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ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है

ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है
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क्या है Blockchain और Blockchain Technology? आसान भाषा में जानें || 2022

दोस्तों नमस्कार, आप सभी का स्वागत है हमारे ब्लॉग पर।
आप लोग बिटकॉइन (Bitcoin) से तो वाकिफ होंगे। आज मार्किट में हर तरफ बिटकॉइन (Bitcoin) का हल्ला मचा पड़ा है। कमोबेश हर व्यक्ति बिटकॉइन (Bitcoin) और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर बात करता हुआ नज़र आ जाता है , चाहे जानकारी पूरी हो उनके ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है पास अथवा नहीं।
खैर , हमारा उद्देश्य यह है की जो भी व्यक्ति हमारे ब्लॉग(Blog) पर आगे वो सारी जानकारी से पूर्णतया अवगत हो जाये।
चलिए शुरू करते है . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .

ये भी जानें . . . . . . . . . . .


बिटकॉइन(Bitcoin) एक डिजिटल करेंसी(Digital Currency) है और इसे ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) के माध्यम से बनाया जाता है।

क्या है Blockchain और Blockchain Technology

Table of Contents

ब्लॉकचैन (Blockchain Technology meaning) :- यह दो शब्दों से मिलकर बना है – पहला ” ब्लॉक(Block)” और दूसरा “चैन(Chain)“। ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी में ब्लॉक का मतलब – ऐसे बहुत सारे ब्लॉक्स(Blocks) से है जिनमे डाटा (Data) या क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को रखा जाता है। ये सभी ब्लॉक्स एक दूसरे से जुड़े होते हैं। इस प्रकार इन सभी डाटा ब्लॉक्स की श्रृंखला को “ब्लॉक-चैन” (Block-Chain) कहते हैं और इस टेक्नोलॉजी को हम “ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी” कहते है।

इस टेक्नोलॉजी में हर ब्लॉक में अलग-अलग डाटा यानि की करेंसी रखी जाती है और सभी ब्लॉक्स एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। इस तरह डाटा की एक लम्बी चैन बनती चली जाती है। जैसे ही नया डाटा आता है, उसे एक नए ब्लॉक में दर्ज किया जाता है। एक बार जब ब्लॉक डाटा से भर जाता है तो उस ब्लॉक को पिछले ब्लॉक से जोड़ दिया जाता है। इसी तरह सारे ब्लॉक्स एक-दूसरे जुड़े रहते है।

यह बहुत पुरानी तकनीक है |इस तकनीक को सबसे पहले 1991 में स्टुअर्ट हबर और डब्ल्यू स्कॉट स्टोर्नेटो ने अपनाया था। इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य डिजिटल डॉक्यूमेंट्स (Digital Documents) को टाइमस्टैम्प (Timestamp) करना था, ताकि इसके साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ न की जा सके। इसके बाद 2009 में सतोशी नाकामोतो (satoshi nakamoto) ने ब्लॉकचेन (Blockchain) का इस्तेमाल कर बिटकॉइन (Bitcoin) का आविष्कार करके दुनिया में क्रांति ला दी।

Bitcoin और Blockchain में अंतर क्या है?

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) और बिटकॉइन (Bitcoin) दोनों में जमीन-आसमान का जैसा फर्क है। यानी दोनों पूरी तरह से अलग हैं।

दरअसल, ब्लॉकचेन (Blockchain) एक टेक्नोलॉजी(Technology), एक प्लेटफॉर्म है जहां ना सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्की किसी भी चीज को डिजिटल (Digital) बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है। यानी ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर (Digital Ledger) है ।

वहीं बिटकॉइन (Bitcoin) एक डिजिटल माध्यम है, जिसके जरिए कुछ चीजें बेंची और खरीदी जा सकती हैं। हालांकि इसे करेंसी कहना गलत हैं, क्योंकि इसकी असल दुनिया में कोई वैल्यू नहीं हैं। बिटकॉइन (Bitcoin) क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का सिर्फ एक उदाहरण है।

अन्य क्रिप्टोकरेंसी नेटवर्क भी ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा संचालित होते हैं।

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SBI शुरू करने जा रहा है ब्लॉकचेन टेक्नीक के जरिए पेमेंट की सुविधा, इसमें तेजी से होता है ट्रांजैक्शन

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने वित्तीय लेन-देन (Financial Transaction) की गति तेज करने के लिए अमेरिका के जेपी मॉर्गन (JP Morgan) के साथ एक समझौता किया है। इसके तहत ब्लॉकचेन (Blockchain) टेक्नीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

state bank of India ties up with jp morgan for blockchain technology MJA

बिजनेस डेस्क। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने वित्तीय लेन-देन (Financial Transaction) की गति तेज करने के लिए अमेरिका के जेपी मॉर्गन (JP Morgan) के साथ एक समझौता किया है। इसके तहत ब्लॉकचेन (Blockchain) टेक्नीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे विदेशों में ट्रांजैक्शन की स्पीड बढ़ जाएगी और कस्टमर्स को काफी सुविधा होगा। ब्लॉकचेन तकनीक में तेजी से ट्रांजैक्शन होता है और समय की भी काफी बचत होती है। फिलहाल, फॉरेन पेमेंट्स में पूछताछ और जानकारी लेने में ही करीब 15 दिन लग जाते है, लेकिन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने पर यह काम कुछ घंटों में ही हो जाएगा। स्टेट बैंक के इस समझौते से बहुत कम समय में विदेशों में पेमेंट संभव हो सकेगा।

