क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई

Cryptocurrency prices: जानें क्रिप्टोकरेंसी बाजार में क्या रहीं Bitcoin, dogecoin, Shiba Inu का रेट
क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में आज बिटकॉइन की कीमत 57,000 डॉलर के पार चली गई
Cryptocurrency prices: क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में आज बिटकॉइन की कीमत 57,000 डॉलर के पार चली गई। दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी में 6 फीसदी की तेजी आई और वह 57,699 डॉलर के पार चली गई। बिटकॉइन की कीमत हाल ही में लगभग 69,000 डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। साल दर साल के हिसाब से भी कीमतें बीते साल से 99 फीसदी अधिक है। CoinGecko के अनुसार वैश्विक क्रिप्टो मार्केट कैपिटल बढ़कर 2.72 ट्रिलियन डॉलर हो गया।
WazirX के सीओओ सिद्धार्थ मेनन ने कहा कि बिटकॉइन ने एक बड़ा सुधार देखा और इसकी कीमतों में 2 महीने के निचले स्तर के पास नए कोरोनो वायरस संस्करण के बारे में अटकलों से शेयर मार्केट ने गिरावट का गोता लगा दिया। हालांकि, BTC मजबूत दिखाई है। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि बिटक्वइन 68,000 से लेकर 53000 डॉलर की रेन्ज में रह सकता है।
डेली अपडेट्स
यह एडिटोरियल दिनांक 31/05/2021 को द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित लेख “Catching the New Tech Wave” पर आधारित है। इस एडिटोरियल में दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते महत्व के बारे में चर्चा की गई है। साथ ही इस बात पर भी चर्चा की गई है कि डिजिटल क्रांति के आगामी चरण में दुनिया के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलने के लिये भारत को क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई इसे स्वीकार करने की आवश्यकता क्यों है?
संदर्भ
वर्ष 2008 में बिटकॉइन के निर्माण के साथ आज की तारीख तक क्रिप्टोकरेंसी ने दुनिया भर में अपनी जगह बनाई है। जनवरी 2020 में कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से इस क्षेत्र में लाभ आश्चर्यजनक हैं। ज्ञातव्य क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई है कि "क्रिप्टोमार्केट" में 500% से अधिक की वृद्धि हुई।
- हालाॅंकि 2018-19 के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है।
- इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि भारत डिजिटल क्रांति के अब तक सभी चरणों को देर से अपनाने वाला रहा है चाहे वो अर्द्धचालक या इंटरनेट या फिर स्मार्टफोन।
- अतः अब इन आभासी मुद्राओं पर विचारों को बदलने एवं उन्हें स्वीकृति देने की आवश्यकता है क्योंकि ये भारत की डिजिटल क्रांति के नए चरण में प्रवेश करने की दिशा में भारत का पहला कदम होगा।
क्रिप्टोकरेंसी का उदय: पहली क्रिप्टोक्यूरेंसी, बिटकॉइन, का वर्ष 2010 में केवल $ 0.0008 का कारोबार किया था और अप्रैल 2021 में इसका बाज़ार मूल्य लगभग $ 65,000 था।
- बिटकॉइन के लॉन्च के बाद से कई नए क्रिप्टोकरेंसी भी बाज़ार में आए एवं मई 2021 तक उनका कुल बाज़ार मूल्य 2.5 ट्रिलियन डॉलर हो गया है।
क्रिप्टोकरेंसी का महत्त्व:
- भ्रष्टाचार की रोकथाम: चूंकि क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन प्रणाली अर्थात् पीयर-टू-पीयर नेटवर्क पर कार्य करती हैं, यह धन के प्रवाह और लेनदेन को ट्रैक करके भ्रष्टाचार को रोकने में मदद करता है।
- समय प्रभावी : क्रिप्टोकरेंसी धन के प्रेषक और रिसीवर के लिये पर्याप्त समय बचाने में मदद कर सकती है क्योंकि यह पूरी तरह से इंटरनेट पर संचालित होता है। यह एक ऐसे तंत्र पर चलता है जिसमें बहुत कम लेनदेन शुल्क शामिल होता है और यह लगभग तात्कालिक होता है।
- लागत प्रभावी: बैंक, क्रेडिट कार्ड और पेमेंट गेटवे जैसे बिचौलिये अपनी सेवाओं के लिये $ 100 ट्रिलियन की पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था से लगभग 3% शुल्क के रूप में लेते हैं।
