क्या है ट्रेंड ट्रेडिंग

Swing trading क्या है? स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक सिलेक्शन कैसे करें?
आप चाहें तो mutual funds मे भी निवेश कर सकते हैं परंतु यह सिर्फ एक पुराना तरीका है जिसमें सिर्फ लॉन्ग टर्म में ही लाभ प्राप्त किया जा सकता है। परंतु स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसा कारगर विकल्प है जिससे मदद से आप अपने पैसे पर कम समय में अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं ।
स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग तथा scalping समान ही है परंतु जो इसे अन्य प्रकारों से भिन्न बनाती है वह यह है कि इसमें आपके पास अपने निवेश संबंधी निर्णय को लेने के लिए पर्याप्त समय होता है जिसमें आप अपने तार्किक विश्लेषण के आधार पर निर्णय लेते हैं
आज के इस आर्टिकल में हम स्विंग ट्रेडिंग क्या है तथा उससे संबंधित विषयों के बारे में अध्ययन करेंगे ।
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Swing trading क्या है?
Swing trading, trading एक ऐसा प्रकार है जिसमें किसी कंपनी के शेयर को 1 दिन से अधिक समय के लिए खरीदा जाता है शेयर को खरीदने से लेकर बेचने की अवधि 1 दिन से लेकर कुछ हफ्तों तक के लिए हो सकती है।
यह ट्रेडिंग मार्केट में short term gain तथा medium term gains के लिए की जाती है यह ट्रेडिंग का एक ऐसा रूप होता है जिसमें ट्रेडिंग एक तय समय के लिए की जाती है स्विंग ट्रेडिंग मे इस तय समय में हुए मार्केट में शेयर के प्राइस मूवमेंट से लाभ प्राप्त किया जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग कम समय में ज्यादा प्रभावी होती है क्योंकि जहां एक तरफ निवेशकों को अपने निवेश पर 15 से 20 प्रतिशत रिटर्न अर्जित करने के लिए 1 साल या उससे अधिक का समय देना होता है वही एक स्विंग ट्रेडर का उद्देश्य कम समय में अच्छे लाभ कमा कर अपने लक्ष्यों की पूर्ति करना होता है क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग की मदद से आप हफ्ते मैं अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।
इस ट्रेडिंग का उपयोग कोई भी आम व्यक्ति लॉयर डॉक्टर, बिजनेसमैन ,आर्किटेक्ट या कोई भी व्यक्ति जो किसी भी प्रकार की जॉब करता है वह कर सकता है।
इस ट्रेडिंग की मदद से आप शॉर्ट टर्म में शेयर के प्राइस मूवमेंट से पैसे कमा सकते हैं जिसमें टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करके आप शेयर के प्राइस मूवमेंट का पता लगाकर यह अनुमान लगा सकते हैं कि आने वाले समय में किसी शेयर में कितनी वृद्धि हो सकती है।
Swing trading में stock selection कैसे करें?
स्विंग ट्रेडिंग अन्य ट्रेडिंग के सिद्धांतों पर ही कार्य करती है ।परंतु इसमें व्यक्ति के पास अपने निर्णय लेने हेतु समय होता है। जिससे वह अपने नुकसान को सीमित कर सकता है। जिस प्रकार अन्य ट्रेडिंग प्रकारों में लाभ तथा हानि दोनों हो सकती हैं उसी प्रकार इसमें भी जोखिम रहता है। इसलिए यदि आप अच्छी तरह से स्टॉक का चयन करें तो आप अपने नुकसान को कम तो कर ही सकते हैं ।साथ ही साथ अपने लाभ की संभावना को बढ़ा सकते हैं।
स्टॉक चयन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
मौलिक विश्लेषण
सर्वप्रथम किसी कंपनी के स्टॉक के चयन हेतु आपके पास उस कंपनी के विषय में कुछ मौलिक विश्लेषण होने चाहिए जैसे कि उस कंपनी का वैल्यूएशन कितना है वह कंपनी किस क्षेत्र में कार्यरत है तथा इससे पहले उसने कैसा कार्य किया है।
लिक्विडिटी
स्विंगट्रेडिंग करने से पहले आपको उसकी तरलता यह लिक्विडिटी के बारे में जान लेना चाहिए यदि उस शेयर की लिक्विडिटी अच्छी है तो आप कम समय में उससे अच्छा रिटर्न कमा पाएंगे।
ट्रेंड व मार्केट चाल
स्विंग ट्रेड करते समय आपको टेक्निकल एनालिसिस की आवश्यकता होती है जिसकी मदद से आप उस कंपनी के पुराने डाटा के आधार पर आने वाले समय में उस शेयर में होने वाले बदलाव का अनुमान लगा सकते हैं इसके आधार पर आपको उसके ट्रेंड शेयर की औसत चाल तथा उसके प्राइस मूवमेंट की जानकारी मिल जाएगी।
अन्य स्टॉक के साथ तुलना
किसी कंपनी को चयन करने से पहले आपको उस कंपनी के सेक्टर की अन्य कंपनियों के साथ उसकी तुलना करनी चाहिए जिससे आपको शेयर की जानकारी अच्छी तरीके से हो सके।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस टाइम फ्रेम का उपयोग करें?
