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ऑटोमेटेड ट्रेडिंग

ऑटोमेटेड ट्रेडिंग

एल्गोरिथम ट्रेडिंग के कारण बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी वर्ष 2015 के सबसे कम स्तर पर बंद हुए

एल्गोरिथम ट्रेडिंग या एल्गो ट्रेडिंग या ब्लैक बॉक्स ट्रेडिंग 6 मई 2015 को सुर्खियों में आया जब दो प्रमुख शेयर सूचकांक बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) निफ्टी 17 दिसंबर 2014 के बाद सबसे कम स्तर पर बंद हुए.

एल्गोरिथम ट्रेडिंग: ट्रेडिंग कम्प्यूटर प्रोग्राम के माध्यम से पूर्व निर्धारित निर्देशों के आधार पर की जाने वाली शेयरों की ट्रेडिंग

एल्गोरिथम ट्रेडिंग या एल्गो ट्रेडिंग या ब्लैक बॉक्स ट्रेडिंग 6 मई 2015 को उस समय सुर्खियों में आया जब दो प्रमुख शेयर सूचकांक बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) निफ्टी 17 दिसंबर 2014 के बाद सबसे कम स्तर पर बंद हुए.

एल्गोरिथम ट्रेडिंग
एल्गोरिथम ट्रेडिंग का मतलब है कोई भी ऑर्डर जो ऑटोमेटेड एक्जिक्यूशन लॉजिक के इस्तेमाल से जेनेरेट किया गया हो, खरीद व बिक्री के ऑर्डर अपने आप ही जेनेरेट होते हैं और सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम की सुविधा से एक्सचेंज के ट्रेडिंग सिस्टम में एंटर कर लिए जाते हैं जिससे कि वह एक्सचेंज के सिस्टम से मैच कर सके.

एल्गोरिथम ट्रेडिंग को ऑटोमेटेड ट्रेडिंग, ब्लैक बॉक्स ट्रेडिंग या एल्गो ट्रेडिंग भी कहा जाता है. इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग की ऑटोमेटेड ट्रेडिंग जाती है. इसमें ऑर्डर का समय, कीमत और मात्रा सभी कुछ पहले से दिया गया होता है. जैसे ही पहले से निर्धारित समय, मात्रा और कीमत से मार्केट की स्थितियां मेल खाती हैं, उसी वक्त ऑटोमेटिक तरीके से ट्रांजैक्शन हो जाता है. ये कम्प्यूटर प्रोग्राम खुद यह तय करते हैं कि कब, कहां और किस शेयर का कारोबार करना है.

एल्गोरिथम ट्रेडिंग मुख्य रूप से संस्थागत व्यापारियों जैसे निवेश बैंकों, पेंशन फंड, म्यूचुअल फंड, द्वारा इस्तेमाल किया जाता है. एल्गो ट्रेडिंग के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति बढ़ जाती है. वर्ष 2008 से ऑटोमेटेड ट्रेडिंग डायरेक्ट मार्केट एक्सेस की अनुमति मिलने के बाद एल्गोरिथम ट्रेडिंग को बढ़ावा मिला.

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पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे IGX का उद्घाटन, भारत को आज मिलेगा अपना पहला गैस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म

टाइम्स नाउ डिजिटल

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इंडियन गैस एक्सचेंज (आईजीएक्स) का उद्घाटन करेंगे इसके बाद प्राकृतिक गैस की ट्रेडिंग शुरू हो जाएगी।

Dharmendra Pradhan

  • इंडियन गैस एक्सचेंज की आज शुरुआत होगी
  • पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उद्घाटन करेंगे
  • आज से प्राकृतिक गैस की ट्रेडिंग शुरू हो जाएगी

नई दिल्ली : भारत को ऑटोमेटेड ट्रेडिंग सोमवार को अपना पहला प्राकृतिक गैस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध हो जाएगा। इससे पारदर्शी डिमांड-सप्लाई मिलान के जरिए गैस के स्थानीय बाजार मूल्य की खोज करने में मदद मिलेगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इंडियन गैस एक्सचेंज (आईजीएक्स) का उद्घाटन करेंगे जिससे प्राकृतिक गैस की ट्रेडिंग शुरू हो जाएगी।