- इन क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई क्षेत्रों में ब्लॉकचेन को एकीकृत करने से सैकड़ों अरबों डॉलर की बचत हो सकती है।
- हाल ही में सरकार ने एक संप्रभु डिजिटल मुद्रा बनाने और साथ ही, सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिये "क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021" पेश करने की घोषणा की है।
- भारत में भारतीय ब्लॉकचेन स्टार्ट-अप्स में जाने वाली धनराशि वैश्विक स्तर पर इस क्षेत्र द्वारा जुटाई गई राशि का 0.2% से भी कम है।
- क्रिप्टोकरेंसी के प्रति वर्तमान दृष्टिकोण के कारण ब्लॉकचेन उद्यमियों और निवेशकों के लिये बहुत अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त करना लगभग असंभव है।
विकेंद्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने से जुड़े मुद्दे
- पूर्ण प्रतिबंध: "क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021" भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का प्रयास करता है।
- हालाँकि क्रिप्टोकरेंसी को सार्वजनिक (सरकार समर्थित) या निजी (एक व्यक्ति के स्वामित्व वाली) के रूप में वर्गीकृत करना गलत है क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी विकेंद्रीकृत हैं लेकिन निजी नहीं हैं।
- बिटकॉइन जैसी विकेंद्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी को निजी या सार्वजनिक किसी भी संस्था द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
- उस समय ब्लॉकचेन विशेषज्ञ स्विट्जरलैंड, सिंगापुर, एस्टोनिया और यू.एस. जैसे देशों में चले गए जहाॅं क्रिप्टो को विनियमित किया गया था।
- पूर्ण प्रतिबंध के कारण नवाचार, शासन, डेटा अर्थव्यवस्था और ऊर्जा के क्षेत्रों में ब्लॉकचेन के उपयोग में अवरोध उत्पन्न होगा।
- निजी क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से केवल समानांतर अर्थव्यवस्था का निर्माण होगा, अवैध उपयोग को बढ़ावा मिलेगा जो प्रतिबंध के मूल उद्देश्य को विफल कर देगा। प्रतिबंध संभव नहीं है क्योंकि कोई भी व्यक्ति इंटरनेट पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकता है।
विरोधाभासी नीतियाॅं: क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) के ब्लॉकचैन, 2021 पर राष्ट्रीय रणनीति के मसौदे के साथ असंगत है, जिसने ब्लॉकचेन तकनीक को पारदर्शी, सुरक्षित और कुशल तकनीक के रूप में स्वीकार किया।
आगे की राह
- विनियमन ही समाधान: गंभीर समस्याओं को रोकने के लिये एवं यह सुनिश्चित करने के लिये कि क्रिप्टोकरेंसी का दुरुपयोग न हो तथा निवेशकों को अत्यधिक बाजार अस्थिरता और संभावित घोटालों से बचाने के लिये विनियमन की आवश्यकता है।
- विनियमन को स्पष्ट, पारदर्शी, सुसंगत और इस दृष्टि से अनुप्राणित होने की आवश्यकता है कि उसका उद्देश्य क्या है।
- मजबूत केवाईसी मानदंड: क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध के बजाय सरकार कड़े केवाईसी (Know Your Customer) मानदंडों, रिपोर्टिंग और कर योग्यता को शामिल करके क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार को विनियमित करेगी।
निष्कर्ष
भारत वर्तमान में डिजिटल क्रांति के अगले चरण के शिखर पर है और अपनी मानव पूंजी, विशेषज्ञता और संसाधनों को इस क्रांति में शामिल कर इसके नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर सकता है। इसके लिये केवल नीति निर्धारण को ठीक करने की आवश्यकता है।
ब्लॉकचैन और क्रिप्टो संपत्ति चौथी औद्योगिक क्रांति का एक अभिन्न अंग होगी भारतीयों को इसे बायपास नहीं करना चाहिये।
अभ्यास प्रश्न: “भारत के लिये अपने प्रमुख भुगतान प्रणालियों से आगामी डिजिटल क्रांति के सबसे सक्रिय भुगतान प्रणाली की तरफ बढ़ने का समय है।क्रिप्टोकरेंसी इस धारणा को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।" इससे जुड़े सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलुओं पर चर्चा करें।
