मार्जिन क्या है?

ड्रिल बिट में मार्जिन क्या होती है ?
ड्रिल बिट में मार्जिन क्या होती है ? ड्रिल एंगल गेज का कोण होता है ड्रिल बिट के प्रकार सामान्य प्रयोजन ड्रिल का हेलिक्स कोण क्या है? ड्रिल बिट में हेलिक्स कौन किस कौन से निर्धारित होता है Drill ka cutting angle kitna hota hai Drill angle chart Helix angle of drill for soft material Center drill angle
फ्ल्यूट के किनारे-किनारे ड्रिल की पूरी लम्बाई में एक चमकदार धारी-सी बनी होती है, इसे मार्जिन कहते हैं। सुराख करते समय यही भाग जॉब के सम्पर्क में आता है। इसी के अनुसार ड्रिल का पूरा व्यास मापा जाता है।
बॉडी क्लीयरैन्स Body Clearance
बॉडी पर मार्जिन के अतिरिक्त जो उभरा हुआ भाग रहता है, वह बॉडी क्लीयरैन्स कहलाता है। इसका व्यास मार्जिन की अपेक्षा कुछ कम होता है। इस प्रकार यह सुराख करते समय जॉब की सतह से रगड़कर नहीं चलता है तथा ड्रिल को गर्म होकर खराब होने से बचाता है।
वैब Web
ड्रिल के अक्ष पर फ्ल्यूट्स के मध्य की जो उभरी मोटाई शेष रहती है, उसे वैब कहते हैं।
प्वॉइण्ट Point
डिल का नीचे का भाग प्वॉइण्ट कहलाता है। यह कोण के रूप में बना होता है। इसका कोण अलग-अलग धातु के लिए अलग-अलग रखा जाता है। इसका प्वॉइण्ट 118° के कोण पर साधारणत: ग्राइण्ड किया जाता है। प्वॉइण्ट का सूक्ष्म विश्लेषण करने पर उसे निम्न चार भागों में बाँटा जा सकता है
लिप Lip
डिल की काटने वाली धार ही लिप कहलाती है। यह धार ड्रिल के प्रत्येक फ्ल्यूट के साथ होती है। लिप की लम्बाई व कोण एक बराबर रहना चाहिए, अन्यथा सुराख सही नहीं होता है।
लिप क्लीयरैन्स Lip Clearance
काटने वाली धार के पिछले भाग को एक विशेष कोण पर ग्राइण्ड किया जाता है, यही लिप क्लीयरैन्स कहलाता है। यह कोण कठोर धातुओं में सुराख करने के लिए कम तथा नर्म धातुओं में सुराख करने के लिए अधिक रखा जाता है। सामान्य रूप से यह कोण 8 से 15 तक रखा जाता है। इस कोण के कारण मार्जिन क्या है? ही कटिंग एज धातु काटती है तथा पिछला भाग धातु के सम्पर्क में नहीं आने पाता।
व्यापार मार्जिन पर सरकार ने लगाया कैप, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के 54% तक घटेंगे दाम
ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटरों के व्यापार मार्जिन युक्तिकरण (टीएमआर) की वजह से आयातित उत्पादों पर होने वाले गैर वाजिब मुनाफा मार्जिन को खत्म करके उपभोक्ताओं को राहत देने की कोशिश की गई है.
अशोक सिंघल
- नई दिल्ली,
- 11 जून 2021,
- (अपडेटेड 11 जून 2021, 11:46 PM IST)
- ट्रेड मार्जिन पर लगाया गया कैप
- ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के घटे दाम
राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 3 जून, 2021 को जारी अधिसूचना के माध्यम से ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर वितरक के लिए तय की गई कीमत (पीटीडी) पर व्यापार मार्जिन 70 प्रतिशत तक सीमित कर दिया है, यानी कि मार्जिन पर कैप लगा दिया है. इसी क्रम में, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटरों के कुल 104 मैन्युफैक्चरर ने 252 ब्रांडों के लिए नया रिवाइज्ड एमआरपी जमा किया है.
