Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख

क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार के 'रुख' का इंतजार करेगी RBI: गवर्नर शक्तिकांत दास
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर केंद्रीय बैंक सरकार की तरफ से 'कंसल्टेंशन पेपर' जारी होने का इंतजार करेगा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार 8 जून को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) के मुद्दे पर केंद्रीय बैंक सरकार के 'रुख' का इंतजार कर रहा है। दास ने बताया कि RBI पहले ही सरकार को क्रिप्टोकरेंसी के 'कंसल्टेंशन पेपर' को लेकर अपना रुख बता चुका है।
RBI गवर्नर ने कहा, "क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर RBI और सरकार के बीच लगातार बातचीत चल रही है। हमने अपना रुख सरकार को बता दिया है। अब सरकार की तरफ से क्रिप्टोकरेंसी पर कंसल्टेंशन पेपर जारी होने का इंतजार करते हैं।"
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बता दें कि RBI हमेशा से क्रिप्टोकरेंसी की अस्थिर प्रकृति को देखते हुए इसे लेकर सजग करता रहा है। सेंट्रल बैंक के गर्वनर ने फरवरी 2022 में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों को एक चेतावनी देते हुए कहा था कि ऐसे एसेट्स की कोई अंडरलाइंग वैल्यू नहीं होती है, यहां तक कि एक ‘ट्यूलिप के फूल' के बराबर भी नहीं।
क्या है ट्यूलिप फुल की कहानी
बता दें कि 17वीं सदी में नीदरलैंड में ट्यूलिप के फूल को लेकर लोगों में दीवानी अचानक इस कदर बढ़ गई, कि इन फूलों की कीमत रोजोना दोगुनी रफ्तार से बढ़ने लगी थी। बड़े-बड़े लोगों ने अधिक दाम में बेचने के लालच से ट्यूलिप खरीदना शुरू किया था। उस समय ट्यूलिप के एक फूल की कीमत कई लोगों की साल भर की कमाई से भी अधिक हो थी। तब एक घर लेने से भी महंगा Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख ट्यूलिप का फूल खरीदना माना जाता था।
लेकिन यह सब महज कुछ ही महीनों तक चला और उसके बाद ट्यूलिप की कीमतें धड़ाम से गिर गई और इसमें पैसे लगाने वालों की जिंदगी भर की कमाई जूब गई। तब से वित्तीय बाजार में बिना किसी आधार के किसी भी चीज की कीमत बढ़ने की घटना की तुलना ट्यूलिप के फूल से की जाती है।
आर्थिक स्थिरता के लिए बताया था खतरा
RBI गवर्नर ने निवेशकों को यह चेतावनी ऐसे समय में दी थी, जब सरकार ने कुछ ही दिनों पहले क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा था। शक्तिकांत दास ने उस समय मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की एक बैठक के बाद कहा था, "निजी क्रिप्टोकरेंसी, आर्थिक स्थिरता और वित्तीय स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा है। निवेशकों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि वे किस जोखिम के साथ निवेश कर रहे हैं।"
MoneyControl News
First Published: Jun 08, 2022 7:31 PM
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Cryptocurrency पर लगेगा बैन? सरकार का बिल अभी तैयार नहीं, जानें मामले से जुड़े लोगों ने क्या कहा..
Cryptocurrency Bill को लेकर सरकार ने लोकसभा की वेबसाइट पर नोटिफिकेशन में कहा है कि बिल भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन कुछ अपवादों को क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने की अनुमति देगा.
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भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर तरह-तरह की खबरें सामने आ रही हैं. केंद्र सरकार के सख्त रुख के बाद क्रिप्टो मार्केट में गिरावट भी देखने को मिली है. अब मामले से जुड़े लोगों ने बताया है कि भारत छोटे निवेशकों की सुरक्षा करते हुए क्रिप्टोकरेंसी को वित्तीय संपत्ति (Cryptocurrency as an asset) के रूप में मानने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक भारत में क्रिप्टो को लेकर उथल-पुथल तब से है जब से यह खबर आई है कि क्रिप्टो को लेकर अधिकारी एक विधेयक को अंतिम रूप देने में लगे हैं. जिसे केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले सत्र में पेश कर सकती है. पहचान छिपाने की शर्त पर इससे जुड़े लोगों ने बताया कि क्रिप्टो को वैध करेंसी मान्यता नहीं दी जाएगी. लेकिन डिजिटल मुद्रा के रूप में इसमें निवेश हो सकेगा, उसके लिए भी न्यूनतम राशि निर्धारित की जा सकती है.
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सरकार ने लोकसभा की वेबसाइट पर मंगलवार की देर रात एक नोटिफिकेशन में कहा था कि बिल भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन कुछ अपवादों को क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने की अनुमति देगा.