तो क्या भारत में वैध हो जाएगी क्रिप्टोकरेंसी? जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा सरकार को नहीं रोक सकते इस काम के लिए
नयी दिल्ली: cryptocurrencies will Valid in india उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह सरकार को क्रिप्टोकरेंसी के बारे में संसद में कोई कानून लाने से नहीं रोक सकता है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एक निजी कंपनी की तरफ से दायर याचिका को ‘गलत सोच वाला’ बताते हुए खारिज कर दिया। इस याचिका में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुझाव देने के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति बनाने के फैसले को चुनौती दी गई थी।
cryptocurrencies will Valid in india इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, ‘संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका के लिए कोई कारण नहीं है। न्यायालय सरकार को संसद के सामने एक विधायी क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई प्रस्ताव लाने से नहीं रोक सकता है।’ पीठ ने कहा, ‘यह किस तरह की अर्जी है। सरकार ने एक अंतर-मंत्रालयी समिति बनाई है तो आपने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत एक याचिका दायर कर दी। आप प्रस्तावित कानून को चुनौती देना चाहते हैं।’
याचिकाकर्ता कंपनी की तरफ से पेश हुए वकील प्रभात कुमार ने कहा कि वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में क्रिप्टोकरेंसी को वैध मुद्रा नहीं माना था लेकिन अब सरकार इसके लिए एक कानून लाने की बात कह रही है। क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्रा होती है जिसमें एन्क्रिप्शन क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई तकनीक का इस्तेमाल इसकी इकाइयों के सृजन के लिए किया जाता है। यह केंद्रीय बैंक की निगरानी से परे फंड का अंतरण करता है। न्यायालय ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सरकार की कानून लाने की तैयारी एक संवैधानिक मामला है और इस संबंध क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई में भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी परिपत्र बाध्यकारी नहीं है।
Cryptocurrency पर पाबंदी लगाने की खबरों के बीच Bitcoin में आई बड़ी गिरावट, जानें पूरा मामला
Crypto Price Crash: क्रिप्टोकरेंसी के लिए सरकार 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने वाला विधेयक (New Cryptocurrency bill) संसद में पेश करेगी. बिल में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है. इस खबर के बाद क्रिप्टो बाजार धड़ाम हो गया. शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 समेत कुल 26 विधेयक पेश किए जाएंगे. लिस्ट में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा बिल 10वें नंबर पर है.
- News18Hindi
- Last Updated : November 24, 2021, 13:07 IST
नई दिल्ली . Cryptocurrency में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. बिटकॉइन (Bitcoin) सहित दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में 20 फीसदी से ज्यादा गिरावट देखने को मिल रही है. केंद्र सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम लगाने के लिए नए कानून (New Cryptocurrency bill) बनाने की खबरों के बीच ये उठापटक देखने को मिल रही है.
आज सुबह 10 बजे तक बिटकॉइन में 17% से ज्यादा गिरावट देखी जा रही है. क्रिप्टोकरेंसी के लिए सरकार 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने वाला विधेयक संसद में पेश करेगी. बिल में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (Ban Private Cryptocurrencies) पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है. इस खबर के बाद क्रिप्टो बाजार धड़ाम हो गया.