ब्लॉकचेन अपनाने वाला देश का पहला बैंक
बता दें कि एसबीआई ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को अपनाने वाला देश का पहला बैंक है। एसबीआई इंटरनेशनल बैंकिंग ग्रुप के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर वेंकेट नागेश्वकर ने कहा है कि इस नेटवर्क पर लाइव जाने वाला एसबीआई देश का पहला बैंक बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने अपने क्लाइंट्स को बेहतर नेटवर्क सर्विस मुहैया कराने के लिए इस एप्लिकेशन को अपनाया हैं। इससे जेपी मॉर्गन के साथ हमारा रिश्ता भी बेहतर होगा।

क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी वित्तीय संस्थानों, कॉरपोरेट्स और ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है फाइनेंशियल कंपनियों के लिए पियर-टू-पियर नेटवर्क है। इससे यूजर्स को आपस में बेहद तेज, नियंत्रित और सिक्योर तरीके से डेटा ट्रांसफर करने की सुविधा मिलती है। इससे क्रॉस बॉर्डर पेमेंट के दौरान किसी तरह का जोखिम भी नहीं रह जाता। दुनिया के करीब 100 बैंक इस नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई प्राइवेट और सरकारी लेंडर्स भी जेपी मॉर्गन के साथ इस नेटवर्क पर जुड़ने के लिए प्लान तैयार कर रहे हैं।

क्या कहना है ब्लॉकचेन एक्सपर्ट्स का
ब्लॉकचेन एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन और अफ्रीका सहित दुनिया के कई देशो के बैंक क्रॉस-बॉर्डर लेन-देन के लिए ब्लॉकचेन बेस्ड क्लियरेंस सिस्टम्स को अपना रहे हैं। इससे इन बैंकों का पेमेंट सिस्टम ठीक रहने के साथ-साथ कम खर्च में तेजी से पेमेंट्स हो रहा है। इस तकनीक के लिए दो प्राइवेट बैंक भी जेपी मॉर्गन से बातचीत चला रहे हैं। इन बैंकों का मुख्यालय मुंबई में है।

ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है

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आखिर क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी?, जिसपर मुकेश अंबानी ने जताया भरोसा

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने आज एक फिनटेक इवेंट में क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन को लेकर बातचीत की. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो के मुकाबले ब्लॉकचेन बहुत अलग टेक्नोलॉजी है. IFSCA द्वारा आयोजित इनफिनिटी फोरम में इंटरव्यू के दौरान मुकेश अंबानी ने कहा, "ब्लॉकचेन एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसमें मैं भरोसा करता हूं. ये क्रिप्टो से बहुत अलग है." उन्होंने कहा कि यहां ऐसे स्मार्ट टोकन हैं जो सुनिश्चित करते हैं कि आप ऐसे लेनदेन कर रहे हैं जिन्हें बदला नहीं जा सकता है. जबकि यह कहते हुए कि वह वास्तविक समय में विश्वास करते हैं और वास्तविक समय में सब कुछ बदल जाएगा.

मुकेश अंबानी ने कहा, "ब्लॉकचेन की मदद से हम लगभग किसी भी प्रकार के लेनदेन के लिए जबरदस्त सुरक्षा, विश्वास, स्वचालन और दक्षता प्रदान कर सकते हैं." बताते चलें कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए केंद्र सरकार और आरबीआई मिलकर काम कर रहे हैं. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास उन लोगों में से ही हैं, जो मानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी के मुकाबले ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी ज्यादा मजबूत है जो करेंसी के बिना भी मौजूद रह सकती है.

मुकेश अंबानी ने यहां कहा, "ब्लॉकचेन का उपयोग हमारी सप्लाई चेन को आधुनिक बनाने के लिए किया जा सकता है जो हमारी अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा बनाते हैं." उन्होंने कहा कि इस टेक्नोलॉजी ने अगले स्तर के फाइनेंशियल इनोवेशन के लिए शानदार मौके प्रदान किए हैं.

उन्होंने कहा, "ब्लॉकचैन ने आज एनएफटी की एक पूरी नई अवधारणा बनाई है. टेक्नोलॉजी वास्तविक समय के लेनदेन और निपटान को सक्षम कर सकती है, सभी लेनदेन की प्रामाणिक डिजिटल रिकॉर्डिंग- भूमि, संपत्ति, सोना और अन्य प्रकार की संपत्ति का डिजिटलकरण स्वामित्व रखती है. ई-कॉमर्स क्षेत्र में, हमें लाखों व्यापारियों की कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए अभिनव समाधानों ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है की आवश्यकता होगी, जबकि उनके क्रेडिट स्कोर को वास्तविक समय में प्रबंधित करना होगा."

