ROE के फायदे

बिना रिस्क Stock Market से की जा सकती है कमाई, ये है इसका 'खास' तरीका
शेयर बाजार ही एकमात्र साधन है, जिसकी मदद से कम पूंजी के जरिए बड़ी पूंजी बनाई जा सकती है, क्योंकि शेयर बाजार ने ही लंबे पीरियड में बेहतरीन रिटर्न दिया है.
शेयर बाजार हमेशा से जोखिम भरा रहा है.
शेयर बाजार हमेशा से जोखिम भरा रहा है. शेयरों में उतार-चढ़ाव आम आदमी के समझ नहीं आते. लेकिन, बाजार की रिकॉर्ड ऊंचाई और लगातार मिलने वाला बड़ा रिटर्न आकर्षित जरूर करता है. शेयर बाजार ही एकमात्र साधन है, जिसकी मदद से कम पूंजी के जरिए बड़ी पूंजी बनाई जा सकती है, क्योंकि शेयर बाजार ने ही लंबे पीरियड में बेहतरीन रिटर्न दिया है. अगर आप भी शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं, लेकिन पैसा खोने का डर है तो रिस्क फ्री कमाई का एक तरीका है. इसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं. हम शेयर बाजार में निवेश करके पैसा कमाने के कुछ खास तरीके बता रहे हैं, जिनकी मदद से बिना जोखिम अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
ट्रेडबुल्स सिक्योरिटीज के डायरेक्टर और सीओओ ध्रुव देसाई के मुताबिक, पिछले साल शेयर बाजार ने 18 फीसदी तक रिटर्न दिया है. लिहाजा नए निवेशक बाजार में कुछ छोटी पूंजी ROE के फायदे से शुरुआत कर सकते हैं. बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. लिहाजा निवेश करने के लिए यह सही समय है. अच्छे शेयरों में लंबी अवधि का निवेश हमेशा फायदेमंद रहता है. इक्विटी में निवेश अच्छा विकल्प है. इसे एक अच्छे निवेश साधन के रूप में देखना चाहिए.
लंबी अवधि के लिए लगाएं दांव
शेयर बाजार के एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शेयर बाजार में आप जितने कम समय के नजरिए से पैसे लगाते हैं. आपका जोखिम उतना ही अधिक होता है. अगर ROE के फायदे आप किसी शेयर में कुछ घंटों या कुछ दिनों के लिए पैसे लगा रहे हैं तो यह जुए की तरह है यानी शेयर बाजार में जोखिम कम करने का सबसे पहला तरीका यह है कि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करें. यहां लंबी अवधि कहने से मतलब कम से कम तीन साल है. इससे अधिक आप कितने साल तक बने रहते हैं, यह आपकी इच्छा पर निर्भर है.
इन शेयरों से बनाएं दूरी
शेयर बाजार में आपको ढेरों ऐसे शेयर मिल जाएंगे, जिनकी कीमत काफी कम है. आपको एक रुपए से कम के भी ढेरों शेयर मिल जाएंगे. ऐसे शेयर देखकर काफी लोग लालच में पड़ जाते हैं. निवेशकों को लगता है कि 50 पैसे का शेयर कुछ ही दिनों में एक रुपए का हो सकता है. इस तरह कुछ ही दिनों में उनकी पूंजी दो गुनी हो जाएगी. लेकिन आपके लिए यह जानना जरूरी है कि अगर ये शेयर आज इतने कम भाव में मिल रहे हैं, तो उसकी वजह यह है कि फंडामेंटल रूप से इनकी कंपनियां मजबूत नहीं है. ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप ऐसे शेयरों से दूर रहें.
समझ आने पर ही करें निवेश
अक्सर आपने अपने दोस्तों, परिचितों को यह कहते सुना होगा कि फ्यूचर्स और ऑप्शंस में उन्होंने काफी पैसे कमाए हैं. ऐसे ही लोग यह भी कहते हैं कि मार्जिन पर काम करके आप कम पैसे में अधिक पूंजी बना सकते हैं, लेकिन अगर आप अपने आप को जोखिम से बचाना चाहते हैं तो इन भुलावों में न पड़ें. इन तरीकों का इस्तेमाल केवल तभी करना चाहिए, जब आपको इनके बारे में काफी अच्छी जानकारी हो. तब आप इनके फायदे और नुकसान दोनों से परिचित हो जाते हैं.
