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इन आठ देशों ने बदली अपनी करेंसी, नया नाम दिया 'इको'

सीएफए फ्रैंक शुरुआत में फ्रांस की मुद्रा फ्रैंक से जुड़ी हुई थी. बाद में करीब दो दशक पहले इसे यूरो से जोड़ दिया गया था.

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने इस कदम को सराहा

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2019,
  • (अपडेटेड 22 दिसंबर 2019, 4:29 PM IST)
  • सीएफए फ्रैंक शुरुआत में फ्रांस की मुद्रा फ्रैंक से जुड़ी हुई थी
  • फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने इसे ऐतिहासिक सुधार बताया

पश्चिमी अफ्रीका के आठ देशों ने अपनी साझा मुद्रा (करेंसी) का नाम बदलकर 'इको' करने का फैसला लिया है. इन देशों ने उपनिवेश काल के शासक फ्रांस से मौजूदा मुद्रा 'सीएफए फ्रैंक' को अलग करने का भी फैसला किया.

यहां की करेंसी का इतिहास

सीएफए फ्रैंक शुरुआत में फ्रांस की मुद्रा फ्रैंक से जुड़ी हुई थी. बाद में करीब दो दशक पहले इसे यूरो से जोड़ दिया गया था. पश्चिमी अफ्रीका के बेनिन, बुर्किना फासो, गिनी-बसाउ, आइवरी कोस्ट, माली, नाइजर, सेनेगल और टोगो अभी इस मुद्रा का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनमें से गिनी-बसाउ को छोड़ शेष सभी देश फ्रांस के उपनिवेश थे.

तीन बड़े बदलावों की घोषणा

यह साझा मुद्राएं घोषणा फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की आइवरी कोस्ट की यात्रा के दौरान शनिवार को की गई. आइवरी कोस्ट के राष्ट्रपति एलास्साने ओउत्तारा ने देश की आर्थिक राजधानी आबिदजान में तीन बड़े बदलावों की घोषणा की. इनमें मुद्रा का नाम बदलना, फ्रांस के खजाने में 50 प्रतिशत से अधिक मुद्रा भंडार रखना और मुद्रा के संबंध में किसी भी तरह से फ्रांस का हस्तक्षेप रोकना शामिल रहा.

मैक्रों ने इसे ऐतिहासिक सुधार बताते हुए कहा कि इको की शुरुआत 2020 में होगी. फ्रांस के एक सूत्र ने बताया कि समझौता छह महीने में पूरा हुआ.

साझा मुद्रा किसे कहा जाता है, और कितने देशों में चलता है

दुनियाँ में हर देश की एक अपना अलग-अलग मुद्रा होती हैl लेकिन दुनियां में कुछ ऐसी मुद्राएँ भी है जो कई देशो में चलती हैl जो मुद्रा साझा मुद्राएं एक देश के अलावा, उसी मुद्रा को दुसरे देशों में चलाया जाता है, ऐसे मुद्रा को साझा मुद्रा कहा जाता हैl आज में आप को कुछ ऐसे देशों के नाम साझा मुद्राएं बताने जा रहा हूँ, जहाँ साझा मुद्रा चलता हैl

यूरो दुनिया की सबसे जानी मानी साझा मुद्रा हैl यह यूरोपीय संघ की आधारिकारिक मुद्रा है और संघ के 28 सदस्य देशों में से 19 में यही मुद्रा चलती हैl यूरो वाले देशों को यूरोजोन कहते हैंl इसके अलावा कोसोवो, मोंटेनेग्रो और वेटिकन सिटी ने भी इसे अपनाया हुआ हैl

अमेरिकी डॉलर को दुनिया की सबसे ताकतवर मुद्रा माना जाता हैl यह अमेरिका के अलावा इक्वाडोर, अल सल्वाडोर, पनामा, मार्शल आईलैंड, पूर्वी तिमोर, गुआम और पुएर्तो रिको समेत कई देशों और इलाकों की भी आधिकारिक मुद्रा हैl

वेस्ट अफ्रीकन सीएफए फ्रांकl पश्चिमी अफ्रीका के आठ देशों में वेस्ट अफ्रीकन सीएफए फ्रांक चलता हैl इन देशों में बेनिन, बुरकीना फासो, गिनी बिसाऊ, आइवरी कोस्ट, माली, निजेर, सेनेगल और टोगो शामिल हैंl इन देशों की कुल आबादी साढ़े दस करोड़ से भी ज्यादा हैl

सेंट्रल अफ्रीकन सीएफए फ्रांकl मध्य अफ्रीका के छह देशों में सेंट्रल अफ्रीकन सीएफए फ्रांक आधिकारिक मुद्रा हैl इन देशों में कैमरून, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, चाड, रिपब्लिक ऑफ कांगो, इक्वाटोरियल गिनी और गैबोन शामिल हैंl दोनों ही सीएफए फ्रांक कीमत में एक दूसरे के बराबर हैंl

हांगकांग डॉलरl हांगकांग अब चीन का हिस्सा है लेकिन उसकी अपनी अलग मुद्रा हैl हांगकांग के अलावा हांगकांग डॉलर से आप मकाऊ में भी खरीददारी कर सकते हैंl मकाऊ भी चीन का एक इलाका है जिसकी अपनी अलग मुद्रा का नाम मैकेनीज पाटाका हैl

भारतीय रुपया दुनिया में दूसरे सबसे ज्यादा आबादी वाले देश की मुद्रा हैl आप चाहें तो भारत के अलावा नेपाल और भूटान में भी रुपये में आराम से चीजें खरीद सकते हैंl इसके अलावा अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे में आजकल भारतीय मुद्रा चल रही हैl आर्थिक संकट झेल रहे जिम्बाब्वे में दुनिया की कई मुद्राएं भी चलन में हैंl

