अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है?

UP News: भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में यूपी के ODOP की धूम
UP News: अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला प्रत्येक वर्ष 14 से 27 नवम्बर तक आयोजित होता है। यह देश की आर्थिक औद्योगिक प्रगति को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। इस मेले के आयोजन के माध्यम से देश के प्रत्येक राज्य एवं भारत सरकार के संबंधित विभागों द्वारा अपने उत्कृष्ट उत्पादों को प्रदर्शित किया जाता है।
November 21, 2022
नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक जिला, एक उत्पाद के जरिए जिलों के उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। इस कड़ी में राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में 14 से 27 नवंबर के बीच चल रहे 41वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 में यूपी के प्रमुख उत्पादों (ओडीओपी) के स्टॉल पर लोगों की भीड़ देखते ही बन रही है। वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी से लेकर गोरखपुर का टेराकोटा, आगरा का मार्बल इनले, लखनऊ की चिकनकारी, कन्नौज का इत्र, कानपुर के लेदर उत्पादों को यूपी गैलरी में प्रदर्शित किया जा रहा है, जो यहां आने वाले लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस मिश्रा ने यूपी गैलरी का शुभारंभ किया था, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मेले में आकर यूपी के उत्पादों की सराहना की थी।
मेले में यूपी की वृहद हिस्सेदारी
अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला प्रत्येक वर्ष 14 से 27 नवम्बर तक आयोजित होता है। यह देश की आर्थिक औद्योगिक प्रगति को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। इस मेले के आयोजन के माध्यम से देश के प्रत्येक राज्य एवं भारत सरकार के संबंधित विभागों द्वारा अपने उत्कृष्ट उत्पादों को प्रदर्शित किया जाता है। उत्तर प्रदेश भी विगत वर्ष की भांति फोकस राज्य के रूप में मेले में प्रतिभाग कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? प्रदेश द्वारा इस मेले में एमएसएमई उद्योगों, निर्यातकों, हस्तशिल्पियों एवं ओडीओपी उद्यमियों के उत्कृष्ट उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है। यूपीसीडा, नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस-वे अथारिटी द्वारा भी प्रदेश में कराये जा रहे उत्कृष्ट औद्योगिक अवस्थापना संबंधी कार्यों का प्रदर्शन यहां किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पैकेजिंग द्वारा भी ओडीओपी उत्पादों की पैकेजिंग के संबंध में प्रदर्शन किया जा रहा है।
ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं उत्पाद
ओडीओपी के तहत उत्तर प्रदेश के जो उत्पाद यूपी गैलरी में प्रदर्शित किए जा रहे हैं उनमें वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी, गोरखपुर का टेराकोटा, आगरा का मार्बल इनले, लखनऊ की चिकनकारी, कन्नौज का इत्र, कानपुर के लेदर उत्पाद आदि शामिल हैं। इसके साथ ही मैनपुरी की तारकशी, लखनऊ की चिकनकारी, वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी एवं आगरा का मार्बल इन-ले की कलाओं का सजीव प्रदर्शन हस्तशिल्पियों द्वारा किया जा रहा है। इन उत्पादों को देखने और खरीदने के लिए आने वालों की भारी भीड़ लग रही है। देश ही नहीं दुनिया भर के मेहमानों ने भी इन उत्पादों में अपनी रुचि दिखाई है। इन उत्पादों को व्यक्तिगत तौर पर या वर्चुअल खरीद जा सकता है। इसके लिए सोशल मीडिया पर भी प्रचार किया जा रहा है। एक क्यूआर कोड को स्कैन करने पर यूपी गैलरी के सजीव दर्शन हो सकते हैं और यहां आप उत्पादों को ऑनलाइन बुक भी कर सकते हैं।
लोकल टू ग्लोबल की थीम
इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप मेले की थीम ’’वोकल फार लोकल, लोकल टू ग्लोबल’’ की अवधारणा पर रखी गई है। इसके आधार पर प्रदेश के पारम्परिक उत्पाद के साथ-साथ निर्यातकों के उत्पादों को भी शोकेस किया जा रहा है। मालूम हो कि इस अवसर के जरिए प्रदेश सरकार अपने प्रमुख उत्पादों की वैश्विक स्तर पर मार्केटिंग का प्रयास कर रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को प्रदेश के उत्पाद उपहार स्वरूप प्रदान किए थे। ये सारी गतिविधिया प्रदेश के वन ट्रियलियन डॉलर इकॉनमी बनने के लक्ष्य को साकार करने में सहायक होंगे।