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जानकारी बढ़ेगी, रिस्क घटेगा
आप कोई छोटा से छोटा काम भी करते हैं, तो उसके बारे में पूरी जांच पड़ताल करते हैं. आप बाजार से सब्जी भी खरीदने जाते हैं तो पूरा मोलभाव करते हैं. लेकिन जब आप शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं तो कुछ परिचितों के या ब्रोकर के कहने पर ही ऐसा कर देते हैं. जरूरी है कि आप शेयर बाजार से संबंधित जानकारी बढ़ाते जाएं. जैसे-जैसे आपकी जानकारी बढ़ती जाएगी, आप खुद ही यह पाएंगे कि आपका जोखिम घटता चला जाएगा.
सलाह: इन 11 पैरामीटर पर करें शेयरों का चुनाव, मिलेगा 100% से 500% तक का तगड़ा रिटर्न
किसी भी शेयर में पैसा लगाने से पहले वह किस सेक्टर की कंपनी के शेयर है और उसका कारोबार क्या है यह पता करें। इसके बाद उस कंपनी की बैलेंस सीट, टर्नओवर, बिजनेस मॉडल और कंपनी का भविष्य क्या है आदि की जानकारी जुटाएं।
Edited by: Alok Kumar @alocksone
Updated on: January 17, 2022 13:17 IST
Photo:INDIA TV
Highlights
- कंपनी की कुल शुद्ध लाभ और उसके शेयरों की संख्या से विभाजित करके ईपीएस हासिल किया जा सकता है
- आरओई रेश्यो आपको बताता हैं की कंपनी अपने इक्विटी पर कितना पैसा या रिटर्न बना रही है
- किसी शेयर का चुनाव करते समय उस कंपनी के पिछले 5 सालों के डिविडेंड भुगतान का रिकॉर्ड जरूर देखें
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच शेयर बाजार ने बीते दो साल में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। इसके चलते डीमैट खातों की संख्या दो करोड़ से बढ़कर 7.5 करोड़ से अधिक हो गई है। ऐसे में अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं और सही स्टॉक का चुनाव नहीं करने के कारण नुकसान में है तो हम आपको सही शेयर के चुनाव के लिए 11 टिप्स दे रहे हैं। इनको फॉलो कर आप न सिर्फ अपना जोखिम कम कर पाएंगे बल्कि 100% से 500% तक का तगड़ा रिटर्न वाले शेयर का चुनाव भी आसानी से कर पाएंगे।
1. निवेश से पहले EPS के गणित को समझें
EPS का मतलब होता है कि कंपनी के नेट प्रॉफिट में से कंपनी के प्रत्येक शेयर का हिस्सा। EPS का सीधा संबंध कंपनी के लाभ से होता है। अगर EPS अच्छा है तो इसका मतलब है कि कंपनी अच्छा मुनाफा कमा रही है। आप EPS को वार्षिक या मासिक आधार पर जरूर देंखे। इसका कलकुलेशन बहुत ही आसान है। कंपनी की कुल शुद्ध लाभ और उसके शेयरों की संख्या से विभाजित करके ईपीएस हासिल किया जा सकता है।
2. P/E Ratio देखना कभी भी न भूलें
P/E यानी Price to Earning Ratio। इस रेश्यो को कंपनी के 1 शेयर की मार्केट कीमत में EPS का भाग ROE के फायदे देकर निकाला जाता है। अगर किसी कंपनी का EPS 10 रुपयेे प्रति शेयर हैं। अगर कंपनी के शेयर का भाव 200 रुपये है तो कंपनी का P/E Ratio 20 होगा। इसका मतलब हुआ की आपको एक वर्ष में 10 रुपये कमाने के लिए 20 गुना पैसे देने होंगे। अतः आपको एक शेयर के लिए 200 रुपये देने होंगे।
3. RoE और RoCE को समझना बहुत जरूरी
दोनों रेश्यो किसी भी कंपनी के शेयर का चुनाव करते समय सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। यह रेश्यो आपको बताते हैं की लगाई हुई इक्विटी या कैपिटल पर कितना रिटर्न प्राप्त हो रहा हैं। आरओई रेश्यो आपको बताता हैं की कंपनी अपने इक्विटी पर कितना पैसा या रिटर्न बना रही है। आसान भाषा में समझे तो कंपनी के लगाए पैसे पर कितना पैसा बन रहा हैं।
