क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं?

क्रिप्टो बाजार में तेजी: 10 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद क्रिप्टो बाजार में तेजी देखने को मिली। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन 10 फीसदी की तेजी के साथ 42,000 डॉलर के स्तर को पार कर गया। हालांकि अन्य कारणों की वजह से बिटकॉइन 11 मार्च को 39000 डॉलर के नीचे आ गया। इसके साथ ही आपको बता दें अन्य बड़ी क्रिप्टो करेंसी एथरियम, टेथर और बीएनबी में भी तेजी देखने को मिली।
क्रिप्टो एक्सचेंज की तबाही से भारत में भी भय का माहौल, देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं
नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के प्रमुख सैम बैंकमैन-फ्राइड दो दिन पहले तक टेक की दुनिया के सुपरस्टार थे। उन्हें क्रिप्टो का रक्षक, डेमोक्रेटिक राजनीति में नवीनतम शक्ति और संभावित रूप से दुनिया के पहले खरबपति जैसे विशेषणों से नवाजा जाता था, लेकिन आज वह क्रिप्टो जगत के सबसे बड़े खलनायक हैं। 30 वर्षीय बैंकमैन-फ्राइड द्वारा चलाया जा रहा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज शुक्रवार को दिवालिया हो गया और निवेशकों और ग्राहकों ने खुद को ठगा महसूस किया। अगर आप भी क्रिप्टो में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो अच्छी तरह से जान लें कि आप एक ऐसी अंधी गली में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें कब क्या हो जाए किसी को नहीं मालूम।
भारतीयों के लिए क्या हैं मायने
गुरुग्राम के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर ब्रजेश क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं? शर्मा ने पांच साल पहले क्रिप्टोकरेंसी में दो लाख रुपये का निवेश किया था। पिछले साल तक वह निवेश से काफी उत्साहित थे, लेकिन अब डर सताने लगा है। ऐसा ही कुछ बंगलूरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रितेश कुमार का सोचना है। उनका कहना है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को न तो मान्यता है और न ही क्रिप्टो एक्सचेंज चलाने वाली कंपनियां अपने बारे में कुछ खुलकर बताती हैं। ऐसे में अगर पैसा डूबा तो हम कोई दरवाजा भी नहीं खटखटा सकते हैं।
यह भी पढ़ें | IND vs NZ: सूर्या और चहल के सामने न्यूजीलैंड का सरेंडर, भारत की आसान जीत
हालात और बुरे होने की आशंका
- जानकारों के अनुसार, पहले से मंदे बाजार को अब इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।
- एफटीएक्स के ढहने के बाद मार्केट में नकदी का संकट पैदा हो सकता है, जिसका खामियाजा दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को भुगतना पड़ेगा।
- भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स के उपाध्यक्ष राजगोपाल मेनन को डर है कि सबसे बुरा अभी खत्म नहीं हुआ है और कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि पहले से मंदे बाजार को इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।
सरकार और आरबीआई की सर्तकता से बचे निवेशक
दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भारी गिरावट से निवेशकों के अरबों डॉलर डूब गए। हालांकि, सरकार और आरबीआई के सतर्क रुख से भारतीय निवेशकों पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर चेतावनी भी दी है। इसके अलावा, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी का भारी-भरकम टैक्स और लेनदेन पर एक फीसदी का अतिरिक्त टीडीएस भी लगाया है। आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी बाजार का पूंजीकरण 2021 में 3 लाख करोड़ डॉलर (234.7 लाख करोड़ रुपये) था। एक साल में ही इसका कुल बाजार मूल्य 2 लाख करोड़ डॉलर (165 लाख करोड़ रुपये) घटकर अब एक लाख करोड़ डॉलर (81.23 लाख करोड़ रुपये) रह गया है।
RBI और सरकार की वजह से वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो में गिरावट के असर से कैसे अछूता रहा भारत?
Crypto News: विश्व में क्रिप्टो करेंसी में आयी बड़ी गिरावट से चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है, वहीं भारत में इसका खास असर नहीं हुआ है. इसका श्रेय क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं? सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सतर्क रुख को जाता है. आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है और उसने इसमें लेनदेन को लेकर आगाह भी किया है. वहीं सरकार ने क्रिप्टो लेनदेन की मांग को कम करने के लिए कर का रास्ता चुना है.
