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शेयर कैसे ख़रीदे?

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समाप्ति तिमाही 30-09-2022 के लिए, कंपनी द्वारा रिपोर्टेड स्टैंडअलोन बिक्री - Rs .13 करोड़ है, -52.92 % नीचे, अंतिम तिमाही की बिक्री-Rs .28 करोड़ से, और -33.16 % नीचे पिछले साल की इसी तिमाही की बिक्री - Rs .20 करोड़ से| नवीनतम तिमाही में कंपनी का Rs .04 करोड़ का रिपोर्टेड टैक्स पश्चात शुद्ध मुनाफा है|

घर बैठे लगाएं विदेशी बाजारों में पैसा, Apple-Tesla जैसे शेयर में सिर्फ 100-200 रुपए लगाकर करें शुरुआत

US Stocks: यूएस मार्केट में कुछ शेयर ऐसे हैं, जिनकी भारतीय रुपये में कीमत 1.5 से 2.5 लाख या इससे भी ज्यादा है. अगर आप इन शेयरों में हिस्सेदार बनना चाहते हैं तो टेंशन ना लें, फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग शेयर कैसे ख़रीदे? एक है.

US Stocks: यूएस मार्केट में कुछ शेयर ऐसे हैं, जिनकी भारतीय रुपये में कीमत 1.5 से 2.5 लाख या इससे भी ज्यादा है. अगर आप इन शेयरों में हिस्सेदार बनना चाहते हैं तो टेंशन ना लें, फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग एक है.

Invest in Us Stocks: शेयर में पैसे लगाने की बात कहें तो आमतौर पर हम किसी कंपनी के कुछ स्टॉक खरीदते हैं. स्टॉक की संख्या 10, 20 या कुछ भी हो सकती है. बहुत महंगे शेयर हर तरह के निवेशक नहीं खरीदते हैं. घरेलू बाजार की बात करें तो एक तरीका यह हो सकता है कि ​हम सीधे शेयर खरीदने की बजाए ऐसे म्यूचुअल फंड में पैसे लगाएं, जिसने उस स्टॉक में निवेश किया हो. लेकिन अगर हम एप्पल, गूगल, अमेजॉन और टेस्ला जैसे महंगे विदेशी शेयरों की बात करें तो इसका क्या तरीका है. यूएस स्टॉक मार्केट में कुछ शेयर ऐसे हैं, जिनकी भारतीय रुपये में कीमत 1.5 से 2.5 लाख या इससे भी ज्यादा है. अगर आप भी इन शेयरों में हिस्सेदार बनना चाहते हैं तो टेंशन ना लें, फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग एक ऐसा तरीका है, जिससे यह काम आसानी से हो सकता है.

कुछ महंगे विदेशी शेयरों की रुपये में कीमत

गूगल: 1.76 लाख रुपये (2408 डॉलर)

फेसबुक: 24090 रुपये (330 डॉलर)

अमेजॉन: 2.40 लाख रुपये (3281 डॉलर)

टेस्ला: 43750 रुपये (599 डॉलर)

एप्पल: 9271 रुपये (127 डॉलर)

इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म पर सुविधा

मौजूदा समय में कई आनलाइल एडवाइजरी और इन्वेस्टमेंट प्लेटफार्म पर फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग की सुविधा दी जा रही है. इसमें 1 शेयर से कम भी आप खरीद सकते हैं. ये प्लेटफॉर्म निवेशकों को यह सुविधा देते हैं कि वे कम से कम 1 डॉलर से विदेशी शेयरों में निवेश की शुरूआत कर सकते हैं. जितना निवेश होगा, कीमत की रेश्यो में शेयर का उतना हिस्सा निवेशक के पोर्टफोलियो में जुड़ जाएगा.

यहां इसे ऐसे समझ सकते हैं कि मान लीजिए किसी शेयर का भाव 200 डॉलर और आपने उसमें 10 डॉलर निवेश किया है. तो शेयर का 0.05 फीसदी हिस्से के आप मालिक बन जाएंगे. इसी तरह से मान लिया कि आप एप्पल का शेयर में मौजूदा समय में 2 डॉलर निवेश करना चाहते हैं. ऐसे में आपको 0.015 हिस्सा मिल जाएगा. एप्पल का शेयर अभी 127 डॉलर का है.

कितना कर सकते हैं निवेश

आरबीआई की 'लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम' (LRS) की गाइडलाइंस के मुताबिक कोई इंडिया का निवासी विदेशी बाजारों में हर साल 2.50 लाख डॉलर यानी 1.82 करोड़ रुपये तक निवेश कर सकता है. यह आरबीआई से अप्रूवल लिए बिना भी किया जा सकता है. इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी अकाउंट ओपनिंग की फ्री में सुविधा देते हैं. KYC प्रक्रिया पूरी करने के बाद कोई भी शेयर कैसे ख़रीदे? निवेशक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकता है. अमेरिकी नियमों के अनुसार निवेशक को बर्थ सर्टिफिकेट, एड्रे प्रूफ और PAN कार्ड की स्कैन कॉपी लगानी जरूरी होती है.

घर बैठे विदेशी शेयर बाजारों में लगाएं पैसे, महज 1 डॉलर से कर सकते हैं शुरुआत!

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आज की तारीख में निवेशक अपने पोर्टफोलियो में विदेशी कंपनियों के स्टॉक को भी शामिल करते हैं. ग्लोबल मार्केट में निवेश करने से जहां आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं. वहीं डायवर्सिफिकेशन के जरिए रिस्क को कम किया जा सकता है. जानकार मानते हैं कि इससे रिटर्न का संतुलन बना रहता है. (Photo: Getty Images)

जानकारी का अभाव

भारतीयों को विदेशी शेयरों में सीधे निवेश करने की अनुमति मिले अब करीब 17 साल हो चुके हैं. लेकिन अभी जानकारी के अभाव में लोग विदेशी शेयर बाजारों में पैसे लगा नहीं पाते हैं. हमारे देश में अधिकतर लोगों का ये सवाल होता है कि विदेशी शेयर बाजारों में कैसे पैसे लगा सकते हैं? (Photo: Getty Images)

बड़ी कंपनियों में निवेश

दरअसल आप घर बैठे गूगल, अमेजन, फेसबुक, टेस्ला और डॉमिनोज जैसे कई ब्लॉकबस्टर शेयरों में निवेश कर सकते हैं. इन कंपनियों का कारोबार दुनियाभर में है, और पिछले कुछ दशकों में इन कंपनियों ने निवेशकों को मालामाम कर दिया है. निवेश कई गुना बढ़ गया है. (Photo: Getty Images)

विदेशी मार्केट में पैसे लगाने के दो फायदे

अमेरिकी समेत कई विदेशी मार्केट में पैसे लगाने से मुख्यतौर पर दो फायदे हैं. एक तो जैसे-जैसे कंपनियों का कारोबार बढ़ेगा, निवेशकों का उसी हिसाब से रिटर्न बढ़ता जाएगा. उदाहरण के तौर पर साल 2004 में गूगल का आईपीओ आया था, उस समय आईपीओ की कीमत 85 डॉलर थी. आज गूगल का एक शेयर 2,450 डॉलर का शेयर कैसे ख़रीदे? है. यानी करीब 28 गुना इजाफा हुआ है. (Photo: Getty Images)

डॉलर मजबूत होने से फायदा

इसके अलावा दूसरा बड़ा फायदा यह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के कारण तो रिटर्न और भी ज्यादा शानदार हो जाता है. पिछले कुछ वर्षों में डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हुआ है. फिलहाल एक डॉलर 74 रुपये के बराबर है. जबकि 2004 में एक डॉलर का भाव 46 रुपये था. यानी डॉलर मजबूत होने से रिटर्न और बढ़ जाता है.

शेयरों के भाव

लोगों के मन में एक बड़ा सवाल यह होता है कि विदेशी बड़ी कंपनियों के शेयर महंगे होते हैं. यह सच भी है. यूएस स्टॉक मार्केट में कुछ शेयर ऐसे हैं, जिनकी भारतीय रुपये में कीमत 1.5 से 2.5 शेयर कैसे ख़रीदे? लाख या इससे भी ज्यादा है. गूगल के एक शेयर की कीमत 181,000 रुपये है, जबकि अमेजन का एक शेयर 254,782 रुपये का है, वहीं फेसबुक का एक शेयर 26 हजार रुपये का है. (Photo: Getty Images)

हज 1 डॉलर से निवेश की शुरुआत

लेकिन अब आप विदेशी बाजारों महज 1 डॉलर से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. इसके लिए बहुत ज्यादा कैश की जरूरत नहीं है. ऐसे कुछ प्लेटफॉर्म हैं, जहां से आप फ्रैक्शनल इंवेस्टिंग की सुविधा का लाभ उठा सकते हें. फ्रैक्शनल इंवेस्टिंग एक ऐसा तरीका है, जिससे यह काम आसानी से हो सकता है. इसके अलावा कई म्यूचुअल फंड्स हैं, जो विदेशी बाजारों में निवेश करते हैं. जहां आप घर बैठे निवेश कर सकते हैं.

भारतीय बाजार में दम


हालांकि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय शेयर बाजारों ने दूसरे विदेशी बाजारों की तुलना में अच्छा किया है. जिससे विदेशी निवेशकों से तेजी से भारत का रुख किया है. हालांकि कहीं भी पैसे लगाने से पहले अपने वित्तीय सलाह की मदद जरूर लें.

कितना कर सकते हैं निवेश

कितना कर सकते हैं निवेश
आरबीआई की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) की गाइडलाइंस के मुताबिक कोई भारतीय विदेशी बाजारों में हर साल 2.50 लाख डॉलर तक निवेश कर सकता है. यह आरबीआई से अप्रूवल लिए बिना भी किया जा सकता है.

कैसे खुलेगा अकाउंट

कैसे खुलेगा अकाउंट
इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी अकाउंट ओपनिंग की फ्री में सुविधा देते हैं. KYC प्रक्रिया पूरी करने के बाद कोई भी निवेशक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकता है. यह डीमैड अकाउंट की तरह होता है. अमेरिकी नियमों के अनुसार निवेशक को बर्थ सर्टिफिकेट, एड्रे प्रूफ और PAN कार्ड की स्कैन कॉपी लगानी जरूरी होती है.

Share Market: क्या शेयर मार्केट में शेयर खरीदने शेयर कैसे ख़रीदे? की कोई लिमिट है?

किसी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए दो तरह की मार्केट होती हैं। पहली प्राइमरी मार्केट और दूसरी सेकंडरी मार्केट। दोनों ही मार्केट में कोई निवेशक किसी कंपनी के कितने शेयर खरीद सकता है या कुल कितने शेयर खरीद सकता है, इसके अलग-अलग नियम हैं। ऐसे में निवेशकों के लिए share Market investment के क्षेत्र से जुड़ी कुछ अहम बातें जानना बेहद जरूरी है।

Share-Market

#2. शेयर खरीदने की दो मार्केट हैं और दोनों में अलग-अलग लिमिट है
सामान्य भाषा में कहें, तो किसी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए दो तरह की मार्केट होती हैं। पहली प्राइमरी मार्केट और दूसरी सेकंडरी मार्केट। दोनों ही मार्केट में कोई निवेशक किसी कंपनी के कितने शेयर खरीद सकता है या कुल कितने शेयर खरीद सकता है, इसके अलग-अलग नियम हैं, जो हम आपको बताएंगे।

#A. प्राइमरी मार्केट
प्राइमरी मार्केट में शेयर खरीदने वालों को तीन अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाता है, जिनके लिए शेयर खरीदने की लिमिट अलग-अलग होती है।
1. खुदरा निवेशक: इस कैटेगरी में आने वाले लोग अधिकतम दो लाख रुपए तक के शेयर खरीद सकते हैं। फिर वो चाहे एक ही कंपनी के दो लाख रुपए के शेयर खरीद लें या अलग-अलग कंपनियों के कुल-मिलाकर दो लाख रुपए के शेयर खरीद लें।
2. हाई नेटवर्क इंडिविजुअल:शेयर कैसे ख़रीदे? इनके लिए कोई सीमा नहीं होती है। ये जितनी चाहें, उतनी कीमत के शेयर खरीद सकते हैं।
3. संस्थागत निवेशक: इनके लिए भी कोई सीमा नहीं होती है। ये जिस कंपनी के जितने चाहें, उतनी कीमत के शेयर खरीद सकते हैं।

#B. सेकंडरी मार्केट
सेकंडरी मार्केट से आशय उस बाजार से है, जिसमें निवेशक शेयर मार्केट में जाकर किसी भी स्टॉक एक्सचेंज से शेयर खरीदते और बेचते हैं। इसमें भी किसी निवेशक के लिए कोई लिमिट नहीं है। वह किसी भी कंपनी के कितनी भी कीमत के शेयर खरीद सकता है। हां, 50% शेयर वाला नियम यहां भी लागू होगा। इसके अलावा जब कोई निवेशक किसी कंपनी के 5% से ज़्यादा शेयर खरीदता है, तो उस पर SEBI के कुछ और नियम लागू होते हैं। SEBI वह संस्था है, जो भारत के निवेश बाज़ार में नियंत्रक का काम करती है।

तो आखिर में आपके सवाल का जवाब यही है कि आपके शेयर खरीदने पर कोई लिमिट नहीं है। बस आप जितनी ज़्यादा कीमत के शेयर खरीदते जाते हैं, तो आप पर उतने ही नए नियम लगते जाते हैं, जिन्हें पूरा करने के बाद ही आप और शेयर खरीद सकते हैं। बाकी आप लाखों-करोड़ों कितने के भी शेयर खरीदें, कोई फर्क नहीं पड़ता।

#3. शेयर खरीदने के लिए क्या करना होता है?
किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना ज़रूरी है। यह आप किसी भी बैंक में खुलवा सकते हैं। आमतौर पर आप जिस बैंक में बचत खाता खुलवाते हैं, उसी खाते के साथ आपका डीमैट अकाउंट भी खोल दिया जाता है। हालांकि, यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता शेयर कैसे ख़रीदे? है कि आप बचत खाते के साथ डीमैट अकाउंट खुलवाना चाहते हैं या नहीं। लेकिन, अगर आप शेयर खरीदना चाहते हैं, तो डीमैट अकाउंट अनिवार्य है। डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए पैन कार्ड देना होता है, क्योंकि पैन कार्ड के जरिए ही सरकार आपके सारे ट्रांजैक्शंस पर निगाह रखती है।

शेयर कैसे ख़रीदे?

Sarkari Fayde

Share Market Kya Hai in Hindi

क्या आप जानते है की शेयर शेयर कैसे ख़रीदे? क्या होता है, Share Market Kya Hai in Hindi अगर नहीं तो कोई बात नहीं आज की इस लेख में हम यही जानेंगे की शेयर क्या होता है इससे पहले हाय हेल्लो नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है हमारे वेबसाइट bebicrypto पर अगर आप क्रिप्टो करेंसी और शेयर मार्केट से जुडी जानकारी पढने में रूचि रखते है तो आप हमारे वेबसाइट पर visit कर सकते है.

Table of Contents

शेयर क्या है? (Share Kya Hai)

व्यवसाय और निवेश में शेयर का बड़ा चर्चा किया जाता है की शेयर क्या होता है शेयर को हिंदी में अंश कहते है अर्थात टुकरा स्टॉक मार्केट में शेयर का अर्थ किसी भी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को खरीदना शेयर कहलाता है.

स्टॉक मार्केट क्या है? (Share Market Kya Hai in Hindi)

शेयर मार्केट दो शब्दों से मिलकर बना है पहला शेयर जिसमें शेयर का मतलब एक दूसरे के साथ किसी प्रोडक्ट को इधर से उधर करना तथा मार्केट का मतलब जहां पर खरीदने के लिए तथा बेचने के लिए वह प्रोडक्ट AVILABLE हो उसे हम शेयर मार्केट कहते हैं अगर सामान्य शब्दों में कहूं तो जहां हम किसी किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदते है और उसी शेयर को सही समय आने पर भी उसे शेयर मार्केट कहते हैं.

शेयर क्या होता है? (Share Kya Hota Hai)

किसी कंपनी के कुल स्वामित्व लाखो-करोडों टुकरे में बंटे होते है स्वामित्व का हर एक टुकरा या अंश शेयर कहलाता है. जिसके पास जितना ज्यादा टुकरा उतनी ही ज्यादा उसकी उस कंपनी में हिस्सेदारी इस हिस्सेदारी को लोग खरीद और बेच भी सकते है भारत में दो सबसे बड़ी स्टॉक एक्सचेंज है पहला बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दूसरा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

शेयर होल्डर किसे कहते है? (Share holder kise khate hai)

किसी भी कंपनी के हिस्सेदारी को एक शेयर होल्डर ही खरीदता है और बड़े उम्मीद के साथ लंबे समय तक होल्ड करके रखते है शेयर होल्डर कहलाता है. एक शेयर होल्डर ही होता है जो शेयर को खरीदता है और मुनाफा कमाता है अगर आसान शब्दों में कहू तो जो व्यक्ति किसी कंपनी या संस्थान के हिस्सेदारी को खरीदता है वह कंपनी या संस्थान के हिस्सेदार बन जाते है अर्थात शेयर का मालिक बन जाते है जो व्यक्ति उस शेयर को खरीदता है वो शेयर होल्डर कहलाता है

शेयर होल्डर किसी कंपनी या संस्थान के शेयर को खरीद कर बड़ी उम्मीद के साथ उस शेयर को होल्ड करके रखता है और जब शेयर का मूल्य शेयर होल्डर के उम्मीद के अनुसार हो जाता है तो शेयर होल्डर मुनाफा में बेच देता है.

कंपनी क्यों करती है अपनी शेयर जारी

आपको में एक उदाहरण के द्वारा समझाता हु माना की आपकी कंपनी xyz है जो T-Shirt बनाती है जिसको शुरु करने में 1Cr रुपया लगा और वह xyz कंपनी एक महीने में 10000 टी-शर्ट बनाती है जो लोगो के द्वारा काफी पसंद किए जाते है उन टी-शर्ट का डिमांड मार्केट में काफी ज्यादा है तो कम्पनी के एक प्लांट से उतना टी-शर्ट नहीं बन पाता है तो कंपनी एक और प्लांट खोलना चाहती है जिसके लिए उन्हें फिर से एक करोड़ चाहिए तो वह कंपनी दो काम कर सकती है पहला अपने फ्रेंड, फेमिली या बैंक से कर्ज ले सकती है और दूसरा पब्लिक से पैसा शेयर कैसे ख़रीदे? ले सकती है, जब कंपनी पब्लिक से पैसा लेती है तो पब्लिक को कंपनी का शेयर दिया जाता है यही कारण है की कंपनी अपनी शेयर को मार्केट में इशू करती है

शेयर के प्रकार (Types of Share)

वैसे तो शेयर के बहूत से प्रकार है परन्तु मुख्यतः शेयर के तीन प्रकार होते है

इक्विटी शेयर Equity Share : इक्विटी शेयर शेयर कैसे ख़रीदे? को सामन्य शेयर के रूप में जाना जाता है ये शेयर केआप प्रकार में से एक है स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी जब अपना शेयर मार्केट में इशू करती है तो उन शेयर को इक्विटी शेयर कहा जाता है

अन्य और शेयर की तुलना में इक्विटी शेयर पर सबसे ज्यादा इन्वेस्ट और ट्रेडिंग किए जाते है क्योकि शेयर लगभग सभी कंपनी के द्वारा इशू किए जाते है

