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Apple Device on Flight: अगर आप फ्लाइट में सफर करते हैं तो चेक इन करने से पहले आपके सामान की जांच की जाती है और आपके लगेज या आपकी पॉकेट में से कोई ऐसा डिवाइस पाया जाता है जो हवाई सफर के दौरान खतरनाक साबित हो सकता है सिग्नल खरीदें तो उसे तुरंत ही रखवा लिया जाता है. दरअसल कुछ डिवाइस फ्लाइट की उड़ान में दिक्कत पैदा कर देते हैं. इन डिवाइसेज को फ्लाइट में ले जाना BAN है. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको फ्लाइट से उतार दिया जाता है. Apple कंपनी का ही एक डिवाइस है जो फ्लाइट में BAN है और इसे फ्लाइट में ले जाने पर आपके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.


कौन सा है Apple का ये डिवाइस

Apple का जो डिवाइस फ्लाइट में BAN है वो असल में कोई आईफोन या लैपटॉप नहीं है बल्कि ये एक छोटा सा एयर टैग है जो शायद एप्पल के सबसे सस्ते डिवाइसेज में से एक है. दरअसल जर्मनी आधारित लुफ्थांसा एयरलाइंस ने एप्पल एयरटैग को लगेज में लगाने पर BAN कर दिया है. डिवाइस ट्रैकिंग को 'खतरनाक' करार देते हुए, एयरलाइन अपने यात्रियों को अपनी उड़ान पर एक सक्रिय एयरटैग ले जाने से मना कर रही है. अगर आप फ्लाइट में इस डिवाइस को ले जाने सिग्नल खरीदें के बारे में सोचते हैं तो चेकिंग के दौरान ही स्टाफ इसे एयरपोर्ट पर रखवा लेता है. हालांकि ऐसा सिर्फ चुनिंदा फ्लाइट कंपनियों ने ही किया है. दरअसल कंपनी एप्पल एयर टैग को खतरनाक मानती है.

क्या है वजह

दरअसल कंपनी के ऐसा करने के पीछे वजह ये है कि एयर टैग्स फ्लाइट के सिग्नल और नेविगेशन सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं. इसकी वजह से फ्लाइट अपना रास्ता भटक सकती है. ऐसी स्थिति पैदा ना हो इस बात का ध्यान सिग्नल खरीदें रखते हुए ही कंपनी ने ये फैसला लिया है और एयर टैग को फ्लाइट में लाने से बैन किया हुआ है.

क्या आप जानते हैं की गाड़ियों की पीछे की लाइट लाल रंग की क्यों होती है, क्या साइन देता है ये रेड कलर

क्या आपने कभी इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश की है कि आखिर लाल रंग को ही क्यो चूना गया या फिर इसका रोल क्या है।

आपने कभी नोट किया है कि गाड़ी के पिछली तरफ सिग्नल खरीदें के लाइट का रंग लाल क्यों होता है आज के समय में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री काफी आगे आगे निकल रही है। वहीं इसमें कई नई तरह के फीचर्स और अपडेट वर्जन में गाड़ियां लॉन्च हो रही है। अगर आपके पास कार है या फिर आप को ध्यान देते होंगे तो आपने ये जरुर ध्यान दिया होगा कि कार के पीछे की बत्ती लाल रंग की होती है, लेकिन क्या आपने कभी इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश की है कि आखिर लाल रंग को ही क्यो चूना गया या फिर इसका रोल क्या है।

कई रंग की एलईडी लाइट्स का इस्तेमाल होती है

अर्लट के लिए डैशबोर्ड पर आमतौर पर एलईडी लाइट्स होती है। कार में लगी कुछ रोशनी नॉर्मल अर्लट के लिए होती है लेकिन कई लाइट्स की इस्तमाल इमरजेंसी के लिए किया जाता है। कार में लाइट अलग -अलग जरूरतों के हिसाब से होती है जैसे - लाल, ऑरेंज और वाइट कलर की लाइट्स। लेकिन अम्मा कार के पीछे की बत्ती लाल रंग की ही होती है।

क्या है इसके पीछे का कारण

बैक में रेड लाइट के कलर का इस्तेमाल इसलिए होता है क्योकि पीछे से आ रही गाड़ी को ये संकेत मिलता है कि सामने वाली गाड़ी स्लो हो रही है या फिर रुकने वाली है। वहीं इस सिग्नल के कारण ही गाड़ियां अलर्ट हो जाती है और अगर उनकी कार की स्पीड तेज होती है तो वो स्लो भी कर लेते हैं। ऐसे में कार के अंदर बैठे लोगों को झटका महसूस होता है।