मार्केट में स्विंग ट्रेडिंग करने से पहले आपको यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि इसका समय काल 1 दिन से कुछ हफ्ते तक का होता है अतः आपको इसके विश्लेषण हेतु टाइम फ्रेम की आवश्यकता होती है। जिससे आप उसका सटीक आंकलन करके लाभ प्राप्त कर सकें।
चार्ट का अध्य्यन मे आपको क्या है ट्रेंड ट्रेडिंग मार्केट का विस्तृत आंकलन करने की आवश्यकता होती है इसके लिए आप चार्ट के weekly टाइम फ्रेम या day time frame का उपयोग कर सकते हैं साथ ही ट्रेडिंग की प्लानिंग हेतु 1घंटे या 4घंटे के टाइम फ्रेम का उपयोग कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग करते समय एंट्री और एग्जिट कहां करें?
यदि आपको स्विंग ट्रेडिंग से लाभ प्राप्त करना है तो आपको सही समय पर शेयर में एंट्री करने की आवश्यकता होती है।यह तय करने हेतु आपको मार्केट में विभिन्न रणनीतियां का उपयोग करना है। तथा किसी की सहायता से आप अपना लाभ भी तय कर सकते हैं।
Support and resistance
शेयर बाजार में सपोर्ट और रेजिस्टेंस बहुत महत्वपूर्ण होते हैं ।क्योंकि सपोर्ट मार्केट में खरीदारी को प्रदर्शित करता है ।अर्थात यहां खरीदारी का ज्यादा दबाव होता है ।तथा रेजिस्टेंस सप्लाई को अर्थात् बिकवाली को प्रदर्शित करता है तो यदि आप किसी शेयर मे एंट्री लेते हैं तो आप यह सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस की सहायता से कर सकते हैं।यदि मार्केट कहीं स्ट्रांग सपोर्ट बना रहा है तो आप वहां छोटे स्टॉपलॉस के साथ एंट्री लेने की योजना बना सकते हैं तथा रेजिस्टेंस पर उसको बेच सकते हैं।
मूविंग एवरेज
मूविंग एवरेज मार्केट की औसत चाल को बताने का कार्य करता है चार्ट के तकनीकी विश्लेषण में 21,33,50 ,100,एवं 200 मूविंग एवरेज का उपयोग किया जाता है। यह मार्केट के पिछले कुछ दिनों की औसत चाल के अनुसार आपको भविष्य में आने वाले उतार चढ़ाव का डाटा बताता है।इसकी सहायता से आप अपनी एंट्री की योजना बना सकते हैं।
इंडिकेटर का उपयोग
मार्केट में कई तरह के इंडिकेटर उपलब्ध हैं जो आपको मार्केट की भिन्न-भिन्न दशाओं से अवगत कराते हैं आप इन इंडिकेटर्स का उपयोग करके प्रवेश करने तथा बाहर निकलने की रणनीति को बना सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग मार्केट में कम समय में निवेश करके मुनाफा कमाने हेतु कारगर है। परंतु यदि आपस में सफल होना चाहते हैं तो आपको इसे सावधानी के साथ रिस्क मैनेजमेंट की सहायता से करना चाहिए। क्योंकि यदि आपको अपने लाभ के साथ-साथ अपने नुकसान के बारे में भी पता रहेगा तो आप मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव से अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकेंगे।
शेयर मार्केट में Technical Analysis क्या होता हे ?
