क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है

Cryptocurrency in Hindi: क्रिप्टो करेंसी क्या है? जानिए Digital Currency के बारे में
क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम आपने बिटक्वॉइन का सुना होगा. Bitcoin दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है. इसे आप एक डिजिटल मनी कह सकते हैं. लेकिन (digital currency and cryptocurrency difference) डिजिटल और क्रिप्टोकरंसी में भी अंतर होता है.
By विभूू गोयल Last updated Nov 24, 2021 2,462 0
cryptocurrency में bitcoin सबसे ज्यादा लोकप्रिय और महंगी Virtual money है. Image: (freepik.com)
भारत सरकार संसद के मॉनसून-सत्र में क्रिप्टोकरंसी पर एक बिल लाने जा रही है. Cryptocurrency को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि वह भारत में सभी तरह की Cryptocurrency पर प्रतिबंध लगाएगी और वह भारत सरकार की खुदकी एक आधिकारिक (India cryptocurrency) लेकर आएगी. जाहिर है सरकार की ओर से Cryptocurrency bill को लेकर आए बयान के बाद पूरे देश में इस समय Cryptocurrency चर्चा में है.
बिटकॉइन पूरी दुनिया में सर्वाधिक लोकप्रिय क्रिप्टोकरंसी है. इसके अतिरिक्त अलग-अलग क्रिप्टोकरंसी एथेरियम और टीथर जैसी क्रिप्टोकरंसी है. आइए विस्तार से जानते हैं क्या है क्रिप्टोकरंसी?
Crypto का अर्थ और Currency का मतलब?
Crypto एक लैटिन भाषा का शब्द है जो cryptography से मिलकर बना है. यदि आप cryptography का अर्थ जानें तो इसका मतलब हुआ “छिपा हुआ” यानी ऐसी करंसी जो छिपी हुई हो और प्रत्यक्ष रूप से सामने नहीं हो तो वह क्रिप्टोकरंसी कहलाती है.
ऐसे ही Currency शब्द भी लैटिन भाषा के शब्द Currentia से निकला है. यह शब्द भी रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल में स्थानीय परिवेश में आम चलन में है. इस तरह क्रिप्टोकरंसी की परिभाषा जानें तो क्रिप्टोकरंसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है, यानी की पैसा आपकी जेब में कागजी नोट, रुपये, सिक्के या किसी ठोस आकार में नहीं होता बल्कि यह डिजिटली होता है और एक खाते से दूसरे एकाउंट में ट्रांसफर होता रहता है.
क्रिप्टोकरंसी ऑनलाइन करंसी है. (cryptocurrency kya hai bataiye) और बिजनेस के सभी तरीकों में इसका प्रयोग बिना किसी नियम के तहत होता है. यानी की क्रिप्टोकरंसी में होने वाला व्यापार बिना किसी नियम के होता है. इस पर किसी देश अथवा सरकार का नियंत्रण नहीं होता. कहने का अर्थ यह है कि क्रिप्टोकरंसी को, बैंक, सरकार अथवा अथॉरिटी जारी नहीं करती है.
क्या है क्रिप्टोकरंसी? कैसे होता है प्रयोग?
क्रिप्टोकरंसी को सरल भाषा में समझें तो, जैसे भारत रुपये में, अमेरिका डॉलर में, सउदी अरब रियाल में, इंग्लैंड यूरो में और रशिया रुबल में डील करता है, यानी की लेन-देन के लिए वहां रहने वाले नागरिक पैसे के इस रूप का प्रयोग करते हैं जिसे हम करंसी कहते हैं, सो ऐसे ही डिजिटल दुनिया के बढ़ते चलन के साथ डिजिटल दुनिया में जो एक्सचेंज के लिए जिस करंसी का प्रयोग किया जाता है वह क्रिप्टोकरंसी कहा जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम आपने Bitcoin का सुना होगा. Bitcoin दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है. इसे आप एक डिजिटल मनी कह सकते हैं. Crypto currency का प्रचलन बीते कुछ सालों में सबसे ज्यादा सामने आया है. भारत में साल 2017 के शुरुआती दौर में क्रिप्टोकरंसी Bitcoin शब्द के तौर पर दुनिया के प्रमुख शेयर बाजारों से होती हुई हर मार्केट निवेशक की जबान पर थी.