4. तुक्का न लगाएं, ट्रेडिंग कोई जुआ नहीं
पहली बार बाजार में पैसा लगाने वाले या नए निवेशक शेयर को तुक्का का खेल समझते हैं, जबकि ठीक उलट शेयर में निवेश एक रणनीति की मांग करता है। आप किस कंपनी का शेयर खरीद रहे हैं, उसकी मार्केट में स्थिति कैसी है, पिछले कुछ समय से उसकी शेयर बाजार में क्या स्थिति रही है आदि की जानकारियां एक निवेशक को होनी चाहिए। सिर्फ कम कीमत देखकर जुए के खेल की तरह शेयर खरीदना और उससे लाभ की उम्मीद लगाना आपको भारी नुकसान करा सकता है।
5. कंपनी के ऊपर कर्ज का आकलन
शेयर मार्केट में शेयर चुनते समय कंपनी के ऊपर कितना कर्ज यह जरूर देखना चाहिए। अगर किसी कंपनी के ऊपर ज्यादा कर्ज हैं तो उसे बहुत ज्यादा ब्याज होगा। इसलिए आप जिस शेयर में इन्वेस्टमेंट कर रहे हो उस कंपनी के ऊपर कम से कम कर्ज होना चाहिए। एक कर्ज मुक्त कंपनी को आप ज्यादा तवज्जो देना चाहिए। एक निवेशक के तौर पर आप कंपनी का Debt-Equity Ratio देख सकते हैं। Debt-Equity Ratio अगर 1 से कम हो तो अच्छा माना जाता है। यह रेश्यो अगर जीरो हो तो यह एक आदर्श रेश्यो माना जाता हैं।
6. कंपनी द्वारा लाभांश भुगतान का रिकॉर्ड
जिन कंपनियों की वित्तीय हालत अच्छी होती है और लाभ कमाती हैं। वह अपने शेयर होल्डर्स को लाभांश का भुगतान करती है। शेयर की प्राइस में इजाफे के साथ-साथ नियमित आय के रूप में डिविडेंड को भी महत्व देना चाहिए। किसी शेयर का चुनाव करते समय उस कंपनी के पिछले 5 सालों के डिविडेंड भुगतान का रिकॉर्ड देखें।
7. मजबूत मैनजमेंट का चयन
किसी भी कंपनी का मैनेजमेंट उस कंपनी की आत्मा माना जाता है। एक अच्छा मैनेजमेंट कंपनी के भविष्य को अधिक उज्जवल बना सकता है जबकि अक्षम मैनेजमेंट अच्छी ROE के फायदे कंपनी को भी नीचे की ओर ला सकता है। इसलिए आप Share Select करते समय कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में सही जानकारी जरूर हासिल करें।
8. शेयर बाइबैक का रिकॉर्ड चेक करें
शेयर चुनने से पहले Share Buyback के बारे में जानकारी लें। अगर प्रमोटर स्वयं की कंपनी के शेयर पब्लिक से वापस खरीद रहे हैं तो इसका मतलब है कि उन्हें कंपनी के बिजनेस मॉडल में विश्वास है और भविष्य में कंपनी के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद हैं। इसके साथ ही कंपनी की शेयर होल्डिंग पैटर्न चेक करें। किसी कंपनी का शेयर होल्डिंग पेटर्न यह दिखाता है कि कंपनी के शेयर किन-किन व्यक्तियों के पास हैं? इसमें आपको देखना है कि शेयर का कितना हिस्सा प्रमोटर्स के पास हैं। प्रमोटर्स के पास जितना अधिक शेयर का हिस्सा होगा, उतना ही अच्छा माना जाता है।
9. कंपनी और सेक्टर जरूर देंखे
किसी भी शेयर में पैसा लगाने से पहले वह किस सेक्टर की कंपनी के शेयर है और उसका कारोबार क्या है यह पता करें। इसके बाद उस कंपनी की बैलेंस सीट, टर्नओवर, बिजनेस मॉडल और कंपनी का भविष्य क्या है आदि की जानकारी जुटाएं। इससे आपको एक आइडिया मिल जाएगा कि कौन सी कंपनी सही है या किसकी वित्तीय स्थिति कमजोर है। किसी भी सेक्टर की लीडर कंपनी पर प्रमुखता से ध्यान देना चाहिए।
10. लंबी अवधि के लक्ष्य लेकर शेयर चुनें