technical analysis kya hota he(technical analysis in hindi)
technical analysis से हम किसीभी स्टॉक प्राइज की मूवमेंट को देखके उसके फ्यूचर(भविष्य)प्राइज का अंदाज़ा लगा सकते हे मतलब हम प्रिडिक्ट करते हे की फ्यूचर में शेयर की प्राइज अप रहेगी या फिर डाउन रहेगी या फिर एक फिक्स रेंज में रहेगी।
दोस्तों आज हम देखेंगे technical analysis kya hota he(technical analysis in hindi) के बारे में जो की फिलाल शेयर मार्किट में बहुत ज़ोरिसे चल रहा हे। टेक्निकल एनालिसिस का Fundamental analysis से कुछ भी लेने देना नहीं हे उन दोनों में बहु अंतर हे। और नहीं टेक्निकल एनालिसिस करके इन्वेस्टमेंट की जाती हे क्युकी टेक्निकल एनालिसिस सिर्फ करंट प्राइज बताता हे। और उसके माध्यम से आगे होने वाले हलचल (Movement) का अंदाज़ा लगता हे , और कोई भी अंदाजा सही रहेगा इसकी कोई गॅरंटी नहीं होती।
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टेक्निकल एनालिसिस एक tradingके लिए इस्तेमाल होता हे। मतलब शेयर को कम से कम टाइम में खरीदना और बेचना , उससे शेयर का भाव कम ज्यादा होता रहता हे। उसी प्राइज को दर्शाता हे टेक्निकल एनालिसिस। टेक्निकल एनालिसिस किसीभी स्टॉक का प्राइज एक मूवमेंट को फॉलो करता हे जैसे की वो एक ट्रेंड में रेहता हे। उस ट्रैंड के भी तीन प्रकार होते हे। जैसे की up trend , down trend और एक होता हे sideways trend ये मूवमेंट रहते हे.
up trend
ट्रेडिंग में किसी भी स्टॉक का प्राइज एक continually उपर की साइड में चल रहा होता हे। मतलब उसका अभी up trend चालू हे ऐसा कहा जाता हे। और उसी ट्रेंड को फॉलो करके टेक्निकल एनयलीसिस ये अंदाजा लगता हे की आगे भी वो इसी ट्रेंड को फॉलो करेंगे। मतलब वो आगे भी उप ही रहेगा लेकिन टेक्नीकल एनलीसिस सिर्फ अंदाजा लगा सकते हे। क्युकी स्टॉक मार्किट में ऐसी कुछ फिक्स स्ट्रैटर्जी नहीं होती।
जिससे हम मार्किट की प्राइज कहा जाएगी ये पता लगा सके टेक्निकल से सिर्फ मूवमेंट पता चलती हे. और इस ट्रेंड को पता लगाने के लिए भी कई सारे टूल होते हे. जैसे की candlestick pattern , indicators , trend lineऐसे बहुत से सरे टूल होते हे जिससे हम सिर्फ शेयर के प्राइज का अंदाजा लगा सकते हे।
down trend ;
ट्रेडिंग में किसी भी स्टॉक का प्राइज नियमित निचे आ रहा हे। तो उसका मतलब स्टॉक का प्राइज डाउन ट्रेंड में हे। और टेक्निकल एनालिसिस को टूल्स से हम ट्रेंड का पता लगा कर हम स्टॉक की फ्यूचर प्राइज का अन्दाज़ा लगा पाते हे।
लेकिन ज्यादा मूवमेंट होने की वजा से न ही ट्रैंड काम आता हे। और नहीं टेक्निकल एनालिसिस का कोई भी टूल। टेक्निकल एनालिसिस में स्टॉक प्राइज की करंट प्राइज देखके के ट्रेडिंग की जाती हे। और प्रिडिक्ट किया जाता हे की आगे भी शेयर प्राइज उसी तरह रहेगा जैसे कोई भी ट्रेंड में होगा वैसे ही भविष्य में रहेगा।
sideways trend
sideways trend में स्टॉक का प्राइज एक रेंज में रहता एक फिक्स प्राइज के बिच में शेयर का प्राइज अप और डाउन रहता हे।और टेक्निकल एनालिसिस से मार्किट का ट्रेण्ड फॉलो करके स्टॉक की फ्यूचर प्राइज क्या होगी इसका अंदाज़ा लगाया जाता हे। sideways trend में ट्रेडिंग करना बहुत ही मुश्किल होता हे। नाहीं प्राइज ऊपर जाती हे. और नहीं निचे वो एक रेंज में उप डाउन होती रहती हे।
