शेयर बाजार की मूल बातें

हमने यहां नाचे ऐसी अंग्रेजी फिल्मों कि सूची बनाई है जो शेयर बाजार पर आधारित हैं। इनमें से कई फिल्में आपको हिंदी भाषा में डब होकर भी देखने को मिल जायेंगी।
शेयर बाजार आधारित फिल्में और वेब-सीरीज
शेयर बाजार किसी भी देश के आर्थिक जगत का बहुत बड़ा बैरोमीटर है जिससे उस देश कि अर्थव्यवस्था का कुछ कुछ अंदाजा लगाया जा सकता है। विभिन्न कंपनियों के स्टाक्स को शेयर बाजार में खरीदा बेचा जाता है और उससे कंपनियों की पूंजी बढ़ती घटती रहती है।
करोड़ों लोग इन शेयर बाजारों में अपनी किस्मत आजमाते हैं। इसलिये इस विषय का असर बहुत व्यापक है।
हिंदी, अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में भी शेयर बाजार के ऊपर आधारित फिल्में, टीवी श्रंखलायें, वेब सीरीज और ढेर सारी डाक्यूमेंट्री (documentary) बने हैं। किसी किसी फिल्म में कथानक का मूल शेयर बाजार होता है वहीं कुछ शेयर बाजार की मूल बातें में वो घटनाकृम में रहता है।
यहां पर हम कुछ ऐसी ही हिंदी/अंग्रेजी फिल्में, वेब सीरीज की चर्चा करेंगे जो कि या तो शेयर बाजार के माहिर खिलाड़ियों के ऊपर हे या फिर रोजाना काम करने वाले ट्रेडर्स के उपर बनी हैं।
शेयर बाजार पर बनी हिंदी फिल्में
शेयर बाजार को लेकर हिंदी फिल्मों और टीवी धारावाहिकों का रुख कुछ नकारात्मक सा ही है। स्टॉक मार्केट को सट्टा की तरह पेश किया जाता है जहां पर लोग रातों रात धनी बन जाते हैं या फिर धनी व्यक्ति की कंपनी के शेयर इतने गिर जाते हैं कि उसका सब कुछ बिक जाता है और वो और उसका पूरा परिवार सड़क पर आ जाता है।
यही कारण है कि हिंदी में शेयर बाजार को लेकर कुछ चंद फिल्में ही बनी हैं। हमारी जानकारी में यहां नीचे बताई गई हिंदी फिल्में ही स्टॉक मार्केट पर बनी हैं।
- शेयर बाजार (Share Bazar) (1987) - ये हिंदी फिल्म शेयर बाजार के दो ट्रेडर भाइयों मनसुख और हंसमुख मेहता के उपर बनी है जो कि बांबे स्टॉक एक्सचेंज में उठापटक करते हैं। इस फिल्म में जैकी श्राफ और डिम्पल कपाड़िया ने लीड रोल में काम किया है।
- गफला (Gafla) (2006) - ये फिल्म बांबे स्टॉक मार्केट में शेयर बाजार की मूल बातें हुये 1992 के बदनाम प्रतिभूति घोटाले के मुख्य आरोपी हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित है। ये फिल्म यू-ट्यूब पर देखने के लिये उपलब्ध है।
- सास बहू और सेन्सेक्स (Saas Bahu aur Sensex) (2008) ये एक हिंदी फिल्म है जो 2008 में आई थी। शोना ऊर्वशी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में शेयर बाजार में पैसा लगाने का और वहां काम करने के बारे में कुछ कहने के साथ ही साथ अन्य मसाले डाल कर बनाई गई एक मसाला हिंदी फिल्म है। इस फिल्म में किरण खेर, तनुश्री दत्ता, अंकुर खन्ना, फारूख शेख इत्यादि ने काम किया है।
- जो हम चाहें (Jo Hum Chahein) (2011) - नवोदित कलाकार हीरो सनी गिल, हीरोईन सिमरन मुंडी और नवोदित निर्देशक पवन गिल सबकी ये पहली फिल्म थी जिसमें हीरो MBA करने के बाद बांबे स्टॉक मार्केट में ट्रेडर बन कर अपनी आजीविका चलाना शुरू करता है।
- बाजार (Bazaar) (2018) - सैफ अली खान इस फिल्म के हीरो हैं जो कि शेयर बाजार की मूल बातें किसी भी तरह से शेयर बाजार मे पैसा कमाने में विश्वास करता है। स्टॉक मार्केट के कई काली सफेद गतिविधयां इसमें दिखाई गई हैं जैसे कि इनसाइडर ट्रेडिंग इत्यादि।
- स्कैम 1992 - द हर्षद मेहता स्टोरी(Scam 1992 - the Harshad Mehta Story) (हिंदी) - सोनी लिव (SonyLiv) पर उपलब्ध हो गया है। जैसा कि नाम से जाहिर है ये फिल्म हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित है।
- द बिग बुल (The Big Bull) (हिंदी) (2020) - अमेजन प्राइम (Amazon Prime) पर 8 अप्रैल 2021 को उपलब्ध हो गई है। इसको अजय देवगन और कुकी गुलाटी ने बनाया शेयर बाजार की मूल बातें है और इसके मुख्य कलाकार में अभिषेक बच्चन हैं। ये फिल्म भी हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित है।
शेयर बाजार आधारित हिंदी वेब सीरीज
भारत में अभी OTT आधारित प्लेटफार्म का विकास हो रहा है। ऐसे में में नये नये विषय के लिये हो सकता है कि कुछ वेब सीरीज शेयर बाजार पर भी बनें।
- द बुल ऑफ दलाल स्ट्रीट (The Bull of Dalal Street) (हिंदी) - एसएक्स प्लेयर (MX Player) पर उपलब्ध
- शेयर बाजार पर इम्तियाज अली की लघु फिल्म (YouTube पर उपलब्ध)
शेयर बाजार की मूल बातें
#📈शेयर बाजार की मूल बातें💱 अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार (Stock Market) किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है. भारत में बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) नाम के दो प्रमुख शेयर बाजार हैं.