सरकार कुछ राहत भी दे सकती है
हालांकि क्रिप्टो करेंसी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ ढील भी दे सकती है. ढील वाली कौन सी क्रिप्टोकरेंसी होंगी ये अभी साफ नहीं है. वहीं बिल की मदद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए सुविधाजनक फ्रेमवर्क मिलेगा.क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा बिल 10वें नंबर पर
शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 समेत कुल 26 विधेयक पेश किए जाएंगे. लिस्ट में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा बिल 10वें नंबर पर है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी के 1.5 से 2 करोड़ यूजर हैं. इस बिल के कानून बनने से ये सभी यूजर प्रभावित हो सकते हैं.क्रिप्टो मार्केट पर गौर करें तो बुधवार (24 नवंबर) दोपहर तक तक बिटकॉइन (Bitcoin) में करीब 25 फीसदी, Ethereum में 23 फीसदी, Tether में करीब 23 फीसदी और यूएसडी कॉइन में करीब 23 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. भारत में बिटकॉइन की कीमत 25 फीसदी से ज्यादा गिरकर 34,99,468 रुपये, इथेरियम की कीमत 2,64,140 रुपये, टीथर की कीमत करीब 63 रुपये, कारडानो की कीमत करीब 107 रुपये तक पहुंच गई.
शिकंजा कसने की तैयारी
जानकारी के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को देखते हुए केंद्र सरकार देश की अपनी क्रिप्टोकरेंसी लाने की तैयारी में जुटी हुई है, लेकिन भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन और कारोबार पर प्रतिबंध लगाने की योजना भी बनाई जा रही है. सभी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 लाएगी. सरकार इस बिल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से सरकारी डिजिटल करेंसी चलाने के लिए फ्रेमवर्क का प्रावधान भी रखेगी. गौरतलब है कि वित्त मामलों की संसदीय समिति में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हो चुकी है, जिसमें इस पर पाबंदी क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई लगाने की जगह नियमन का सुझाव दिया गया था.क्यों आ रहा कानून
बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में जोखिम काफी ज्यादा है. इसके बावजूद लोग बड़े पैमाने पर इसमें निवेश कर रहे हैं. दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी के बारे में पता नहीं होता है कि इन्हें कहां से शुरू किया गया और इनका संचालन कहां से हो रहा है. ऐसे में सरकार ने इन पर पाबंदी लगाने का फैसला किया, जो अच्छा कदम माना जा रहा है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
तो क्या भारत में वैध हो जाएगी क्रिप्टोकरेंसी? जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा सरकार को नहीं रोक सकते इस काम के लिए
नयी दिल्ली: cryptocurrencies will Valid in india उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह सरकार को क्रिप्टोकरेंसी के बारे में संसद में कोई कानून लाने से नहीं रोक सकता है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एक निजी कंपनी की तरफ से दायर याचिका को ‘गलत सोच वाला’ बताते हुए खारिज कर दिया। इस याचिका में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुझाव देने के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति बनाने के फैसले को चुनौती दी गई थी।
cryptocurrencies will Valid in india इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, ‘संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका के लिए कोई कारण नहीं है। न्यायालय सरकार को संसद के सामने एक विधायी प्रस्ताव लाने से नहीं रोक सकता है।’ पीठ ने कहा, ‘यह किस तरह की अर्जी है। सरकार ने एक अंतर-मंत्रालयी समिति बनाई है तो आपने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत एक याचिका दायर कर दी। आप प्रस्तावित कानून को चुनौती देना चाहते हैं।’
याचिकाकर्ता कंपनी की तरफ से पेश हुए वकील प्रभात कुमार ने कहा कि वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में क्रिप्टोकरेंसी को वैध मुद्रा नहीं माना था लेकिन अब सरकार इसके लिए एक कानून लाने की बात कह रही है। क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्रा होती है जिसमें एन्क्रिप्शन तकनीक का इस्तेमाल इसकी इकाइयों के सृजन के लिए किया जाता है। यह केंद्रीय बैंक की निगरानी से परे फंड का अंतरण करता है। न्यायालय ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सरकार की कानून लाने की तैयारी एक संवैधानिक मामला है और इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी परिपत्र बाध्यकारी नहीं है।