आईजीएक्स देश का पहला ऑटोमेटेड राष्ट्रीय ऑटोमेटेड ट्रेडिंग स्तर का ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जिसके जरिए एक इफिसिएंट गैस बाजार को आगे बढ़ाने और देश में गैस के व्यापार में मदद मिलेगी। इस प्लेटफॉर्म में बड़ी संख्या में खरीदने वाले-बेचने वाले ऑथराइज्ड सेंटरों में हाजिर और वायदा कॉन्ट्रैक्ट में कारोबार करेंगे। आईजीएक्स पर हुए कॉन्ट्रैक्ट्स की अनिवार्य डिलिवरी जरूरी होगी। सौदे के निपटान के लिए शर्त यह है कि इस तरह के कॉन्ट्रैक्ट्स को हस्तांतरित नहीं किया जा सकेगा।

सूत्रों ने कहा कि आईजीएक्स के जरिए इफिसिएंट और कॉम्पेटेटिव गैस मूल्य खोजा जा सकेगा। एक और प्रमुख उद्देश्य बाजार की समग्रता को बचाना है।
शुरुआत में इसका व्यापार गुजरात के दाहेज और हजीरा और आंध्र प्रदेश के ओडुरु-काकीनाड़ा में फिजिकल हब में होगा। आगे चलकर इसके लिए नए केंद्र बनाए जाएंगे। कीमत की खोज के लिए एक्सचेंज खरीदने वाले-बेचने वाले से समयसीमा में बोलियां मंगाएगा, जिस पर मूल्य खोज तंत्र काम करेगा।

एक्सचेंज में छह बाजार प्रोडक्ट्स अगले दिन, रोजाना, साप्ताहिक, सप्ताह के दिन, 15 दिन और मासिक की पेशकश की जाएगी। सूत्रों ने कहा कि इनमें से कुछ प्रोडक्ट पहले दिन के कारोबार में यानी 15 जून को उपलब्ध होंगे। अन्य को बाद में पेश किया जाएगा।

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Zerodha, Upstox, Angel Broking और Groww, कौन सी है सबसे बेहतर Trading App-

अगर आप स्टॉक मार्केट ( STOCK TRADING) में ट्रेडिंग करने की तैयारी शुरू करने जा रहे हैं तो यह वीडियो आपके लिए बहुत खास होने वाला है. इस वीडियो में हम आपको बताएंगे देश की चार बड़ी ट्रेडिंग एप्स(TRADING ऑटोमेटेड ट्रेडिंग APPS) में से सबसे बेहतर कौन कौन सी है .यह चारों ऐप (zerodha)डिस्काउंट ब्रोकरेज के ऊपर काम करती हैं , इसके अंदर आपको ट्रेडिंग करने के लिए ज्यादा ब्रोकरेज नहीं चुकानी पड़ती(angle broking) .इन चारों में से कौन सी ऐप ज्यादा फायदेमंद है और किसके कितने हैं charges जानने के लिए इस वीडियो को देखें.

ऑटोमेटेड ट्रेडिंग

What is NSE and BSE in hindi | NSE और BSE क्या हैं

What is NSE and BSE in hindi | NSE और BSE क्या हैं

यदि आपने NSE और BSE के बारे में सुना है, लेकिन आप नहीं जानते हैं, की NSE और BSE क्या होते हैं, ऑटोमेटेड ट्रेडिंग What is NSE and BSE in Hindi, तो इस पोस्ट में आपको NSE और BSE की विस्तृत जानकारी दी ऑटोमेटेड ट्रेडिंग गई है।

