निवेश क्या है?

9 प्रकार के निवेश जोखिम
जब आप अपने निवेश को बेचना चाहते हैं उस समय उसे बेचने में असमर्थ होने का जोखिम। यदि आप निवेश को बेचने में समर्थ हैं, तो आपको निवेश के लिए जो भुगतान किया था उससे कम दाम स्वीकार करना पड़ सकता है। कुछ मामलों में, आप अपने निवेश को बेचने में कतई भी समर्थ नहीं हो सकते हैं।
9 प्रकार के निवेश जोखिम
#3: संकेद्रण जोखिम
चूंकि आपका धन किसी एक निवेश या निवेश के प्रकार में संकेद्रित है इस कारण नुकसान होने का जोखिम। जब आप अपने निवेश को विविधता प्रदान करते हैं, तो आप जोखिम का विस्तार विभिन्न प्रकार के निवेश, उद्योगों और भौगोलिक स्थानों में कर सकते हैं।
9 प्रकार के निवेश जोखिम
#4: ऋण जोखिम
यह जोखिम कि बांड जारी करने वाला सरकारी निकाय या कंपनी ब्याज का भुगतान करने या परिपक्वता पर मूलधन का भुगतान करने में समर्थ नहीं होगी। ऋण जोखिम कर्ज के निवेशों, जैसे कि बांड पर लागू होता है।
9 प्रकार के निवेश जोखिम
#5: पुनर्निवेश का जोखिम
मूल निवेश की अपेक्षा मूलधन या ब्याज का पुनर्निवेश करने से नुकसान का जोखिम। यह जोखिम लागू निवेश क्या है? नहीं होगा यदि आप नियमित ब्याज भुगतान या मूलधन का परिपक्वता पर पुनर्निवेश करने का इरादा नहीं रखते हैं।
9 प्रकार के निवेश जोखिम
#6: महंगाई का जोखिम
आपकी क्रय शक्ति में नुकसान का जोखिम क्योंकि आपके निवेश का मूल्य भविष्य उतना अच्छा नहीं होगा। महंगाई समय के साथ धन की क्रय शक्ति का क्षय कर देती है – धन की उतनी राशि भविष्य में कम सामान तथा सेवाएं खरीद पाएगी।
9 प्रकार के निवेश जोखिम
#7: क्षितिज जोखिम
यह जोखिम कि आपके निवेश समय क्षितिज अप्रत्याशित घटना के कारण अल्पतम हो सकता है, उदाहरणार्थ, आपकी नौकरी का नुकसान। यह आपको निवेश बेचने को मजबूर कर सकता है जिसे आप दीर्घकाल के लिए धारित करने की अपेक्षा कर रहे थे। यदि आप ऐसे समय पर बेचे निवेश क्या है? जब बाजार में मंदी है, तो आपको धन का नुकसान हो सकता है।
9 प्रकार के निवेश जोखिम
#8: दीर्घकाल जोखिम
आपकी बचत का अधिक समय तक टिके रहने का जोखिम। यह जोखिम विशेष तौर पर उन लोगों से सम्बद्ध होता है जो सेवानिवृत्त हैं, या सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
9 प्रकार के निवेश जोखिम
#9: विदेशी निवेश का जोखिम
विदेश में होने पर नुकसान का जोखिम। जब आप विदेशी निवेश खरीदते हैं, उदाहरणार्थ उभरते बाजारों में कंपनियों के शेयर, तो आपको ऐसे जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है जो कनाडा में मौजूद नहीं हैं, जैसे कि राष्ट्रीयकरण का जोखिम।
9 प्रकार के निवेश जोखिम
आपके निवेश करने से पूर्व जोखिमों का शोध
निवेश संबंधी निर्णय करते समय, सुनिश्चित करें कि आप निवेश से जुड़े जोखिमों को समझते हैं। और अधिक जानकारी के बारे में पूछें और निवेश करने से पूर्व आप अपने सवालों के उत्तर प्राप्त करें। निवेश जोखिम के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करें।
What is ESG theme Investment: ईएसजी थीम निवेश क्या है