क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 2021 में तीन हजार अरब डॉलर था, जिसका कुल बाजार मूल्य अब एक हजार अरब डॉलर से भी कम रह गया है. हालांकि, भारतीय निवेशक इससे काफी हद तक बचे रहे हैं जबकि बहामास का एफटीएक्स बाजार लोगों द्वारा बिकवाली के बाद दिवालिया हो गया है. भारत में आरबीआई पहले दिन से ही क्रिप्टोकरेंसी का विरोध कर रहा है, जबकि सरकार शुरू में एक कानून लाकर ऐसे माध्यमों को विनियमित करने का विचार कर रही थी.
Crypto Crash: क्रिप्टो एक्सचेंज में इतनी बड़ी क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं? गिरावट की क्या है वजह? जानिए
हालांकि, सरकार बहुत विचार-विमर्श के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची कि वर्चुअल मुद्राओं के संबंध में वैश्विक सहमति की आवश्यकता है क्योंकि ये सीमाहीन हैं और इसमें शामिल जोखिम बहुत अधिक हैं. आरबीआई के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी को विशेष रूप से विनियमित वित्तीय प्रणाली से बचकर निकल जाने के लिए विकसित किया गया है और यह उनके साथ सावधानी बरतने के लिए पर्याप्त कारण होना चाहिए. उद्योग का अनुमान है कि भारतीय निवेशकों का क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों में निवेश केवल तीन प्रतिशत है.
वैश्विक क्रिप्टो बाजार में गिरावट के बावजूद, भारत की क्रिप्टोकरेंसी कंपनियां अभी तक किसी जल्दबाजी में नहीं हैं. भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स और जेबपे का परिचालन जारी है. सरकार और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ केंद्रीय बैंक के सतर्क रुख की वजह से भारत में क्रिप्टो का बड़ा बाजार नहीं खड़ा हो सका. अगर भारतीय संस्थाएं क्रिप्टो में शामिल हो गई होतीं, तो देश में कई लोगों के पैसे डूब जाते. एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष कमलेश शाह के अनुसार, आरबीआई और सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं देने के लिए उठाये गए कदम इस समय उचित हैं. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी जून में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में क्रिप्टोकरेंसी को 'स्पष्ट खतरा' बताया था.
Cryptocurrency: क्रिप्टो बाजार में हाहाकार, रातों रात कंगाल हुए निवेशक
बिजनेस डेस्क: देश में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले निवेशक रातों-रात कंगाल हो गए हैं। भारत में क्रिप्टो का कारोबार करवाने वाली एक्सचेंज वजीर एक्स ( WazirX) पर बिटकॉइन की कीमत 23% गिर गई है और दूसरी अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भी 35% तक की गिरावट देखी जा रही है। दअसल 29 नवंबर को केंद्र सरकार संसद के शीतकालील सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट के लिए पर कानून लाने जा जा रही है।
माना जा रहा है कि इस कानून में क्रिप्टोकरेंसी पर कई तरह की पाबंदियां लग सकती हैं। संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक पेश करने की खबर आने के बाद क्रिप्टोकरेंसी में तमाम तरह भारी गिरावट देखी जा रही है। बिटकॉइन 46 लाख रपए से गिर कर साढ़े 33 लाख रुपए तक पहुंच गया था। और अब इसमें साढ़े 35 लाख रुपए पर कारोबार हो रहा है।
अन्य प्रकार के scams पर नज़र रखें
नकली क्रिप्टोकरेंसी के लिए Initial coin offerings (ICOs)
जब बाजार में लॉन्च होने से पहले निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी की पेशकश की जाती है, तो इसे ICO (नए स्टॉक के आईपीओ के समान) कहा जाता है। लेकिन कभी-कभी इन नए coins की पेशकश को गढ़ा जा सकता है, जिससे निवेशक अपना पैसा एक ऐसी क्रिप्टोकरेंसी में डाल सकते हैं जो वास्तव में मौजूद नहीं है।