टीवी न्यूज़ और अख़बार के वित्तीय खंड में अक्सर स्टॉक मार्किट, स्टॉक एक्सचेंज, NSE, BSE, निफ़्टी और सेंसेक्स जैसे शब्द नजर आते हैं, ऐसे में यदि आपको इनके बारे में जरा भी जानकारी नहीं है, तो आपके मन में कहीं ना कहीं यह सवाल जरूर उठता होगा, की आख़िर ये होते क्या हैं, तो इन्ही सब सवालों के जवाब आपको इस पोस्ट में दिए गए हैं।

What is NSE and BSE in hindi | NSE और BSE क्या हैं

NSE और BSE के बारे में समझने से पहले आपका स्टॉक एक्सचेंज के बारे में जानना जरुरी है।

स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है?

स्टॉक एक्सचेंज दो शब्दों का जोड़ है, स्टॉक और एक्सचेंज। स्टॉक या शेयर किसी कंपनी में हिस्सेदारी को दर्शाते हैं, यानि स्टॉक किसी कंपनी में आपके स्वामित्व के प्रतिशत को दर्शाते हैं, कंपनी के जितने अधिक स्टॉक्स या शेयर्स आपके पास होंगे उतनी अधिक उस कंपनी में आपकी हिस्सेदारी होगी, और एक्सचेंज उन स्टॉक्स और शेयर्स के लेन-देन का स्थान है।

स्टॉक एक्सचेंज buyers और sellers को वह मंच और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करता है, जहाँ वे आपस में ट्रेड कर सकें। स्टॉक एक्सचेंज में विभिन्न कंपनियां फंड जुटाने के उद्देश्य से लिस्ट होती हैं, और इसके लिए वे पब्लिक के बीच अपने स्टॉक्स या शेयर्स उतारती हैं, और पब्लिक उन शेयर्स को खरीदकर उस कंपनी में अपनी कुछ प्रतिशत की हिस्सेदारी ले लेती है।

तो कंपनी और निवेशकों के बीच स्टॉक्स या शेयर्स का यह पूरा लेन-देन स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा ही संभव हो पाता है, और NSE तथा BSE दोनों ही देश के दो मुख्य स्टॉक एक्सचेंज हैं।

What is NSE and BSE in hindi

NSE क्या है, What is NSE in Hindi

NSE का full form है, National stock exchange यह पूंजीकरण के मामले में भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज हैं, जो की मुंबई महाराष्ट्र में स्थित है। (NSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड की स्थापना 1992 में की गई थी, और फिर 1993 में इसे SEBI द्वारा स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दी गई।

NSE की स्थापना करने का मुख्य उद्देश्य भारतीय बाजार प्रणाली में पारदर्शिता लाना था, और आज देखा जाए तो इसने अपना उद्देश्य काफी अच्छी तरह से पूरा भी किया है। यह भारत का पेहला स्टॉक एक्सचेंज था, जिसने इलेक्ट्रॉनिक और स्क्रीन आधारित ट्रेडिंग को लागु किया था, यानि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड देश का पहला स्टॉक एक्सचेंज था जिसने पेपर आधारित सिस्टम को समाप्त कर देश में पूरी तरह से ऑटोमेटेड ट्रेडिंग की शुरुवात की थी।

यदि NSE में लिस्टेड कंपनियों की बात करें तो इसमें 2000 से भी अधिक कंपनियाँ लिस्टेड हैं, और इसकी मार्किट कैपिटलाइजेशन 3.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से भी अधिक है।

साल 1996 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा Nifty 50 को अपने बेंचमार्क इंडेक्स के रूप में लाया गया था, Nifty50 भारत में उपयोग होने वाले दो मुख्य सूचकांक में से एक है। निफ़्टी फिफ्टी के अंतर्गत (NSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड 50 विभिन्न सेक्टर्स की सबसे अधिक कारोबार करने वाली बड़ी कंपनिया शामिल रहती हैं, जिसमे इन 50 बड़ी ब्लूचिप कंपनियों के शेयरों का मूल्यांकन कर बाजार की स्तिथि का पता लगाया जाता है, और साथ ही इस सूचकांक द्वारा किसी विशेष सेक्टर पर भी नजर रखी जा सकती है।

(NSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का उद्देश्य क्या है

(NSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निम्नलिखित उद्देश्य हैं।

  1. हर एक निवेशक को शेयर बाजार में निवेश करने की सुविधा प्रदान करना।
  2. ऐसी राष्ट्रव्यापी ट्रेडिंग सुविधा स्थापित करना जिसमे सभी प्रकार की प्रतिभूतियों को ट्रेड किया जा सके।
  3. सभी निवेशक समान रूप से प्रतिभूतियों को खरीद व बेच सकें।
  4. इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम का उपयोग कर शेयर बाजार को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना।
  5. ट्रेडिंग सेटलमेंट् में तेजी लाना।
  6. बाजार को अंतराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप स्थापित करना।

BSE क्या है, What is BSE in Hindi

BSE का full form है, Bombay stock exchange, जो की NSE के बाद मुंबई में स्थिति देश का एक दूसरा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। यह भारत का ही नहीं एशिया का सबसे पुराना और पेहला स्टॉक एक्सचेंज है, जिसे 1875 में नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के नाम से स्थापित किया गया था।

147 साल पुराने इस स्टॉक एक्सचेंज ने भारत के पूंजी बाजार तथा भारतीय कॉर्पोरेट क्षेत्र को विकसित करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज BSE की मार्किट कैपिटलाइजेशन 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से भी अधिक की है, और इस में लगभग 5500 से भी अधिक कंपनियाँ लिस्टेड हैं।

यदि BSE की शुरुवात की बात की जाए तो इसकी शुरुवात 1875 में एक राजिस्थानी बिजनेसमैन प्रेमचंद रायचंद द्वारा की गई थी। शुरुवाती दिनों में शेयरों का पूरा लेन-देन मैनुअल रूप से होता था, यानि दस्तावेजों के रूप में शेयरों को ख़रीदा और बेचा जाता था, जिसकी प्रक्रिया पूरी होने में 5 से 6 महीनों तक का लंबा समय लग जाता था।

लेकिन फिर 1992 में NSE की स्थापना के बाद शेयरों को खरीदने-बेचने यानि ट्रेडिंग की पूरी प्रक्रिया कंप्यूटर द्वारा होने लगी, BSE ने इस इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को अपनाने में थोड़ा समय लिया लेकिन फिर 1995 में BSE ( Bombay stock exchange) का काम काज भी computerize कर दिया गया।

साल 1986 में (BSE) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज द्वारा Sensex को अपने बेंचमार्क इंडेक्स यानि सूचकांक के रूप में लाया गया। सेंसेक्स एक सबसे पुराना स्टॉक इंडेक्स है, इसके अंतर्गत BSE पर लिस्टेड अलग-अलग सेक्टर्स की 30 बड़ी कंपनियाँ शामिल रहती हैं, वे 30 कंपनियाँ जिनका मार्किट कैप काफी ज्यादा होती है, और इसलिए सेंसेक्स को BSE30 के नाम से भी जाना जाता है। सेंसेक्स के उतार-चढ़ाव से BSE पर लिस्टेड 30 बड़ी कंपनियों तथा शेयर बाजार दोनों की स्तिथि और प्रदर्शन का पता लगाया जा सकता है।

NSE और BSE के बीच क्या फर्क है | Difference between NSE and BSE in Hindi

BSE को 1957 में स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता मिल गई थी

अंतिम शब्द

NSE और BSE दोनों ही भारत के मुख्य स्टॉक एक्सचेंज हैं, जहाँ प्रतिदिन लाखों निवेशक इनमे ट्रेडिंग करते हैं। आपने जाना NSE और BSE क्या हैं, NSE and BSE in hindi और इनके बीच क्या फर्क है। हमें उम्मीद है, यह जानकारी आपको ज्ञानवर्धक लगी होगी, यदि इस पोस्ट से जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो आप कमेंट करके हमें बता सकते हैं।

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