संबंधित 70 ब्रांडों के मूल्य में 54 प्रतिशत तक की कमी के बाद एमआरपी में 54,337 रुपये प्रति इकाई की कमी आई है. इसके अलावा 58 ब्रांडों की कीमतों में 25 प्रतिशत तक और 11 ब्रांडों की कीमत में 26-50 प्रतिशत तक कमी दर्ज की गई है. 252 उत्पादों में से 18 उत्पादों की कीमतों में कोई गिरावट नहीं आई है.
इस प्रकार, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटरों के ट्रे़ड मार्जिन रेशनलाइजेशन (टीएमआर) की वजह से उत्पादों पर होने वाले गैर वाजिब मुनाफा मार्जिन को खत्म करके उपभोक्ताओं को राहत देने की कोशिश की गई है.
एमआरपी में सबसे ज्यादा गिरावट इन श्रेणियों में देखी गई है :
पोर्टेबल- 5 एलपीएम (80 उत्पादों में से 19 में)
पोर्टेबल- 10 एलपीएम (32 उत्पादों में से 7 में)
स्टेशनरी- 5 एलपीएम (46 उत्पादों में से 19 में)
स्टेशनरी- 10 एलपीएम (27 उत्पादों में से 13 में)
सभी ब्रांडों के लिए तय की गई नई एमआरपी 9 जून, 2021 से प्रभावी हैं और सख्त निगरानी व लागू करने के लिए राज्य औषध नियंत्रकों के साथ डिटेल साझा कर दिए गए हैं. एनपीपीए (www.nppa.gov.in) की वेबसाइट पर संबंधित निर्देश मौजूद हैं.
उपलब्धता की निगरानी के क्रम में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटरों के मैन्युफैक्चरर या आयातकों को मासिक स्टॉक विवरण जमा करने के निर्देश दिए गए हैं.
नेट प्रॉफिट मार्जिन क्या है? What Is Net Profit Margin In Hindi
किसी भी कंपनी का Analysis करने में financial मार्जिन क्या है? ratios बहुत ज़रूरी होते हैं। financial ratios की हेल्प से हम आसानी से कंपनी का कम्पैरिजन कर पाते हैं। हम इस article में ऐसे ही एक इम्पॉर्टेंट फाइनेंशियल रेशियो – ‘नेट प्रॉफिट मार्जिन’ को जानेंगे। हम जानेंगे कि Net Profit Margin क्या होता है यह कैसे कैलकुलेट होता है और हमें इसे कैसे इस्तेमाल करना चाहिए।
नेट प्रॉफिट मार्जिन क्या होता है?
नेट प्रॉफिट मार्जिन एक फाइनैंशल रेशियो है जो हमें यह बताता है कि एक कंपनी अपने रेवेन्यू पर कितना नेट प्रॉफिट बना रही है और हम इसे अक्सर पर्सेंट(%) मार्जिन क्या है? में दिखाते है।
Example के लिए अगर एक कंपनी का Net Profit Margin 15% है तो इसका मतलब है कि यह कंपनी अपने टोटल रेवेन्यू पर 15% का प्रॉफिट बना रही है। जैसे अगर कंपनी का रेवेन्यू 100 करोड़ रुपए है तो कंपनी उस पर 15% यानी 15 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट बना रही है।
नेट प्रॉफिट मार्जिन को कैलक्यूलेट कैसे करे?