टेक्निकल एनालिसिस से स्टॉक में हम सिर्फ ड्रेडिंग कर सकते हे। ये मतलब हम उससे सिर्फ फ्यूचर मे होने वाले मूवमेंट का अंदाज़ा लगा सकते हे और किसी स्टॉक में हम उसका ट्रेंड को देखकर उसमे ट्रेडिंग कर सकते।
trading क्या होता हे
ट्रेडिंग का मतलब होता हे की सी भी स्टॉक को एक टाइम लिमिट के लिए ख़रीदा और बेचा जा सकता हे. हम दीर्घकाल निवेश (Long Term ) के लिए किसी भी स्टॉक को नहीं रख सकते। उसकी एक टाइम लिमिट होती हे। जिससे किसी स्टॉक में हमें प्रॉफिट या लोस् में हो फिर भी हमें उस हमारी पोजीशन को square off करना पड़ता हे। मतलब हमें उस पोजीशन से एग्जिट होना पड़ता हे नहीं तो ब्रोकर हमें उसकी पेनेल्टी भी लगा देता हे
trading के भी प्रकार होते हे जैसे की day trading , swing trading ,scalping इनका , मतलब हमें कुछ टाइम लिमिट दी जाती हे उसकी मुताबित हम शेयर को खरीद या बीच सकते हे।
Day trading
स्टॉक मार्किट का एक फिक्स टाइमिंग होता हे सुबह ९;१५ को आप ट्रेडिंग कर सकते हे। तो मार्किट के क्लोसिंग (बंद) टाइमिंग ३;२० तक आप ट्रेडिंग कर सकते हे। इसका मतलब आपने ९;१५ को शेयर ख़रीदा तो आपको ३;२०तक उसे बेचना ही होगा। नहीं तो आपका ब्रोकर उसको बेच देता हे आपका फायदा हो या आपका नुकसान ,और आपको उसकी पेनल्टी भी भरनी पड़ती हे।
swing trading
स्विंग ट्रेडिंग का मतलब एक विशेष कालावधि के लिए स्टॉक को हम खरीद कर हमारे अकाउंट में रखते हे और प्रॉफिट होने के बाद उसी स्टॉक को बेच देते इसे ही सिंपल भाषा में स्विंग ट्रेडिंग कहते हे।
scalping
स्कल्पिंग का मतलब होता हे की कुछ लोग सिर्फ कुछ मिनिट के लिए स्टॉक में ट्रेडिंग करते हे। मतलब टेक्निकल एनालिसिस करके स्टॉक को पहले ख़रीदा और प्रॉफिट होने पैर उससे बेच दिया और ये खरीदने और बेचने का टाइम सिर्फ कुछ मिनटों का रहता हे।
और ये सब सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस को समजकर या उसकि समज होने पर ही हम कर सकते हे , बहुत से लोगो ने टेक्निकल एनालिसिस की समज न होने की वजहा से स्टॉक मार्किट में बहुत बड़े नुकसान उठाये हे। और इस नुकसान से बचने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का क्नॉलेज होना बहुत महत्वपूर्ण हे।
टेक्निकल एनालिसिस की मदत से आप शेयर मार्केट के चार्ट को समझ सकते है। टेक्निकल एनालिसिस से आपको मार्केट के चार्ट का ट्रेंड पता चलता है ,की स्टॉक का प्राइज ऊपर जा सकता है या निचे। और इस तरह आप आसानी से टेक्निकल एनालिसिस से चार्ट को समझ सकते है।
technical analysis से हम किसीभी स्टॉक प्राइज की मूवमेंट को देखके उसके फ्यूचर(भविष्य)प्राइज का अंदाज़ा लगा सकते हे मतलब हम प्रिडिक्ट करते हे की फ्यूचर में शेयर की प्राइज अप रहेगी या फिर डाउन रहेगी या फिर एक फिक्स रेंज में रहेगी।
निष्कर्ष
यकीं हे की आपको technical analysis kya hota he(technical analysis in hindi) समज में आ गया होगा अगर आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आये तो शेयर जरूर कीजियेगा और आपको अगर हमारी पोस्ट में कुछ समज नहीं आया होगा तो कमेंट बॉक्स में कमेंट लिखकर हमें भेज सकते हे। धन्यवाद!