किसी भी शेयर में छोटी अवधि में रिटर्न की उम्मीद नहीं करें। हमेशा लंबी अवधि का लक्ष्य बनाकर निवेश करें। ऐसी कंपनी के शेयर चुनें जिसमें रिटर्न ज्यादा मिले, लेकिन रिस्क कम हो। ऐसे निवेश से बचें जिसमें या तो बहुत बढ़िया रिटर्न मिलेगा या फिर भयंकर नुकसान की संभावना है।
11. ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले शेयर चुनें
हमेशा वैसे शेयर का चुनाव करें जिसमें ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यम हो। विश्लेषक अक्सर ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यूम ROE के फायदे वाले शेयरों की समीक्षा करते हैं। कम ट्रेड किए जाने वाले शेयरों में नकली तेजी लाई जा सकती है। बड़े शेयरों में इसकी गुंजाइश बहुत नहीं होती है।
इन्वेस्टमेंट से पहले रिटर्न ऑन इक्विटी पर गौर करें
कोई कंपनी निवेश करने लायक है या नहीं, इस बात का पता लगाने के कई पैमाने हैं.
इन्वेस्टमेंट से पहले रिटर्न ऑन इक्विटी पर गौर करें
रिटर्न ऑन इक्विटी कंपनी के कुल इक्विटी कैपिटल के पर्सेंटेज के तौर पर नेट प्रॉफिट होता है। टोटल इक्विटी में पेड अप कैपिटल, रिजर्व और सरप्लस शामिल होते हैं। अगर रिटर्न ऑन इक्विटी ज्यादा है, तो यह बताता है कि प्रॉफिट कमाने में इनवेस्टर्स के पैसे का बेहतर इस्तेमाल हो रहा है। 2012 की ईटी 500 लिस्ट में 10 में से 3 कंपनियों का रिटर्न ऑन इक्विटी बेहतर रहा है।
एक साल पहले 10 में से 4 कंपनियां ऐसी थीं। इसमें शामिल कंपनियों की इनपुट कॉस्ट और ब्याज खर्चों में बढ़ोतरी और डिप्रेसिएशन से कुछ कंपनियों के रिटर्न ऑन इक्विटी में गिरावट आई। ईटी 500 की लिस्ट में शामिल जिन कंपनियों के रिटर्न ऑन इक्विटी में साल दर साल आधार पर बेहतरी हुई है, उनमें सबसे ज्यादा फाइनेंशियल सेक्टर की फर्में हैं।
कुल 152 कंपनियों में बैंकिंग और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस सेगमेंट की 22 कंपनियां ऐसी रहीं, जिनके रिटर्न ऑन इक्विटी में बढ़ोतरी देखने को मिली। जिन कंपनियों के रिटर्न ऑन इक्विटी में बढ़ोतरी हुई, उनमें 15 फीसदी हिस्सेदारी फाइनेंशियल सेक्टर की कंपनियों की रही। सिप्ला, डॉ रेड्डीज लैब, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स और सन फार्मा जैसी चुनिंदा फार्मा कंपनियों के रिटर्न ऑन इक्विटी में सुधार हुआ।
हमारी ताजा रैंकिंग में कुछ 6 ऐसी कंपनियां हैं, जिनका रिटर्न ऑन इक्विटी लगातार 4 साल से (फाइनेंशियल ईयर 2012 तक) बेहतर रहा है। इस मामले में बैंकिंग और फाइनेंशियल कंपनियां एक बार फिर अव्वल रहीं। बजाज फाइनेंस, जम्मू एंड कश्मीर बैंक और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का रिटर्न ऑन इक्विटी पिछले कुछ सालों में लगातार बेहतर हुआ है। इस लिस्ट में अदानी पोर्ट्स, क्वालिटी डेयरी और जी एंटरटेनमेंट भी शामिल हैं।
मुहूर्त ट्रेडिंग 2021 – शेयरों (स्टॉक्स) में निवेश (इन्वेस्ट) शुरू करने के लिए आपका शुभ मुहूर्त
भारतीयों द्वारा अनुसरण किए जाने वाले कैलेंडरों में से एक – विक्रम संवत के अनुसार, दिवाली एक नए वित्तीय वर्ष (फाइनेंशियल ईयर) की शुरुआत का प्रतीक है। यही कारण है कि भारत में इसे शुभ माना जाता है। दिवाली न केवल गिफ्ट देने और मिठाइयां बाँटने का समय है, बल्कि ‘स्टॉक्स’ में इन्वेस्ट करने का समय भी है। हां! आपने सही सुना। सोने-चांदी जैसी कीमती धातुओं में इन्वेस्ट करने के अलावा, कई इन्वेस्टर्स के लिए स्टॉक्स खरीदना भी रिवाज बन गया है।