किसने शुरू की Crypto currency
Crypto currency की शुरुआत साल 2009 से मानी जाती है. Crypto currency को जन्म देने वाले थे (cryptocurrency ke janak) सतोशी नाकामोतो. हालांकि सतोशी नाकामोतो (satoshi nakamoto, bitcoin) पहले व्यक्ति नहीं थे जिन्होंने किसी डिजिटल मुद्रा को क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है शुरू किया था बल्कि कई और भी निवेशक और देश थे जिन्होंने डिजिटल मुद्रा की कल्पना की थी और बाकायदा उस पर काम भी हो रहा था्. बीबीसी की एक खबर के मुताबिक एक ऑस्ट्रेलियाई शख्स क्रेग राइट ने साल 2016 में खुदको बिटकॉइन के जनक कहा था.
Bitcoin क्या है? क्यों है यह सबसे महंगी Virtual Currency
क्रिप्टोकरेंसी में आपसे सबसे ज्यादा नाम Bitcoin का सुना होगा. दरअसल, Bitcoin एक डिजिटल कैश प्रणाली है जिसका सीधा चलन उसके कम्प्यूटर एल्गोरिदम से कनेक्ट करता है.
Bitcoin सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन अस्तित्व में रहती है और सबसे खास बात यह है कि यह एक स्वतंत्र सत्ता के रूप में है, यानी की इस समय दुनिया के किसी देश या सरकार Bitcoin को कंट्रोल नहीं कर सकती है.
आपको जानकार आश्चर्य होगा कि शुरुआत में Bitcoin अवैध घोषित की गई, लेकिन Bitcoin ने लोकप्रियता के शिखर छू लिए और यही वजह थी कि कई देशों ने इसे वैध कर दिया. मीडिया में आई रिपोर्ट्स बताती हैं कि अब कुछ देश खुद की क्रिप्टोकरेंसी पर काम कर रहे हैं. बताते चलें कि Bitcoin विश्व की सबसे महंगी वर्चुअल करेंसी कही जाती है.
Bitcoin के अलावा कितने प्रकार की Crypto currency
क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर आपने सबसे ज्यादा Bitcoin का नाम सुना होगा, (cryptocurrency list) लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि पूरी दुनिया में (Crypto currency types) इस समय तकरीबन 1800 से ज्यादा Crypto currency चलन में हैं. इसमें एथेरियम जिसे शॉर्ट में ETH कहा जाता है यह एक प्रमुख डिजिटल मनी है, ऐसे ही लिटकोइन (LTC), डॉगकॉइन (Dogecoin) फेयरकॉइन (FAIR), डैश (DASH), पीरकॉइन (PPC), रिपल (XRP) जैसी Crypto currency को आप Bitcoin के अलावा प्रयोग कर सकते हैं.
Digital Currency और Crypto currency में होता है अंतर
Crypto currency को समझते हुए आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि Crypto currency और Digital Currency में अंतर होता है. अक्सर यह गलतफहमी हो जाती है कि Crypto currency और Digital Currency दोनों एक ही हैं, लेकिन दोनों मूलभूत अंतर यह होता है कि डिजिटल करंसी को सरकार मान्यता देती है जबकि Cryptocurrency गुप्त करंसी होती है और इस पर किसी भी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता. Cryptocurrency control से बाहर होने के चलते ही प्रतिबंध के दायरे में आई है.
क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल आपराधिक और आतंकी गतिविधियों सहित नशे के कारोबार में होने का खतरा होता है, लिहाजा इसे कई देशों ने प्रतिबंध के दायरे में लाया है. (digital currency and cryptocurrency differencein hindi) दुनिया के कई देशों में Digital Currency को मान्यता है. जिन देशा में Digital Currency चलती है उनमें, चीन जापान और स्वीडन जैसे देश हैं जबकि इक्वाडोर, बाहमास, ट्यूूूशिनिया, सेनेगल जैसे देश शामिल हैं. चर्चा है कि जल्द ही अमेरिका और ब्रिटेन भी Digital Currency लाने की योजना में है.