what is price action trading in hindi प्राइस एक्शन ट्रेडिंग हिन्दी
what is price action trading in hindi प्राइस एक्शन ट्रेडिंग क्या है. प्राइस एक्शन ट्रेडिंग शेयर के प्राइस पर आधारित एक ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है. भूतकाल में शेयर का प्राइस एक निश्चित लेवल पर पंहुचकर उस में क्या बदलाव आया था और अभी प्राइस में क्या बदलाव आ रहा है उस पर आधारित है. प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में पाइवोट पॉइंट,सपोर्ट,रेसिस्टेंट, कैंडलस्टिक पैटर्न और अन्य टेक्निकल एनालिसिस मेथड का भी उपयोग किया जाता है. price action strategy in hindi आर्टिकल में आप जानेंगे की शेयर के प्राइस में आ रहे बदलाव को हम एक स्ट्रेटेजी की तरह उपयोग कर सकते है.
प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी में प्राइस ही सबसे ज्यादा महत्त्व रखता है. शेयर के प्राइस के साथ दूसरी टेक्निक का भी उपयोग किया जाता है. जैसे की शेयर का पाइवोट पॉइंट, शेयर का सपोर्ट क्या है आदि.
price action strategy प्राइस के ऊपर आधारित होने के कारण ये बहुत आसान स्ट्रेटेजी है. आप मार्किट के ट्रेंड को देखकर ये तय करते है की शेयर का भाव ऊपर जाएगा या निचे इसे ही हम what is price action trading in hindi आर्टिकल में डिटेल में समजने वाले है.
what is price action trading in hindi : प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी क्या है?
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प्राइस एक्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बहुत ही आसान है. जिस शेयर का भाव बढ़ रहा है उसे आपको खरीदना है. जिस शेयर में गिरावट आ रही है उसे आपको सेल करना है. लेकिन सिर्फ शेयर के प्राइस पर ध्यान न रखकर आपको साथ में कुछ और चीजे एक्यूरेसी बढाने के लिए जाननी जरुरी है.
Price action strategy में किसी भी अंडर लेयिंग का प्राइस ही महत्त्व रखता है. अंडर लेयिंग का मतलब आप निफ्टी, बैंक निफ्टी, शेयर ले सकते है. किसी भी अंडर लेयिंग में आ रहे बदलाव को आप प्राइस एक्शन कह सकते है. जैसे की निफ्टी में तेजी आ रही है तो आप कह सकते है की प्राइस ऊपर की तरफ जा रहा है निफ्टी को खरीदना चाहिए ये ही प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी है.
what is price action trading in hindi आर्टिकल में अब हम प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी को कैसे लागु किया जाता है इसके बारे में जानेंगे.
Price action strategy को कैसे लागु करे: what is price action trading in hindi
प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी को लागु करने के लिए सबसे पहले मार्किट का ट्रेंड क्या है ये पता करे. अब जिस भी शेयर का भाव बढ़ रहा है उसमे खरीदी करे. जिस भी शेयर का भाव गिर रहा है उसमे बिकवाली करे. प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी में शेयर का पाइवोट पॉइंट क्या है इसका आप उपयोग कर सकते है. पाइवोट पॉइंट का मतलब होता है अगले दिन का शेयर का हाई, लो, और क्लोज को प्लस कीजिये और उसे ३ से भाग दीजिये जो पॉइंट आपके सामने आएगा वो पाइवोट पॉइंट होगा.
