निवेश कैसे करे

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वह बताते हैं कि निवेश के तरीके बदलने के साथ अब कोई प्रॉपर्टी खरीदने के लिए बड़ी पूंजी की जरूरत भी नहीं है। आपके पास जितनी पूंजी है, उससे ही रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं सीधे रियल एस्टेट में निवेश के बजाय अप्रत्यक्ष तरीके से पैसे लगाकर अधिक लिक्विडिटी का भी फायदा पा सकते हैं।
कैसे करे अपने पर निवेश । HOW TO INVEST IN YOURSELF IN HINDI | INVEST IN YOURSELF
कैसे कर सकते है खुद पर निवेश। INVEST IN YOURSELF IN HINDI |कैसे करे खुद पर निवेश | निवेश कहाँ करे | nivesh kaha kare | इन्वेस्टमेंट कहाँ करे |
INVEST IN YOURSELF
आपने अनेक बार लोगो को निवेश की निवेश कैसे करे रणनीतियों को बनाते या इसके बारे में बात करते देखा होगा। निवेश के अनेक माध्यम हो सकते हैं परंतु खुद पर निवेश को सभी माध्यमों में उत्तम समझा गया हैं। खुद पर निवेश के अनेक तरीके हो सकते हैं। आज वर्तमान में भागदौड़ भरी जिंदगी में कैसे कर सकते है खुद पर निवेश ? ये अत्यंत अहम प्रश्न हैं परंतु अधिकतर लोग इस आधारभूत सवाल पर ध्यान ही नही दे पाते हैं। इस लेख में कुछ सवालो के जवाब जैसे – कैसे कर सकते है खुद पर निवेश। INVEST IN YOURSELF |कैसे करे खुद पर निवेश |
खुद पर निवेश करना (INVEST IN YOURSELF) क्यों आवश्यक –
इंसान के पास समझ, भावनाएं, बोध होता हैं। जो इंसान को अन्य प्राणियों से भिन्न बनाता हैं। ऐसे में अगर हम इसका प्रयोग करके अपने स्तर को नही बढ़ाते हैं। तो हम शायद इंसान के रूप में प्राप्त जीवन का सही प्रयोग नही कर पा रहे हैं। अगर हम समय के साथ मानसिक बौद्धिक तौर पर विकास नहीं कर रहे है । तो ये एक बौद्धिक प्राणी के लक्षण नहीं हो सकते हैं। जीवन मे परिवर्तन बहुत जरूरी हैं। परिवर्तन भी सकारात्मक होना अति-आवश्यक हैं। खुद पर निवेश करके हम खुद में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। अगर हम खुद में सकारात्मक परिवर्तन नहीं कर पा रहे है तो समाज भी हमसे ज्यादा जुड़ाव महसूस नहीं कर पाता हैं। अतः कुछ नया पाने, समय के साथ चलने, समय के साथ बढ़ती प्रतियोगिता का मुकाबला करने के लिए खुद पर निवेश अत्यंत आवश्यक हैं।
खुद पर निवेश करने (INVEST IN YOURSELF) के अनेक तरीके बताए जाते है। उनमें से कुछ तरीके के बारे में यहाँ चर्चा करेंगे –
1. शिक्षा –
समय के साथ बौद्धिक क्षमता का विकास करना अत्यंत आवश्यक होता हैं। शिक्षा पर निवेश को उत्तम निवेश माना जाता हैं। समय के साथ बढ़ते प्रतिस्पर्धा के युग मे कुछ नई शिक्षा प्राप्त करना अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगा। यहाँ केवल स्कूल या कॉलेज की ही शिक्षा की बात नही हो रही हैं। यहाँ आम जागरूकता से भी संबंध हैं। समाज कैसे चलता हैं, आर्थिक व्यवस्था के क्या मूल नियम हैं , नागरिक अधिकार क्या हैं आदि विषय मे ज्ञान प्राप्त करते रहना अत्यंत आवश्यक होता हैं।
2. स्वास्थ्य –