लेकिन दिवाली सार्वजनिक (पब्लिक हॉलिडे) छुट्टी है और स्टॉक एक्सचेंज (शेयर बाज़ार) छुट्टियों पर बंद होते हैं, तो फिर उस दिन आप स्टॉक कैसे खरीद सकते हैं? जवाब है ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ सेशन। आइए इसके बारे में जानने के लिए सभी जरूरी चीजों पर चर्चा करें – इसका अर्थ, हिस्ट्री और इस सेशन के दौरान स्टॉक खरीदने के क्या क्या फायदे हैं। पढ़ते रहिये! आप जानते हैं कि आप जिज्ञासु (क्यूरियस) हैं!
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इस आर्टिकल में शामिल हैं:
मुहूर्त ट्रेडिंग क्या है?
भारतीय, रीति-रिवाजों को महत्व देते हैं और वे चीजों को सही मुहूर्त में करना ही पसन्द करते हैं। मुहूर्त वह शुभ समय होता है जिसमें कोई भी व्यक्ति या उद्यम (इंटरप्राइजेज) अपने किसी काम को करने या शुरू करने के लिये अच्छा मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान (शुभ मुहूर्त में) जब कोई काम किया जाता है, तो वह बिना किसी बाधा के पूरा होता है। ऐसा ही एक शुभ मुहूर्त दिवाली पर आता है।
इस छुट्टी पर, भारतीय स्टॉक एक्सचेंज एक घंटे के ट्रेडिंग सेशन के लिए खुलता है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहते हैं। हर साल, स्टॉक एक्सचेंज इस ट्रेडिंग सेशन के लिये दिन और समय को परिभाषित करता है। ऐसा माना जाता है कि इस एक घंटे के दौरान स्टॉक खरीदना और बेचना धन की देवी, देवी लक्ष्मी जी का आशीर्वाद लेकर आता है।
इसलिए कई लोग इस दिन इक्विटी खरीदते हैं। कुछ लोग उन्हें लंबे समय के लिए भी रखते हैं और उन्हें अपनी पीढ़ियों को गिफ्ट के रूप में देते हैं।
इसके पीछे का इतिहास क्या है?
भारतीय एक्सचेंज पर मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन आधी सदी से भी अधिक समय से किया जा रहा है। यह पहली बार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) द्वारा 1957 में आयोजित किया गया था। इसके बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने इस विरासत को जारी रखते हुए 1992 में मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत की।
इन्वेस्टर समुदाय के लिए, यह सेशन नए साल का प्रतीक है। इस दिन स्टॉकब्रोकर पुराने लेज़र को बंद कर देते हैं और नए लेज़र पर काम करना शुरू कर देते हैं। इस पारंपरिक (ट्रेडिशनल) ट्रेडिंग सेशन से पहले, स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज में ‘चोपरा पूजा’ यानी बही-खाते (अकाउंट बुक) की पूजा करते हैं।
मनोरंजक तथ्य
इस ट्रेड सेशन के साथ कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। इन मे से एक हैं कि सबसे पहले मारवाड़ी इन्वेस्टर्स इस मुहूर्त के दौरान स्टॉक बेचते थे क्योंकि उनका मानना था कि इस दिन पैसा घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। दूसरी ओर, गुजराती इन्वेस्टर्स ने इस सेशन के दौरान शेयरों (स्टॉक्स) में खरीदारी की। लेकिन इसका समर्थन करने के लिए कोई डेटा उपलब्ध नहीं है और यह आज के समय में सच नहीं है।
इस सेशन के दौरान कौन-कौन इन्वेस्ट कर सकता है?