जैसे की कोई शेयर अभी २५० पे आज ट्रेड कर रहा है कल उसका हाई २५५ था लो २४५ था और क्लोज २४७ पे हुआ था तो उसका पाइवोट पॉइंट 250+255+247=752/3=250.66 उसका पाइवोट पॉइंट हो गया अगर इस भाव के ऊपर वो चल रहा है तो आप खरीदी कर सकते है और निचे चल रहा है तो आप बिकवाली कर सकते है. इस प्रकार प्राइस एक्शन में पाइवोट पॉइंट का उपयोग आप कर सकते है.
Price action strategy में सपोर्ट रेसिस्टेंट का उपयोग:
आप प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी में शेयर के सपोर्ट लेवल का उपयोग कर सकते है. सपोर्ट लेवल के आसपास आप शेयर को खरीद सकते है और सपोर्ट लेवल अगर टूटता है तो शेयर में बिकवाली कर सकते है.
शेयर में रेसिस्टेंट लेवल का उपयोग आप प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी में कर सकते है. अगर कोई शेयर का भाव रेसिस्टेंट के आजू बाजु है तो आप रेसिस्टेंट लेवल के पास बेच सकते है. लेकिन अगर शेयर का भाव रेसिस्टेंट लेवल के ऊपर चला जाए तो आप उस शेयर में खरीदी कर सकते है. what is price action trading in hindiआर्टिकल में अब में आपको प्राइस एक्शन में उपयोग में ली लिए जाने वाली दूसरी मेथड के बारे में जानकारी देता हु.
what is price action trading in hindi में कैंडलस्टिक पैटर्न का उपयोग:
प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी में आप कैंडलस्टिक पैटर्न का उपयोग कर सकते है. कैंडलस्टिक पैटर्न्स वो पैटर्न्स होती है जो चार्ट में किसी भी शेयर का हाई, लो , ओपन, क्लोज दर्शाती है और इससे एक पैटर्न बनती है जिसे हम कैंडलस्टिक पैटर्न्स कहते है. इसके बारे में अगर आपको ज्यादा जानना है तो आप मेरा आर्टिकल candlestick patterns pdf in hindi पढ़िए.
कैंडलस्टिक चार्ट पर बेरिश, बुलिश, न्यूट्रल आदि कैंडलस्टिक पैटर्न्स बनती है जिसका उपयोग आप प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी में कर सकते है.
प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में प्राइस का उपयोग:
प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी में सबसे ज्यादा ट्रेडर प्राइस पर ध्यान देते है. शेयर में अगर तेजी आ रही है तो आप खरीदी पर ध्यान देते है. शेयर में अगर गिरावट आ रही है तो आप बिकवाली पर ध्यान देते है. लेकिन आपको अगर ऊपर बताई गयी स्ट्रेटेजी के बारे में जानकारी है तो आप प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में एक्यूरेसी ला सकते है.
आप अपने अनुभव और मार्किट के ट्रेंड को ध्यान में रख कर खरीदी या बिकवाली कर सकते है उसे ही प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी कहा जाता है.
जब कोई शेयर ऊपर की तरफ ब्रेकआउट करे या निचे की तरफ कोई लेवल को ब्रेक करे तो आप प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी के हिसाब से अपना ट्रेड ले सकते है. what is price action trading in hindi आर्टिकल में अब आपको प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी के बारे में जानकारी मिल चुकी होगी.
price action trading in hindi में मूविंग एवरेज का उपयोग
आप प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी में मूविंग एवरेज जैसे की सिंपल मूविंग एवरेज, एक्स्पोनेंसियल मूविंग एवरेज का भी उपयोग कर सकते है. आप अगर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए इसका उपयोग कर रहे है तो बहुत की कम समय अवधि की मूविंग एवरेज का उपयोग करे जैसे की ५ मिनिट के टाइम फ्रेम में १ या २ दिन की मूविंग एवरेज.क्या है ट्रेंड ट्रेडिंग
निष्कर्ष:
what is price action trading in hindi आर्टिकल में आपने जाना की प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी में प्राइस किस दिशा में जा रहा है ये सबसे ज्यादा महत्त्व रखता है. आप किसी भी टेक्निकल एनालिसिस नोलेज के बगेर अपने अनुभव से भी इस स्ट्रेटेजी का उपयोग कर सकते है. मार्किट के ट्रेंड को ध्यान में रखकर ये स्ट्रेटेजी लागु की जाती है और प्राइस उसमे सबसे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट माना जाता है.