इंसान को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है। स्वास्थ्य एक ऐसा विषय है जिसपर निवेश करना जरूरी ही नही बल्कि अत्यंत आवश्यक हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तो ये और भी जरूरी हो गया हैं। जहाँ आज भौतिक वादी युग मे शारीरिक श्रम कम हुआ हैं । वही अनेक कारणों से मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा हैं। ऐसे में जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को बनाएं रखने के लिए स्वास्थ्य पर निवेश अत्यंत आवश्यक हो गया हैं। हम पढ़ाई , व्यापार , काम करते वक्त ये सोचते है कि जीवन मे केवल यही जरूरी है। वो सब भी जितना जरूरी है उससे कही अधिक जरूरी हैं स्वास्थ्य। अतः अनेक प्रकार से स्वास्थ्य पर निवेश किया निवेश कैसे करे जा सकता हैं। जैसे – व्यायाम, अच्छा खाना, ध्यान , योग आदि।
3. कौशल विकास –
आज व्यक्ति के पास जितने अधिक कौशल होंगे वो समाज मे उतनी ही निवेश कैसे करे दृढ़ता से अपनी जगह बना पाएगा। वर्तमान में तकनीकी युग में इंसान को किसी न किसी एक कौशल में परंपरागत होना अत्यंत आवश्यक हैं। जिससे वो अपनी जीविका को तो सरलता से चला ही पाएगा साथ ही भविष्य में आने वाली अनेक समस्याओं का सामना करने में भी सक्षम बना रहेगा। अतः कौशल विकास पर निवेश करना भी सही माना जाता हैं। इसके कोई नुकसान न होकर लाभ ही मिलते हैं।
4. रचनात्मकता ( Creativity )
जीवन मे रचनात्मकता का होना अत्यंत आवश्यक हैं। रचनात्मकता अनेक तरह से जीवन मे सहायक होती हैं। आमतौर पर कहा भी जाता हैं कि रचनात्मकता का विकास करे, आखिर ये इतनी आवश्यक क्यो हैं । आइए जानते हैं कि रचनात्मकता इतनी जरूरी क्यों-रचनात्मकता को एक तरह से दिमाग के व्यायाम के तौर पर भी देखा जाता हैं। जिस प्रकार हमारा शरीर व्यायाम से स्वस्थ रहता हैं। उसी प्रकार रचनात्मकता से हमारे दिमाग मे न्यूरॉन का विकास होता जाता हैं। जिससे हमारा मानसिक स्वास्थ्य सही रहता हैं।
रचनात्मकता से जीवन और कार्यक्षेत्र में आने वाली अनेक समस्याओं को हल करने में सहायता प्राप्त होती हैं। इंसान जितना रचनात्मक होता हैं , वो उतनी ही सरलता और सहजता से जीवन और कार्यक्षेत्र की समस्याओं का समाधान कर पाता हैं। कैसे करे खुद पर निवेश के अंतर्गत रचनात्मकता एक अत्यंत अहम और उपयोगी विषय हैं।
कैसे करें रचनात्मकता का विकास- इसके लिए आप दिमाग से कुछ नया सीखने को कहते रहिए मतलब कुछ नया सीखते रहिए जैसे – कला ( ड्राइंग) बना सकते हैं, कोई कविता लिख सकते हैं, कोई नई भाषा सीख सकते हैं आदि अनेक ऐसे तरीके है जिससे रचनात्मकता का विकास होता हैं।
उपरोक्त चर्चा से हमने जाना कि क्यों खुद पर निवेश करना इतना आवश्यक होता हैं और कैसे खुद पर निवेश कर सकते हैं । यहाँ अनेक तरीके होते हों खुद पर निवेश करने के जिनमे से कुछ पर हमने चर्चा की हैं। आपसे उम्मीद करते है कि आप भी आज से खुद पर निवेश को प्राथमिकता देंगे चाहे वो कोई भी तरीका हो।
कितना फायदेमंद: कैसे करें बिना प्रॉपर्टी खरीदे रियल एस्टेट में निवेश, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए आप प्रॉपर्टी में निवेश करना चाहते हैं तो सोने के बाद रियल एस्टेट अच्छा विकल्प है। इसमें लंबी अवधि के लिए निवेश फायदेमंद होता है। हालांकि, रियल्टी में निवेश के लिए प्रॉपर्टी खरीदनी जरूरी नहीं है। बिना इसके भी रियल एस्टेट में कई तरीकों से निवेश कर सकते हैं। पूरा गणित बताती निवेश कैसे करे कालीचरण की रिपोर्ट.
