कई समय सीमा विश्लेषण

लालफीताशाही का खात्मा
IBPS Clerk Mains 2020 : परीक्षा विश्लेषण, रिव्यू और परीक्षा-स्तर
IBPS Clerk Mains परीक्षा विश्लेषण और रिव्यू 2020: IBPS क्लर्क मेन्स 2020 अब समाप्त हो चुकी है, IBPS PO Mains 2019 के बाद, यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) में क्लर्क कई समय सीमा विश्लेषण बनने के लिए इच्छुक सभी उम्मीदवारों के लिए बहुप्रतीक्षित परीक्षा थी. बिना एक भी क्षण बर्बाद किए, आइए विश्लेषण की ओर जाते है, जिसका आप सभी इंतजार कर रहे हैं.
IBPS Clerk Mains 2020 की परीक्षा में 5 सेक्शन संख्यात्मक अभियोग्यता, अंग्रेजी, तार्किक क्षमता, कंप्यूटर एप्टीट्यूड और जनरल / फाइनेंशियल अवेयरनेस के लिए 160 मिनट की समयावधि थी और प्रत्येक सेक्शन में इसकी समय सीमा निर्धारित की गई थी।
IBPS Clerk Mains 2020 परीक्षा विश्लेषण (सम्पूर्ण):
अनुभाग | बेहतर प्रयास |
---|---|
अंग्रेजी | 29-33 |
तार्किक क्षमता और कंप्यूटर एप्टीट्युड | 27-32 |
संख्यात्मक अभियोग्यता | 31-36 |
जनरल / फाइनेंशियल अवेयरनेस | 28-34 |
TOTAL | 117-129 |
अंग्रेजी (कठिन)
अंग्रेजी भाषा अनुभाग में 40 प्रश्न थे. रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन के कुल 3 सेट थे और उनके विषय निम्नलिखित थे:
Coffee
Artificial Intelligence
Sentence Rearrangement:
4 sentences were given out of which 1st & last were fixed. B & C (middle sentences) were divided into parts and had to be arranged among themselves. Finally, कई समय सीमा विश्लेषण the whole paragraph was required to be rearranged.
Cloze Test:
There were 6 words marked as bold. The words were required to be substituted with appropriate words.
Fillers:
3 Sentences were given with a blank in each. Candidates had to identify suitable word which will fit in all 3 blanks.
विषय | प्रश्नों की संख्या | स्तर |
---|---|---|
Reading Comprehension | 15 | माध्यम-कठिन |
Sentence Rearrangement (new format) | 05 | माध्यम-कठिन |
Starters | 04 | आसान |
Cloze Test | 06 | आसान-मध्यम |
Error Detection | 05 | मध्यम |
Fillers (Three blanks, one word) | 05 | मध्यम |
कुल | 40 | कठिन |
बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल (बीबीआईएन) उप-क्षेत्र को जोड़ने के लिए क्या जरूरी है?
भारतीय ट्रक चालक बापी सिकदर कहते हैं, "भारत-बांग्लादेश सीमा को पार करना बहुत चुनौतीपूर्ण है।" वे 35 वर्षों से दोनों देशों के बीच माल ढोते आए हैं। सिकदर उन हजारों ट्रक ड्राइवरों में से एक हैं जो दक्षिण एशिया में सबसे व्यस्त और सबसे महत्वपूर्ण भू कई समय सीमा विश्लेषण सीमा - पेट्रापोल-बेनापोल क्रॉसिंग पर नियमित रूप से कतार लगाते हैं।
श्री सिकदर को सीमा पार करने से पहले भारत की तरफ पेट्रापोल स्थित एकीकृत चेक पोस्ट में प्रवेश करने के लिए 15 दिनों तक इंतजार करना पड़ा। उसके बाद सीमा के बांग्लादेश की ओर बेनापोल में माल उतारने में उन्हें तीन दिन और लग गए। पूर्वी अफ्रीका सहित दुनिया के अन्य अधिकांश हिस्सों में, माल की समान मात्रा को क्लीर करने में छह घंटे से भी कम समय लगता है।
बिहार में जहरीला हुआ पानी,10 जिलों की स्थिति हुई खराब
बिहार के कई जिलों में पानी पीने लायक नही ,फोटो-Indiawaterportal flicker
बिहार के कई इलाकों में पीने लायक पानी नहीं है। क्योंकि इनमें भारी मात्रा में यूरेनियम है कुछ दिन पहले ही केंद्रीय भूजल बोर्ड के द्वारा राज्य के विभिन्न हिस्सों में इकट्ठा किए गए पानी के नमूनों का विश्लेषण किया गया जिसमें यह पाया गया कि जिस मात्रा में यूरेनियम पानी में होना चाहिए उससे कहीं अधिक मौजूद है।
विभाग के अनुसार पानी में यूरेनियम की सीमा 30 पीपीबी होनी चाहिए है। जबकि सीजीडब्ल्यूबी ने भूजल के नमूनों में करीब 40-50 पीपीबी की सीमा में यूरेनियम पाया गया है।
यूरेनियम की अधिकता से कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा
नासा ने ली चंद्रयान-2 के लैंडिंग साइट की तस्वीर, जल्द मिलेगी बड़ी खबर
- नई दिल्ली,
- 19 सितंबर 2019,
- (अपडेटेड 19 सितंबर 2019, 6:37 PM IST)
- नासा के मून आर्बिटर ने चांद के क्षेत्र की तस्वीरें ली हैं
- नासा के एक वैज्ञानिक के हवाले से एक रिपोर्ट में यह बात कही गई
चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर से संपर्क साधने की समय सीमा समाप्त हो रही है. इसी बीच खबर आई है कि नासा के मून आर्बिटर ने चांद के उस क्षेत्र की तस्वीरें ली हैं जहां कई समय सीमा विश्लेषण पहुंच चंद्रयान-2 से भारत का संपर्क टूट गया था.
नासा के एक वैज्ञानिक के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नासा (NASA) ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अपने लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (LRO) की मदद से 17 सितंबर को कई तस्वीरें ली हैं. नासा फिलहाल इन तस्वीरों का विश्लेषण कर रहा है. इसी क्षेत्र में मिशन चंद्रयान-2 के तहत विक्रम लैंडर की साफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की गई थी, लेकिन विक्रम के लैंड होने से दो किलोमीटर पहले ही इसरो का संपर्क टूट गया था.
कई समय सीमा विश्लेषण
हाल ही में किए एक नए अध्ययन से पता चला है कि कई प्रजातियों का विकास अनुमान से चार गुना तेजी से हो रहा है। यह जानकारी इन प्रजातियों की आनुवंशिक विभिन्नताओं के विश्लेषण में सामने आई है, जोकि डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत से मेल नहीं खाती हैं।
इस बारे में हाल ही में किए एक शोध से पता चला है कि किसी प्रजाति में जितने ज्यादा आनुवंशिक अंतर होते हैं उनका विकास उतना तेजी से हो सकता है, क्योंकि समय के साथ उनमें कुछ लक्षण मिट जाते है, जबकि जो लक्षण सबल होते हैं, वो समय के साथ स्थिर बने रहते हैं।
गौरतलब है कि वैज्ञानिकों ने जर्नल साइंस में प्रकाशित इस अध्ययन में दुनिया भर की 19 प्रजातियों से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया है, जिनसे पता चला है कि विकास के लिए जिन घटकों की जरुरत है वो पिछले अनुमानों की तुलना में कहीं ज्यादा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।