इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें

Intraday Trading कैसे work करता है :
इंट्राडे ट्रेडिंग उनके लिए है जो सौदा को एक ही दिन के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें खरीद -बेच करते हैं उन्हें शेयर को होल्ड नहीं करना होता है चाहे फ़ायदा हो या नुकसान वो सौदा को होल्ड नहीं करते है इन्हे जोखिम लेना इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें पसंद होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होगी जो आप निचे दिए गए लिंक के सहारे ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं।
Intraday trading account खोलने के लिए यहाँ क्लिक करें।
जैसा कि नाम से ही मालूम होता है कि यह “एक दिन का सौदा” है यानि को आपको एक दिन के पुरे ट्रेडिंग सेशन में शेयर को ख़रीदा व् बेचा जाता है उसे अगले दिन के लिए होल्ड नहीं किया जाता हैं। SEBI के द्वारा आपको intraday के लिए आपको मार्जिन दिया जाता हैं जिस शेयर आपको खरीदना या बेचना है उसके वैल्यू का आपके पास 25% का बैलेंस होना चाहिए। इंट्राडे ट्रेडिंग का ब्रोकरेज डेलिवरी ट्रेडिंग के मुकाबले कम है
Intraday trading करते समय आपको MIS option सेलेक्ट करके ट्रेडिंग करना पड़ता है इस सेक्शन में आपके द्वारा खरीदा या बेचा गया माल आपको Square Off करना होता है। अर्थात आपके ट्रेडिंग अकाउंट में शेयर की संख्या को शून्य करना होता हैं चाहे आप शेयर buy या sell किये हों नहीं तो आपका ब्रोकरेज हाउस मार्केट के क्लोज होने के कुछ समय पहले आपके शेयर को auto Square Off कर देता हैं यानी की आपके द्वारा बेचा या ख़रीदा गया शेयर को आपके ट्रेडिंग अकाउंट में quantity शून्य कर देता है शेयर को खरीद या बेच कर।
17 Intraday Trading Tips |17 इंट्राडे ट्रेडिंग फार्मूला:
- Highly volatile स्टॉक में Intraday Trading नहीं करना चाहिए। .
- टी ग्रुप (टी २ टी )NSE पर BE ग्रुप में इंट्राडे ट्रेड नहीं होता है इसमें कोई शेयर buy करने पर compulsory delivery लेना पड़ता है।
- मार्किट में अगर आप शार्ट सेल्लिंग करते हैं तो उसे मार्केट क्लोज होने से पहले स्क्वायर ऑफ करना पड़ता है अगर आप square off नहीं कर पाते हैं तो आपको ऑक्शन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसमें आपको भारी penalty देना पड़ सकता हैं।
- बाजार के मूड के साथ ट्रेड लें अगर बाजार अपट्रेंड में हो तो long करें ,अगर downtrend में हो तो short करें।
- सही समय का इंतज़ार करे ,जल्दबाज़ी में शेयर न बेचें।
- stop loss का मजबूती के साथ पालन करें।
- इंट्राडे करने से पहले 10 लिक्विड शेयर्स का चयन कर उसपर ग्राफ,RSI ,और भी तकनीकी से स्टडी करें और अपनी योजना बनायें।
- अधिकांशतः लार्ज कैप के शेयर में ही इंट्राडे करें क्योकि उसने ट्रेडिंग जयादा होती हैं।
- ग्राफ का स्टडी 15 ,10 और 5 मिनट के टाइम फ्रेम के ऊपर स्टडी करें की आपका इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें स्टॉक किस पैटर्न पर वर्क करता है ,कहाँ रेजिस्टेंस है कहाँ सपोर्ट लेवल है। स्टॉप लोस्स कहाँ लगाना है।
- प्रॉफिट किस लेवल पर लेना है या कितना प्रतिशत पर सौदा काटना है पलहे से ही निर्धारित करें ,लालच में न पड़ें।
- स्टॉक के खबरों पर विशेष नज़र रक्खे जैसे बोनस , स्प्लिट,डिविडेंट ,रिजल्ट।
- इंट्राडे करते समय योजना के अनुसार कार्य करें इमोशनल न हो धैर्य से काम लें।
- इंट्राडे करते समय सजग रहें और शेयर को वाच करते रहें अगर आपके अनुमान के उल्टा शेयर जा रहा हो तो तुरंत शेयर से निकल जाएँ।
- बाजार के तुरंत खुलने व् बंद होने से 30 मिंट पहले इंट्राडे न करें क्योकि उस समय वोलैटिलिटी बहुत ज्यादा होती है।
- अगर आपके पास होल्डिंग में शेयर पड़ा है तो उससे भी आप इंट्राडे कर सकते है केवल downtrend के समय आप अपना होल्डिंग शेयर बेंच दें और जब वह शेयर और भी निचे गिरकर चला जाये तो आप उसे buy के ले इस तरह इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें आप को शेयर के खरीद व् बेच के बीच के अंतर का आपको फायदा हो जायेगा और शेयर भी आपके पास पड़ा रहेगा।
- इंट्राडे में छोटे प्रॉफिट पर धयान दें ज्यादा के लालच में न पड़े।
- overbought/oversold जोन को देखकर buy और sell करें।
Disclaimer:
आपका निवेश जोखिम के अधीन हैं इस पृष्ठ में निहित जानकारी ,नियम ,शर्त ,टिप्स केवल आपको समझने के लिए हैं न कि आपको निवेश के लिए बाध्य करता है आपका निवेश आपकी समझ और आपकी अपनी जिम्मेदारी पे निर्भर है न की किसी दूसरे पर।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें
If you have any interest in trading and investment, it would be hard not to look into cryptocurrency trading. Cryptocurrencies such as bitcoin, Ethereum, Litecoin, and over 25 other digital assets have excited investors with the possibility of substantial profits and an entirely new way of thinking about what a currency is and how it works.