अगर आपको पाइवोट पॉइंट, सपोर्ट, रेसिस्टेंट , चार्ट पैटर्न्स के बारे में जानकारी है तो आप इस स्ट्रेटेजी की एक्यूरेसी बढ़ा सकते है. आप मेरे आर्टिकल टेक्निकल एनालिसिस क्या है और पाइवोट पॉइंट, सपोर्ट लेवल रेसिस्टेंट लेवल क्या है इस आर्टिकल में इनके बारे में डिटेल में जानकारी ले सकते है.
ट्रेंड लाइन ट्रेडिंग रणनीति को प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए सरल दृष्टिकोण IQ Option. एक 3-बाउंस प्ले
एक ट्रेंड लाइन ट्रेडिंग रणनीति केवल एक ट्रेडिंग पद्धति है जो ट्रेडिंग सिग्नल उत्पन्न करने के लिए ट्रेंड लाइन का उपयोग करती है। एक प्रवृत्ति रेखा मूल्य चार्ट पर खींची गई एक अतिरिक्त रेखा है जो मोमबत्तियों की चुनिंदा श्रृंखला के झुकाव को दर्शाती है। यह आमतौर पर व्यापारियों द्वारा उपयोग किया जाता है और यह बाजार विश्लेषण करने में मदद करता है। आज, मैं एक ऐसी रणनीति का वर्णन करना चाहूंगा जो सटीक रूप से प्रवृत्ति रेखाओं पर आधारित हो।
ट्रेंड लाइन ट्रेडिंग रणनीति की मूल बातें
एक प्रवृत्ति रेखा खींचने के लिए, आपको नीचे और ऊपर की ओर देखना होगा मूल्य चार्ट. जब आप निम्न, फिर उच्च और फिर उच्च निम्न स्थान पाते हैं, तो आपको a . मिलेगा ट्रेंडलाइन को चढ़ावों को जोड़कर। ऐसी स्थिति अपट्रेंड पर होती है।
आप एक ट्रेंड लाइन में कैसे महारत हासिल करते हैं?
आप डाउनट्रेंड के दौरान एक प्रवृत्ति रेखा खींच सकते हैं जब आप उच्च, फिर निम्न और निम्न उच्च देखते हैं। उच्च से जुड़ें और आपको एक ट्रेंड लाइन मिलेगी।
एक बार जब आप अपने चार्ट पर एक ट्रेंड लाइन तैयार कर लेते हैं, तो आप जिस चीज की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वह एक कैंडलस्टिक द्वारा लाइन का तीसरा स्पर्श है। यह वास्तव में एक ऐसी जगह है जहाँ आप कर सकते हैं एक व्यापारिक स्थिति खोलें.
नीचे स्केच, अपट्रेंड और डाउनट्रेंड दोनों में ट्रेंड लाइन प्रस्तुत करता है।
ट्रेंड लाइन पर खरीदने और बेचने के लिए सबसे अच्छी जगह कहाँ है
पहले और दूसरे अंक आपको एक ट्रेंड लाइन खींचने में मदद करते हैं। अपट्रेंड के दौरान तीसरे स्पर्श पर, आप खरीद सकते हैं, और डाउनट्रेंड के दौरान, आप एक बिक्री लेनदेन खोल सकते हैं। इसके अतिरिक्त a . का उपयोग करना कैंडलस्टिक पैटर्न बुद्धिमान होगा। यह एक दुष्ट मोमबत्ती या एक संलग्न मोमबत्ती हो सकती है।
ट्रेंडलाइन से तीसरे रिबाउंड का सफलतापूर्वक व्यापार कैसे करें
ट्रेंड लाइन ट्रेडिंग क्या है ट्रेंड ट्रेडिंग रणनीति के साथ एक छोटी पोजीशन खोलना
आइए अनुकरणीय को देखें AUDUSD नीचे दिया गया चार्ट यह बताता है कि आप शॉर्ट पोजीशन खोलने के लिए ट्रेंड लाइन ट्रेडिंग रणनीति का उपयोग कैसे कर सकते हैं।
ट्रेंड लाइन पर लंबी बाती के साथ शॉर्ट पोजीशन का उदाहरण