International Trade Settlement in Rupee: रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार की अनुमति देना अहम फैसला, दुनिया में बढ़ेगी भारतीय करेंसी की साख
International Trade Settlement in Rupee रुपये की लगातार गिरती कीमत और बढ़ते व्यापार घाटे के दबाव के बीच आरबीआइ के इस फैसले का दूरगामी महत्व है। इससे एक अंतरराष्ट्रीय करेंसी के रूप में रुपये की स्वीकार्यता भी बढ़ेगी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में करने की अनुमति देना (International Trade Settlement in Rupee) एक सामयिक और दूरगामी महत्व का फैसला है। विशेषज्ञों के अनुसार, मुद्रा के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 11 जुलाई, 2022 को आरबीआइ ने बैंकों से रुपये में निर्यात-आयात के भुगतान के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करने के लिए कहा था। आरबीआइ के इस फैसले का उद्देश्य निर्यात को बढ़ावा देने के साथ घरेलू मुद्रा में वैश्विक व्यापार को प्रोत्साहन करना है। यह बात आरबीआइ के पूर्व कार्यकारी अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? निदेशक जी पद्मनाभन ने कही है।
बढ़ेगी रुपये की साख
आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आरबीआइ द्वारा रुपये में भुगतान की अनुमति देना निश्चित रूप से एक कदम आगे का फैसला है। उधर डीबीएस बैंक की वरिष्ठ अर्थशास्त्री और कार्यकारी निदेशक राधिका राव ने कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निपटान मुद्रा के रूप में रुपये की भूमिका को स्थापित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "यह रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में एक बहुत ही सामयिक और मजबूत कदम है।" राव ने हालांकि यह भी कहा कि इस घोषणा को रुपये को मजबूत बनाने के उपाय के रूप में नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह फैसला एक निश्चित दिशा में घरेलू मुद्रा को आगे बढ़ाने के बजाय रुपये के उपयोग का विस्तार करने के बारे में है।
कैसे काम करेगी ये व्यवस्था
आरबीआइ द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि रुपया चालान प्रणाली को लागू करने से पहले अधिकृत डीलर (एडी) बैंकों को आरबीआइ के विदेशी मुद्रा विभाग से पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होगी। किसी भागीदार देश का बैंक एक विशेष आईएनआर वोस्ट्रो खाता खोलने के लिए भारत में किसी एडी बैंक से संपर्क कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? एडी बैंक, रिजर्व बैंक से अनुमति मांगेगा। पद्मनाभन ने कहा कि इस अनुमोदन प्रक्रिया के साथ केंद्रीय बैंक इस बात पर नजर रखना चाहता है कि वास्तव में ये खाते आयात-निर्यात को रुपये में सेटल करने के लिए खोले जा रहे हैं या नहीं। खाता कौन खोल रहा है? कौन सा देश खाता खोल रहा है? किस तरह के लेन-देन हो रहे हैं? शुरुआत में आरबीआइ इन सभी चीजों पर नजर रखना चाहेगा।
व्यापार
व्यापार मंडल के निर्यात और कृषि वस्तुओं के आयात पर नीति सिफारिशें करने की जिम्मेदारी सौंपी है। व्यापार मंडल विश्व व्यापार संगठन के (डब्ल्यूटीओ) कृषि पर कृषि के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर वाणिज्य मंत्रालय, विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के साथ (एफआईपीबी), वित्त मंत्रालय के साथ साथ मामलों में समझौते से संबंधित पर प्रतिक्रियाएं तैयार करने / समन्वय के लिए नोडल विभाग के डिवीजन है कृषि जिंसों पर और तरजीही व्यापार समझौते (पीटीए) / मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए विभिन्न देशों के साथ से संबंधित मामलों में वाणिज्य मंत्रालय के साथ कस्टम / उत्पाद शुल्क में संशोधन करने के लिए।
निम्नलिखित कार्य व्यापार मंडल के लिए आवंटित किया गया है: -
- कृषि और अन्य संबद्ध समझौतों पर विश्व व्यापार संगठन समझौते में भारत की स्थिति के निर्माण में वाणिज्य विभाग के साथ कार्य करना।
- विभिन्न रिटर्न / रिपोर्ट तैयार करने के लिए विश्व व्यापार संगठन के अधिसूचित होने के लिए।
- सभी मामले कृषि जिंसों के संबंध में नीति सिफारिशों सहित अंतरराष्ट्रीय व्यापार से संबंधित।
- विभिन्न तरजीही व्यापार व्यवस्था (पीटीए) में कृषि जिंसों के संबंध में वार्ता के संबंध में वाणिज्य विभाग से प्राप्त प्रस्तावों की परीक्षा / मुक्त व्यापार क्षेत्र (एफटीए) और भारत के प्रस्ताव और अनुरोध सूची तैयार करने।
- डीआईपीपी के साथ कृषि में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश परामर्श से संबंधित नीति तैयार।.
