शीर्ष विदेशी मुद्रा दलाल रैंकिंग

ब्रिटेन दलाल

ब्रिटेन दलाल

ब्रिटेन से भारत लाया जाएगा हथियार डीलर संजय भंडारी, मिली मंजूरी

लंदन: हथियार सौदों (arms deals) की दलाली करने वाले एवं कर चोरी के मामलों में आरोपी संजय भंडारी (Sanjay Bhandari) को बड़ा झटका लगा है. ब्रिटेन की अदालत (UK court) ने भंडारी को भारत प्रत्यर्पित (extradited to India) करने की मंजूरी दे दी है. 60 वर्षीय भंडारी के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय अधिकारियों (Indian officials) ने दो अनुरोध किए थे. पहला अनुरोध मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) से जुड़ा था, जबकि दूसरा टैक्स चोरी से संबंधित था.

जिला न्यायाधीश माइकल स्नो (District Judge Michael Snow) ने इस साल की शुरुआत में लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में मामले की सुनवाई की थी. उन्होंने अपने फैसले में कहा कि भंडारी के प्रत्यर्पपण पर कोई रोक नहीं है और उन्होंने इस मामले को ब्रिटिश गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन को भेजने का फैसला किया, जो अदालती फैसले के आधार पर प्रत्यर्पण का आदेश देने के लिए अधिकृत हैं.

यह भी पढ़ें | मुकेश अंबानी बोले- 2047 तक दुनिया की टॉप तीन अर्थव्यवस्था में भारत

अदालत ने भारत सरकार के इस आश्वासन के आधार पर यह आदेश सुनाया कि भंडारी को सुनवाई के दौरान नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में एक अलग कोठरी में संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ रखा जाएगा. भंडारी के संबंध में भारत सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोध को ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने जून 2020 में प्रमाणित किया था और उसी साल जुलाई महीने में भंडारी को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार कर लिया गया था.

ब्रिटेन दलाल

हथियार डीलर संजय भंडारी के प्रत्यर्पण को ब्रिटेन की कोर्ट ने दी मंजूरी

हथियार डीलर संजय भंडारी के प्रत्यर्पण को ब्रिटेन की कोर्ट ने दी मंजूरी

- यूपीए सरकार के समय हथियारों के सौदों में लगा था दलाली का आरोप

- भारत छोड़कर ब्रिटेन भागने पर जांच एजेंसियों ने किया था भगोड़ा घोषित

लंदन, 07 नवंबर (हि.स.)। भारत से भागा हथियार डीलर संजय भंडारी जल्द ब्रिटेन दलाल ही वापस भारत लाया जा सकेगा। ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर अदालत ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। यूपीए सरकार में उस पर हथियारों के सौदों में विदेशी कंपनियों से 400 करोड़ रुपये से अधिक की दलाली लेने का आरोप लगा था, लेकिन बाद में वह लन्दन भाग गया था।

भारत की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय हुए कुछ हथियार सौदों में विदेशी कंपनियों से 400 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान दलाली के रूप में लेने का आरोप लगा था। दुबई की कई कंपनियों में किए गए लेन-देन के दस्तावेज से संजय भंडारी पर हथियार सौदों में दलाली की बात पुष्ट भी हुई थी। इसलिए भारत में सीबीआई और ईडी की तरफ से संजय भंडारी के खिलाफ मनी लान्ड्रिंग के आरोप तय किए गए हैं।

इसी बीच वांछित संजय भंडारी जांच शुरू होते ही भारत छोड़कर भाग गया था। ब्रिटेन में होने के कारण उसे भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। इसके बाद भारत सरकार ने ब्रिटिश सरकार के समक्ष भंडारी के प्रत्यर्पण का अनुरोध प्रस्तुत किया था। 16 जून, 2020 को तत्कालीन ब्रिटिश गृहमंत्री प्रीति पटेल ने भंडारी के प्रत्यर्पण आग्रह को स्वीकार कर लिया था। इसके बाद 15 जुलाई, 2020 को प्रत्यर्पण वारंट के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।

भंडारी ने जमानत के लिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपील की थी। ब्रिटिश अदालत ने उसे 1.20 लाख पाउंड की सिक्योरिटी ब्रिटेन दलाल के साथ अपना पासपोर्ट जमा कराने, मध्य लंदन स्थित घर में नजरबंद रहने और नजदीकी पुलिस स्टेशन में रोजाना हाजिरी लगाने समेत सात शर्तों के साथ जमानत दी थी। संजय भंडारी के जमानत पर रिहा होने के बाद भारत सरकार ने ब्रिटिश अदालत से जल्द प्रत्यर्पण के आदेश देने की गुहार की थी। अब ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर अदालत ने भंडारी के प्रत्यर्पण को अनुमति दे दी है।

भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई ने भंडारी को रॉबर्ट वाड्रा के लिए बेनामी संपत्ति खरीद के लिए भी जांच के दायरे में रखा है। भारतीय जांच एजेंसी का दावा है कि भंडारी ने ही वाड्रा की ओर से लंदन में संपत्तियां खरीदीं। विदेश मंत्रालय के साथ साझा टीम भंडारी के खिलाफ सुबूतों व दस्तावेज को मजबूती से पेश करने की तैयारी कर रही है। भंडारी भारत में गोपनीयता उल्लंघन कानून में भी वांछित है। उस पर काला धन सफेद करने और टैक्स चोरी के मामले भी हैं, जिनके आधार पर प्रत्यर्पण की अपील हुई।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव मिश्र

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये यहां क्लिक करें।

ब्रिटेन दलाल

संजय भंडारी।

- यूपीए सरकार के समय हथियारों के सौदों में लगा था दलाली का आरोप

- भारत छोड़कर ब्रिटेन भागने पर जांच एजेंसियों ने किया था भगोड़ा घोषित

लंदन, 07 नवंबर (हि.स.)। भारत से भागा हथियार डीलर संजय भंडारी जल्द ही वापस भारत लाया जा सकेगा। ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर अदालत ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। यूपीए सरकार में उस पर हथियारों के सौदों में विदेशी कंपनियों से 400 करोड़ रुपये से अधिक की दलाली लेने का आरोप लगा था, लेकिन बाद में वह लन्दन भाग गया था।

भारत की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय हुए कुछ हथियार सौदों में विदेशी कंपनियों से 400 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान दलाली के रूप में लेने का आरोप लगा था। दुबई की कई कंपनियों में किए गए लेन-देन के दस्तावेज से संजय भंडारी पर हथियार सौदों में दलाली की बात पुष्ट भी हुई थी। इसलिए भारत ब्रिटेन दलाल में सीबीआई और ईडी की तरफ से संजय भंडारी के खिलाफ मनी लान्ड्रिंग के आरोप तय किए गए ब्रिटेन दलाल हैं।

इसी बीच वांछित संजय भंडारी जांच शुरू होते ही भारत छोड़कर भाग गया था। ब्रिटेन में होने के कारण उसे भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। इसके बाद भारत सरकार ने ब्रिटिश सरकार के समक्ष भंडारी के प्रत्यर्पण का अनुरोध प्रस्तुत किया था। 16 जून, 2020 को तत्कालीन ब्रिटिश गृहमंत्री प्रीति पटेल ने भंडारी के प्रत्यर्पण आग्रह को स्वीकार कर लिया था। इसके बाद 15 जुलाई, 2020 को प्रत्यर्पण वारंट के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।

भंडारी ने जमानत के लिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपील की थी। ब्रिटिश अदालत ने उसे 1.20 लाख पाउंड की सिक्योरिटी के साथ अपना पासपोर्ट जमा कराने, मध्य लंदन स्थित घर में नजरबंद रहने और नजदीकी पुलिस स्टेशन में रोजाना हाजिरी लगाने समेत सात शर्तों के साथ जमानत दी थी। संजय भंडारी के जमानत पर रिहा होने के बाद भारत सरकार ने ब्रिटिश अदालत से जल्द प्रत्यर्पण के आदेश देने की गुहार की थी। अब ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर अदालत ने भंडारी के प्रत्यर्पण को अनुमति दे दी है।

भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई ने भंडारी को रॉबर्ट वाड्रा के लिए बेनामी संपत्ति खरीद के लिए भी जांच के दायरे में रखा है। भारतीय जांच एजेंसी का दावा है कि भंडारी ने ही वाड्रा की ओर से लंदन में संपत्तियां खरीदीं। विदेश मंत्रालय के साथ साझा टीम भंडारी के खिलाफ सुबूतों व दस्तावेज को मजबूती से पेश करने की तैयारी कर रही है। भंडारी भारत में गोपनीयता उल्लंघन कानून में भी वांछित है। उस पर काला धन सफेद करने और टैक्स चोरी के मामले भी हैं, जिनके आधार पर प्रत्यर्पण की अपील हुई।

भारत के हवाले किया जाएगा भगोड़ा संजय भंडारी, ब्रिटेन की अदालत ने दी मंजूरी

60 साल के संजय भंडारी पर वित्तीय धांधलियों के अनेक आरोप हैं। उसके प्रत्यपर्ण के लिए भारत की ओर से अनुरोध किया गया था

by WEB DESK

संजय भंडारी

हथियारों की बिक्री में दलाली खाने और अन्य कई कर से जुड़े अपराधों का आरोपी संजय भंडारी आखिरकार जल्दी ही भारत को सौंपा जाएगा। ब्रिटेन की एक अदालत ने कल इस बारे में अपना फैसला सुनाया है। ब्रिटेन में ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने के कुछ ही दिन के अंदर भारत की दृष्टि से यह एक बड़ी खबर आई है।

