विदेशी मुद्रा रोष

गवर्नर ने कहा कि 10,000 डॉलर की सीमा के साथ संबंधित व्यक्ति को यह भी बताना होगा कि उसे यह राशि कहां से मिली है. उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा रखने वालों को दो सप्ताह की छूट दी जाएगी. इससे अधिक विदेशी मुद्रा को उन्हें बैंकिंग प्रणाली में अपने विदेशी मुद्रा खाते में जमा करना होगा या इसे ‘सरेंडर’ करना होगा.
देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर हुआ 584.554 अरब डॉलर
नई दिल्ली। देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) 26 फरवरी को समाप्त सप्ताह में 68.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 584.554 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
इससे पहले के सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 16.9 करोड़ डॉलर घटकर 583.865 अरब डॉलर रह गया था। इससे पहले इस मुद्राभंडार में पिछले कुछ सप्ताहों से निरंतर तेजी बनी हुई थी। विदेशी मुद्रा भंडार 29 जनवरी 2021 को समाप्त सप्ताह में 590.185 अरब डॉलर के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था।
50.9 करोड़ डॉलर बढ़ा एफसीए रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 26 फरवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों यानी एफसीए (Foreign Currency Assets) के बढ़ने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हुई। विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी विदेशी मुद्रा रोष मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती है। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में विदेशी मुद्रा रोष एफसीए 50.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 542.615 अरब डॉलर हो गयीं। एफसीए को दर्शाया डॉलर में जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार से कई गुना ज्यादा हैं देनदारियां, RBI उठाएगा यह कदम
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक देश के विदेशी मुद्रा भंडार को जरुरी स्तर तक ले जाने की कोशिशों पर विचार कर रहा है। इस समय देश की देनदारियां हमारे विदेशी मुद्रा भंडार से काफी ज्यादा हैं, ऐसे में पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार होना देश की मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरुरी है।
आरबीआई की एक अंतरिम कमेटी फिलहाल एक ऐसी प्रक्रिया बनाने पर विचार कर रही है, जिसकी मदद से आकलन किया जा सकेगा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त है या नहीं। इसके लिए आरबीआई का पैनल अर्थव्यवस्था के विभिन्न खतरों का अध्ययन करेगा। इकनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क पर पूर्व आरबीआई गवर्नर बिमल जालान द्वारा बीते माह एक रिपोर्ट पेश की गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2008 में विदेशी मुद्रा भंडार हमारे बाहरी कर्जों के मुकाबले ज्यादा था, लेकिन अब साल 2019 में स्थिति पूरी तरह से बदल गई है।
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आर्थिक संकट को लेकर श्रीलंका के लोगों में रोष है और सरकार विरोधी प्रदर्शन लगातार जारी है. (फाइल फोटो)
कोलंबो: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा रखने की सीमा को 15,000 डॉलर से घटाकर 10,000 अमेरिकी डॉलर करने का फैसला किया है. देश में विदेशी मुद्रा संकट की वजह से आज श्रीलंका के पास ईंधन भुगतान के लिए पैसा नहीं है. इसी के मद्देनजर केंद्रीय बैंक ने यह फैसला लिया है.
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- नई दिल्ली,
- 13 सितंबर 2020,
- अपडेटेड 3:50 PM IST
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