- एफडीआई प्रस्तावों की परीक्षा विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से प्राप्त किया।
- निर्यात और कृषि जिंसों के आयात से संबंधित आंकड़ों का संकलन / विश्लेषण।
- सीमा शुल्क में संशोधन के संबंध में सुझाव भी शामिल है बजट प्रस्तावों
वैश्विक कृषि व्यापार में भारत की स्थिति
भारत दुनिया में कृषि उत्पादों के 15 प्रमुख निर्यातकों में से एक है। देश में चावल, मांस, मसाले, कच्चा कपास और चीनी जैसे कुछ कृषि वस्तुओं में एक महत्वपूर्ण निर्यातक के रूप में उभरा है। भारत बासमती चावल, ग्वार गम और अरंडी के तेल की तरह कुछ विशिष्ट कृषि उत्पादों में निर्यात प्रतिस्पर्धा विकसित की है। विश्व व्यापार संगठन के व्यापार आंकड़ों के अनुसार, कृषि निर्यात और दुनिया में आयात में भारत की हिस्सेदारी 2.46% और 2014 में 1.46% क्रमशः थे इस वर्ष के दौरान अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? भारत के कुल वैश्विक कृषि तथा संबद्ध निर्यात और आयात अमेरिका में थे 43.47 $ अरब डॉलर और अमेरिका 27.31 अरब $ क्रमशः।
कृषि व्यापार नीति
निर्यात - वर्तमान में चावल, गेहूं, चीनी, कपास, फल और सब्जियों सहित प्राचार्य कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए किसी भी मात्रात्मक प्रतिबंध के बिना "मुक्त" कर रहे हैं। थोक (नारियल तेल और चावल की भूसी का तेल को छोड़कर) में दालों (काबुली चना को छोड़कर) के निर्यात और खाद्य वनस्पति तेल घरेलू मांग को पूरा करने के लिए 'प्रतिबंधित' है।
प्राचार्य कृषि उत्पादों के आयात Imports- ज्यादातर कोई मात्रात्मक प्रतिबंध के बिना "मुक्त" कर रहे हैं।
भारत के कृषि निर्यात
कृषि निर्यात रुपये से कम किया है। रुपये के लिए वर्ष 2013-14 में 2,62,778 करोड़ रुपए है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? लगभग 18% की गिरावट के साथ वित्त वर्ष 2015-16 में 2,13,555 करोड़ रुपए है। 2015-16 समुद्री उत्पादों, बासमती और गैर बासमती चावल, भैंस के मांस, मसाले और कपास के दौरान भारत के कृषि निर्यात के शीर्ष वस्तुओं थे। देश के कुल निर्यात में कृषि निर्यात की हिस्सेदारी 2015-16 में 12.46% करने के लिए वर्ष 2013-14 में 13.79% से कम किया है।
भारत की कृषि आयात
भारत की कृषि आयात रुपये से वृद्धि हुई है। 2015-16 में 1,39,933 करोड़ रुपये पर वित्त वर्ष 2013-14 में 85,727 करोड़ रुपए की इस अवधि के दौरान कृषि आयात के मूल्य में लगभग 63% बढ़ाएँ की वृद्धि दर्ज की मुख्य रूप से वनस्पति तेल, दाल, काजू, मसाले और के आयात के कारण था चीनी। कुल आयात में कृषि आयात का हिस्सा 2015-16 में 5.63% करने के लिए वर्ष 2013-14 में 3.16% से वृद्धि हुई है।
कृषि क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति
वर्तमान एफडीआई नीति के अनुसार, 100% एफडीआई स्वत: मार्ग के माध्यम से कृषि की निम्नलिखित गतिविधियों में अनुमति दी है।
- फूलों की खेती, बागवानी, मधुमक्खी पालन और नियंत्रित परिस्थितियों में सब्जियों और मशरूम की खेती।
- विकास और बीज के उत्पादन और रोपण सामग्री।
- पशुपालन (कुत्तों के प्रजनन सहित), मछली पालन, मत्स्य पालन, नियंत्रित परिस्थितियों में।
- कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से संबंधित सेवाएं।
100% एफडीआई भी बागान क्षेत्र अर्थात् चाय बागानों, कॉफी बागान, रबड़ वृक्षारोपण, इलायची वृक्षारोपण, ताड़ के तेल वृक्षारोपण और स्वत: मार्ग के माध्यम से जैतून का तेल पेड़ वृक्षारोपण में अनुमति दी है।
उपरोक्त के अलावा, एफडीआई किसी भी अन्य कृषि क्षेत्र / गतिविधि में अनुमति नहीं है।
सीएम हेमंत गए दिल्ली,अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में करेंगे शिरकत
दिल्ली में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में शामिल होंगे मुख्यमंत्री
सीएम हेमंत सोरेन (फाइल)
Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार शाम को दिल्ली चले गए हैं. वे दिल्ली में हो रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 में गुरुवार को झारखंड राज्य दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? है. इस अवसर पर झारखंड के पारंपरिक नृत्य, गीत और संस्कृति से लोग रूबरू होंगे. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री शामिल होंगे. यह समारोह शाम पांच बजे नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित एम्फी थिएटर में आयोजित होगा.