ब्लॉकचेन को आसान भाषा में ऐसे समझें कि ये कई सारे ब्लॉक की एक चेन होती है और हर एक ब्लॉक में कई सारे महत्वपूर्ण डेटाबेस इकट्ठे किए जाते हैं. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उद्देश्य ही ये है कि डिजिटल डेटा को रिकॉर्ड करके उसे सुरक्षित रखना और इसी के जरिए आसानी से लोगों तक पहुंचाना. जिससे एक ही समय, अलग-अलग जगह बैठे कई लोग इसका इस्तेमाल कर सकें.

ब्लॉकचेन की एक खास बात ये है कि इसमें एक बार जो डेटा रिकॉर्ड कर लिया जाता है, उसे बदला नहीं जा सकता. ब्लॉकचेन पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड होती है, जिसकी वजह से इसे कोई एक व्यक्ति या संस्था कंट्रोल नहीं कर सकती है. यही वजह है कि इसमें फ्रॉड करने के चांस न के बराबर होते हैं. बताते चलें कि जब एक ब्लॉक में काफी डेटा इकट्ठा हो जाता है तो ये अगले ब्लॉक में इकट्ठा होने लगती है और ऐसे ही ब्लॉक की चेन बनती चली जाती है.

Blockchain Technology क्या है ? Blockchain Technology kya hai in hindi ?

blockchain kya hai

आज के समय में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने बिटक्वॉइन और ब्लॉकचेन के बारे में नहीं सुना होगा, ख़ासकर Cryptocurrency का जो उछाल देखने को मिला है जिसमे बिटक्वॉइन, Ethereum (ETH), Litecoin (LTC), Cardano (ADA) जैसी वर्चुअल करेंसी शामिल है | परन्तु जितना आपने इनके विषय में सुना होगा और जानकारी भी प्राप्त करने का प्रयास किया होगा लेकिन ब्लॉकचेन एक Complicated कांसेप्ट है और इसे समझना भी उतना ही मुश्किल है | आज हम इस लेख के माध्यम से आपको Blockchain Technology क्या है और यह कैसे काम करता है, यह सब बेहद ही आसान भाषा में समझाने की कोशिश करेगे |

Blockchain Technology क्या है ?

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक प्लेटफॉर्म हैं जहां ना सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्कि किसी भी चीज को डिजिटल ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है बनाकर उसका रेकॉर्ड रखा जा सकता है। आसान भाषा में कहें तो ब्लॉकचैन एक डिजिटल बहीखाता हैं। जो भी ट्रांजैक्शन इस पर होता है, वो चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर दिखाई देता है। इसे क्रिप्टोकरेंसीज का बैकबोन कहा जाता है। लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ क्रिप्टोकरेंसीज में ही नहीं बल्कि कई और भी क्षेत्रों में भी होता है। यह एक सुरक्षित और डीसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी है जिसे हैक कर पाना लगभग नामुमकिन है।

ब्लॉकचेन कैसे काम करती है?

ब्लॉकचेन डिजिटल जानकारी को रेकॉर्ड और डिस्ट्रीब्यूट करने की अनुमति देती है। ब्लॉकचेन लेनदेन का एक ऐसा रेकॉर्ड है जिसे बदला, हटाया या नष्ट नहीं किया जा सकता है। ब्लॉकचेन को डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी) के रूप में भी जाना जाता है। ब्लॉकचेन पहली बार 1991 में एक रिसर्च प्रोजेक्ट के रूप में आया था लेकिन वर्ष 2009 में में बिटकॉइन में इसका इस्तेमाल किया गया। अब इसे क्रिप्टोकरेंसीज के साथ कई दूसरे कामों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

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डेटाबेस से यह कैसे अलग है?

ब्लॉकचेन और डेटाबेस में काफी समानता है। डेटाबेस किसी भी सिस्टम के इन्फॉर्मेशन का कलेक्शन होता है। ब्लॉकचेन भी डेटाबेस जैसा ही होता है। लेकिन यह कई कैटेगरीज के तहत जानकारी इकट्ठा रखता है। इन ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है ग्रुप्स को ब्लॉक कहते हैं। ये ब्लॉक कई दूसरे ब्लॉक से जुड़े होते हैं, जो डेटा का एक चेन बनाते हैं। इसीलिए इस सिस्टम को ब्लॉकचेन कहते हैं। सामान्य डेटाबेस के उलट ब्लॉकचेन में कोई एक अथॉरिटी कंट्रोल नहीं होती है। इसके पीछे सोच यह थी कि इसे यूजर ही चलाएंगे।

क्यों ब्लॉकचेन ही कहते हैं?

ब्लॉक और चेन= ब्लॉकचेन. इसका सीधा मतलब है कि मल्टीपल ब्लॉक्स को चेन से जोड़कर चलाई जाने वाली टेक्नोलॉजी. ये डेटा ब्लॉक को इकट्ठा करके चेन बनाती है. अलग-अलग बॉक्स में डेटा में होता है और ये जुड़े होते हैं. लंबी चेन बनती जाती है, नया डेटा ऐड होता रहता है. इसी तरह सारे ब्लॉक्स जुड़े रहते हैं.

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