लंबी अवधि के लिए पैसा लगाना हमेशा फायदेमंद
ईआईएफएल सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (रिसर्च) अनुज गुप्ता का कहना है कि अगर कोई अपने आ पोटॅफोलियो में विविधता लाने के लिए प्रॉपर्टी में निवेश करना चाहता है तो सोने के बाद रियल एस्टेट अच्छा विकल्प बन सकता है। इसमें सीधे निवेश या प्रॉपर्टी में पैसा लगाना लंबी अवधि के लिए फायदेमंद है। रियल एस्टेट में निवेश करने के कई विकल्प हैं सीधे प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं या फिर इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड खरीदकर प्रॉपर्टी में अप्रत्यक्ष निवेश कर सकते हैं। रियल एस्टेट म्यूचुअल फंड्स, रीट और फ्रैक्शनल रियल एस्टेट आदि के जरिये भी इस क्षेत्र में पैसे लगा सकते हैं।
- वह बताते हैं कि निवेश के तरीके बदलने के साथ अब कोई प्रॉपर्टी खरीदने के लिए बड़ी पूंजी की जरूरत भी नहीं है। आपके पास जितनी पूंजी है, उससे ही रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं सीधे रियल एस्टेट में निवेश के बजाय अप्रत्यक्ष तरीके से पैसे लगाकर अधिक लिक्विडिटी का भी फायदा पा सकते हैं।
- इस समय आवासीय प्रॉपर्टी से किराये के रूप में कमाई कम हो रही है, लेकिन वाणिज्यिक प्रॉपर्टी से आमदनी ठीक है। अप्रत्यक्ष रूप से रियल एस्टेट में निवेश से इसका फायदा उठा सकते हैं।
रीट: इक्विटी की तरह खरीद बिक्री
रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) रियल एस्टेट में निवेश का आकर्षक विकल्प है। इसके जरिये निवेशकों से पैसे जुटाकर निवेश होता है। इसमें निवेशकों को उसी अनुपात में यूनिट मिलते हैं, जो एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होते हैं। इनकी खरीद-बिक्री इक्विटी शेयरों जैसी होती है। रीट एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की तरह है, जिसका पैसा कई हिस्सों में बांटकर रियल एस्टेट में लगाया जाता है। इसकी 90 फीसदी करयोग्य कमाई को निवेशकों के बीच डिविडेंड के रूप में बांटा जाता है। कमाई मालिकाना हक वाली प्रॉपर्टी से मिलने वाले किराये और कुछ हद तक दाम बढ़ने से होती है। इसमें आप एक यूनिट भी खरीद सकते हैं।
म्यूचुअफ फंड: देश के बाहर भी निवेश
म्यूचुअल फंड- ऑफ-फंड्स के पैसे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रीट में निवेश होता है। इसके पैसे अधिकत्तर सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया के रियल एस्टेट में लगाए जाते हैं। इसका मतलब है कि निवेशकों को देश के बाहर भी रीट मार्केट में निवेश का मौका मिलता है, जो अधिक विकसित है।
फ्रैक्शनल रियल एस्टेट पूंजी की रहती है समस्या
फ्रैक्शनल रीयल एस्टेट (एफआरई) असंगठित स्ट्रक्चर है। इसमें रियल एस्टेट कारोबार या सर्विसेज की कंपनी कई निवेशकों से लीगल दस्तावेजों के जरिये पैसे जुटाकर किसी संपत्ति में निवेश करती है। यह रीट की तरह है, लेकिन दोनों में अंतर है कि एफआरई के तहत एक्सचेंज पर यूनिट सूचीबद्ध नहीं होते। इसमें लिक्विडिटी की समस्या आती है। हालांकि, इसमें प्रॉपर्टी को जानने का अधिक मौका मिलता है।
विस्तार
लंबी अवधि के लिए पैसा लगाना हमेशा फायदेमंद