आप उच्च (1), फिर निम्न और निम्न उच्च बाद में (2) देखते हैं। यह आपको एक प्रवृत्ति रेखा खींचने की अनुमति देता है। कीमत में गिरावट जारी है। अब आप प्रतीक्षा करें पुलबैक प्रवृत्ति रेखा तक। दुष्ट मोमबत्ती ट्रेंड लाइन पर दिखाई देती है। यह एक छोटी स्थिति में प्रवेश करने का संकेत है।
इस विक्ड कैंडल ने ट्रेड में प्रवेश का सिग्नल दिया है उसके ठीक ऊपर एक स्टॉप लॉस रखें। टेक प्रॉफ़िट पिछले लो पर सेट होना चाहिए।
आपको अधिक रिवार्ड टू रिस्क रैशियो वाले ट्रेडों का चयन करना चाहिए
इस उदाहरण में, बहुत अधिक है जोखिम अनुपात के लिए इनाम। ऐसा सेटअप सबसे ज्यादा वांछित है।
ट्रेंड लाइन ट्रेडिंग रणनीति के साथ एक लंबी पोजीशन खोलना
आइए एक लंबे व्यापार को खोलने के उदाहरण पर चलते हैं। पहला निम्न (1) और दूसरा उच्च निम्न (2) आपकी प्रवृत्ति रेखा निर्धारित करता है। अब आपको केवल तीसरे बिंदु की प्रतीक्षा करनी है जो कि समर्थन पर विकसित दुष्ट मोमबत्ती के साथ प्रवृत्ति रेखा पर पुलबैक है। आप यहां एक लंबा लेनदेन खोल सकते हैं।
आपका स्टॉप लॉस दुष्ट मोमबत्ती के ठीक नीचे रखा जाना चाहिए और आपको पिछले उच्च को लक्षित करना चाहिए। फिर से, यहां हमारे उदाहरण में हमें आज की ट्रेंड लाइन ट्रेडिंग रणनीति के साथ वास्तव में अनुकूल इनाम-से-जोखिम अनुपात प्राप्त होता है।
ट्रेंड लाइन पर लंबी बाती के साथ लंबी स्थिति का उदाहरण
क्या ट्रेंड लाइन ट्रेडिंग रणनीति लाभदायक है?
RSI ट्रेंड लाइन ट्रेडिंग रणनीति उपयोग में काफी सरल है। सबसे महत्वपूर्ण कदम की पहचान करना है प्रवृत्ति और एक प्रवृत्ति रेखा खींचना अछि तरह से। फिर, आपको बस ट्रेंडलाइन पर पुलबैक और लाइन पर बनने वाली एक दुष्ट या उलझी हुई मोमबत्ती की प्रतीक्षा करनी होगी।
स्टॉप लॉस सेट करें नीचे (या ऊपर, इस पर निर्भर करता है कि यह अपट्रेंड या डाउनट्रेंड है) दुष्ट मोमबत्ती और पिछले उच्च (या निम्न) को लक्षित करें। इससे आपको रिवॉर्ड-टू-रिस्क अनुपात का अनुमान लगाने में मदद मिलेगी। यह जितना ऊंचा होगा, उतना अच्छा होगा।
ट्रेंड लाइनों का उपयोग करने के कई तरीके हैं। आज की ट्रेंड लाइन ट्रेडिंग रणनीति लाइन से तीसरे पुलबैक से खेलने पर केंद्रित है। अतिरिक्त पुष्टि के साथ, यह तकनीक काफी अच्छी तरह से काम करती है। आप बाद के बाउंस के लिए भी इस प्रकार के सिग्नल का उपयोग करने का प्रयास कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि प्रत्येक बाद के उछाल के साथ, एक ट्रेंडलाइन उल्लंघन की संभावना अधिक हो जाती है।
मैं आपको जाने के लिए प्रोत्साहित करता हूं IQ Option डेमो खाते तुरंत और एक प्रवृत्ति रेखा खींचें। लेनदेन को प्रभावी ढंग से खोलने के लिए ट्रेंड लाइन ट्रेडिंग रणनीति का उपयोग करें।
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