अनिश्चितता ने बुधवार को Shiba Inu और Dogecoin को बहुत नीचे ढकेल दिया. भारत के प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में से एक, WazirX प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग में 20% से अधिक नीचे थे. वे Binance या Kraken जैसे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर बहुत कम प्रभावित हुए.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) डिजिटल मुद्राओं पर पूर्ण प्रतिबंध चाहता है क्योंकि केंद्रीय बैंक को लगता है कि यह देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है. जबकि सरकार अगले बजट में क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर कर लगाने पर विचार कर रही है, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले हफ्ते कहा था कि देश को इस मुद्दे पर बहुत गहन चर्चा की जरूरत है.
लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय इस मुद्दे पर सक्रियता से विचार कर रहा है और विधेयक की विषय-वस्तु को अंतिम रूप देने के बाद इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास ले जाया जाएगा.
इस महीने की शुरुआत में, पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक की थी, जिसके बाद अधिकारियों ने कहा कि भारत अनियमित क्रिप्टो बाजारों को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का रास्ता नहीं बनने देगा.
संसद टीवी संवाद
क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान वित्तीय दुनिया में हो रहे बहुत सारे तकनीकी परिवर्तनों में से एक का उदाहरण है और अब नई चुनौतियों को स्वीकार करने Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख के साथ-साथ प्रतिभूति बाज़ार सहित मुद्रा बाज़ारों के लिये एक नए एकीकृत विनियमन की अनुमति देने का मौका है।
यह डिजिटल तकनीक में एक नई क्रांति पैदा कर सकती है जिसे भारत खोना नहीं चाहेगा, लेकिन साथ ही वह आंतरिक सुरक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों को लेकर भी जोखिम नहीं उठा सकता है।
विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)
Cryptocurrency: निजी क्रिप्टोकरेंसी क्या है? क्यों सरकार ने की इसको लेकर टेढ़ी निगाहें, जानें सबकुछ
भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी (private cryptocurrencies) को प्रतिबंधित किया जा सकता है।
खबर है कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी ( cryptocurrencies) को लेकर संसद में एक विधेयक पेश करने वाली है। कुछ को छोड़कर भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी (private cryptocurrencies) को प्रतिबंधित किया जा सकता है। इस खबर के साथ ही सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी पिछले कुछ घंटों में नीचे की ओर आने लगी। केंद्र सरकार अपना नया क्रिप्टोकरेंसी लाने की भी योजना बना रही है।
केंद्र अब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक अनुकूल ढांचा बनाने की योजना बना रहा है। 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किए जाने की योजना है।
निजी क्रिप्टोकरेंसी टोकन
हाल ही में, क्रिप्टोकरेंसी की मांग तेजी से बढ़ी है। जबकि 2021 में बड़ी संख्या में नए क्रिप्टो निवेशक बाजार में आए, एथेरियम, बिटकॉइन और शीबा इनु जैसे कई सिक्कों ने उनके नाम का फायदा उठाया। ब्लॉकचेन तकनीक बिटकॉइन जैसे सिक्कों का उपयोग सुरक्षित और गुमनाम होने के लिए करती है। इनमें से कुछ सिक्के लेनदेन के मामले में अधिक निजी होते हैं। कुछ प्रमुख निजी करेंसी उपयोगकर्ताओं की पहचान और गतिविधियों को छुपाकर रखते हैं।
Monero (XMR): मोनेरो एक लोकप्रिय टोकन है जो मुख्य रूप से उपयोगकर्ताओं को गुमनाम करने में मदद करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। कई अन्य टोकन की तुलना में एक्सएमआर में लेनदेन का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि वे रिंग सिग्नेचर का उपयोग करते हैं। ये विधियां किसी भी प्रकार के लेनदेन के लिए उपयोगकर्ता की पहचान छुपाकर सुरक्षित बबल प्रदान करती हैं। CoinMarketCap के अनुसार 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक XMR 240.68 अमेरिकी डॉलर पर कारोबार कर रहा था।
Dash coin: डैश एक और क्रिप्टोक्यूरेंसी है जो अपने उपयोगकर्ताओं को गुमनामी प्रदान करता है। डैश सिक्का अपने व्यापारियों को लेनदेन निजी हैं या नहीं यह चुनने की अनुमति देता है। इसकी PrivateSend सुविधा उपयोगकर्ताओं को कुछ देशों के नियामक मानकों के खिलाफ सिक्कों का उपयोग करते समय सुरक्षित रहने की अनुमति देता है।CoinMarketCap के अनुसार 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक डैश 192.56 अमेरिकी डॉलर पर कारोबार कर रहा था।
Zcash (ZEC): Zcash खुद को मार्केट लीडर बिट कॉइन की तुलना में अधिक उन्नत टोकन होने का दावा करता है। अपनी बढ़ी हुई सुरक्षा और गोपनीयता सुविधाओं को रेखांकित करते हुए, ZEC दुनिया में डिजिटल मुद्रा का सबसे सुरक्षित रूप होने का दावा करता है। जीरो-नॉलेज प्रूफ क्रिप्टोग्राफिक टूल को लागू कर प्रतिभागियों को लेनदेन को ढालने का विकल्प प्रदान करता है। ZEC को सही मायने में सर्वश्रेष्ठ निजी क्रिप्टोकरेंसी में से एक माना जाता है। CoinMarketCap के अनुसार, 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक Zcash USD 256.42 पर कारोबार कर रहा था।
Verge (XVG): Verge अभी तक एक और निजी सिक्का है जो उपयोगकर्ता की पहचान छुपाता है। हालांकि, XVG उपयोगकर्ताओं की पहचान की सुरक्षा के लिए क्रिप्टोग्राफ़िक तकनीकों के बजाय द ओनियन राउटर (टीओआर) और अदृश्य इंटरनेट प्रोजेक्ट (I2P) की मौजूदा और परीक्षण की गई तकनीक का उपयोग करता है। CoinMarketCap के अनुसार 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक Verge USD 0.02464 पर कारोबार कर रहा था।
Beam:Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख ये एक टोकन है जो मुख्य विशेषताओं के साथ सुरक्षा पर बहुत अधिक केंद्रित है जिसमें उपयोगकर्ता की गोपनीयता पर पूर्ण नियंत्रण शामिल है। बीम पर सभी लेन-देन का डिफ़ॉल्ट रूप से निजी होने का दावा किया जाता है। ब्लॉकचेन कोई पता या अन्य निजी जानकारी संग्रहीत नहीं करता है।
अधिक निजी क्रिप्टोकरेंसी
- Grin
- Horizen (ZEN)
- ByteCoin (BCN)
- Firo (FIRO)
- Super Zero Protocol (SERO)
- BTCX India
- UCoin
- Delta
बिटकॉइन जैसे बड़े सिक्के अधिकारियों द्वारा आसानी से खोजे जा सकते हैं, ऊपर बताए गए निजी सिक्के डेटा को सुरक्षित रखने का दावा करते हैं। सभी शीर्ष निजी सिक्के कई हैकिंग प्रयासों को भी रोकते हैं। हालांकि, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और नियामकों द्वारा ऐसे सिक्कों के बड़े लेन-देन किए जाने वाले लोगों की जांच कर सकता है। बड़े लेनदेन करते समय पहचान छिपाकर रखना चिंता का विषय है। भारत सरकार अब इन सिक्कों पर प्रतिबंध लगाने और आरबीआई के डिजिटल पैसे को स्थापित करने पर विचार करेगी।
Exclusive: क्रिप्टो टैक्स से जुड़ी बड़ी खबर, जल्द नोटिफिकेशन जारी कर सकती है सरकार
आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव ने कहा कि वर्चुअल दुनिया में डिजिटल करेंसी का परिचालन होने से जरूरी है कि इसके कारण पैदा हो रही चुनौतियों से निपटनेके लिए वैश्विक प्रयास हों।
- क्रिप्टोकरेंसी की वजह से पैदा हो रही चुनौतियां: आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव।
- चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर कदम उठाने की जरूरत: अजय सेठ।
- भारत ने एक तरह के वैश्विक नियमन पर काम करना शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर सकती है। ईटी नाउ स्वदेश को सूत्रों से मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के अनुसार वित्त मंत्रालय इसी महीने नोटिफिकेशन जारी कर सकती है। इस नोटिफिकेशन में सरकार क्रिप्टो टैक्स (Crypotcurrency Tax) से कुछ ट्रांजैक्शंस को बाहर कर सकती है। फिलहाल क्रिप्टो टैक्स से बाहर करने के ट्रांजैक्शंस प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है।
सरकार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करने वाले हॉस्पिटल्स को इससे बाहर कर सकती है। इसके साथ ही बैंक, डिजिटल कार्ड्स के रिवॉर्ड भी क्रिप्टो टैक्स से बाहर हो सकते हैं।
बजट में हुआ था ऐलान
1 फरवरी 2022 को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऐलान किया था कि क्रिप्टो पर टैक्स लगाने की घोषणा की थी। डिजिटल करेंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का ऐलान किया गया था। यानी सरकार ने क्रिप्टो पर बैन नहीं लगाया था, बल्कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी का टैक्स लगाने का ऐलान किया था।
क्रिप्टोकरेंसी पर भारत का रुख
उल्लेखनीय है कि भारत ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सजग रुख अपनाया हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कई बार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी चिंता व्यक्त कर चुका है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी वृहद आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़े खतरे की तरह है।
अजय सेठ ने जानकारी दी कि, 'हमने इस मुद्दे पर न सिर्फ घरेलू संस्थागत हितधारकों, बल्कि वर्ल्ड बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसे ग्लोबल संगठनों की सलाह भी ली है। उन्होंने कहा कि भारत पूरी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
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