ईआईएफएल सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (रिसर्च) अनुज गुप्ता का कहना है कि अगर कोई अपने आ पोटॅफोलियो में विविधता लाने के लिए प्रॉपर्टी में निवेश करना चाहता है तो सोने के बाद रियल एस्टेट अच्छा विकल्प बन सकता है। इसमें सीधे निवेश या प्रॉपर्टी में पैसा लगाना लंबी अवधि के लिए फायदेमंद है। रियल एस्टेट में निवेश करने के कई विकल्प हैं सीधे प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं या फिर इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड खरीदकर प्रॉपर्टी में अप्रत्यक्ष निवेश कर सकते हैं। रियल एस्टेट म्यूचुअल फंड्स, रीट और फ्रैक्शनल रियल एस्टेट आदि के जरिये भी इस क्षेत्र में पैसे लगा सकते हैं।
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वह बताते हैं कि निवेश के तरीके बदलने के साथ अब कोई प्रॉपर्टी खरीदने के लिए बड़ी पूंजी की जरूरत भी नहीं है। आपके पास जितनी पूंजी है, उससे ही रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं सीधे रियल एस्टेट में निवेश के बजाय अप्रत्यक्ष तरीके से पैसे लगाकर अधिक लिक्विडिटी का भी फायदा पा सकते हैं।
रीट: इक्विटी की तरह खरीद बिक्री
रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) रियल एस्टेट में निवेश का आकर्षक विकल्प है। इसके जरिये निवेशकों से पैसे जुटाकर निवेश होता है। इसमें निवेशकों को उसी अनुपात में यूनिट मिलते हैं, जो एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होते हैं। इनकी खरीद-बिक्री इक्विटी शेयरों जैसी होती है। रीट एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की तरह है, जिसका पैसा कई हिस्सों में बांटकर रियल एस्टेट में लगाया जाता है। इसकी 90 फीसदी करयोग्य कमाई को निवेशकों के बीच डिविडेंड के रूप में बांटा जाता है। कमाई मालिकाना हक वाली प्रॉपर्टी से मिलने वाले किराये और कुछ हद तक दाम बढ़ने से होती है। इसमें आप एक यूनिट भी खरीद सकते हैं।
म्यूचुअफ फंड: देश के बाहर भी निवेश
म्यूचुअल फंड- ऑफ-फंड्स के पैसे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रीट में निवेश होता है। इसके पैसे अधिकत्तर सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया के रियल एस्टेट में लगाए जाते हैं। इसका मतलब है कि निवेशकों को देश के बाहर भी रीट मार्केट में निवेश का मौका मिलता है, जो अधिक विकसित है।
फ्रैक्शनल रियल एस्टेट पूंजी की रहती है समस्या
फ्रैक्शनल रीयल एस्टेट (एफआरई) असंगठित स्ट्रक्चर है। इसमें रियल एस्टेट कारोबार या सर्विसेज की कंपनी कई निवेशकों से लीगल दस्तावेजों के जरिये पैसे जुटाकर किसी निवेश कैसे करे संपत्ति में निवेश करती है। यह रीट की तरह है, लेकिन दोनों में अंतर है कि एफआरई के तहत एक्सचेंज पर यूनिट सूचीबद्ध नहीं होते। इसमें लिक्विडिटी की समस्या आती है। हालांकि, इसमें प्रॉपर्टी को जानने का अधिक मौका मिलता है।
निवेश कैसे करे
Investments in securities are subject to market risks. Read all the documents or product details carefully before investing. WealthDesk Platform facilitates offering of WealthBaskets by SEBI registered entities, termed as "WealthBasket Managers" on this platform. Investments in WealthBaskets are subject to the Terms of Service.