ESG Investments: ईएसजी इन्वेस्टमेंट (ESG Investment) नए जमाने के नए निवेश का एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभर रहा है। ईएसजी का मतलब है एनवायरनमेंटल सोशल और कॉर्पोरेट गवर्नेंस। जैसा कि देखा गया है निवेशकों की रुचि थीम पर आधारित निवेश की ओर बढ़ रही है, ऐसे में ईएसजी थीम निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। कई म्यूचुअल फंड कंपनियों ने भी ईएसजी के प्रति अपनी रुचि दिखाई है। कॉर्पोरेट क्षेत्र में पर्यावरण से संबंधित विषयों के बारे में जागरूकता बढ़ी है। वहीं सोशल और गवर्नेंस के सिद्धांत भी मुख्यधारा में आ रहे हैं। अब ज्यादातर कंपनियाँ और कॉर्पोरेट क्षेत्र ईएसजी के नियमों के आधार पर क्षेत्र में बिज़नेस बढ़ाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
बाजार में माना जा रहा है कि वे कंपनियाँ जिनमें भविष्य में अच्छे प्रदर्शन की योग्यता है वे इन सिद्धांतों को अपनाती हैं। ईएसजी में निवेश का मतलब है कि उन कंपनियों में निवेश करना जो एनवायरमेंटल सोशल और गवर्नेंस संबंधी उच्च मानदंडों को पूरा करती हैं। इसमें वित्तीय जोखिम की संभावना भी कम होती है।
ईएसजी के फायदे
ईएसजी के ऊँचे मानदंडों को पूरा करने वाली कंपनियाँ अक्सर मजबूत होती हैं। इन कंपनियों में निवेश करने से बेहतर रिटर्न की संभावना बहुत अधिक निवेश क्या है? हो जाती है। वहीं जिन कंपनियों में ये मानदंड स्तरीय नहीं होते वहाँ जोखिम ज्यादा होता है।
म्यूचुअल फंड का भी भरोसा
किसी भी कंपनी के प्रदर्शन और जोखिम का जब आकलन किया जाता है तो जिम्मेदारी, नैतिक मूल्य और स्टेबिलिटी पर ध्यान दिया जाता है। ये सभी कंपनियाँ जो ईएसजी के मानदंड ऊँचे रखती हैं वे इसी श्रेणी में गिनी जाती हैं। इसके चलते एसेट मैनेजमेंट कंपनियाँ इन कंपनियों में सक्रिय निवेश कर रही हैं।
ईएसजी थीम से जुड़ी कंपनियाँ बैंकिंग और नॉन बैंकिंग सेक्टर के लिए भी महत्त्वपूर्ण हो चली हैं। ये दोनों ही सेक्टर क्रेडिट मूल्यांकन करते समय इस बात पर ध्यान रखते हैं कि किस प्रकार रिस्क या जोखिम कम किया जाए, सही मूल्यांकन हो सके, और लोन अग्रीमेंट और अवधि के निर्धारण सही तरीके से लागू किया जा सके।
ईएसजी थीम अपनाने से कंपनियों को भी खासा फायदा
इन सिद्धांतों के अपनाने से संसाधनों का इस्तेमाल बेहतर तरीके से होता है जिससे टॉपलाइन ग्रोथ बढ़ती है और पूंजी भी बढ़ाई जा सकती है। कुल मिलाकर ये सिद्धांत कॉर्पोरेट ग्रोथ के लिए फ़ायदेमंद हैं। वहीं इनका अप्रत्यक्ष रूप से फायदा भी मिलता है। कंपनी की छवि निवेशकों के बीच बेहतर होती है। यह भी देखा गया है कि यदि ईएसजी से संबंधित गलत खबरें आने से कंपनी के कीमतों पर इसका उल्टा असर पड़ता है। साथ ही, ईएसजी थीम वित्तीय प्रणाली और बैंकिंग नेटवर्क मजबूत होने में भी सहायक है।
ईसीजी अभी प्रारंभिक चरण में
वैश्विक संस्थागत निवेशकों ने अपनी ईएसजी पॉलिसी और कल्चर को बहुत अच्छी तरह परिभाषित कर लिया है। वहीं म्यूचुअल फंड ने भी ईएसजी टीम पर भरोसा दिखाया है। हालांकि भारत में निवेशकों का एक बड़ा समूह अभी भी ईएसजी के प्राथमिक चरण में ही है। हालांकि हालिया रुझान में ऐसा देखा गया है कि निवेशक उन कंपनियों में निवेश से बच रहे हैं जिनका ईएसजी मापदंड अच्छा नहीं निवेश क्या है? है।
What is ESG Investing