cryptocurrency kya hai? ये कैसे काम करती है पूरी जानकारी
क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन क्या है और ये केसे काम करता है पूरी जानकर
जैसाकि हम सभी जानते है, बहुत समय पहले दुनिया मे समान के बदले समान मिला करता था। क्योंकि उस समय किसी भी तरह की मुद्रा या कहें करेंसी मौजूद ही नही थी। लेकिन जैसे-जैसे ज़माना बीतता गया वैसे-वैसे चीजों को खरीदने और बेंचने के लिए सोने चांदी की अशर्फी का इस्तेमाल होने लगा।
ऐसे ही बीतते वक़्त के साथ ज़माना भी बदलता गया और चीजों को खरीदने के लिए अलग-अलग देशों मे अलग-अलग तरह की करेंसी का उपयोग होने लगा, जैसे भारत मे रुपए और अमेरिका मे डॉलर का इस्तेमाल किया जाता है।
इन सभी करेंसी को फिज़िकल करेंसी कहा जाता है, क्योंकी इनको हम छू सकते हैं और अपने वॉलेट मे भी रख सकते हैं। इन करेंसी को सरकारें काग़ज़ के नोट और मेटल के सिक्को की शकल मे प्रिंट करती है, इसी लिए इस करेंसी पर उस देश की सरकार का पूरा कंट्रोल होता है, जिस देश की वो करेंसी होती है।
क्रिप्टो करेंसी क्या है
लेकिन बिटकॉइन और सभी कृप्टो करेंसी के केस मे ऐसा नही होता है, क्योंकि कृप्टो करेंसी किसी भी देश की सरकार कंट्रोल नही करती, और न ही ये कोई फिज़िकल करेंसी है। क्योंकि इन्हें हम ना तो अपने हातों से छू सकते हैं, और न ही अपनी आँखों से देख सकते हैं. इसी लिए सभी क्रिप्टो करेंसी को डिजिटल करेंसी कहा जाता है, ये सिर्फ नम्बरों में मोजूद होती क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है हैं.
ये कहना गलत नही होगा की, हो सकता है कुछ सालों बाद हम फिजिकल करेंसी को भूल जाएँ और केवल डिजिटल करेंसी में ही लेन-देन करें. जेसे सामान के बदले सामान लेना और अशर्फी से सामान खरीदना बीते ज़माने की बात हुआ करती थी वेसे ही कागज़ के नोट भी बीते ज़माने की बात हो जाये.
क्रिप्टो करेंसी को कहाँ क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है रखा जाता है
जेसे पैसों को रखने के लिए हमें वॉलेट की ज़रुरत होती है, वेसे ही क्रिप्टो करेंसी को रखने के लिए एक डिजिटल वॉलेट की ज़रुरत होती है. अब बात आती है की ये डिजिटल वॉलेट कहाँ मिलेगा, तो वॉलेट हमें अमेज़न पर आसानी से मिल जाता है. अगर आप इस वॉलेट को खरीदना या देखना चाहते हैं तो नीचे मेने इसका लिंक दिया है इस पर क्लिक कर के आप इसे देख सकते हैं.
क्रिप्टो करेंसी को कहाँ से खरीदें
क्रिप्टो करेंसी को करीदने के लिए भारत में बहुत सरे क्रिप्टो एक्सचेंज हैं जहाँ से आप किसी भी क्रिप्टो को आसानी से खरीद और बेंच सकते हैं. अगर में अपनी बात करूँ तो मे क्रिप्टो करेंसी को खरीदने के लिए WazirX ऐप का इस्तेमाल करता हूँ, क्योंकि ये इस्तेमाल करने में बेहद आसान है और इस पर सभी क्रिप्टो करेंसी मिल जाती हैं.
क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है
क्रिप्टो करेंसी क्या है इसके बारे मे आप समझ चुके होंगे अब बात करते हैं क्रिप्टो करेंसी काम केसे करती है. दरअसल क्रिप्टो करेंसी ब्लाकचेन नाम की एक तकनीक पर चलती है, इसी लिए इसे हेक या कोपी करना नामुमकिन के बराबर है. अब बात आती है ये ब्लाकचेन क्या है, ब्लाकचेन असल मे एसी टेक्नोलोजी है, जहाँ पर सभी डिजिटल करेंसी और अन्य कोई भी चीज़ जो डिजिटल हो का रिकोर्ड हमेशा के लिए दर्ज हो जाता है. इस पर की गई किसी भी ट्रांजेक्शन को कभी भी हटाया या बदला नहीं जा सकता.
मुझे उम्मीद है ये लेख पढ़ने के बाद आप समझ चुके होंगे की क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है। अगर अब भी आपके मन मे कोई सवाल है, तो आप मुझे कमेंट के ज़रिये पूछ सकते हैं। मे आपके सारे सवालों के जवाब ज़रूर दूंगा। अगर आपको मेरा ये लेख पसंद आया है, तो से शेयर ज़रूर करदें आपके शेयर करने से मेरा होसला बढ़ता है।
CBDC और क्रिप्टोकरेंसी दोनों हैं बेहद अलग, जानें कैसे?