To start trading cryptocurrencies with us, follow these simple steps:
Step 1. Create a profile
Sign up on our site, confirm your email address, and start a trading account. In some cases, you may also need to complete the verification process.
Step 2. Choose the platform
Choose whether you want to use the MetaTrader 4 or MetaTrader 5 platform to trade. MetaTrader 4 is the long-established and arguably the best standard for pure Forex trading, while MetaTrader 5 allows you to better set up your trading preferences. Research both and see which suits you best.
Step 3. Make your first deposit
Once your email and identity are verified, you can add funds to your trading account. Don’t forget that adding funds allows you to get a 50% deposit bonus and maximise your potential profit.
Step 4. Download the crypto trading system
Download the appropriate desktop or mobile MetaTrader app, and sign in with your trading account number, which you have received after the account registration in steps 1 and 2.
Step 5. Add cryptocurrencies to the asset lists
In order to start trading cryptocurrencies within the MetaTrader systems, you need to add them into the asset list:
Desktop: right-click on Market Watch and select Show All
Mobile: press +, select Crypto, and then choose the currencies you want to trade.
What you need to know about trading cryptocurrency
Trading cryptocurrency pairs don't require any specific knowledge. It's not that different from trading Forex, commodity, or other markets. Despite the asset's unusual nature, the crypto price rises and falls just like any other currency, stock, or commodity. As the crypto market is also affected by predictable external factors, you have the opportunity to make a substantial profit.
You can trade bitcoin, Ethereum, Litecoin, Bitcoin Cash, Ripple, and 25 other pairs with us 24/7. However, there is server maintenance when trading is unavailable from 12:00 a.m to 2:00 a.m. on Saturday and 3:30 a.m. to 4:इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें 00 a.m. on Sunday. In addition, you'll be able to get our free trading signals plugin that offers detailed technical analysis and some of the best crypto price predictions in the market.
Low costs and buying power
A sensible approach to any sort of investment is to minimise initial outlay while maximising the इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें potential for profit. Our service will set you up well in this regard by offering some of the lowest spreads in the business and the opportunity इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें to trade micro lots as small as 0.01 lot. So you don’t need a huge initial outlay to profit from bitcoin, Litecoin, Ethereum, Bitcoin Cash, Ripple, or any of our other digital assets.
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Don’t miss the perfect moment
When investing in something as volatile as cryptocurrency, maximising your profit relies on buying and selling with pinpoint accuracy the second the market offers the most potential. We allow you to do this thanks to some of the fastest execution on the market.
Buy and sell for the price you see, with no delays, and make deposits and withdrawals instantly.
How to predict the biggest cryptocurrencies’ price
So now that you’re fully briefed on trading cryptocurrencies, it’s time to learn more about the currencies we offer.
Bitcoin
Bitcoin is the first digital currency, created back in 2009. Bitcoin is one of the most volatile and popular instruments among cryptocurrencies.
Bitcoin Cash
Bitcoin Cash, a fork of Bitcoin, is an altcoin that was issued in 2017. Intraday traders usually focus on Bitcoin Cash during the Tokyo and London trade sessions, when it’s most volatile.
Ethereum
Ethereum is a system that supports smart contract technologies to invest in the ICOs of new start-up companies. The more start-ups are interested in Ethereum, the more expensive it becomes. Technical analysis figures work well with Ethereum.
Litecoin
Litecoin was first issued in 2011 and is quite similar to Bitcoin. The Litecoin price greatly depends on Bitcoin. That makes it possible to use the pairs with Bitcoin as the main currency to successfully forecast Litecoin changes.
