विदेशी मुद्रा मुद्रा तमिल नाडु

'Indian forex reserve'
भारत से लेकर चेक गणराज्य तक के केंद्रीय बैंक अपनी मुद्रा का समर्थन करने के विदेशी मुद्रा मुद्रा तमिल नाडु लिए हस्तक्षेप कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग वर्ष 2003 से इसका डाटा एकत्र कर रहा है और उसके मुताबिक यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 22 जून को समाप्त हुए सप्ताह को उससे पिछले सप्ताह के मुकाबले 2.25 अरब डॉलर घट गया। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से मिली। आरबीआई द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 15 जून को समाप्त हुए सप्ताह को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 410.07 अरब डॉलर था जोकि बीत हफ्ते 22 जून को घटकर 407.81 अरब डॉलर रह गया।
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि विदेशी मुद्रा आस्तियों में तेजी आने के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 30 जून को समाप्त सप्ताह में 4.007 अरब डॉलर बढ़कर 386.53 अरब डॉलर की नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया.
देश का विदेशी मुद्रा भंडार गत 19 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान 4.03 अरब डालर की जोरदार वृद्धि के साथ 379.31 अरब डालर की रिकार्ड उंचाई पर पहुंच गया.
डिजिटल मुद्रा लाने की जल्दबाजी नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) शुरू करने में जल्दबाजी नहीं करने वाला है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि पायलट परियोजना के निष्कर्षों पर विचार करने के बाद सीबीडीसी पेश की जाएगी। इसे बगैर किसी व्यवधान के पेश करने का विचार है, इसलिए केंद्रीय बैंक बहुत सावधानी से आगे बढ़ रहा है। केंद्र सरकार के इस साल के बजट में घोषणा की गई थी कि आरबीआई वित्त वर्ष 23 में डिजिटल रुपया शुरू करेगा।
रिजर्व बैंक ने मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में एक पायलट परियोजना के निष्कर्षों के आधार पर 2023 में डिजिटल किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋण शुरू करने की योजना भी बनाई है।
थोक खंड में सीबीडीसी के लिए प्रायोगिक परियोजना 1 नवंबर से शुरू की गई है। इस प्रायोगिक परियोजना के तहत सरकारी विदेशी मुद्रा मुद्रा तमिल नाडु प्रतिभूतियों के द्वितीयक बाजार के लेन-देन का निपटान होगा। पहले दिन, 275 करोड़ रुपये के 48 सौदे किए गए और दूसरे दिन 290 करोड़ रुपये के 45 सौदे किए गए।
हालांकि दास ने व्यापक रूप से सीबीडीसी शुरू करने की तारीख नहीं बताई। यहां आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘मैं पूरी तरह से सीबीडीसी शुरू करने की कोई निश्चित तिथि नहीं देना चाहता हूं क्योंकि यह कुछ ऐसा है जिस पर हम काफी सावधानी से आगे बढ़ेंगे। हम बहुत जल्दबादी नहीं दिखाना चाहते हैं। हम प्रायोगिक परियोजना के अनुभवों से सीखना चाहते हैं, जो अभी चल रही है।’
आरबीआई के गवर्नर ने कहा, ‘यहां कुछ विदेशी मुद्रा मुद्रा तमिल नाडु तकनीकी और प्रक्रिया संबंधी चुनौतियां भी होंगी। हम उन सभी पहलुओं का पता लगाना चाहते हैं और इसे इस तरीके से पेश करना चाहते हैं कि इसे लाने की पूरी प्रक्रिया और उसके बाद के परिणाम में कोई व्यवधान न आए।
दास ने सीबीडीसी की प्रायोगिक परियोजना की शुरुआत को देश में मुद्रा और मुद्रा के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण बताया। आरबीआई ने सीबीडीसी को डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी वैध मुद्रा के रूप में परिभाषित किया है। मुद्रा की जगह लेने के बजाय सीबीडीसी उसका पूरक होगा। यह उपयोगकर्ताओं के लिए भुगतान का एक अतिरिक्त साधन होगा।