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सोने में निवेश से पहले पढ़े इन 8 बातों को, नहीं तो प्रॉफिट के बजाय हो सकता है बड़ा नुकसान
अच्छे रिटर्न के लिए आप शेयर मार्केट, MF, SIP, प्रॉपर्टी समेत कई जगह निवेश कर सकते हैं। इन सभी में सोने के निवेश में लोगों का ज़्यादा फायदा दिखता है- पहला, एक तो सोने की कीमत भी बढ़ती रहती है और.
अच्छे रिटर्न के लिए आप शेयर मार्केट, MF, SIP, प्रॉपर्टी समेत कई जगह निवेश कर सकते हैं। इन सभी में सोने के निवेश में लोगों का ज़्यादा फायदा दिखता है- पहला, एक तो सोने की कीमत भी बढ़ती रहती है और दूसरा इसको जरूरत के समय पहन भी सकते हैं। लेकिन बहुत लोग सोने की खरीददारी करते समय कई चीजे नजरअंदाज करते हैं, इससे उन्हें बाद में फायदे के बजाय नुकसान हो जाता है।
जानकारी पूरी रखें
सही जानकारी न होने के कारण जब आप अपने सोने को बेचने के लिए जाते हैं तो आपको उतना मूल्य नहीं मिल पाता जितना मिलना चाहिए। सोने को आप लम्बे समय और मुसीबत के समय काम में आने के हिसाब से खरीदते हैं, इसलिए सोने की खरीदारी के समय आपको इन प्रमुख बातों को ध्यान में रखना चाहिए-
शुद्धता- सोने की कीमत कैरट के आधार पर होती है और कैरेट से गोल्ड की शुद्धता का पता चलता है। सोने की सबसे अच्छी क्वालिटी 24 कैरट सोने की होती है जिसका मूल्य अधिक होता है। लेकिन कम कैरट के सोने की कीमत उससे कम होगी, इसलिए सोने की खरीददारी करते समय बाजार से अलग अलग कैरट का भाव जरूर पता कर लें।
डिजिटल गोल्ड में निवेश- डिजिटल गोल्ड में शुद्धत्ता और मेकिंग चार्ज जैसी कोई समस्या नहीं होती, इस कारण इसमें निवेश आके लिए प्रॉफिटेबल हो सकता है। लेकिन ध्यान रखने वाली बात है आप जिससे पेपर गोल्ड लें रहे हैं उस कंपनी के बारे में अच्छी तरह पड़ताल कर लें, नहीं तो धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।
आभूषण पर लगे स्टोन- सोने के गहनों में कई बार कीमती स्टोन्स के अलावा निवेश कैसे करे नकली चमकदार स्टोन भी लगाए होते हैं, इसलिए खरीदारी के समय सोने और स्टोन दोनों के भाव अलग-अलग लें।
वजन की जांच- सोने की ज्यादातर ज्वेलरी वजन के हिसाब से बेचीं जाती है लेकिन कीमती स्टोन इसे भारी बनाते हैं. इसलिए ज्वेलरी के पूरे वजन के साथ गोल्ड के वजन को जरूर चेक कर लें। गोल्ड कीमती है, निवेश कैसे करे वजन थोड़ा भी ऊपर-नीचे हुआ तो आपको भरी नुकसान हो सकता है।
Hallmarking- बाजार में दो तरह के सोने के गहने होते हैं एक तो साधारण होते है जिनकी क्वालिटी की कोई गारंटी नहीं होती और दूसरे हॉलमार्किंग के तहत होते हैं जिनकी सोने की क्वालिटी अच्छी होने का सुबूत होता है। यह अधिकृत होते हैं और सोने की शुद्धता को प्रमाणित करता है।