Ripple
Ripple, often referred to as XRP, was released in 2012 and since then it became one of the largest cryptocurrencies. It demonstrates decent volatility, which attracts many day traders.
शेयर बाजार में कैसे निवेश करें
एंजल ब्रोकिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें लॉन्ग पोजीशन दर्शाती है कि मार्केट में आपके दृष्टिकोण के हिसाब से तेजी है। अपने विश्लेषण करने के बाद यदि आपको लगता है कि मार्केट मौजूदा पोजीशन से ऊपर जाएगी तो आपको निफ़्टी, बैंक निफ़्टी या सेंसेक्स या स्टॉक खरीदने चाहिए।
आइए इसको एक उदाहरण के साथ समझे मान लीजिए निफ़्टी 13500 पर है और आप यह सोचते हैं कि यह अभी और ऊपर जाएगा। इस परिदृश्य में आप निफ्टी या अपनी पसंद का स्टॉक खरीदेंगे।
शार्ट पोजीशन का अर्थ है कि मार्केट में आपके दृष्टिकोण के हिसाब से मंदी है और आप यह सोचते हैं की करंट पोजीशन से मार्केट नीचे जाएगी।
उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं कि निफ्टी 13500 पर है (12-12- 2020) और विश्लेषण करने के बाद आप यह मान लेते हैं कि अगले कुछ दिनों में या उसी दिन यह 13000 तक गिर जाएगा। तब इस परिदृश्य में आप निफ्टी बेचकर शार्ट पोजीशन लेते हैं। वैसे, शार्ट पोजीशन का अर्थ यह है कि आप सेल साइड पर हैं।
ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस बहुत महत्वपूर्ण है। असल में, अक्सर यह कहा जाता है कि स्टॉप लॉस ट्रेडिंग में आपका मित्र हैं। आप यह निश्चित नहीं कर सकते कि स्टॉक मार्केट आपको कितना लाभ देगा परंतु आप यह अवश्य ही निश्चित कर सकते हैं कि आप कितना हारने को तैयार हैं।
नीचे दिए गए उदाहरण के द्वारा मैं आपको यह दर्शाने की कोशिश कर रहा हूं की स्टॉप लॉस का शेयर बाजार में कितना महत्व है।इस समय भारतीय स्टेट बैंक का शेयर प्राइस ₹272.45 पैसे है और हम यह मान लेते हैं की मेरे दृष्टिकोण के अनुसार यह और ऊपर जाएगा और अगले कुछ दिनों में एसबीआईइन शेयर का भाव ₹300 पहुंचेगा। इस दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए मैंने एसबीआई के 100 शेयर बिना स्टॉप लॉस के खरीदें।
परंतु अचानक मार्केट में क्रैश आने के कारण शेयर प्राइस ₹300 को छूने की बजाय ₹50 घटकर ₹222.45 पैसे पर रुक गया। अब 2755 रुपए कमाने की बजाए (मैंने सोचा था की शेयर की प्राइस ₹27.55 पैसे तक बढ़ जाएंगे, ₹27.50 पैसे x 100 शेयर्स) मुझे ₹5000 का नुकसान हुआ (₹50 x 100 शेयर के मूल्य में गिरावट)।
इसी प्रकार इसी ट्रेड में यदि मैंने ₹10 के स्टॉप लॉस के साथ ट्रेड से एग्जिट करना निश्चित किया होता तो उसका अर्थ यह होता कि यदि एसबीआई के प्राइस ने ₹265.45 पैसे को छुआ होता तो मैं एग्जिट हो गया होता और मुझे केवल ₹1000 का नुकसान होता।
इस ट्रेड को मैं अधिकतर आदर्श 1:3 जोखिम और इनाम अनुपात में करता।ऊपर दिए गए उदाहरण के द्वारा हमने यह सीखा कि कैसे स्टॉप लॉस ऑर्डर की मदद से शेयर मार्केट में होने वाले नुकसान को हम सीमित कर सकते हैं।
इसलिए ट्रेड शुरू करने से पहले एक क्लियर टारगेट और स्टॉपलॉस निश्चित कीजिए और उस प्राइस पर सख्ती से एग्जिट कीजिए।
मेरा यह मानना है कि अब आप शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए तैयार हैं। यह आप जैसे उन सभी लोगों के लिए पूर्ण रूप से मार्गदर्शक है जो यह जानना चाहते हैं कि शेयर बाजार में निवेश कैसे कर सकते हैं और कैसे ट्रेडिंग कर सकते हैं।
आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? कैसे करें ऑनलाइन ट्रेडिंग
What is trading account in hindi
- ऐसे खोले ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट
- Trading Account ऐसे करता है काम
- ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे?