ESG Investments: ईएसजी इन्वेस्टमेंट (ESG Investment) नए जमाने के नए निवेश का एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभर रहा है। ईएसजी का मतलब है एनवायरनमेंटल सोशल और निवेश क्या है? कॉर्पोरेट गवर्नेंस। जैसा कि देखा गया है निवेशकों की रुचि थीम पर आधारित निवेश की ओर बढ़ रही है, ऐसे में ईएसजी थीम निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। कई म्यूचुअल फंड कंपनियों ने भी ईएसजी के प्रति अपनी रुचि दिखाई है। कॉर्पोरेट क्षेत्र में पर्यावरण से संबंधित विषयों के बारे में जागरूकता बढ़ी है। वहीं सोशल और गवर्नेंस के सिद्धांत भी मुख्यधारा में आ रहे हैं। अब ज्यादातर कंपनियाँ और कॉर्पोरेट क्षेत्र ईएसजी के नियमों के आधार पर क्षेत्र में बिज़नेस बढ़ाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
बाजार में माना जा रहा है कि वे कंपनियाँ जिनमें भविष्य में अच्छे प्रदर्शन की योग्यता है वे इन सिद्धांतों को अपनाती हैं। ईएसजी में निवेश का मतलब निवेश क्या है? है कि उन कंपनियों में निवेश करना जो एनवायरमेंटल सोशल और गवर्नेंस संबंधी उच्च मानदंडों को पूरा करती हैं। इसमें वित्तीय जोखिम की संभावना भी कम होती है।
ईएसजी के फायदे
ईएसजी के ऊँचे मानदंडों को पूरा करने वाली कंपनियाँ अक्सर मजबूत होती हैं। इन कंपनियों में निवेश करने से बेहतर रिटर्न की संभावना बहुत अधिक हो जाती है। वहीं जिन कंपनियों में ये मानदंड स्तरीय नहीं होते वहाँ जोखिम ज्यादा होता है।
म्यूचुअल फंड का भी भरोसा
किसी भी कंपनी के प्रदर्शन और जोखिम का जब आकलन किया जाता है तो जिम्मेदारी, नैतिक मूल्य और स्टेबिलिटी पर ध्यान दिया जाता है। ये सभी कंपनियाँ जो ईएसजी के मानदंड ऊँचे रखती हैं वे इसी श्रेणी में गिनी जाती हैं। इसके चलते एसेट मैनेजमेंट कंपनियाँ इन कंपनियों में सक्रिय निवेश कर रही हैं।
ईएसजी थीम से जुड़ी कंपनियाँ बैंकिंग और नॉन बैंकिंग सेक्टर के लिए भी महत्त्वपूर्ण हो चली हैं। ये दोनों ही सेक्टर क्रेडिट मूल्यांकन करते समय इस बात पर ध्यान रखते हैं कि किस प्रकार रिस्क या जोखिम कम किया जाए, सही मूल्यांकन हो सके, और लोन अग्रीमेंट और अवधि के निर्धारण सही तरीके से लागू किया जा सके।
ईएसजी थीम अपनाने से कंपनियों को भी खासा फायदा
इन सिद्धांतों के अपनाने से संसाधनों का इस्तेमाल बेहतर तरीके से होता है जिससे टॉपलाइन ग्रोथ बढ़ती है और पूंजी भी बढ़ाई जा सकती है। कुल मिलाकर ये सिद्धांत कॉर्पोरेट ग्रोथ के लिए फ़ायदेमंद हैं। वहीं इनका अप्रत्यक्ष रूप से फायदा भी मिलता है। कंपनी की छवि निवेशकों के बीच बेहतर होती है। यह भी देखा गया है कि यदि ईएसजी से संबंधित गलत खबरें आने से कंपनी के कीमतों पर इसका उल्टा असर पड़ता है। साथ ही, ईएसजी थीम वित्तीय प्रणाली और बैंकिंग नेटवर्क मजबूत होने में भी सहायक है।
ईसीजी अभी प्रारंभिक चरण में
वैश्विक संस्थागत निवेशकों ने अपनी ईएसजी पॉलिसी और कल्चर को बहुत अच्छी तरह परिभाषित कर लिया है। वहीं म्यूचुअल फंड ने भी ईएसजी टीम पर भरोसा दिखाया है। हालांकि भारत में निवेशकों का एक बड़ा समूह अभी भी ईएसजी के प्राथमिक चरण में ही है। हालांकि हालिया रुझान में ऐसा देखा गया है कि निवेशक उन कंपनियों में निवेश से बच रहे हैं जिनका ईएसजी मापदंड अच्छा नहीं है।
