विदेशी मुद्रा व्यापार में गैप क्या है

साल के आठ महीने का हिसाब
अगर बात इस साल के अप्रैल से नवंबर की अवधि की करें तो भारत का मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 262.46 अरब डालर पर रहा है। अप्रैल-नवंबर 2020 की तुलना में इसमें 50 फ़ीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। अगर इसकी तुलना अप्रैल-नवंबर 2019 से करें तो उस समय एक्सपोर्ट 211.17 अरब डॉलर रहा था जिसकी तुलना में इस साल करीब 25 फीसदी वृद्धि दर्ज हुई है। अप्रैल-नवंबर 2021 में आयात में 75.39 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। अप्रैल-नवंबर 2021 में आयात बढ़ने की वजह से $384.44 अरब पर पहुंच गया है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 8 महीने की बात करें तो ट्रेड डेफिसिट बढ़कर $122 अरब पर पहुंच गया है।
किन चीजों का बढ़ा आयात
आयात के मामले में पेट्रोलियम प्रोडक्ट, कच्चा तेल और अन्य उत्पादों का आयात नवंबर महीने में 132.44 फीसदी बढ़कर 14.68 अरब डॉलर पर पहुंच गया। नवंबर 2021 में कोयला, कोक और ब्रिकेट का आयात 135.81 फीसदी बढ़कर 3.58 अरब डॉलर रहा।
पाबंदी के मायने
भूमंडलीकरण के समर्थकों ने क्या सोचा था कि आगे चलकर वह फायदे के बजाय घाटे में बदल जाएगा। अपनी चीजों को दुनिया में कहीं बेचना तो दूर, घरेलू बाजारों में भी उनकी वाजिब कीमतें मिलना दुश्वार हो जाएंगी।
स्वाद और खूश्बू के लिहाज से भारतीय आम की एक मशहूर किस्म हापुस यानी अल्फांसों के साथ इधर जो कुछ हुआ है, उससे भूमंडलीकरण का वही नकारात्मक चेहरा उभर कर सामने आया है, जिसकी ढकी-छिपी चर्चा अपने देश में अक्सर होती रही है।
हापुस आम, जो आम बेचे जाने के पारंपरिक तरीके यानी वजन या सैकड़ा के भाव से नही बल्कि दर्जन के भाव बिकता है और एक दर्जन की कीमत हाल तक स्थानीय बाजारों मे भी 800 रुपए तक थी। इधर पहली मई की यूरोपीय संघ द्वारा इस पर पाबंदी आयद करने के फैसले के बाद 350-400 रुपए प्रति दर्जन तक आ चुकी है।
Trade Deficit: निर्यात की तुलना में दोगुने से अधिक रहा आयात, जानिए किन चीजों की रही सबसे अधिक हिस्सेदारी
नई दिल्ली
India Export: भारत के निर्यात की वृद्धि दर नवंबर में गिरकर 26.49 फ़ीसदी पर आ गई है। इसी अवधि में भारत का आयात बढ़कर 57.18 फ़ीसदी हो गया है। इस वजह से कारोबारी घाटा काफी बढ़ गया है। अगर भारत के निर्यात की तुलना में आयात विदेशी मुद्रा व्यापार में गैप क्या है की बात करें तो यह दोगुने से भी अधिक रहा है।
भारत का आयात नवंबर 2021 में 53.15 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह विदेशी मुद्रा व्यापार में गैप क्या है जानकारी मिली है। नवंबर में भारत का कारोबारी घाटा करीब दोगुना होकर 23.27 अरब डालर हो गया है।
ट्रेड डेफिसिट के आंकड़े
नवंबर 2021 में भारत में क्रूड ऑयल और गोल्ड इंपोर्ट में तेजी दर्ज की गई है। 1 साल पहले की तुलना में इस साल ट्रेड डेफिसिट दोगुना हो गया है। नवंबर 2020 में ट्रेड डेफिसिट 1.19 अरब डालर था। भारत में नवंबर में सोने के आयात में करीब 8 फ़ीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है, इस विदेशी मुद्रा व्यापार में गैप क्या है वजह से भी भारत के कारोबारी घाटे में वृद्धि हुई है। नवंबर 2020 में भारत के आयात और निर्यात में 10.19 अरब डॉलर का अंतर था। अक्टूबर 2012 में इससे पहले ट्रेड गैप 20 अरब डालर को पार कर गया था।
वस्तुओं का निर्यात
देश का वस्तुओं का निर्यात (Exports) नवंबर में 26.49 फीसदी बढ़कर 29.88 अरब डॉलर रहा। इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम, रसायन और समुद्री उत्पादों जैसे क्षेत्र में अच्छी वृद्धि से निर्यात के आंकड़ों में मदद मिली है। पिछले साल नवंबर में निर्यात 23.62 अरब डॉलर पर था। सरकार की ओर से बुधवार को जारी अस्थायी आंकड़ों के अनुसार नवंबर में आयात (Imports) 53.15 अरब डॉलर रहा।
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