लोगों को दूर से अलर्ट करता है लाल रंग

दरअसल लाल रंग लोगों को दूर से अज्ञात कर देता है और नजर भी आता है। आपने ये जरुर ध्यान होगा कि वार्निंग का साइन हमेशा लाल रंग में होता है ताकि लोगों को आसानी से दिख जाए और वो पहले से ही सावधान हो जएं। इतना ही नहीं कोहरे में भी लाल रंग दिखाई देता है। तो कार में पीछे लगी हुई बत्ती दूर से लोगों को चेतावनी दे देता है।

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इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे करेंगे। मछुआरा सम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न अंचलों के उत्कृष्ट मत्स्य पालकों, मछुआ सहकारी समिति एवं मछुआ समूहों के सदस्य शामिल होंगे।

छत्तीसगढ़ का देश में छठवां स्थान ( 6 rank)

छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य उत्पादन एवं मत्स्य बीज उत्पादन के क्षेत्र में निरंतर नई उंचाईयों की ओर अग्रसर है। लैण्डलॉक प्रदेश होने के बावजूद भी इस मामले में राज्य देश में छठवें स्थान पर है। राज्य में अब तक 6843 हेक्टेयर नवीन तालाबों का निर्माण कर राज्य का जलक्षेत्र 1.96 लाख हेक्टेयर तक विकसित कर लिया गया है। छत्तीसगढ़ सिग्नल खरीदें राज्य 302 करोड़ मत्स्य बीज (स्टैण्डर्ड फ्राई) का उत्पादन और 5.91 लाख मीट्रिक टन, मछली का उत्पादन करके देश में छठवें स्थान पर है।

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इस दिन को भूपेश कैबिनेट की बैठक, इन मुद्दों पर होनी है चर्चा

रायपुर / भूपेश कैबिनेट की अहम बैठक में अब 24 नवंबर को होगी। पहले 26 नवंबर को कैबिनेट की बैठक बुलायी गयी थी, लेकिन अब उसे रि शेड्यूल कर 24 नवंबर कर दिया गया है। दरअसल 1 और 2 दिसंबर को राज्य में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। विशेष सत्र को लेकर कैबिनेट में अहम चर्चा है। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 25 से 28 नवंबर तक दिल्ली और मध्यप्रदेश में रहेंगे। दोपहर 12 बजे से ये बैठक मुख्यमंत्री आवास में होगी। बैठक में आदिवासी आरक्षण को लेकर विधेयक पर चर्चा होगी।

श्रद्धा वालकर मर्डर केस के बारे में सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं, पढ़ें 12 पॉइंट्स में

श्रद्धा वालकर मर्डर केस के बारे में सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं, पढ़ें 12 पॉइंट्स में

डीएनए हिंदी: श्रद्धा वालकर (Shraddha Walker) हत्याकांड में एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं. श्रद्धा का लिव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला (Aftab Poonawalla) उसके साथ हर दिन सिग्नल खरीदें लड़ाई करता था. दोनों के बीच रिश्तों में बेहद खटास थी. अक्सर दोनों में नोक-झोंक होती रहती थी. यह लड़ाई हर दिन बढ़ती जा रही थी. कभी शादी को लेकर लड़ाई होती तो कभी घर खर्च को लेकर. एक दिन मामला इतना बढ़ गया कि आफताब ने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी.

एनडीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक श्रद्धा वालकर और आफताब पूनावाला के बीच 18 मई की शाम को घर खर्च को लेकर लड़ाई हुई थी. लड़ाई शुरू इस बात पर हुई थी कि घर खर्च के लिए पैसे कौन देगा. दोनों के बीच कुछ सामान खरीदने को लेकर झगड़ा हुआ था. झगड़ा बढ़ने पर आफताब ने रात 8 से 10 बजे के बीच में श्रद्धा की गला सिग्नल खरीदें दबाकर हत्या कर दी.

1. फ्रिज में रखी लाश

आफताब ने 18 मई की रात लाश को बाथरूम में रखा और अगले दिन चाकू और फ्रिज खरीदकर ले आया. उसने श्रद्धा की लाश के कई टुकड़े किए और फ्रीज में टुकडों को रखा. जांच में यह पता चला है कि आफताब ने शव के 35 टुकड़े किए, उन्हें 300 लीटर के फ्रिज में रखा और अगले 18 दिनों तक हर दिन एक-एक टुकड़े छतरपुर के जंगलों में फेंकता रहा.

2. मर्डर मिस्ट्री सुलझाने में दोस्त बने अहम कड़ी

श्रद्धा वालकर के पेरेंट्स उससे बीते एक साल से बात नहीं कर रहे थे. पिता को यह मंजूर नहीं था कि वह किसी गैर मजहब के लड़के के साथ लिव-इन में रहे. महाराष्ट्र के वसई में जब उसके पिता ने पुलिस से संपर्क किया तब जाकर हत्या की बात सामने आई. पुलिस से श्रद्धा के दोस्तों ने बताया कि वह महीनों से उसके साथ संपर्क में नहीं हैं.