where to invest 10 lakhs: दस लाख रुपये निवेश करना चाहते हैं? जानिए क्या है कोटक इनवेस्टमेंट की लक्ष्मी अय्यर की सलाह
Lakshmi Iyer ने कहा कि अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश (Long term Investment) कर रहे हैं तो फिर आपको यह देखने की जरूरत नहीं है कि शेयर बाजार का हाल क्या है
अय्यर ने कहा कि अगर आप म्यूचुअल फंड के रास्ते शेयरों में निवेश कर रहे हैं तो आपको ध्यान रखना चाहिए कि आपके पोर्टफोलियो में चार-पांच से ज्यादा स्कीमें नहीं होनी चाहिए।
where to invest 10 lakhs: अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश (Long term Investment) कर रहे हैं तो फिर आपको यह देखने की जरूरत नहीं है कि शेयर बाजार का हाल क्या है। यह कहना है कि लक्ष्मी अय्यर निवेश क्या है? का। Lakshmi Iyer को इनवेस्टमेंट खासकर शेयरों में निवेश का व्यापक अनुभव हैं।
अभी वह Kotak Investment Advisors की प्रमुख हैं। मनीकंट्रोल ने अय्यर से शेयर बाजार के मौजूदा हालात सहित इनवेस्टमेंट के मौकों (Investment Opportunities) के बारे में बातचीत की। उनसे यह भी पूछा कि मौजूदा माहौल में एक इनवेस्टर्स को 10 लाख रुपये का निवेश किस तरह करना चाहिए।
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अय्यर ने कहा कि किसी इनवेस्टर को निवेश करने में सबसे पहले दो बातों का ध्यान रखना चाहिए। पहला, वह कितने समय (Time Horizon) के लिए निवेश करने जा रहा है। दूसरा, वह कितना रिस्क (Risk Apetite) ले सकता है। इसकी वजह यह है कि मार्केट कभी डेड नहीं हो सकता। इसमें उतार-चढ़ाव चलता रहता है। इसिलए आपके लिए वे चीजें अहम हैं, जो आपके नियंत्रण में हैं। ऐसा कोई समय नहीं है, जिसे कहा जाए कि यह इनवेस्टमेंट के लिए सबसे अच्छा है।
उन्होंने कहा कि अगर आपको 10 लाख रुपये का निवेश करना है तो सबसे पहले आपको रिस्क लेने की अपनी क्षमता को देखना होगा। इसलिए कोई एक फॉर्मूला नहीं है, जो हर इनवेस्टर के लिए सही हो। फिर भी, यह कहा जा सकता है कि एक सामान्य रिस्क क्षमता वाले इनवेस्टर को 10 लाख रुपये में से कम से कम 60 फीसदी निवेश शेयरों में करना चाहिए। 30 फीसदी डेट (जैसे बॉन्ड) और बाकी 10 फीसदी गोल्ड में करना चाहिए। इनवेस्टर के गोल (लक्ष्य) के मुताबिक इसमें थोड़ा बदलाव किया जा सकता है।
मौजूदा माहौल में इनवेस्टर को किस तरह की रणनीति अपनानी चाहिए? इस सवाल के जवाब में अय्यर ने कहा कि ग्लोबल मार्केट की स्थितियों को ध्यान में रख अभी लार्जकैप शेयरों में निवेश की रणनीति सही रहेगी। आप फ्लेक्सी कैप फंड्स में भी इनवेस्ट कर सकते हैं। ऐसे फंड में लार्जकैप शेयरों की हिस्सेदारी ज्यादा होती है। जब ग्लोबल बाजार में अनिश्चितता का माहौल हो तब यह रणनीति सही रहती है।
इनफ्लेशन और रिसेशन की मंदी की चिंता के बारे में उन्होंने कहा कि ग्लोबल लेवल पर माहौल अनिश्चित दिख रहा है। अमेरिका में इनफ्लेशन काफी हाई है। इंग्लैंड और यूरोप में ग्रोथ पर ब्रेक लग गया है। जियोपॉलिटिकल स्थितियां अच्छी नहीं दिख रही हैं। हालांकि, जहां तक इंडिया का सवाल है तो स्थिति काफी बेहतर है। खासकर पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले हम बहुत अच्छी स्थिति में हैं।