इस सेशन के दौरान कोई भी इन्वेस्टर या ट्रेडर इन्वेस्ट कर सकता है। लेकिन सिर्फ इसलिए कि यह शुभ मुहूर्त है, आपको आँख बंद करके इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए। सावधानीपूर्वक विश्लेषण करने के बाद रिसर्च करें और उनकी पहचान सुनिश्चित करने के बाद ही अच्छे स्टॉक्स में इन्वेस्ट करें अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
मुहूर्त ट्रेडिंग का प्रोसेस
इस ट्रेडिंग सेशन को निम्नलिखित 5 घटकों में बांटा गया है:
ब्लॉक डील सेशन: इस दौरान, दो पार्टी पहले से तय किये मूल्य पर स्टॉक्स खरीदने या बेचने का निर्णय लेते हैं और इसकी सूचना स्टॉक एक्सचेंज को देते हैं।
प्री-ओपन सेशन: इस दौरान, एक्सचेंज मार्केट खुलने से पहले (आमतौर पर लगभग 8 मिनट पहले) संतुलन मूल्य निर्धारित करते हैं।
सामान्य मार्केट अवधि: यह एक घंटे का सेशन होता है जिसमें ज्यादातर ट्रेडिंग होती है।
कॉल ऑक्शन सेशन: इस दौरान, इलिक्विड (अनकदी) शेयर की ट्रेडिंग होती है। यदि प्रतिभूति एक्सचेंज द्वारा निर्धारित मानदंडों (क्राइटेरिया) को पूरा करती है, तो इसे इलिक्विड के रूप में वर्गीकृत (क्लासिफाइड) किया जाता है।
क्लोजिंग (समापन) सेशन: यहां, ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स क्लोजिंग प्राइस पर मार्केट ऑर्डर देते हैं।
मुहूर्त ट्रेडिंग 2021 का समय क्या है?
इस साल भी BSE और NSE दोनों ने, दिवाली, यानी 4 नवंबर 2021 को मुहूर्त ट्रेडिंग की अनुमति अनुमति दे दी है।
सेशन के फायदे क्या हैं?
- यह शेयर खरीदने/बेचने का अच्छा समय है क्योंकि इस सेशन के दौरान ट्रेडिंग वॉल्यूम ज्यादा होता है। उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम से संकेत मिलता है कि शेयर मार्केट के आसपास बहुत अधिक रुचि या गतिविधि है।
- यह एक शुभ समय माना जाता है, इसलिए यदि आप पहली बार इन्वेस्ट कर रहे हैं तो आप इस दिन इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते हैं।
- यह अनुभवी इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए एक बहुत अच्छा मौका है क्योंकि इस सेशन के दौरान मार्केट में आमतौर पर तेजी रहती है। लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ जब मार्केट में अगले ही दिन गिरावट देखने को मिली है। इसलिए सावधान रहना बहुत जरूरी है और गहन रिसर्च के बाद ही इन्वेस्ट या ट्रेडिंग करना जरूरी है।
यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो अभी भी इन्वेस्ट शुरू करने के लिए सही मुहूर्त की तलाश में हैं तो मुहूर्त ट्रेडिंग 2021 आपके लिए सौभाग्य की बात है। ऐसे शेयरों की तलाश करें जो मजबूत फंडामेंटल द्वारा समर्थित हों, जिनमें ग्रोथ क्षमता हो और जिनमें अच्छा नकदी प्रवाह (कैश फ्लो) हो। यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि किन शेयरों में इन्वेस्ट करना है, तो आप टिकरटेप के स्क्रीनर का उपयोग करके अपनी रिसर्च शुरू कर सकते हैं। इसमें 200 से अधिक फिल्टर हैं जो आपको प्रासंगिक प्रमुख मेट्रिक्स के आधार पर ढेर सारे स्टॉक के माध्यम से तेजी से फ़िल्टर करने की सुविधा देते हैं।
स्क्रीनर के अलावा, टिकरटेप में अन्य इन्वेस्टमेंट विश्लेषण उपकरण भी हैं जैसे स्टॉक के लिए व्यापक एसेट पेज, म्यूचुअल फंड, ETFs, इंडेक्स, मार्केट मूड इंडेक्स और बहुत कुछ।
साल में एक बार शुभ मुहूर्त पर शेयरों में इन्वेस्ट करने का यह मौका न जाने दें। आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और यह मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन आपके लिए शुभकामनाएं लेकर आए!