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है: शेयर बाजार में निवेश करने या फिर ट्रेडिंग करने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है।
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से यही शेयर को खरीदा और बेचा जाता है। इसमें ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें अपने Buy या Sell करने के आर्डर को ब्रोकर को कॉल करके बता देता है। या फिर ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से खुद ही अपना आर्डर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें करता है।
ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग में ट्रेडर्स ब्रोकर के माध्यम से ही शेयर को खरीदता और बेचता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग में ट्रेडर ब्रोकर की वेबसाइट की सुविधा के द्वारा इस प्रक्रिया को करता है। इसके लिए ट्रेडर को KYC और ट्रेडर का रजिस्ट्रेशन का फॉर्म भरना होता है। इसके बाद ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग का अकाउंट खुल जाता है। इसके बाद ब्रोकर अपने ग्राहक को एक यूजर आईडी और पासवर्ड देता है। इसको डाल कर ट्रेडर लॉगिन करके शेयर को खरीद या बेच सकता है। ट्रेडिंग एकाउंट को डीमैट अकाउंट से जोड़ दिया जाता है जिससे शेयर खरीदे जाने पर वह डीमैट अकाउंट में चला जाता है।
ऐसे खोले ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट
ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बेहद आसान प्रक्रिया है। इसके लिए ब्रोकर की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए निम्नलिखित डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है। –
- पासपोर्ट साइज फोटो
- नॉमिनी की फोटो
- एड्रेस प्रूफ जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी,
- कैंसिल चेक और लेटेस्ट बैंक स्टेटमेंट
- डीमैट अकाउंट की डिटेल
Trading Account ऐसे करता है काम –
ट्रेडिंग अकाउंट में सबसे पहले निवेशक इसी ट्रेडिंग एकाउंट में पैसा जमा करता है उसके बाद जिस शेयर को खरीदना या बेचना है उसके दाम को चेक करता है और आर्डर करता है। यह आर्डर स्टॉक एक्सचेंज के पास जाता है। इस ऑर्डर को काउंटर ऑर्डर मिल जाने के बाद यह एग्जीक्यूट (Execute) हो जाता है। इस दौरान पैसे पर लगने वाले टैक्स या फिर चार्ज ट्रेडिंग अकाउंट से ही काटे जाते हैं। इसके बाद शेयर 2 दिन में डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते हैं। लेकिन यदि शेयर को बेचने का ऑर्डर किया गया रहता है तो शेयर का पैसा टैक्स और ब्रोकरेज कट होने के बाद ट्रेडिंग अकाउंट में जमा हो जाता है।
ट्रेडिंग अकाउंट होने से ऑनलाइन चैटिंग की सुविधा आसान हो जाती है शेयर को खरीद कर पैसे कटाना और बेचने पर पैसे जमा होना, यह सारी प्रक्रिया अपने आप ऑटोमेटिक होती है। इसके लिए किसी लिखित पेपर या कॉल की जरूरत नहीं पड़ती है। ऑर्डर बहुत जल्दी ही पूरा हो जाता है। मोबाइल के द्वारा भी किसी भी जगह से शेयर को खरीदा और बेचा जा सकता है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे?
ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले एक ट्रेडिंग का चयन करना होगा। जिसके साथ अपना ट्रेडिंग डिमैट अकाउंट ओपन करना होता है। शेयर मार्केट में कई प्रकार की ट्रेडिंग होती है। इसके इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विप ट्रेडिंग, पोजीशनल ट्रेडिंग आदि है। इनमें से किसी भी ट्रेडिंग का चुनाव करके ट्रेडिंग की जा सकती है।
ट्रेडिंग स्टाइल के चयन के बाद ट्रेडिंग प्लस और मनी मैनेजमेंट की बारी आती है। इसमें ट्रेडिंग प्लस में कौन सा शेयर खरीदना है और कब खरीदना है जैसी बातें शामिल होती है।
वही मनी मैनेजमेंट में कितने रुपए का निवेश करना है टारगेट क्या होगा?, ऐसी बातों का ध्यान दिया जाता है।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग को दो भागों में बांटते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग और डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग
इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर को एक ही दिन में खरीद कर उसे बेचना होता है। इसमें शेयर को वास्तविकता में नहीं खरीदा जाता बल्कि ब्रोकर को कुछ मार्जिन देखा शेयर के भाव में उतार-चढ़ाव जब आता है तो उसका फायदा उठाया जाता है। डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग में शेयर को वास्तव में खरीदा जाता है और जितने भी शेयर लिए जाते है, उनका पूरा पैसा चुकाना होता है। डिलीवरी बेस्ट ट्रेडिंग में आप शेयर को जब तक चाहे अपने पास रख सकते हैं।