नेट प्रॉफिट मार्जिन को कैलकुलेट करने का फॉर्मूला:
Net Profit margin = Net Income ⁄ Total revenue x 100
यहां पर नेट इनकम या जिसे नेट प्रॉफिट भी कहा जाता है, कंपनी का बताया साल भर का प्रॉफिट होता है। वही रेवेन्यू का मतलब होता है कि कंपनी ने साल भर में टोटल कितने रुपए के प्रोडक्ट्स या सर्विसेस sell की है और हमें ये दोनों चीजें ‘नेट इनकम’ और ‘रेवेन्यू’ कंपनी के इनकम स्टेटमेंट से मिलता है।
नेट प्रॉफिट मार्जिन की समज उदाहरण के साथ
Example के लिए मान लेते हैं कि एक ab लिमिटेड कंपनी है जिसका इनकम स्टेटमेंट कुछ इस तरह है।
ab लिमिटेड कंपनी का इनकम स्टेटमेंट
आइए हम भी ab लिमिटेड का Net Profit Margin कैलकुलेट करते हैं।
यहां पर abलिमिटेड का नेट इनकम है 42 करोड़ रुपए और टोटल रेवेन्यू हे 250 करोड़ रुपए। इस तरह ab लिमिटेड का नेट प्रॉफिट मार्जिन हो जाएगा 42 करोड़ डिवाइड बाय 250 करोड़ into 100 यानी 16.8%।
इसका मतलब है कि ab लिमिटेड अपने टोटल रेवेन्यू पर 16.8% का नेट प्रॉफिट बना रही है। या दूसरे शब्दों में कहें तो यह भी लिमिटेड अपने टोटल रेवेन्यू के 16.8% भाग को प्रॉफिट में बदल रही है।
नेट प्रॉफिट मार्जिन का उपयोग कहा पर होता है?
दोस्तो नेट प्रॉफिट मार्जिन का उपयोग आमतौर पर एक इंडस्ट्री मार्जिन क्या है? की कंपनियों को आपस में compare करने में किया जाता है।
एग्जाम्पल के लिए हम paints industry को देखते हैं। इंडियन स्टॉक मार्केट में पेंट्स की टॉप 4 कंपनियां हैं एशियन पेंट्स लिमिटेड, बर्जर पेंट्स लिमिटेड, कंसाइन नेरोलैक लिमिटेड और अक्जोनोबेल लिमिटेड।
आइए हम इन चारों कंपनियों के Net Profit Margin को फाइनैंशल ईयर 2020 के होने पर देखते हैं।
दोस्तो नेट प्रॉफिट मार्जिन को निकालने के लिए हमें चारों कंपनियों का रेवेन्यू और नेट प्रॉफिट चाहिए।
screener.net वेबसाइट से देखने पर चारों कंपनियों का रेवेन्यू और नेट प्रॉफिट फाइनेंशियल ईयर 2020 के end होने पर इसतरह हैं।
दोस्तो एशियन पेंट्स लिमिटेड का नेट इनकम है। 2654 करोड़ रुपए और रेवेन्यू है 17194 करोड़ रूपए है। इस तरह एशियन पेंट्स लिमिटेड का Net Profit Margin हो जाएगा 2654 करोड़ डिवाइडेड बाय 17194 करोड़ यानी 15.44%.
वहीं बर्जर पेंट्स लिमिटेड का नेट इनकम है 699 करोड़ रुपये और रेवेन्यू है 5692 करोड़ रुपये। ईस तरह बर्जर पेंट्स लिमिटेड का नेट प्रॉफिट मार्जिन हो जाएगा 699 करोड़ डिवाइडेड बाय 5692 करोड़ यानी 12.28%.
कंसाइ नेरोलक लिमिटेड का नेट इनकम है 535 करोड़ रुपये और रेवेन्यू है। 4 हजार 943 करोड़ रुपये। इस तरह कंसाइनमेंट रोनक लिमिटेड का Net Profit Margin हो जाएगा 535 करोड़ डिवाइडेड बाय 4943 करोड़ यानी 10.82%.
एक्जोनोबेल का नेटइनकम है 236 करोड़ रुपये और रेवेन्यू है 2662 करोड़ रुपये। इस तरह अक्जोनोबैल लिमिटेड का नेट प्रॉफिट मार्जिन हो जाएगा 237 करोड़ divided by 2662 करोड़ यानी 8.9%.
दोस्तो यहां पर चारों कंपनियां एक ही बिजनेस में हैं। पर हम चारों कंपनियों के Net Profit Margin में काफी अंतर देख सकते हैं। एशियन पेंट्स का नेट प्रॉफिट मार्जिन सबसे ज्यादा 15.44% है.