दिल्ली न्यूज डेस्क . क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) दोनों क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है।पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, क्योंकि उनका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।उन्होंने कहा, क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं।मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ, केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।सीबीडीसी, या भारतीय ई-रुपया, आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है।
ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह, ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है, क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है। जिसके चलते, दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता है, और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं। केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी अपने मौजूदा स्वरूप में डिजिटल मुद्राओं के उपयोग से जुड़े खतरों को भी कम करती है।
दूसरी ओर, क्रिप्टोकरेंसी बहुत अस्थिर है, उनका मूल्य हर समय बदलता रहता है।उपयोग के मामलों के संदर्भ में क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति और मुद्रा दोनों के रूप में वगीर्कृत किया जाता है।क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस पर अटकलें लगाने के लिए व्यक्ति निवेश बाजारों में हिस्सा ले सकता है। वे खुद को मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता से बचाने के लिए बिटकॉइन जैसी विशेष परियोजनाओं का भी उपयोग कर सकते हैं।बिटकॉइन और एथेरियम का उपयोग कोई भी लेनदेन और भुगतान करने के लिए कर सकता है। काउंसिल के अनुसार, आज पहले से कहीं अधिक व्यापारी और स्टोर क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट स्वीकार करते हैं।सीबीडीसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच कई विरोधाभास हैं।सीबीडीसी अधिकृत (निजी) ब्लॉकचेन पर क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है काम करता है, जबकि क्रिप्टोकरेंसी बिना लाइसेंस (सार्वजनिक) ब्लॉकचेन पर काम करती है।
क्रिप्टोक्यूरेंसी यूजर्स के लिए एक फायदा है। सीबीडीसी ग्राहकों की पहचान मौजूदा बैंक खाते के साथ-साथ समान मात्रा में व्यक्तिगत जानकारी से जुड़ी होगी।केंद्रीय बैंक सीबीडीसी नेटवर्क के लिए नियम निर्धारित करता है। क्रिप्टो नेटवर्क में अधिकार यूजर को दिया जाता है, जो आम सहमति के माध्यम से चुनाव करता है।परिषद के अनुसार, सीबीडीसी का उपयोग केवल भुगतान और अन्य मौद्रिक लेनदेन के लिए किया जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग सट्टा और भुगतान दोनों के लिए किया जा सकता है।
Digital Currency: भारत भी बना डिजिटल करेंसी वाला देश, आखिर होती है डिजिटल करेंसी और कैसे करें इस्तेमाल
Digital Currency: डिजिटल करेंसी को वैसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के नाम से जाना जाता है। यह दो प्रकार की होती हैं। पहला होलसेल डिजिटल और दूसरा रिटेल डिजिटल। डिजिटल करेंसी के रूप में पहला होलसेल सेगमेंट RBI ने लॉन्च कर दिया है।
Digital Currency (सोशल मीडिया)
Digital Currency: 21वीं डिजिटल क्रांति का दौर है। इस दौर में हर चीजें डिजिटलीकरण होती जा रही है। फिर रुपया को क्यों छोड़ा जाए। भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई 01 नवंबर, 2022 मंगलवार को देशी पहली डिजिटल करेंसी को लॉन्च कर दिया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को लॉन्च किया है। अभी इस करेंसी का इस्तेमाल सरकारी सिक्योरिटी (प्रतिभूतियों) के लेन-देन के तौर पर शुरू किया जा रहा है, जोकि होलसेल ट्रांजेक्शन करने वाले के लिए है, जबकि आने क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है वाले एक महीने में CBDC को रिटेल सेगमेंट के लिए भी जारी किया जाएगा। इसके आते ही लोगों के मन में इसको लेकर कई सवाल पैदा हो रहे हैं कि आखिर डिजिटल करेंसी क्या है? इसका उपयोग कैसे किया जाएगा? क्या है क्रिप्टोकरेंसी के तर्ज पर काम करेगी और कौन से देश डिजिटल करेंसी को लागू कर चूके हैं। आईये जानते हैं इन सभी बातों को।
यह देश कर रहें उपयोग और अन्य देश तैयारी में
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल 1 फरवरी 2022 को देश का आम बजट पेश करते हुए संसद भवन से CBDC को लॉन्च करने की घोषणा की थी। इस घोषणा के साथ यह संभावना प्रबल हो गई थी कि जल्दी भारत डिजिटल मुद्रा उतारने वाले देशों की श्रेणी में शामिल होने वाला है और आज वह दिन आ गया है। हालांकि भारत से पहले साल इक्वाडोर, बहामास व ट्यूनीशिया देशों में अपने यहां डिजिटल करेंसी की मान्यता दे चुके हैं। साथ ही, 2017 में सेनेगल ने भी डिजिटल करेंसी की मान्यता दी है, जिसकी वैल्यू फिजिकल करेंसी के बरारबर है, जबकि चीन, जापान और स्वीडन जैसे देशों क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है ने डिजिटल करेंसी पर ट्रायल भी शुरू कर दिया है। वहीं, दुनिया का सबसे शाक्तिशाली देश अमेरिका भी डिजिटल करेंसी लाने की ओर कदम बढ़ा दिया है। हालांकि अमेरिकी में क्रिप्टोकरेंसी को वैध है,जोकि एक प्रकार से यह भी डिजिटल करेंसी,लेकिन अन्य देशों में वैध नहीं है।
क्या होती है डिजिलट करेंसी ?
