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ट्रेडिंग क्या होती है?

ट्रेडिंग क्या होती है?

एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) पर सेबी ने प्रस्ताव पेश किया, जानिए क्या होती है एल्गो ट्रेडिंग?

ब्रोकरेज हाउसेज ट्रेडिंग क्या होती है? के अनुसार, सेबी द्वारा एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) से उत्पन्न होने वाले सभी ऑर्डर को एल्गोरिथम या एल्गो ऑर्डर के रूप में मानने का प्रस्ताव भारत में इस तरह के व्यापार के विकास में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

मुख्य बिंदु

  • एल्गो ट्रेडिंग का अर्थ उस ऑर्डर से है जो स्वचालित निष्पादन तर्क (automated execution logic) का उपयोग करके उत्पन्न होता है।
  • एल्गो ट्रेडिंग सिस्टम लाइव स्टॉक की कीमतों पर स्वचालित रूप से नज़र रखता है और सभी मानदंडों को पूरा करने पर एक ऑर्डर शुरू करता है।
  • यह प्रणाली ट्रेडर को लाइव स्टॉक की कीमतों की निगरानी से मुक्त करती है।

ब्रोकरेज हाउसेज ने क्या चिंता जताई है?

ब्रोकरेज हाउसेज का विचार है कि एल्गो बाजार को विनियमित करने की आवश्यकता है। क्योंकि कुछ वेंडर्स द्वारा किए गए झूठे वादों के चलते कई निवेशकों ने काफी पैसा खो दिया है। हालांकि, कुछ चुनिन्दा बुरे मामलों से निपटने के लिए, सेबी के नियम बाधाएं डाल रहा है जो भारत में एल्गो ट्रेडिंग के विकास को प्रतिबंधित कर सकता है।

एल्गोरिथम ट्रेडिंग ( Algorithmic Trading)

एल्गोरिथम ट्रेडिंग मूल्य, समय और मात्रा जैसे चर (variables) के लिए स्वचालित पूर्व-प्रोग्राम किए गए ट्रेडिंग निर्देशों (automated pre-programmed trading instructions) का उपयोग करके ऑर्डर प्लेस करने का एक तरीका है। इस तरह की ट्रेडिंग मानव व्यापारियों के मुकाबले कंप्यूटर की गति और कम्प्यूटेशनल संसाधनों का लाभ उठती है। यह रिटेल ट्रेडर्स और साथ ही संस्थागत व्यापारियों (institutional traders) में काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसका उपयोग निवेश बैंकों, म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड और हेज फंड द्वारा किया जाता है। 2019 के एक अध्ययन के अनुसार, विदेशी मुद्रा बाजार में लगभग 92% ट्रेडिंग ट्रेडिंग एल्गोरिदम द्वारा की गई थी।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ( Securities and Exchange Board of India – SEBI )

सेबी भारत में प्रतिभूतियों और कमोडिटी बाजार के लिए नियामक निकाय है। यह वित्त मंत्रालय के स्वामित्व में काम करता है। सेबी को 12 अप्रैल, 1988 को गैर-सांविधिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया था। इसे वैधानिक अधिकार दिए गए थे और सेबी अधिनियम, 1992 द्वारा 30 जनवरी 1992 को यह स्वायत्त निकाय बन गया था।

What is Insider Trading in Hindi | इनसाइडर ट्रेडिंग क्या होती है? यह कैसे काम करता है? जानिए

Insider Trading in Hindi: इनसाइडर ट्रेडिंग वैध भी हो सकती है और अवैध भी जो इस बात पर निर्भर करती है कि इनसाइडर कब ट्रेड करता है। तो आइये इस लेख में विस्तार से जानें कि इनसाइडर ट्रेडिंग क्या है? (What is Insider Trading in Hindi) और यह वैध है या नहीं?