वही एक्जोनोबेल का नेट प्रॉफिट मार्जिन सबसे कम 8.90% पर्सेंट ही है। इसका मतलब है कि एशियन पेंट्स लिमिटेड बाकी पेंट्स कंपनियों के कंपैरिजन में अपने रेवेन्यू से सबसे ज्यादा प्रॉफिट बनाती है वहीं एक्जोनोबेल लिमिटेड बाकी पेंट्स कंपनी के कंपैरिजन में अपने रेवेन्यू से सबसे कम प्रॉफिट बनाती है।
कंपनी का नेट प्रॉफिट मार्जिन ज्यादा या कम होने का कारन
दोस्तो किसी इंडस्ट्री में ही कंपनी का नेट प्रॉफिट मार्जिन मुख्यत्व दो वजहों से ज्यादा हो सकता है. या तो कंपनी अपने प्रोडक्ट से सर्विसेज को दूसरी कंपनी के कंपैरिजन में ज्यादा प्राइस पर सेल कर रही है या फिर दूसरा कंपनी के टोटल खर्च दूसरी कंपनी के कंपैरिजन में कम है।
वजह चाहे कोई भी हो अगर कंपनी का नेट प्रॉफिट मार्जिन लंबे समय से लगातार अपनी इंडस्ट्री की दूसरी कंपनी से ज्यादा है तो इसके चांसेस बहुत हाई हैं कि वो कंपनी अपने बिजनेस में काफी स्ट्रॉन्ग है। हमें ऐसी कंपनियों का अच्छे से एनालिसिस करना चाहिए। क्योंकि ऐसी कंपनियां लॉन्ग टर्म में अच्छी इनवेस्टमेंट हो सकती हैं।
नेट प्रॉफिट मार्जिन से करें दमदार शेयरों की पहचान
दोस्तो हमें कंपनी के पिछले 5 से 7 साल के नेट प्रॉफिट मार्जिन को देखकर भी काफी चीजें समझ सकते हैं। अगर कंपनी का Net Profit Margin पिछले 5 से 7 सालों में लगातार कम हो रहा है तो इसका मतलब है कि कंपनी अपने बिजनेस में कमजोर होती जा रही है और हमें यह पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है।
वहीं अगर कंपनी का Net Profit Margin पिछले 5 से 7 सालों में लगातार बढ़ा है और साथ ही अगर कंपनी का नेट प्रॉफिट मार्जिन अपनी इंडस्ट्री की दूसरी कंपनी से मार्जिन क्या है? अच्छा है तो इसका मतलब है कि कंपनी अपने बिजनेस में स्ट्रॉन्ग होती जा रही है और आगे मार्जिन क्या है? चलकर एक अच्छा इनवेस्टमेंट साबित हो सकती है। इसलिए हमें ऐसी कंपनी के एनालिसिस में ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
निष्कर्ष
तो दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल नेट प्रॉफिट मार्जिन के ऊपर। इसमें हमने जाना कि Net Profit Margin क्या होता है, यह कैसे कैलकुलेट होता है और हम इसे कैसे इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे जरूर शेयर कीजिए। अगर आप इस मुद्दे से रिलेटेड कोई भी सवाल करना चाहते हैं तो उसे नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।
Gutter margin क्या है?
(A) वह मार्जिन (margin) जो की छपाई (printing) के दौरान बाई मार्जिन मे जोड़ा जाता है ।
(B) वह मार्जिन (margin) जो की छपाई (printing) के दौरान दाई मार्जिन मे जोड़ा जाता है ।
(C) वह मार्जिन (margin) जो की छपाई (printing) के दौरान पेज के बंधन पक्ष (binding side) मे जोड़ा जाता है । मार्जिन क्या है?
(D) वह मार्जिन (margin) जो की छपाई (printing) के दौरान पेज के बाहर (outside) जोड़ा जाता है ।
वह मार्जिन (margin) जो की छपाई (printing) के दौरान पेज के बंधन पक्ष (binding side) मे जोड़ा जाता है ।