खुदरा क्षेत्र के लिए सीबीडीसी की प्रायोगिक परियोजना इसी माह शुरू होगी। दास ने कहा, ‘सीबीडीसी प्रायोगिक परियोजना से मिले अनुभवों और ऐंड-टू-ऐंड डिजिटाइज्ड केसीसी ऋण से मिली सीख के आधार पर हमारा प्रयास है कि निकट भविष्य में सीबीडीसी को पूरी तरह से शुरू किया जाए। दरअसल खुदरा खंड में सीबीडीसी का प्रायोगिक परीक्षण इस महीने के अंत में शुरू किया जाएगा।’
इस महीने की शुरुआत में जारी आरबीआई के कॉन्सेप्ट नोट के मुताबिक, सीबीडीसी को शुरू करने की प्रमुख प्रेरणाओं में भुगतान प्रणाली में भौतिक नकदी प्रबंधन, दक्षता और नवाचार में शामिल परिचालन लागत में कमी, सीमा पार से भुगतान स्थान में नवाचार को बढ़ावा देना और जनता को ऐसे अनुभव देना शामिल है जो कोई भी निजी आभासी मुद्राएं प्रदान कर सकती हैं।
एड-टू-एंड डिजिटल ऋणों से मिले अनुभवों के आधार पर किसानों और छोटे व मध्यम उद्यमों के लिए केसीसी शुरू किया जाएगा। अगर सब कुछ योजना के अनुसार होता है विदेशी मुद्रा मुद्रा तमिल नाडु तो 2023 तक आरबीआई द्वारा इसे शुरू किए जाने की उम्मीद है।
आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार समाप्त होने के कगार पर, दुनिया उसकी ओर से खींच रही हाथ
Pakistan Economic Crisis पाकिस्तान पिछले कुछ समय से भयावह आर्थिक संकट में फंसा हुआ है। उसका विदेशी मुद्रा भंडार समाप्त होने के कगार पर है तो दुनिया उसकी ओर से हाथ खींच रही है। रणनीति दीर्घकाल में अब पाकिस्तान के लिए नुकसानदेह साबित होती दिख रही है।
डा. लक्ष्मी शंकर यादव। पिछले लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में डीजल-पेट्रोल के दाम ऊंचाई के रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुके हैं। साथ ही बिजली की कटौती भी बढ़ गई है। पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी खत्म कर दी गई है और गैर जरूरी सामानों विदेशी मुद्रा मुद्रा तमिल नाडु के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नगदी की कमी से संकटग्रस्त पाकिस्तान भारी महंगाई, रुपये की कीमत में गिरावट और कठिन वैश्विक वित्तीय दशाओं से जूझ रहा है।
ऐसे में दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान ने 30 अरब पाकिस्तानी रुपये का अतिरिक्त कर लगाने का निर्णय किया है। तेल और गैस के भुगतान में चूक से बचने के लिए सरकार विदेशी मुद्रा मुद्रा तमिल नाडु विदेशी मुद्रा मुद्रा तमिल नाडु 100 अरब पाकिस्तानी रुपये जुटाने का प्रयास कर रही है। इस संबंध में उसने आइएमएफ से एक समझौता कर लिया है। इस बीच पाकिस्तान सरकार ने डीजल व पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए हैं। बढ़ोतरी के बाद डीजल 245 और पेट्रोल 277 रुपये प्रति लीटर हो गया है। पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते 11 महीने में देश के कर्ज में 15 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है। अमेरिका स्थित एक रेटिंग एजेंसी ने 28 जुलाई को पाकिस्तान की दीर्घकालिक रेटिंग को स्थिर से घटाकर नकारात्मक कर दिया है। इस दिन पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डालर के मुकाबले रिकार्ड निचले स्तर पर जाकर 240 पर बंद हुआ था। अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो आगे हालात और खराब हो जाएंगे।
आइएमएफ से मदद की गुहार