Insider Trading in Hindi: जब व्यक्ति स्टॉक और अन्य सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं, तो लक्ष्य धन प्राप्त करना होता है। यह लक्ष्य जितनी तेजी से हासिल होगा, कुछ निवेशकों के लिए उतना ही अच्छा होगा। व्यापार की दुनिया में विशेष रूप से शेयरों में व्यापार करते समय, ट्रेडर्स को ट्रेड के ऐसे तरीके मिलते हैं जो उनके लाभ को अधिकतम करते हैं। बेशक, शेयर मार्केट और एक्सचेंजों में ट्रेडिंग करते समय कदाचार का अपना उचित 'हिस्सा' होता है, और कुछ व्यापारी लाभ कमाने के लिए बहुत अधिक समय तक जाते हैं। इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading), जैसा कि नाम से पता चलता है, इसमें वह ट्रेडिंग शामिल है जो अंदरूनी सूत्रों द्वारा की जाती है, जो एक निश्चित कंपनी के स्टॉक और उसके पैटर्न के बारे में जानते हैं। तो आइए इस पोस्ट में अच्छे से जानते है कि Insider Trading Kya Hai?

इनसाइडर ट्रेडिंग क्या है? | What is Insider Trading in Hindi

स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग की भाषा में, 'Insider Trading' विशिष्ट कंपनी 'इनसाइडर्स' द्वारा स्टॉक में ट्रेडिंग कर रहा है, जैसे बॉन्ड और इक्विटी, जिनके पास विशेष रूप से जानकारी तक पहुंच है। सीधे शब्दों में कहें, तो इन अंदरूनी सूत्रों को एक खास सिक्योरिटी के बारे में पता होता है, इससे पहले कि इससे संबंधित कोई भी जानकारी बड़े पैमाने पर जनता को ज्ञात हो। जब अंदरूनी लोग शेयरों में निवेश करते हैं, जबकि सार्वजनिक रूप से किसी विशेष स्टॉक के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है, तो अंदरूनी व्यापार को एक अवैध अभ्यास माना जाता है। अगर इस तरह के व्यापार के बारे में रेगुलेटरी अथॉरिटी को पता चल जाता है, तो 'इनसाइडर' द्वारा ट्रेडिंग क्या होती है? कठोर ट्रेडिंग क्या होती है? परिणाम वहन किए जाते हैं।

Insider Trading कब अवैध है?

SEBI के नियमों के अनुसार सेबी Insider Trading के खिलाफ है। इस प्रथा को 'अवैध' कहे जाने के पीछे का तर्क यह है कि इनसाइडर ट्रेडिंग कुछ ट्रेडिंग क्या होती है? निवेशकों को शेयर बाजार में अनुचित लाभ देता है। इनसाइडर ट्रेडिंग आम तौर पर ऐसे व्यक्तियों द्वारा की जाती है, जो अपने रोजगार के आधार पर, एक निश्चित कंपनी के शेयरों के बारे में कुछ प्रकार की रणनीतिक जानकारी तक पहुंच रखते हैं। किसी कंपनी के प्राइवेट डिटेल को जानने से इस बात पर काफी असर पड़ सकता है कि आप निवेश करते हैं और लाभ कमाते हैं या नहीं।

उदाहरण के लिए, इनसाइडर को पता चल सकता है कि क्या किसी कंपनी के तिमाही परिणाम एक बड़ा लाभ दिखाने वाले हैं, जिससे स्टॉक की कीमतें अधिक हो जाती हैं। वे इसका लाभ उठा सकते हैं और उक्त स्टॉक में पर्याप्त मात्रा में निवेश कर सकते हैं, जिसमें रिटर्न की ट्रेडिंग क्या होती है? गारंटी होती है। इस एंगल से देखा जाए तो इनसाइडर ट्रेडिंग को अवैध माना जाता है। हालांकि, जब निवेशक शेयरों में निवेश करते हैं, और सभी संबंधित निवेशकों को कुछ ऐसी जानकारी के बारे में जानकारी होती है जो उनके व्यापार में लाभ या हानि को प्रभावित करती है, तो Insider Trading अवैध नहीं है।

इनसाइडर्स के लिए सूचना

ट्रेडिंग के क्षेत्र में, किसी स्टॉक या कंपनी के बारे में इनफार्मेशन ऐसी कोई भी जानकारी है जो किसी विशिष्ट सुरक्षा के व्यापार (खरीदने या बेचने) के व्यापारी/निवेशक के निर्णय पर महत्वपूर्ण रूप से प्रभाव डाल सकती है। नॉन पब्लिक इनफार्मेशन जानकारी वह है जो आधिकारिक तौर पर जनता को ज्ञात नहीं है। इसलिए भौतिक जानकारी जिसे आम जनता को अवगत नहीं कराया जाता है, वह है जो इनसाइडर ट्रेडिंग करते समय अनुचित बढ़त के लिए उपयोग करते हैं। इनसाइडर ट्रेडिंग ट्रेडिंग क्या होती है? अवैध है, भले ही जानकारी कैसे भी प्राप्त की गई हो, चाहे 'इनसाइडर्स' दी गई कंपनी के साथ कार्यरत हो या नहीं।