फायदेमंद ही नहीं नुकसानदेह भी है चुकंदर का सेवन, खाने से पहले जान लीजिए
Photo:© Shutterstock (Main Image)
फिटनेस पसंद करने वाला हर व्यक्ति अपनी डाइट में सलाद जरूर शामिल करता है। कुछ लोग जूस का सेवन भी पसंद करते हैं। कई लोग वजन कम करने के लिए सलाद खाते हैं। लेकिन सलाद का सेवन शरीर को और भी कई मायनों में फायदा पहुंचाता है।
सलाद से शरीर को पोषक तत्व मिलते हैं और यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। साथ ही यह शरीर में पानी की कमी को दूर करता है। सलाद में मुख्य रूप से इन चीजों का सेवन किया जाता है,
- मूली (Radish)
- खीरा (Cucumber)
- पत्तागोभी (Cabbage)
- ब्रोकली (Broccoli)
- लेट्युस (Lettuce)
- चुकंदर (Beetroot)
- टमाटर (Tomatoe)
सलाद के अलावा लोग चुकंदर (Beetroot) का जूस भी पीते हैं। अधिकतर लोग चुकंदर के फायदों को जानकर ही इसका सेवन करते हैं। आपने भी परिवार में सुना होगा चुकंदर खाने से खून साफ होता है और हीमोग्लोबिन बढ़ता होता है।
कई स्वास्थ्य समस्याओं में डॉक्टर भी इसका सेवन करने की सलाह देते हैं। सर्दियों का मौसम है और बाजार में यह खूब बिक रही है। ऐसे में मैं आपको चुकंदर खाने के फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी दूंगा।
चुकंदर खाने के फायदे
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1. न्यूट्रिशन से भरपूर
न्यूट्रिशन से भरपूर होने के कारण चुकंदर खाना और जूस पीना दोनों ही फायदेमंद है। एक कप चुकंदर के जूस (100 Gm) में 43 कैलोरी होती है। इसमें 87 प्रतिशत पानी (Water), 8 प्रतिशत कार्ब (Carb) और 3 प्रतिशत के करीब फाइबर (Fiber) होता है। (1)
- कैलोरी : 43 Cal
- प्रोटीन : 1.6 gm
- कार्ब्स : 9.6 gm
- शुगर : 6.8 gm
- फाइबर : 2.8 gm
- फैट : 0.2 gm
- पानी : 87%
2. विटामिन और मिनरल्स से भरपूर
चुकंदर विटामिन और मिनरल्स से भरपूर है। इसका रोजाना सेवन करने से आपके शरीर में इन दोनों की जरूरी मात्रा बनी रहती है। चुकंदर में विटामिन सी, पोटैशियम, विटामिन बी9 और आयरन अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो हमारे शरीर को कई तरह से फायदा देता है।
विटामिन सी (Vitamin C) : चुकंदर विटामिन के लिए काफी अच्छा सोर्स है। यह एक एंटीऑक्सिडेंट के तौर पर भी काम करती है। (2)
पोटैशियम (Potassium) : चुकंदर में पोटैशियम भी भरपूर मात्रा में होता है। इसके सेवन से दिल के रोगियों को फायदा मिलता है।
फोलेट (विटामिन बी 9) Folate (vitamin B9) : टिश्यूज की ग्रोथ में सहायक फोलेट भी चुकंदर में पाया जाता है। (3)
आयरन (Iron) : चुकंदर, आयरन का अच्छा सोर्स है। इसके सेवन से रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells) में ऑक्सीजन फ्लो सही रहता है।
3. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है
हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए चुकंदर का सेवन रामबाण से कम नहीं होता। उच्च रक्तचाप के रोगी के ब्लड वेसल्स डैमेज होने का खतरा रहता है। चुकंदर का सेवन हाई बीपी की समस्या को कम करने में सहायक होता है। हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त लोग डॉक्टर की सलाह से चुकंदर या उसके जूस का सेवन शुरू कर सकते हैं।