रूबल रूस की आधिकारिक मुद्रा है जो अबखाजिया और दक्षिणी ओसेतिया में भी चलती हैl ये दोनों ही इलाके खुद को अलग देश मानते हैं, हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें मान्यता नहीं हैl रूस इन्हें अलग देश समझता हैl

स्विस फ्रैंकl स्विट्जरलैंड की मुद्रा स्विस फ्रैंक यूरोपीय देश लिष्टेनश्टाइन में भी चलती हैl लिष्टेनश्टाइन का नाम अकसर उन देशों में आता है जहां दुनिया भर के अमीर लोग टैक्स बचाने के लिए अपना पैसा रखते हैंl आम बोलचाल में इसे काला धन भी कहा जाता हैl

टर्किश लीरा तुर्की की आधिकारिक मुद्रा टर्किश लीरा उत्तरी साइप्रस की भी मुद्रा है जो खुद को टर्किश रिपब्लिक ऑफ नॉर्दन साइप्रस कहता हैl तुर्की इसे एक अलग देश मानता है जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर में यह रिपब्लिक ऑफ साइप्रस का ही एक हिस्सा हैl

ED: अब प्रवर्तन निदेशालय 15 और एजेंसियों के साथ साझा कर सकेगी जानकारी, केंद्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम

प्रवर्तन निदेशालय केंद्रीय जांच एजेंसी है, जो मुख्य रूप से धनशोधन और विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन के संबंधित मामलों में कार्रवाई करती है। इससे पहले ईडी को सीबीआई, आरबीआई, सेबी, आईआरडीएआई, गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) समेत केवल 10 एजेंसियों के साथ डेटा साझा करने की अनुमति थी।

प्रवर्तन निदेशालय।

अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 15 अन्य एजेंसियों के साथ आर्थिक अपराधियों के बारे में जानकारी साझा कर सकेगी। केंद्र सरकार ने सोमवार को इसके लिए अनुमति दे दी है। वित्त मंत्रालय ने इसे 22 नवंबर को धनशोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए), 2002 में बदलावों के अन्तर्गत अधिसूचित किया है। सरकार के इस कदम से कानून का उल्लंघन करने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आएगी।

अब इन एजेंसियों के साथ भी ईडी साझा करेगी जानकारी
वित्त मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, इन 15 एजेंसियों में गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ), भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) और राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए), राज्य पुलिस विभाग, विभिन्न अधिनियमों के तहत नियामक, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी), विदेश मंत्रालय भी शामिल हैं। वहीं, सरकार के इस आदेश के बाद प्रवर्तन निदेशालय कुल 25 एजेंसियों के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकता है। इस आदेश से पहले केवल 10 एजेंसियों के साथ ही ईडी जानकारी साझा कर सकती थी।

पहले 10 एजेंसियों के साथ ही जानकारी साझा करने की थी अनुमति
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय केंद्रीय जांच एजेंसी है, जो मुख्य रूप से धनशोधन और विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन के संबंधित मामलों में कार्रवाई करता है। इससे पहले ईडी को सीबीआई, आरबीआई, सेबी, आईआरडीएआई, गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) समेत केवल 10 एजेंसियों के साथ डेटा साझा करने की अनुमति थी।

सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पीएमएलए के तहत अधिकारी अब 25 एजेंसियों के साथ आपत्तिजनक जानकारी और सामग्री साझा करने के लिए अधिकृत हैं। सरकार द्वारा उठाया गया ये कदम राज्यों और केंद्र सरकार की एजेंसियों को एकीकृत करेगा। साथ ही राज्य और केंद्र की जांच एजेंसियां आर्थिक अपराधियों से संबंधित सत्यापित जानकारी के साथ और भी सशक्त होंगी।

विस्तार

अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 15 अन्य एजेंसियों के साथ आर्थिक अपराधियों के बारे में जानकारी साझा कर सकेगी। केंद्र सरकार ने सोमवार को इसके लिए अनुमति दे दी है। वित्त मंत्रालय ने इसे 22 नवंबर को धनशोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए), साझा मुद्राएं 2002 में बदलावों के अन्तर्गत अधिसूचित किया है। सरकार के इस कदम से कानून का उल्लंघन करने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आएगी।

अब इन एजेंसियों के साथ भी ईडी साझा करेगी जानकारी
वित्त मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, इन 15 एजेंसियों में गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ), भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) और राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए), राज्य पुलिस विभाग, विभिन्न अधिनियमों के तहत नियामक, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी), विदेश मंत्रालय भी शामिल हैं। वहीं, सरकार के इस आदेश के बाद प्रवर्तन निदेशालय कुल 25 एजेंसियों के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकता है। इस आदेश से पहले केवल 10 एजेंसियों के साथ ही ईडी जानकारी साझा कर सकती थी।

पहले 10 एजेंसियों के साथ ही जानकारी साझा करने की थी अनुमति
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय केंद्रीय जांच एजेंसी है, जो मुख्य रूप से धनशोधन और विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन के संबंधित मामलों में कार्रवाई करता है। इससे पहले ईडी को सीबीआई, आरबीआई, सेबी, आईआरडीएआई, गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) समेत केवल 10 एजेंसियों के साथ डेटा साझा करने की अनुमति थी।

सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पीएमएलए के तहत अधिकारी अब 25 एजेंसियों के साथ आपत्तिजनक जानकारी और सामग्री साझा करने के लिए अधिकृत हैं। सरकार द्वारा उठाया गया ये कदम राज्यों और केंद्र सरकार की एजेंसियों को एकीकृत करेगा। साथ ही राज्य और केंद्र की जांच एजेंसियां आर्थिक अपराधियों से संबंधित सत्यापित जानकारी के साथ और भी सशक्त होंगी।

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