वरीयता शेयर : शेयर बाजार में इक्विटी शेयर के बाद परेफरेंस शेयर का नाम आता है वैसे इक्विटी शेयर और परेफरेंस शेयर में ज्यादा अंतर नहीं है क्योकि ये दोनों शेयर ही है परन्तु कुछ बाते है जो इक्विटी शेयर को परेफरेंस शेयर से अलग करती है जैसे शेयर होल्डर कभी भी कम्पनी के मीटिंग में वोटिंग नहीं कर सकता है

DVR (Differential Voting Rights) : इस शेयर की मात्रा बाजार में कम होती है वोट राईट कम होती है इसी वजह से DVR शेयर में मूल्य कम होते है

शेयर कैसे ख़रीदे (Share Kaise Kharide)

किसी भी स्टॉक में निवेश करने के लिए आपके पास Demate Account होना आवश्यक है demate अकाउंट आप किसी भी ब्रोकर की सहायता से खुलवा सकते है तभी आप किसी भी कंपनी में निवेश कर पाएंगे

Demat Account क्या है? (What is Demat Account in Hindi)

जब हमें किसी भी कंपनी का स्टॉक खरीदना होता है तो हम सीधे कंपनी पर इन्वेस्ट नहीं कर सकते है किसी ब्रोकर की सहायता से इन्वेस्ट करना होता है आप से कुछ वर्ष पहले जब इन्टरनेट उतना पोपुलर नहीं था तब किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने के लिए चार से पांच माह लग जाता था परन्तु आज जब हमारा पूरा प्लानेट डिजिटल हो रहा है गया है जहाँ एक शेयर को खरीदने के लिए 4 से 5 माह लगते थे वही आज कुछ मिनटों में किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते है

आज बहूत सारे मार्केट में ब्रोकर है जो demat account खोल देते है जिसमे कुछ फ्री होते है तो कुछ चार्ज करते है जिनका लिंक नीचे दिया गया है जहाँ से आप demat account खोल सकते है

शेयर को हिंदी में अंश कहते है ये किसी भी कंपनी के कुल पुंगी का एक छोटा सा भाग होता है

शेयर का अर्थ यहं ये नहीं है की की किसी भी सोशल मिडिया में किसी विडियो को शेयर करना स्टॉक मार्केट में शेयर का अर्थ हिस्सेदारी होता है जब भी कंपनी के कुल भागीदारी में कुछ टुकरा खरीदते है तो हमें उस कंपनी का हिस्सेदार बनाया जाता है जितनी ज्यादा शेयर उतने ज्यादा शेयर कैसे ख़रीदे? हिस्सेदारी

बहूत सारे लोग यह करते है की जैसे ही मार्केट खुला वैसे ही शेयर खरीद लेते है और जैसे ही मार्केट बंद होने वाला होता है शेयर बेच देते है वैसे इस प्रोसेस को intraday कहा जाता है ऐसे में आप छोटे प्रॉफिट तो कमा लेंगे परन्तु बड़े प्रॉफिट नहीं कमा पाएंगे एक सभी इन्वेस्टर का काम होता है की शेयर कम मूल्य पर खरीद कर उसे लंबे समय तक होल्ड करके रखना और जब उस शेयर का मूल्य ज्यादा हो जाए तो उसे सेल कर देना

एक सही शेयर को चुनना अति आवश्यक है क्योकि एक शेयर ही आपको प्रॉफिट दिला सकता है एक सही शेयर को चुनने के लिए आप नीचे लिए गए बातों को ध्यान में रखे

अंतिम विचार : (Share Market Kya Hai in Hindi?)

आसा करता हु की इस लेख में बताया गया बात आपको समझ आया होगा मेरा यही कोशिस कर रहता है की एक ही लेख में किसी भी टॉपिक्स के उपर सारी जानकारी दे दु वैसे इस पोस्ट में हमने बताया है की शेयर क्या होता है (What is Share Market in Hindi?), शेयर मार्केट को हिंदी में क्या कहते है और बहूत कुछ आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया ग्रुप में जरुर शेयर करे

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