अय्यर ने कहा कि अगर आप म्यूचुअल फंड के रास्ते शेयरों में निवेश कर रहे हैं तो आपको ध्यान रखना चाहिए कि आपके पोर्टफोलियो में चार-पांच से ज्यादा स्कीमें नहीं होनी चाहिए। इससे आपके लिए अपने पोर्टफोलियो को मैनेज करना आसान रहेगा। आपके पोर्टफोलियो में तीन से चार इक्विटी फंड होने चाहिए और एक इंडेक्स फंड होना चाहिए।
आखिर में उन्होंने कहा कि इनवेस्टर्स खासकर यंग लोगों को एक खास सलाह का ध्यान रखना चाहिए। वह यह है कि निवेश करो और भूल जाओ। इससे आपको दो बड़ी मुश्किलों पर विजय हासिल करने में मदद मिलेगी। ये हैं-लाचल और डर। इस तरह आप आसानी से अपने फाइनेंशियल गोल्स हासिल कर सकते हैं।
MoneyControl News
First Published: Nov 08, 2022 4:23 PM
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Types of Investment In Hindi | इन्वेस्टमेंट क्या है? निवेश के प्रकार, निवेश कहा करे
हम म्यूच्यूअल फंड, शेयर बाजार में इन्वेस्ट तो करते है लेकिन इनके अलावा भी निवेश करने के बहुत से तरीके है जैसे की, bond, gold, घर, दुकान, जमीन जैसे चीजों में भी हम इन्वेस्ट या निवेश कर सकते है और अच्छा लाभ पा सकते है। तो दोस्तों हमने निचे इनसे जुडी बहुत महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है जिससे आपको investment प्रति काफी इनफार्मेशन मिल सकती है।
Table of Contents
What Is Investment in Hindi – इन्वेस्टमेंट क्या है?
Investment, निवेश या विनियोग का मतलब है, कि एक परिसंपत्ति खरीदी जाती है या उस पैसे को बैंक में भविष्य में ब्याज प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। निवेश/विनियोग एक कंपनी के शेयरों को खरीदने में शेयरधारक द्वारा खर्च की गई कुल राशि भी हो सकती है, याने प्रबंधन विज्ञान में इन्वेस्टमेंट का मतलब लंबी अवधि की बचत है।
इन्वेस्टमेंट में हम अपने पैसे को ऐसी जगह पर लगाते है, जिससे हमें भविष्य में जितने पैसे निवेश किये हैं उससे ज्यादा पैसा मिल सके। इसलिए हमने आपके लिए इन्वेस्टमेंट के बारे कुछ जानकारी, ideas और tips दी है।
Types Of Investment In Hindi – निवेश के प्रकार
1. Real Estate
इन्वेस्टमेंट के लिए Real Estate यह भी एक बहुत अच्छा पर्याय है, जहा निवेश करके आप अच्छा return पा सकते है। रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट में रिस्क बहुत कम होता है और आप इसमे निवेश करके बहुत अच्छा फायदा भी उठा सकते है।
आज घर, जमीन, बंगला, प्लाट या कोई प्रोपर्टी जैसे चीजों की कीमत बढ़ रही है, अगर हम इन चीजों में इन्वेस्ट करना चाहते है तो हमे अच्छे return की उम्मीद भी ज्यादा होती है।
2. Share Market
आप शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट में निवेश तो कर सकते है, लेकिन आपको इसमे बहुत रिस्क भी उठानी पडती है क्योंकि इसमे फायदा और नुकसान कुछ भी हो सकता है।
अगर आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते है तो आपको उस कंपनी का भागीदार माना जाता है। अगर कोई कंपनी फायदे में होती है तो उस कंपनी के शेयर के दर भी बढ़ते है और वही कंपनी घाटे में आती है तो उस कंपनी के शेयर दर भी कम होते है।