सलाद में चुकंदर खाने से नाइट्रेट्स, नाइट्रिक ऑक्साइड में बदल जाता है, जिससे ब्लड वेसल्स (Blood Vessels) पतली हो जाती है और ब्लड प्रेशर कम होता है। एक स्टडी के मुताबिक चुकंदर या उसका रस कुछ ही घंटों में 3 से 10 mm hg तक ब्लड प्रेशर कम कर सकता है। (4)
4. फिजिकल परफॉर्मेंस बढ़ाने में सहायक
चुकंदर का सेवन फिजिकल एक्टिविटी और परफॉर्मेंस में भी सुधार कर सकता है। इसमें पाए जाने वाले नाइट्रेट्स से माइटोकॉन्ड्रिया पर असर पड़ता है। जिससे आपकी फिजिकल परफॉर्मेंस बढ़ती है। (5) चुकंदर में फ्लेवोनोइड, सल्फर और बीटा कैरोटीन भी पर्याप्त मात्रा में होता है। इनके शरीर में मौजूद होने से लिवर की कार्य प्रणाली सही रहती है।
5. वजन कम कर सकता है
सलाद या जूस के रूप में चुकंदर का सेवन वजन कम करने में भी मददगार हो सकता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में पानी और कैलोरी कम पाई जाती है। (6) लो कैलोरी वाले फूड और वेजिटेबल खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है। (7)
चुकंदर में मौजूद फाइबर से आपको लंबे समय तक भूख का अहसास नहीं होता। फाइबर डाइट के बारे में जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।
ये तो हुई चुकंदर के फायदों की बात। लेकिन कई मामलों में चुकंदर का सेवन नुकसानदेह भी हो सकता है। अधिकतर लोग इसके फायदों के बारे में जानकर ही इसे खाते हैं। लेकिन इसके सेवन से पहले इससे होने वाले नुकसान के बारे में भी पता होना जरूरी है।
चुकंदर के नुकसान
- रोजाना चुकंदर का जूस पीने से शुगर लेवल बढ़ सकता है।
- लो ब्लडप्रेशर वालों के लिए चुकंदर खाना हानिकारक हो सकता है।
- नियमित चुकंदर का सेवन करने से बेटुरिया हो सकता है। यह वह स्थिति है, जिसमें मूत्र या मल का रंग लाल हो जाता है।
- रोजाना चुकंदर का जूस पीने से किडनी स्टोन की शिकायत होने का खतरा रहता है।
- इसके सेवन से शरीर में कैल्शियम लेवल डाउन हो सकता है और हड्डियों से जुड़ी समस्या हो सकती है।
चुकंदर के बारे में ये भी जानें
चुकंदर मूसला जड़ की प्रजाति है। मुख्य फल चुकंदर के पौधे का टेपरोट हिस्सा (Taproot Portion) होता है। इसका वैज्ञानिक नाम बीटा वल्गैरिस (Beta Vulgaris) है। अधिकतर लोग ROE के फायदे चुकंदर का सेवन सलाद या जूस के रूप में करते हैं। लेकिन आप इसकी सब्जी, सूप, स्मूदी, आइसक्रीम भी बना सकते हैं।
गहरे लाल रंग (मरून) में आने वाली चुकंदर का रस हाथ में लगने पर काफी समय तक निशान रह सकते हैं। सबसे पहले इसकी खेती रोम में होने के प्रमाण मिलते हैं। उस समय इसका सेवन केवल जानवर करते थे। छठी शताब्दी के आसपास से इसे मनुष्य ने भी खाना शुरू कर दिया।
(यह जानकारी विभिन्न रिसर्च और स्टडी के आधार पर दी गई है। किसी भी चीज का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।)
संबंधित रिसर्च
2. Wintergerst ES1, Maggini S, Hornig DH.Immune-enhancing role of vitamin C and zinc and effect on clinical conditions.Ann Nutr Metab. 2006;50(2):85-94. Epub 2005 Dec 21.PMID: 16373990
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