3. लगातार गलतबयानी कर रहा था आफताब

पुलिस ने छानबीन के लिए आफताब को बुलाया था. वह लागतार ऐसी बयानबाजी कर रहा था जिससे पुलिस का शक गहराता जा रहा था. महाराष्ट्र पुलिस ने फिर दिल्ली पुलिस के साथ संपर्क किया.

4. सख्त पूछताछ से सुलझी मर्डर मिस्ट्री

26 अक्टूबर पुलिस ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की तब उसने कहा कि 22 मई को झगड़े के बाद श्रद्धा वालकर ने दिल्ली के महरौली में लिया गया अपना किराए का फ्लैट छोड़ दिया था. आफताब ने कबूल किया 18 मई सिग्नल खरीदें को श्रद्धा का कत्ल कर दिया था. दिल्ली जाने के दो हफ्ते के भीतर श्रद्धा की हत्या हो चुकी थी.

5. आफताब ने पुलिस से क्या कहा था?

आफताब पुलिस से लगातार झूठ बोल रहा था. वह पुलिस को गुमराह कर रहा था. उसने पुलिस को बताया कि श्रद्धा ने सिर्फ अपना मोबाइल लिया था फिर सबकुछ छोड़कर चली गई थी.

6. पैसों के ट्रांसफर से सुलझी मर्डर मिस्ट्री

श्रद्धा वालकर की फोन एक्टिविटी, कॉल डीटेल्स और एरिया सिग्नल को पुलिस ने जब ट्रैक किया तो पता चला कि श्रद्धा वालकर के खाते से आफताब के खाते में 22 से 26 मई के बीच में बैंकिंग ऐप के जरिए 54,000 रुपये ट्रांसफर हुए थे.

7. मर्डर के बाद श्रद्धा का फोन चला रहा था आफताब

श्रद्धा वालकर के फोन की लोकेशन महरौली में ही शो हो रही थी. यहीं पर दोनों ने फ्लैट किराए पर लिया था. पुलिस का शक यहीं से गहराता चला गया. आफताब ने पुलिस को बताया था कि वह 22 मई के बाद से ही उसके और श्रद्धा के बीच कोई बातचीत नहीं हुई थी.

8. श्रद्धा का पासवर्ड भी जानता था आरोपी

इस महीने की शुरुआत में जब पुलिस ने आफताब को पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया तो सिग्नल खरीदें उसने पुलिस से कहा कि उसने रकम इसलिए ट्रांसफर की क्योंकि उसके पास भी श्रद्धा का पासवर्ड था. वह श्रद्धा के क्रेडिट कार्ड बिलों का पेमेंट लगातार कर रहा था जिससे बैंक के अधिकारी उसके मुंबई स्थित घर पर संपर्क न करें.

9. जिंदा साबित करने के लिए आफताब चला रहा था श्रद्धा का इंस्टाग्राम

आफताब, श्रद्धा वालकर के फोन से लगातार इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर रहा था, जिससे पता चले कि वह जिंदा है. चैटिंग से यह भी राज खुला कि जहां से फोन चल रहा है उसकी लोकेशन महरौली ही है. वसई के मनिकपुर थाने के अधिकारियों ने जब दिल्ली पुलिस से संपर्क किया तब जाकर इस केस की जांच तेज हुई.

10. ऐसे खुली मर्डर मिस्ट्री

पुलिस ने आफताब से सवाल किया कि 22 मई को अगर श्रद्धा ने महरौली छोड़ दिया था, तब भी उसकी लोकेशन यहीं क्यों ट्रेस हो रही थी. सख्ती से हुई पूछताछ के बाद आफताब ने मान लिया कि वही हत्यारा है.

11. आफताब से पूछा छुड़ाना चाहती थी श्रद्धा

श्रद्धा के दोस्तों ने पुलिस को बताया कि वह आफताब को छोड़ना चाहती थी. आफताब, श्रद्धा की अक्सर पिटाई करता था. उसे शक था कि श्रद्धा का अफेयर चल रहा था. उसने कई बार रिश्ता तोड़ने का मन बनाया था. आफताब लगातार उसे इमोशनली ब्लैकमेल करता था. वह कहता था कि अगर श्रद्धा ने उसे छोड़ा तो वह आत्महत्या कर लेगा.

12. अब आफताब का होगा नार्को टेस्ट

श्रद्धा वालकर केस में अब आफताब पूनावाला का नार्को टेस्ट कराया जाएगा. दिल्ली पुलिस ने स्थानीय अदालत से अनुमति मांगी है. सूत्रों ने कहा कि वह पुलिस को गलत जानकारी दे रहा है और जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है.

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