इसलिए दोस्तों आप किसी कंपनी के शेयर खरीदना चाहते है, तो उस कंपनी के बारे में पूरी और सही जानकारी लेने के बाद ही शेयर ख़रीदे। अगर आप जल्दबाजी में कोई फैसला लेते है तो आपको बहुत बड़ी कीमत चुकानी पडती है।
अगर आपको शेयर बाजार में निवेश करना ही है तो सबसे पहले शेयर बाजार के बारे में पूरी और सही जानकारी होना बहुत जरूरी है।
3. Gold (सोना)
आप तो जानते ही है की, समय के साथ साथ सोने के रेट कम-ज्यादा होता है। Gold के इन्वेस्ट में रिस्क कम होती है और इसमें इन्वेस्ट करने पर एक फायदा निवेश क्या है? यह होता है जैसे की, आपको चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर यानि CAGR 9% तक मिलता है।
दोस्तों पैसा इन्वेस्ट करने के लिए गोल्ड यानि सोना यह भी एक बहुत अच्छा ऑप्शन है, जहा आप निवेश करके अच्छे लाभ पा सकते है।
4. Bond
इन्वेस्टमेंट के लिए Bond यह एक ऐसा ऑप्शन है, जहा छोटा-बड़ा कोई भी आम आदमी निवेश कर सकता है। जितने ज्यादा कालावधि तक आप bonds में इन्वेस्ट करेंगे उतना ही ज्यादा अच्छा return पा सकते है। इसलिए यह bonds एक भरोसेमंद, अच्छा और फ़ायदेमंद इन्वेस्टमेंट का प्रकार है।
5. Mutual Fund
Mutual Fund में आम आदमी से लेकर बड़े आदमी तक हर कोई निवेश कर सकता है। आप म्यूच्यूअल फंड में 500/- की राशी से भी निवेश की शुरुवात कर सकते है और अच्छा लाभ पा सकते है।
दोस्तों अगर कोई व्यक्ति म्यूच्यूअल फंड में पहली बार निवेश कर रहा है, तो उस निवेशक को अपनी आवश्यकताओं और निवेश की अवधि के अनुसार स्कीम में पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए।
म्यूच्यूअल फंड यह उन लोगो के लिए बहुत फ़ायदेमंद रहता है, जिन्हें हर महीने की तनखा मिलती है। म्यूच्यूअल फंड में निवेश करके आप जितने ज्यादा समय तक निवेश को रखेंगे उतना ही अच्छा return मिलेगा।
आप Equity fund, Debt fund और Liquid fund जैसे म्यूच्यूअल फंड में पैसा इन्वेस्ट करके अच्छे return की उम्मीद कर सकते है।
FAQs For Investment In Hindi
लोग इन्वेस्टमेंट याने निवेश इसलिए करते है, क्योकि यह इन्वेस्टमेंट पैसे को काम पर लगाने और संभावित रूप से धन की अधिक वृद्धि करने का एक प्रभावी तरीका है।
बचत निश्चित रूप से सुरक्षित है, परन्तु बचत की तुलना में कुछ ऐसे निवेश उत्पाद है जिसमे बहुत अधिक रिटर्न मिल सकता है, जैसे की Gold, Property, Bonds, Mutual Funds, Shares, इत्यादी।
टैक्स सेविंग के लिए इन्वेस्टमेंट यह अच्छा विकल्प है, जिसमे PPF, Fixed Deposits, ULIPs, ELSS, Life insurance plans, Bonds इत्यादी, यह टैक्स सेविंग के लिए सबसे निवेश क्या है? अच्छे विकल्प हो सकते है।
हाँ, शेयर या स्टॉक में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है, परन्तु यह जोखिम के साथ उच्च रिटर्न निवेश विकल्प भी हैं। याने इसमे निवेश करते समय आप जो जोखिम उठाते हैं, उसके लिए आपको अधिक रिटर्न मिलता है।
तो आशा करते है की आपको, Investment in hindi, Types of investment in hindi, इन्वेस्टमेंट क्या है, इन्वेस्टमेंट के प्रकार, निवेश कहा करे, Investment tips, इत्यादी जानकारी अच्छी लगी होंगी। यदि आपको यह पोस्ट सही लगी तो हमें कॉमेंट्स करके बताये और अपने दोस्तों में जरुर शेअर करे।