दरअसल, केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राएँ (CBDC) किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की गई विनियमित डिजिटल करेंसी होती है। यह मुद्रा केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध होती है। यह क्रिप्टोकरेंसी जैसी एक डिजिटल टोकन है। मूल्यत: इसका उपयोग इंटनेट पर ही किया जाएगा। इसके लिए यूजर्स को बैंक जाने की आवश्कता नहीं होगी। यह एक तरह का डिजिटल वॉलेट होगा, जिसमें आप डिजिटल मुद्रा रखेंगें और इसके माध्य से एक डिजिटल वॉलेट से लेकर दूसरे डिजिटल वॉलेट में ट्रांसफर करेंगे। हालांकि इसके उपयोग के लिए फोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का होना सख्त जरूरत है।
दो तरह की डिजिटल करेंसी
डिजिटल करेंसी वैसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के नाम जानते हैं। इसको देश की सरकार से मान्यता हासिल होती और इसको केंद्रीय बैंक जारी करता है। डिजिटल करेंसी दो टाइप की होती है। पहली होलसेल डिजिटल और रिटेल डिजिटल। होलसेल का उपयोग देश के बड़े वित्तीय संस्थान इस्तेमाल करते हैं। इसमें बैंक, बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां और दूसरे बड़े वित्तीय लेन देन करने वाले संस्थान शामिल हैं, जबकि रिटेल डिजिटल का इस्तेमाल आम लोग और कंपनियां करती है।
डिजिटल और क्रिप्टोकरेंसी में अंतर क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है
सवाल यह उठा है कि क्या डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी एक जैसी मुद्रा है? तो मैं आपको बता दूं कि डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी दोनों ही डिजिटल मुद्रा होती हैं, लेकिन इसमें कुछ हल्का अंतर होता है। डिजिटल करेंसी देश की केंद्रीय बैंक की ओर से जारी होती है। यह एक मान्यता प्राप्त मुद्रा है। हालांकि क्रिप्टोकरेंसी किसी भी देश के क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है मान्यता प्राप्त नहीं है और इसको किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा नहीं जारी किया है। डिजिटल करेंसी की कीमत में उतार-चढ़ाव नहीं होता है, जबकि क्रिप्टो में ऐसी स्थिति बनी रहती है। हालांकि डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी एक की टेक्नोलॉजी पर काम करती है, जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होती है।
आरबीआई का बयान
आरबीआई की ओर से सोमवार को बयान में कहा था कि CBDC का उपयोग पायलट प्रोजेक्ट सरकारी सिक्योरिटिज के सेंकडरी बाजार के लेन देन का सेलमेंट के लिए किया जाएगा। आगे एक महीने के अंदर रिलेट सेगमेंट के लिए भी डिजिटल करेंसी को लॉन्च करनी योजना है। डिजिटल करेंसी को उतारने पर केंद्रीय बैंक ने कहा कि मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूकर करना है ,जिसके लोगों को वर्तमान में पेमेंट भुगतान प्रणालियों के साथ अन्य भुगतान के विकल्प मिल सकें।
शुरुआती दौर में यह बैंक हैं शामिल
CBDC होलसेल के लॉंचिंग पायलट प्रोजेक्ट के तहते फिलहाल देश की कुछ सरकारी और निजी क्षेत्र की बैंकों शामिल किया गया है। सरकारी बैंक में एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं, जबकि निजी बैंकों में आईसीआईसीआई बैंक कोटक बैंक, फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक को शामिल किया गया है।
इस प्रकार करेंगे इस्तेमाल
जिस प्रकार लोग Paytm, PhonePe जैसे वॉलेट के साथ लेन देन की प्रक्रिया करते हैं। ठीस उसकी प्रकार डिजिटल करेंसी का उयोग कर सकेंगे। ई-रुपए को मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे और किसी भी पेमेंट के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते है। खास बात यह है कि डिजिटल मुद्रा को फिजिकल मुद्रा में भी बदला जा सकता है। इतना ही नहीं, डिजिटल करेंसी को आने वाले समय यूपीआई से भी अट्रैच करने की तैयारी है।