स्वरोजगार सृजन के लिए किए जा रहे कार्यों की झांकी
ट्रेड फेयर में ना सिर्फ झारखंड के रेशमी परिधान लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं, बल्कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने एवं ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार सृजन के लिए किये जा रहे कार्यों की झांकी लोगों को आकर्षित कर रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निर्देश पर मेले में कृषि, पशुपालन विभाग द्वारा जैविक कृषि का स्टाल, वन विभाग का स्टाल, जेरेडा का स्टाल, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड के स्टाल में प्रदर्शित विभिन्न शिल्पकारों के हस्तनिर्मित लकड़ी, बांस से निर्मित नेम प्लेट, पेन स्टैंड, टी कोस्टर, सर्विस प्लेट, मूर्ति का स्टॉल लगा है, जो दर्शकों द्वारा बेहद पसंद किया जा रहा है.
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जैविक उत्पाद और जैविक खेती कर रहा आकर्षित
झारखंड जैविक कृषि प्राधिकार ने स्टाल के माध्यम से जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी की है. मेला में आनेवालों को जैविक कृषि से सम्बंधित बुकलेट, फिल्म आदि के माध्यम से जानकारी दी जा रही है. झारखंड जैविक कृषि प्राधिकार के डॉ एम. शिवा ने कहा कि वर्तमान में करीब 97000 कृषक ओफाज से जुड़े हैं और 1 लाख हेक्टेयर भूमि से अधिक जैविक खेती के अंतर्गत है. आने वाले दिनों में 20 लाख हेक्टेयर भूमि में जैविक खेती किया जाना प्रस्तावित है.
अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला: मंत्रमुग्ध करेंगे झारखण्ड के पारम्परिक नृत्य, गीत और संस्कृति, CM हेमंत होंगे शामिल
अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 में गुरुवार को झारखण्ड राज्य दिवस समारोह का आयोजन अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? किया जा रहा है। इस अवसर पर झारखण्ड के पारम्परिक नृत्य, गीत और संस्कृति से लोग रूबरू होंगे। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन शामिल होंगे। यह समारोह सांय पांच बजे नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित एम्फी थिएटर में आयोजित होगा।
स्वरोजगार सृजन हेतु किये जा रहे कार्यों की झांकी
ट्रेड फेयर में ना सिर्फ झारखण्ड के रेशमी परिधान लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं, बल्कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने एवं ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार सृजन हेतु किये जा रहे कार्यों की झांकी लोगों को आकर्षित कर रही है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की सोच के अनुरूप मेले में कृषि, पशुपालन विभाग द्वारा जैविक कृषि का स्टाल, वन विभाग का स्टाल, जेरेडा का स्टाल, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड के स्टाल में प्रदर्शित विभिन्न शिल्पकारों के हस्तनिर्मित लकड़ी, बांस से निर्मित नेम प्लेट, पेन स्टैंड, टी कोस्टर, सर्विस प्लेट, मूर्ति आदि दर्शकों द्वारा बेहद पसंद किया जा रहा है।
जैविक उत्पाद और जैविक खेती कर रहा आकर्षित
झारखण्ड जैविक कृषि प्राधिकार ने स्टाल के माध्यम से जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी की है। मेला में आनेवालों को जैविक कृषि से सम्बंधित बुकलेट, फिल्म आदि के माध्यम से जानकारी दी जा रही है। झारखण्ड जैविक कृषि प्राधिकार के डॉ एम. शिवा ने कहा कि वर्तमान में करीब 97000 कृषक ओफाज से जुड़े है और 1 लाख हेक्टेयर भूमि से अधिक जैविक खेती के अंतर्गत है। आने वाले दिनों में 20 लाख हेक्टेयर भूमि में जैविक खेती किया जाना प्रस्तावित है। इसके द्वारा लोगो को विषमुक्त और सुरक्षित खाद्यान्न उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य है। इन्ही उद्देश्य के साथ झारखंड राज्य में जैविक खेती का कार्य किया जा रहा है।
मालूम हो कि 27 नवम्बर तक आयोजित अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 में झारखण्ड पार्टनर स्टेट के तौर पर शामिल है। मेले में झारखण्ड के स्थानीय बुनकरों, ट्राइबल शिल्पकारों द्वारा प्रदर्शित पारम्परिक आदिवासी जैकेट, शर्ट्स, टॉवल, गमछा, टोपी आदि दर्शकों के द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है।