प्राप्त समाचारों के अनुसार, ब्रिटेन की एक अदालत ने एक मुकदमे की सुनवाई पूरी करने के बाद कल यह फैसला सुनाया है कि हथियारों के सौदों में दलाली खाने के आरोपी दलाल संजय भंडारी को कर चोरी तथा धनशोधन से जुड़े कई आरोपों में भारत की न्यायपालिका के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है।

ब्रिटेन में भंडारी के विभिन्न मामलों पर लंबी बहस चली। जिसके बाद अदालत ने भारत की अपील को सही ठहराते हुए भंडारी के प्रत्यर्पण को हरी झंडी दिखाई है। हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ही लेंगी।

ब्रिटेन में छुपे बैठे 60 साल के संजय भंडारी पर वित्तीय धांधलियों के अनेक आरोप हैं। उस पर कर चोरी के आरोप हैं तो धनशोधन के भी कुछ गंभीर आरोप भी हैं। उसके प्रत्यपर्ण के लिए भारत की ओर से अनुरोध किया गया था। इसी विषय में ब्रिटेन में भंडारी के विभिन्न मामलों पर लंबी बहस चली। जिसके बाद अदालत ने भारत की अपील को सही ठहराते हुए भंडारी के प्रत्यर्पण को हरी झंडी दिखाई है। हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ही लेंगी।

उल्लेखनीय है कि जिला न्यायाधीश माइकल स्नो ने इस वर्ष की शुरुआत में लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर जज की अदालत में इस मुकदमे की सुनवाई शुरू की थी। कल अपना फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति स्नो ने कहा कि संजय भंडारी के प्रत्यर्पण पर किसी भी तरह की कोई रोक नहीं है। अदालत ने इस मामले को ब्रिटिश गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन को भेजना तय किया है। गृहमंत्री सुएला ही हैं जो अदालत से आए इस फैसले को आधार बनाकर प्रत्यर्पण का औपचारिक आदेश दे सकती हैं।

इससे पूर्व भारत सरकार ने ब्रिटेन को यह आश्वासन दिया था कि आरोपी संजय भंडारी को सुनवाई के दौरान नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में सभी जरूरी स्वास्थ्य सुविधाओं से युक्त एक अलग कमरे में रखा जाएगा। अदालत ने भारत सरकार की इस आश्वस्ति पर गौर किया है। यहां बता दें कि भंडारी को लेकर भारत सरकार के प्रत्यर्पण के अनुरोध को ब्रिटेन की उस वक्त की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने जून 2020 में ही प्रमाणित कर दिया था। 2020 में ही जुलाई माह में संजय भंडारी को प्रत्यर्पण वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था।

हथियार डीलर संजय भंडारी के प्रत्यर्पण को मंजूरी, ब्रिटेन की कोर्ट ने दी मंजूरी

डे नाईट न्यूज़ हथियारों के दलाल संजय भंडारी को भारत प्रत्यर्पित करने के मामले में बड़ी खबर आई है। एक एक ब्रिटिश कोर्ट ने सोमवार को संजय भंडारी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। भंडारी को जुलाई 2020 में प्रत्यर्पण वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। भंडारी ने इसके खिलाफ वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपील की थी।

भारत में मनी लान्ड्रिंग के आरोप तय
सीबीआई और ईडी की तरफ से संजय भंडारी के खिलाफ भारत में मनी लान्ड्रिंग के आरोप तय किए गए हैं। ब्रिटेन में होने के कारण उसे भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। भारत सरकार ने भंडारी के प्रत्यर्पण की अपील ब्रिटेन से की थी।

15 जुलाई 2020 को गिरफ्तार किया गया था
16 जून 2020 को तत्कालीन ब्रिटिश गृहमंत्री प्रीति पटेल ने भंडारी के प्रत्यर्पण आग्रह को स्वीकार कर लिया था। इसके बाद 15 जुलाई 2020 को उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। उसे अदालत ने 1.20 लाख पाउंड की सिक्योरिटी के साथ अपना पासपोर्ट जमा कराने, मध्य लंदन स्थित घर में नजरबंद रहने और नजदीकी पुलिस स्टेशन में रोजाना हाजिरी लगाने समेत सात शर्तों के साथ जमानत दी थी।

कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो मनी ब्रिटेन दलाल लान्ड्रिंग के मामले में भगोड़ा घोषित संजय भंडारी को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा का करीबी कहा जाता है। वाड्रा के खिलाफ लंदन में भंडारी से बहुत सस्ते दाम पर बंगला खरीदने की जांच भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। हालांकि वाड्रा उसके साथ कोई भी व्यापारिक संबंध होने से इनकार करते रहे हैं।

रेटिंग: 4.87
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 785
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *