बनाते हैं। ट्रेंडिंग वॉल्यूम हाय, लो या नॉर्मल होता है। इसे देखकर ही निवेशक अपना निर्णय लेते हैं। हम जानेंगे कि ट्रेंडिंग वॉल्यूम शेयर बाजार में किस प्रकार काम करता है और निवेशक इसका विश्लेषण (Analysis) किस प्रकार से कर सकते हैं, जिससे कि उन्हें फायदा हो सके।

ट्रेडिंग वॉल्यूम(trading volume) क्या है

शेयर बाजार में ट्रेंडिंग वॉल्यूम वह संख्या होती है, जो एक निश्चित समय में खरीदे एवं बेचे गए शेयरों की संख्या है। ट्रेंडिंग वॉल्यूम 5 मिनट से लेकर 5 साल तक कैलकुलेट किया जाता है, और निवेशक अपनी निवेश अवधि के अनुसार इसका एनालिसिस करते हैं।

चार्ट पर वॉल्यूम कैसे देखें

शेयर बाजार में आप वॉल्यूम (Volume) को कैंडल या बार की सहायता से देख सकते हैं। जो भी Chart आप उपयोग कर रहे हैं उस चार्ट मैं आप अपने हिसाब से समय चुनकर, उस समय के अंतराल (time interval) के ट्रेंडिंग वॉल्यूम का पता लगा सकते हैं। सामान्यता जब अधिक खरीदी होती है तो कैंडल ग्रीन होती है और यदि अत्यधिक मात्रा में शेयर की बिक्री होती है तो कैंडल लाल होती है। यह कैंडल आपके चुने गए समय के अनुसार बनती है।निवेशक कैंडल का मूविंग एवरेज के साथ में उपयोग कर सकते हैं और अपने निवेश की रणनीति बना सकते हैं।

वॉल्यूम टेबल

केवल वॉल्यूम (Volume) को देखा जाए और उसके साथ जुड़े अन्य पहलुओं को ध्यान नहीं दिया जाए, तो वॉल्यूम (Volume) का कोई मतलब नहीं रह जाता और ना ही इससे कोई निर्णय लिया जा सकता है। परंतु यदि वॉल्यूम (Volume) के साथ में शेयर के अन्य पहलू पर जैसे कि उसकी कीमत का बढ़ना, उसकी कीमत का घटना पर ध्यान दिया जाए, तो यह वॉल्यूम के साथ में काफी अच्छे परिणाम दे सकते हैं। आइए एक टेबल की मदद से जानते हैं कि किस प्रकार वॉल्यूम और कीमत के साथ अपना निर्णय लें।

क्रम सं कीमत वॉल्यूम आगे की उम्मीद
1बढ़तबढ़तबुलिश
2बढ़तगिरावटसावधान-खरीदारी में दम नहीं
3गिरावटबढ़तबेयरिश
4गिरावटगिरावटसावधान-बिकवाली में दम नहीं

वॉल्यूम कैसे काम करता है?

वॉल्यूम शेयर बाजार में एक विशेष समय में खरीदे एवं बेचे गए शेयर की संख्या होता है जो कि सीधा लिक्विडिटी (liquidity) को दर्शाता है। सभी एक्सचेंज वॉल्यूम को एक दिन के हिसाब से कैलकुलेट करते हैं। वॉल्यूम शेयर के मूल्य निर्धारण को दर्शाता है। जब वॉल्यूम कम होता है, तब निवेशक कम निवेश करते हैं जिससे गिरावट का अंदाजा लगाया जाता है। इसके विपरीत जब वॉल्यूम बढ़ता है तो शेयर की कीमत भी बढ़ने लगती है । परंतु कुछ परिस्थितियों में ऐसा नहीं होता है।

ट्रेडिंग वॉल्यूम इतना महत्वपूर्ण क्यों?

शेयर बाजार में ट्रेडिंग वॉल्यूम (trading volume) काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि ज्यादा वॉल्यूम ज्यादा इंटरेस्ट दिखाता है। कम वॉल्यूम निवेशकों का कम इंटरेस्ट दिखाता है। वॉल्यूम की सहायता से शेयर एक नई गति या नई दिशा में जा सकता है। और इसका ट्रेंड बुलिस या बियरिश (Bullish or Bearish) हो सकता है। अधिकतर निवेशक वॉल्यूम को अन्य तकनीकी विश्लेषण के साथ में जोड़ कर देखते हैं । जिससे कि वह उचित निर्णय ले सकें।

सापेक्ष वॉल्यूम(relative volume) क्या है और यह कैसे प्रभाव डालता है?

सापेक्ष वॉल्यूम(relative volume) वर्तमान वॉल्यूम की तुलना “सामान्य” वॉल्यूम से करती है और इसे गुणज के रूप में प्रदर्शित करती है। सामान्य वॉल्यूम पिछले दिनों की दिखाई संख्या के लिए दी गई अवधि के लिए औसत वॉल्यूम (average volume) है। जब सापेक्ष वॉल्यूम 10 है, तो यह दिखाता है कि शेयर सामान्य वॉल्यूम का 10 गुना व्यापार कर रहा हैं। यह ट्रेडिंग गतिविधियों में वृद्धि को दर्शाता है जो कि एक महत्वपूर्ण Price चाल का नेतृत्व कर सकते हैं । सापेक्ष वॉल्यूम (relative volume) अधिकांश ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। वॉल्यूम में हुई वृद्धि किसी स्टॉक में अंदर या बाहर धन के प्रवाह (Flow) का संकेत दे सकती है, जो कि निवेशक के निर्णय को दिखता है ।

ट्रेडिंग वॉल्यूम(trading volume)

विश्लेषण

  • बुलिश एनगल्फिंग (Bullish engulfing) पैटर्न का बनना – एक लांग ट्रेड का सुझाव देता है।
  • बुलिश एनगल्फिंग के लो के पास सपोर्ट- सपोर्ट एक स्टॉक में मांग को दिखाता है, निवेशक स्टॉक खरीदने पर गौर कर सकता है।
  • स्टॉक में एक जाना पहचाना कैंडलस्टिक पैटर्न बनना चाहिए।
  • S&R को व्यापार की पुष्टि करनी चाहिए। स्टॉपलॉस भी S&R के आसपास होना चाहिए।
  • एक लांग ट्रेड के लिए, पैटर्न का लो सपोर्ट के आसपास होना चाहिए।
  • एक शॉर्ट ट्रेड के लिए, पैटर्न का हाई रेजिस्टेंस के आसपास होना चाहिए।
  • वॉल्यूम को ट्रेड की पुष्टि करनी चाहिए।
  • खरीदने के दिन और बेचने के दिन वॉल्यूम एवरेज से अधिक होना चाहिए।
  • लो वॉल्यूम उत्साहजनक नहीं है और इसलिए जहां वॉल्यूम कम हो वहाँ ट्रेड करने से बचें।

निष्कर्ष

एक निवेशक को निवेश करने के पूर्व उस Share के ट्रेंडिंग वॉल्यूम को अच्छे से समझना चाहिए और अन्य तकनीकी विश्लेषण के साथ में उसे जोड़ कर देखना चाहिए। जोकि वॉल्यूम (Volume) की अधिक स्पष्ट और सटीक जानकारी दे सके। निवेश करने के पूर्व वॉल्यूम टेबल (volume table) को जरूर देखना चाहिए, जिससे निवेश संबंधी निर्णय ले सके।

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