निवेश करने से पहले हमेशा किसी भी क्रिप्टोकरेंसी पर शोध करें। प्रोजेक्ट के white paper को पढ़ें और अपने शोध के हिस्से के रूप में उस coin के founder की जांच करें। अधिकांश निवेशकों के लिए और विशेष रूप से शुरुआती बिटकॉइन या एथेरियम जैसे पुराने और लोकप्रिय coins से चिपके रहना ही स्मार्ट है।
Crypto pump और dump स्कीम
निवेशकों का एक छोटा समूह एक विशिष्ट क्रिप्टो में बहुत सारा पैसा pump कर सकता है, निजी निवेशकों को भी निवेश करने के लिए राजी करते हुए कीमत को गलत तरीके से बढ़ा सकता है। फिर मूल निवेशक कीमत गिरने से पहले लाभ के लिए अपने शेयर बेचते हैं। इस प्रकार की scheme से बचें।
अपने बिटकॉइन को कैसे safe रखें
हैकर्स, लोगों के crypto wallet तक पहुंच सकते हैं या उनकी होल्डिंग्स को चुराने के लिए पूरे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को breach कर सकते हैं। इसलिए अपने क्रिप्टो को सुरक्षित स्थान पर स्टोर करना और अच्छी डिजिटल सुरक्षा आदतों को अपनाना आवश्यक है।
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और कोई अन्य third party वेबसाइट आपके coins के लिए hot wallet में स्टोर की पेशकश करते हैं, जो सुरक्षित हैं लेकिन फिर भी ऑनलाइन हैं (और इसलिए हैकिंग के लिए अतिसंवेदनशील हैं)। एक्सचेंज या वॉलेट में रखी गई क्रिप्टो का कोई बीमा नहीं होता है जैसे बैंक में रखे पैसे की तरह होता है। आप अपने क्रिप्टो को एक ऐसे प्लेटफॉर्म पर रखें जो मजबूत robust security प्रदान करते हैं. चोरी या हैकिंग के मामले में कुछ एक्सचेंजों में निजी बीमा पॉलिसी भी हो सकती हैं।
ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ सर्वोत्तम सुरक्षा के लिए कई विशेषज्ञ USB drive के समान ऑफ़लाइन डिवाइस के माध्यम से cold storage की सलाह देते हैं जो इंटरनेट से कनेक्ट नहीं है। लेकिन कोल्ड स्टोरेज भी जोखिम के साथ आता है, जैसे कि अगर आप अपना पासवर्ड भूल जाते हैं तो आपके निवेश तक पहुंच पूरी तरह से खोने की संभावना है।
बिटकॉइन Security Vs Privacy
Security और Privacy दो अलग-अलग विषय हैं.
जब आप अपने क्रिप्टो होल्डिंग्स को हैकिंग और चोरी से सुरक्षित करने के उपाय कर सकते हैं, तो बिटकॉइन आपकी व्यक्तिगत जानकारी को किसी अन्य निवेश की तुलना में निजी रखने में अधिक प्रभावी नहीं हो क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं? सकती है।
जबकि बिटकॉइन में आपके द्वारा किए गए ट्रेडों का पता लगाना क्रेडिट कार्ड से खरीदारी या सीधे बैंक निकासी की तुलना में कठिन हो सकता है, बिटकॉइन लेनदेन निजी नहीं हैं। बिटकॉइन ट्रेड्स एक हैश कोड से बंधे हैं – अक्षरों और संख्याओं की एक स्ट्रिंग है – जो unique हैं.
Coindesk में डेटा और इंडेक्स के निदेशक गैलेन मूर कहते हैं, “आप वास्तव में गुमनाम नहीं हैं पर एक अदृश्य नाम की तरह हैं। आपकी गतिविधि सीधे आपके social security number जैसे व्यक्तिगत विवरणों से जुड़ी नहीं है जबकि ब्लॉकचेन सार्वजनिक है और ऐसे तरीके हैं जिनसे लोग आपकी पहचान कर सकते हैं।
Cryptocurrency News: अमेरिकी सरकार के इस फैसले के बाद क्रिप्टोकरेंसी में आई तूफानी तेजी, जानिए कारण
10 मार्च 2022 को बिटकॉइन की कीमत 10 फीसदी तक बढ़ गई थी। (फाइल फोटो)
इस साल बजट में केंद्र सरकार के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी और वर्चुअल संपत्तियों पर 30 फ़ीसदी टैक्स लगाने बाद से क्रिप्टो निवेशकों में निराशा का माहौल था। करीब एक महीने के बाद क्रिप्टो निवेशकों के लिए एक अच्छी खबर आई है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने क्रिप्टो करेंसी की सरकारी निगरानी को लेकर एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे दुनिया के क्रिप्टो निवेशकों की उम्मीदों को दोबारा से जगा दिया है।