मेकिंग चार्जेज: यह ऐसे चार्जेज होते हैं जो गहनों को बनाने के लिए चार्ज किये जाते हैं। हर ज्वेलर का मेकिंग चार्ज अलग होता है कोई पर ग्राम के हिसाब से लेता है तो कोई गहने के कुल वजन के हिसाब से। आपको इस बारे में पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए। अगर मेकिंग चार्ज ज़्यादा होगा तो आपको बाद में बेचने पर फायदा नहीं होगा। मेकिंग चार्ज जितना कम होगा, बाद में गहने को बेचते समय मुनाफा उतना ही ज़्यादा होगा।
बिल- सोना खरीदते समय इनवॉइस और रसीद लें, आने वाले समय में यही रसीद आपके काम आएगी। सही इनवॉइस और रसीद न होने पर बेचते समय आपको यह निवेश कैसे करे मुश्किल में डाल सकती है।
ज्यादा न खरीदें- सोने की कीमत आमतौर पर बढ़ती है लेकिन निवेश के हिसाब से देखा जाए तो आपके पोर्टफोलियो में यह बहुत ज्यादा नहीं होना चाहिए आपको अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट में निवेश कर पोर्टफोलियो को बैलेंस रखना चाहिए।
आपको बताते हैं सोने में आप कैसे निवेश कर सकते हैं-
पेपर गोल्ड- एक निवेशक के पास गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का उपयोग करने का विकल्प होता है।
गोल्ड ETF - गोल्ड के प्रचलित बाज़ार मूल्य पर गोल्ड ETF का स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता है। गोल्ड ETF के साथ, निवेशकों को कोई शुल्क या स्टोर चार्ज का भुगतान नहीं करना पड़ता है जो सोने को रखने आदि से जुड़ा होता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड- यह भारत सरकार और RBI द्वारा ऑफर किया जाता है, यह कागज़ के रूप में सोने खरीदने का एक और तरीका है। इन बॉन्ड में सोने मूल्य को ग्राम में दर्शाया जाता है जिसमें व्यापार शुरू करने के लिए न्यूनतम निवेश 1 ग्राम सोना आवश्यक है। ब्याज़ दर और मूल्य को बॉन्ड जारी करते समय RBI द्वारा तय किया जता है।
डिजिटल गोल्ड- सोने में निवेश का एक और तरीका डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) के माध्यम से है, जहां कोई भी 1 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकता है। कई मोबाइल वॉलेट डिजिटल गोल्ड ऑफर करते हैं लेकिन इनकी शुद्धता अलग अलग होती है।
सोने में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड- Gold MF(फंड्स ऑफ फंड) हैं जो अंतरराष्ट्रीय सोने की माइनिंग कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। गोल्ड, जिसे गोल्ड फंड ऑन फंड्स भी कहा जाता है, यह एक ओपन एंडेड फंड हैं जो गोल्ड ETF में निवेश करते हैं। निवेशक किसी भी समय किसी भी विशेष राशि का निवेश कर सकते हैं।
गोल्ड सेविंग स्कीम- कई ज्वैलर्स गोल्ड ज्वेलरी सेविंग स्कीम (Gold Saving Schemes) ऑफर करते रहे हैं जो खरीदारों को चुनी हुई अवधि के लिए व्यवस्थित रूप से बचत करने और टर्म खत्म होने पर सोना खरीदने में मदद करती हैं। खरीदार को अवधि के लिए हर महीने एक निश्चित राशि जमा करने की आवश्यकता होती है।