इसके एक उदाहरण में, मान लीजिए, एक व्यक्ति किसी मित्र से इनसाइडर इनफार्मेशन (नॉन पब्लिक इनफार्मेशन) के बारे में सीखता है। फिर, यह जानकारी उनके परिवार के एक सदस्य के साथ साझा की जाती है। परिवार का सदस्य ट्रेडिंग क्या होती है? उक्त स्टॉक पर इस जानकारी के साथ ट्रेड करता है। ऐसे मामले में, शामिल तीनों को अभियोजन या कठोर दंड का सामना करना पड़ सकता है।

फेयर ट्रेडिंग

आपको ट्रेड के अनुचित साधनों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, आप सोच रहे होंगे कि अपने व्यापार को लाभदायक कैसे बनाया जाए। तो इसके लिए आप किसी फाइनेंसियल एक्सपर्ट की सहायता ले ट्रेडिंग क्या होती है? सकते है या फिर फाइनेंस से जुड़ी किताबों का अध्ययन कर सकते है। शेयर बाजार में अपने निवेश पर रिटर्न देखने का यह उचित और सही तरीका है।

Horse Trading: क्‍या होती है हार्स ट्रेडिंग, सियासत में क्‍या मायने, राजनीति ट्रेडिंग क्या होती है? में कब से हुई इस शब्‍द की शुरुआत

Horse Trading in politics आखिर क्‍या होती है हार्स ट्रेडिंग सियासत में इसके क्‍या मायने हैं और राजनीति में इस शब्‍द की शुरुआत कब से हुई? दरअसल भारतीय राजनीति में इस शब्द का इस्तेमाल सांसदों और विधायकों को प्रलोभन से जोड़कर प्रयोग किया जाता है।

नोएडा, आनलाइन डेस्‍क। राजस्‍थान में राज्‍यसभा चुनाव को लेकर चल रहे सियासी बवाल के बीच मुख्‍यमंत्री गहलोत बार बार भाजपा पर हार्स ट्रेडिंग के आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि आखिर क्‍या होती है हार्स ट्रेडिंग, सियासत में इसके क्‍या मायने हैं और राजनीति में इस शब्‍द की शुरुआत कब से हुई? दरअसल, भारतीय राजनीति में इस शब्द का इस्तेमाल सांसदों और विधायकों को प्रलोभन से जोड़कर किया जाता है। जब किसी फायदे के लिए या किसी सरकार को अस्थिर करने के लिए सांसद या विधायक पाला बदलते हैं तो इसे हार्स ट्रेडिंग का नाम दिया जाता है।

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जानें हार्स ट्रेडिंग शब्‍द के मायने

हार्स ट्रेडिंग शब्‍द को सबसे पहले कैम्ब्रिज डिक्शनरी में शामिल किया गया था। जहां इस शब्‍द का मतलब परदे से पीछे दो पार्टियों के बीच होने वाली ऐसी बातचीत से था, जिसमें दोनों का फायदा हो। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि हार्स ट्रेडिंग का मतलब कड़े शब्‍दों में तैयार की गई ऐसी सौदेबाजी से है जिसमें दोनों ही पार्टियां इस कोशिश में रहती हैं कि ज्यादा से ज्यादा फायदा उन्हें हो जाए और बाद में एक नतीजे पर दोनों पार्टियां पहुंचती हैं। 1820 के आसपास घोड़ों की बिक्री के लिए ही इस शब्‍द का प्रयोग होता था।