आर्थिक संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने अपने देश की खातिर आइएमएफ यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 1.7 अरब डालर की धनराशि जल्द जारी कराने के लिए अमेरिका से मदद मांगी है। विदित हो कि पाकिस्तान और आइएमएफ ने मूलरूप से वर्ष 2019 में बेलआउट समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन 1.7 अरब डालर की किस्त पर इस साल के आरंभ में रोक लगा दी गई थी। अब पाक सेना प्रमुख ने अमेरिकी उपविदेशमंत्री वेंडी शरमन के साथ इस मामले पर चर्चा करके पाकिस्तान की मदद के लिए आइएमएफ में अपने प्रभाव का उपयोग करने की अपील की। सेना प्रमुख द्वारा इस तरह की अपील करना विशेष मायने रखता है।
पाकिस्तान की सेना ने अब तक 75 साल के इतिहास में आधे से अधिक समय तक देश पर शासन किया है और इस दौर में अमेरिका के साथ मिलकर काम किया है। शायद यही पुराना सहयोग काम करवा सके। जबकि हाल के वर्षो में मुख्य रूप से अफगानिस्तान के मामले को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। इमरान खान के कार्यकाल में विदेशी मुद्रा मुद्रा तमिल नाडु दोनों देशों के मध्य संबंध तनावपूर्ण रहे।
पाकिस्तान इस स्थिति से उबरने के लिए चालू वित्त वर्ष में विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक तथा इस्लामी विकास बैंक सहित अन्य बहुपक्षीय लेनदारों से लगभग 10 अरब डालर का कर्ज जुटाने की योजना बना रहा विदेशी मुद्रा मुद्रा तमिल नाडु है। वर्तमान में पाकिस्तान की जो स्थिति बन गई है, ऐसे में आर्थिक संकट से उबरने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार है। चीन पाकिस्तान इकोनमिक कारिडोर परियोजना के लिए पाकिस्तान की 7.9 अरब रुपये चीन से मांगने की योजना है। इसके लिए आइएमएफ की अनुशंसा की जरूरत होगी, जबकि वह इसके लिए राजी नहीं है। पाकिस्तान सरकार की तरफ से तीनों सेनाओं के विकास के लिए जारी रकम में से 72 अरब रुपये घटा दिए हैं। यह रकम कुल सैन्य बजट का पांचवा हिस्सा है। आइएमएफ का इरादा पाकिस्तान को चीन से ज्यादा कर्ज लेने से रोक लगाने का है। पाकिस्तान के 3950 अरब रुपये के बजट का 40 प्रतिशत हिस्सा कर्ज पर टिका है जो पिछले वर्ष की तुलना में 29 प्रतिशत ज्यादा है।
विदेश से उधार लेकर कर्ज तले दबा पाकिस्तान अब कर्ज के लिए अपने कुछ इलाकों और कंपनियों को दांव पर लगाने की तैयारी में है। पाकिस्तान यूएई का दो अरब डालर का कर्जदार बना हुआ है। इस कर्ज की परिपक्वता अवधि भी बीत चुकी है और पाकिस्तान इसकी अदायगी नहीं कर पाया है। यूएई ने इसकी अदायगी की अवधि को मार्च 2022 में एक साल के लिए बढ़ाकर मार्च 2023 कर दिया है। दूसरी तरफ चीन द्वारा दिए गए कर्ज को पाकिस्तान को 27 जून से 23 जुलाई के बीच अदा करना था। पाकिस्तान को दो अरब डालर के कर्ज का भुगतान चीन को करना है। फिलहाल कुछ समय के लिए चीन ने इसे स्थगित कर दिया है जो पाकिस्तान के लिए राहत की बात है। चीन ने इस परिपक्वता धनराशि की अदायगी के लिए अतिरिक्त समय दे दिया है। विदेशी मुद्रा भंडार बचाने एवं नगदी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को हाल ही में चीन ने एक बार फिर 2.3 अरब डालर का ऋण मुहैया कराया है। इससे पहले भी चीन ने 4.5 अरब डालर का कर्ज दिया था। पाक की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने, आजीविका में सुधार और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए चीन पाकिस्तान का समर्थन करता है। परंतु यह रणनीति दीर्घकाल में अब पाकिस्तान के लिए नुकसानदेह साबित होती दिख रही है। चूंकि भारत उसका निकटतम पड़ोसी है, लिहाजा उसे वहां की अर्थव्यवस्था की बदहाली को देखते हुए पहले से ही सतर्क हो जाना चाहिए।
