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बाजार अनुसंधान

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उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान बाजार अनुसंधान सोसाइटी एक्ट के तहत होगी पंजीकृत

उद्योगविभाग के अंदर काम करने वाली उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान का पंजीयन सोसाइटी रजिस्ट्रेशन के तहत करवाया जाएगा। सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है। लेकिन, वर्तमान में इस संस्थान में बाजार अनुसंधान कार्यरत सभी कर्मचारी, राज्य सरकार के कर्मचारी ही माने जाएंगे। साथ ही इन कर्मचारियों पर वहीं सेवा शर्तें लागू होगी, जो सोसाइटी एक्ट लागू होने से पहले की है। राज्य में हस्तशिल्प के विकास, अध्ययन, शोध, संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए राज्य सरकार बाजार अनुसंधान ने इस संस्थान का स्थापना 1956 में किया था। लेकिन जिस तरह से हस्तशिल्प बाजार की स्थिति बदली है, उसे देखते हुए इस संस्थान को प्रोफेशनल तरीके से चलाने के लिए की मांग उठती रही है। सरकार भी हस्तशिल्प क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा के कारण राज्य के हस्तशिल्पियों की अधिक से अधिक मदद देने के लिए इस संस्थान को और अधिक स्वायत्तता देना चाह रही थी।

उद्योग विभाग के प्रधान सचिव डाॅ. एस सिद्धार्थ ने कहा कि हस्तशिल्प बाजार में प्रतिस्पर्द्धा बढ़ी है। हस्तशिल्पियों को सरकार प्रशिक्षण से लेकर बाजार की खोज में मदद और कच्चे मालों की आपूर्ति आसानी से करवाना चाह रही है। सोसाइटी एक्ट बाजार अनुसंधान के तहत पंजीयन होने से यह संस्थान और प्रोफेशनल रुप से काम बाजार अनुसंधान करेगी।

देश का पहला बाजरा अनुसंधान संस्थान।

भारत का पहला बाजरा अनुसंधान संस्थान राजस्थान में खुलने जा रहा है। राजस्थान में बाजरे का सर्वाधिक उत्पादन देखते हुए यह संस्थान बाड़मेर में खुलेगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने इसके लिए 100 एकड़ जमीन की मांग की है। वर्तमान में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से सिर्फ जोधपुर में अखिल भारतीय समन्वित बाजरा अनुसंधान परियोजना है। इसके अंदर भारत में कुल 13 केंद्र कार्य कर रहे हैं।

बाजरा उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान देश में पहले नंबर पर।

देश में बाजरे के कुल उत्पादन का 42% उत्पादन राजस्थान में होता है। भारत में कुल 9.8 मिलियन हेक्टेयर में बाजरा बोया जाता है जिसका उत्पादन लगभग 9.4 मिलियन टन है। जिसमें से अकेले राजस्थान में 3.75 मिलियन टन का उत्पादन होता है। जो कि देश के कुल उत्पादन का 42% हिस्सा है। राजस्थान में भारत का कुल 56% क्षेत्रफल में बाजरा बोया जाता है।

देश का पहला बाजरा अनुसंधान संस्थान।

बाजरा अनुसंधान संस्थान का यह होगा फायदा।

बाजरा अनुसंधान संस्थान से प्रदेश में बाजरे के बीज तथा उत्पादन को लेकर स्वावलंबी बनने की और बड़ा कदम होगा। बाजरा अनुसंधान संस्थान खोलने से बाजरे की जैव विविधता उच्च होगी। बाजार अनुसंधान गुणवत्ता युक्त उचित दाम मिल सकेंगे। प्रमाणित बीज, मूल्य संवर्धन आधारित बाजरा बीज जैविक प्रमाणीकरण संस्थान, बीजों के व्यापार संबंधित उद्योग, कृषि आधारित कुटीर उद्योग का विकास होगा। जिससे ना केवल राजस्थान बल्कि हरियाणा यूपी मध्य प्रदेश के किसानों को भी फायदा होगा।

भारत का पहला बाजरा अनुसंधान संस्थान।

भारत का पहला बाजरा अनुसंधान संस्थान राजस्थान के बाड़मेर जिले में खुलने जा रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर बाजार अनुसंधान से जोधपुर में अखिल भारतीय समन्वित बाजरा अनुसंधान परियोजना है। बाजरा अनुसंधान संस्थान से प्रदेश में बाजरे के बीज तथा उत्पादन को लेकर स्वावलंबी बनने की और बड़ा कदम होगा।

SEBI ने शंकर डे की अध्यक्षता में अनुसंधान सलाहकार समिति का गठन किया

SEBI ने शंकर डे की अध्यक्षता में अनुसंधान सलाहकार समिति का गठन किया |_40.1

बाजार नियामक भारतीय सुरक्षा और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक अनुसंधान सलाहकार बाजार अनुसंधान समिति का गठन किया है जो पूंजी बाज़ार के विकास और नियमन के लिए अनुसंधान को प्रासंगिक बनाने के लिए नीति बनाने में सहायता करेगी. सेबी के अनुसार, समिति में प्रमुख वित्तीय अर्थशास्त्री और बाजार व्यवसायी शामिल होंगे. इसकी अध्यक्षता शंकर डे करेंगे.

सेबी के एक बयान में कहा गया है, “अपने अनुसंधान कार्य को मजबूत करने और नीति निर्माण के लिए अपने संबंध को बढ़ाने के लिए, सेबी ने एक ‘अनुसंधान सलाहकार समिति’ का गठन किया है.” समिति का एक बाजार अनुसंधान अन्य प्रमुख कार्य पूंजी बाजार विनियमन अनुसंधान के लिए डेटाबेस को संभालना होगा.

उपरोक्त समाचार से IBPS Clerk Mains परीक्षा 2018 के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

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