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व्यापार का यह तरीका कुछ ऐसा था कि इसमें चालाकी, पैसा और आपसी फायदों के साथ घोड़ों को किसी के अस्तबल से खोलकर कहीं और छुपा देते थे। फिर पैसों के लेनदेन की दम पर सौदा किया जाता था। मतलब, कारोबारी अपने घोड़ों की खरीद फरोख्‍त के लिए जो अलग अलग तरीके अपनाते थे, उन्‍हें ही हार्स ट्रेडिंग कहा जाता था। बाद में इस शब्‍द का इस्‍तेमाल पॉलिटिक्‍स के लिए होने लगा। जब एक पार्टी विपक्ष में बैठे अन्‍य नेताओं को अपने साथ मिलाने के लिए हर तरह का लालच देती है। इस किस्म की विधायकों की खरीद फरोख्त को राजनीति में हॉर्स ट्रेडिंग कहा जाता है। Macmillan इंग्लिश डिक्शनरी के मुताबिक, इसका मतलब कठिन और कभी-कभी उन लोगों के बीच बेईमान चर्चा है, जो किसी एग्रीमेंट पर पहुंचना चाह रहे हैं।

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भारतीय राजनीति में कब से हार्स ट्रेडिंग

कहा जाता है कि भारतीय राजनीति में हार्स ट्रेडिंग की शुरुआत 1967 से हुई। अक्टूबर, 1967 में हरियाणा के एक विधायक गया लाल ने 15 दिनों के भीतर तीन बार दल बदलकर इस मुद्दे को राजनीति की मुख्यधारा में ला दिया था। उस दौर में ‘आया राम गया राम’ की राजनीति देश में काफी प्रचलित हो चली थी। इस मौकापरस्ती की प्रथा को बंद करने के लिए 1985 में 52वां संविधान संशोधन किया गया और संविधान में 10वीं अनुसूची जोड़ी गई जिससे कि पार्टी छोड़कर भागने की प्रथा पर काबू पाया जा सके।

Insider Trading क्या होती है और कैसे ये काम करता है?

Insider Trading क्या होती है और कैसे ये काम करता है?

डीएनए हिंदी: अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं या करने के इच्छुक होंगे तो आपने इनसाइडर ट्रेडिंग का नाम भी सुना होगा? इनसाइडर ट्रेडिंग क्या होता है? क्या यह कानूनी है? अमूमन इस तरह के सवाल हमारे जेहन में आते रहते हैं. यहां हम आपको बताएंगे कि इनसाइडर ट्रेडिंग होती क्या है और ये कैसे काम करती है?

इनसाइडर ट्रेडिंग क्या होती है?

आम भाषा में समझें तो जब कोई व्यक्ति गैर कानूनी तरीके से शेयरों की खरीद बिक्री करके फायदा कमाता है तो इसे ही इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) कहते हैं. इसे हिंदी में भेदिया कारोबार भी कहते हैं. ऐसा खासकर किसी बड़ी कंपनी के मैनेजमेंट से जुड़ा हुआ व्यक्ति कंपनी के अंदर की अहम जानकारियों के आधार पर करता है.

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए अगर कोई कंपनी किसी दूसरी कंपनी के साथ मर्जर यानी कि विलय करने वाली है या अपनी कंपनी के शेयर गिरवी रखकर पैसा जुटाने के फिराक में है. ऐसे में प्रमोटर या कंपनी से जुड़े लोगों को हल्का सा भी अनुमान है कि इस कदम से कंपनी का शेयर बढ़ेगा तो वो डील अनाउंस होने से पहले ही अपने करीबियों के नाम पर शेयर खरीद लेते हैं. अब डील के अनाउंस होने से जैसे ही शेयर के दाम में उछाल आता है वो शेयर बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं. इसे ही इनसाइडर ट्रेडिंग कहते हैं. हालांकि प्रमोटर अगर शेयर की खरीद करता है तो यह गलत नही है बस उसे SEBI के दिशा निर्देशों के मुताबिक शेयर में खरीदारी करनी चाहिए.

इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए सेबी के उठाये गए कड़े कदम

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने इनसाइडर ट्रेडिंग की पहचान करने के लिए मार्केट सर्विलांस सिस्टम लागू की है जो मार्केट में चल रहे असामान्य मार्केट पैटर्न पर नजर बनाए रखती है. सेबी समय-समय पर अपने सिस्टम में सुधार करता रहता है. इस नियम के तहत कई कंपनियों को दंडित भी किया जा चुका है.

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