Foreign Exchange Reserves: रुपये की गिरावट से लुढ़का विदेशी मुद्रा भंडार, 3.85 अरब डॉलर कम होकर पहुंचा दो साल के निचले स्तर पर
Foreign Exchange Reserves: 21 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.85 अरब डॉलर नीचे जाकर 524.52 अरब डॉलर पर आ गया। इस दौरान देश का विदेशी मुद्रा संपत्ति 3.59 अरब डॉलर भी घटा है।
Foreign Exchange Reserves (सोशल मीडिया)
Foreign Exchange Reserves: बढ़ती महंगाई को रुकने के लिए विश्व की केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीतियों में किये जा रहे बदलाव का असर अर्थव्यवस्था पर साफ तौर पर दिखाई पड़ा रहा है। इसके प्रभाव से भारत भी अछूता नहीं रहा है। पिछले कई दिनों से भारतीय मुद्रा रुपया डॉलर की तुलना में गिरावट देखी गई है। हालांकि अब रुपया मजबूत होना शुरू कर दिया है,लेकिन इसमें आई गिरावट का असर विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ गया है। 21 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.85 अरब डॉलर की गिरावट आई है। इस गिरावट के बाद से देश का विदेशी मुद्रा गिरकर दो साल के निचले स्तर पर आ गया है। आपको बता दें कि पिछले महीने से ही विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट होने का सिलसिला शुरू हो चुका था।
पिछले साल अक्टूबर में था सर्वकालिक उच्च स्तर पर
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, 21 अक्टूबर, समाप्त सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.85 अरब डॉलर नीचे जाकर 524.52 अरब डॉलर पर आ गया है, जोकि यह दो साल का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले 14 अक्टूबर अक्टूबर, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 528.37 अबर डॉलर पर विदेशी मुद्रा मुद्रा तमिल नाडु था। बीते अक्टूबर, 2021 को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर पर था,जो इसका सर्वकालिक उच्च स्तर था।
सोने भंडार में भी गिरावट
आरबीआई के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत की विदेशी मुद्रा संपत्ति में भी गिरावट आई है। इस विदेशी मुद्रा मुद्रा तमिल नाडु दौरान विदेशी मुद्रा संपत्ति 3.59 बिलियन डॉलर घटकर 465.075 अरब डॉलर रहे गई है। यह विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक है। नवीनतम सप्ताह के दौरान सोने के भंडार में 247 करोड़ डॉलर नीचे जाकर 37.206 अबर डॉलर रहे गई है। वहीं, समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) का मूल्य 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.440 अरब डॉलर हो गया।
इस साल स्थानीय मुद्रा इतने फीसदी हुई कमजोर
प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से रुपया पिछले कुछ हफ्तों में कमजोर हो रहा है और नए सर्वकालिक निचले स्तर विदेशी मुद्रा मुद्रा तमिल नाडु पर पहुंच गया है। पिछले हफ्ते रुपया इतिहास में पहली बार 83 के स्तर को पार कर गया था। 2022 से अब तक भारतीय मुद्रा रुपए में करीब 10-12 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। आपको बता दें कि आमतौर पर रुपये में भारी गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई डॉलर की बिक्री सहित तरलता प्रबंधन के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करता है।