सेबी लेकर आने वाला है शेयर बाजार के लिए नया नियम, निवेशकों को मिलेगी मदद
TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा
Updated on: Jul 10, 2022 | 9:48 PM
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) (Sebi) बाजार (Share Market) के रुझानों पर नियमित रूप से रिस्क फैक्टर डिस्कलॉजर जारी करने की योजना बना रहा है. इसमें चढ़ाव और गिरावट, दोनों तरह के रुझान शामिल है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इन डिस्कलॉजर से निवेशकों (Investors) को सही फैसले लेने में मदद मिलेगी. यह कदम अभी चर्चा के शुरुआती चरण में है, जिससे निवेशकों को एक झुंड की मानसिकता से बचने में मदद मिल सकती है. पिछले कुछ सालों में, और खासतौर से महामारी (Covid-19 Pandemic) के दौरान 2020 की शुरुआत में देखने को मिला कि निवेशकों ने घबराहट में बिकवाली की और उसके बाद जल्दी से अमीर होने के लालच में बड़े पैमाने पर खरीदारी की, जिससे उन्हें नुकसान हुआ.
सेबी क्यों ला रहा है ये नया नियम?
इस दौरान खासतौर से बड़ी संख्या में आए आईपीओ में और साथ ही वायदा और विकल्प खंड में निवेशकों को नुकसान हुआ है.
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि निवेशकों ने हर चक्र में एक निश्चित रुझान देखा- यानी, जब शेयर चल रहा होता है, तो हर कोई उसे खरीदने के लिए दौड़ता है और फिर संकट आने पर वे घबराहट में बिक्री करते हैं. पूंजी बाजार में निवेश की मूल बातों को हमेशा नजरअंदाज किया जाता है, और इसका एक प्रमुख कारण स्वतंत्र अंतर्दृष्टि की कमी है.
अधिकारी ने आगे कहा कि बाजार में उपलब्ध अधिकांश शोध सामग्री बाजार सहभागियों द्वारा तैयार की गई है, जिनके अपने व्यावसायिक हित होते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में यह एक अच्छा विचार हो सकता है, अगर नियामक खुद बाजार में तेजी या गिरावट को लेकर अपने नजरिए को सार्वजनिक करे.
सेबी के मुताबिक मौजूदा नियम हुए बेकार
सेबी जिस विचार पर काम कर रहा है, उसकी व्याख्या करते हुए एक उच्च स्तरीय सूत्र ने कहा कि अब समय आ गया है कि सेबी उन मामलों पर डिस्कलॉजर करके उदाहरण पेश करे, जो बड़े पैमाने पर निवेशकों के लिए उपयोगी हो सकते हैं. इस योजना में शामिल एक सूत्र ने कहा कि मौजूदा नियमों के तहत एक साधारण वाक्य अनिवार्य है कि कुछ निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं, जो बहुत अधिक घिसा-पिटा हो गया है और यह अब काम नहीं करता है.
उन्होंने आगे कहा कि समय की जरूरत है कि निवेशकों को कुछ विस्तृत आंकड़े मिलें, वह भी नियामक से. सिर्फ उनके फंड प्रबंधकों से नहीं, जिनका मुख्य उद्देश्य अपने व्यवसायों को बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह नियामक की जिम्मेदारी है कि सभी जरूरी खुलासे किए जाएं और तय हो कि बाजार सहभागियों को उनके बारे में कैसे बताना चाहिए. सूत्र ने कहा कि यह नियामक का कर्तव्य है कि वह निवेशकों और सभी बाजार भागीदारों को बताए कि उसकी समझ क्या है.
Share Bazaar Ki Mool Baatein
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपका एक डीमेट अकाउंट होना चाहिए | आप यह अकाउंट घर बैठकर बिना किसी निवेश के बना सकते हैं | दुनिया में बहुत ऐप उपस्थित है जिसकी सहायता से आप यह कर सकते हैं | उदाहरण :- अॅप सटॉकस (Upstox)
शेयरों के खरीदारों और विक्रेताओं के लिए एक मंच पाया जाता है इसे शेयर बाजार कहते हैं | 1995 से पहले लोग ट्रेड रिंग में खड़े होकर लेन-देन किया करते थे | वर्तमान में ट्रेडिंग के लिए दलाल के कार्यालय अथवा इंटरनेट सुविधा उपलब्ध है | शेयर बाजार और स्टॉक बाजार दोनों एक ही है | आज हम Share Bazaar Ki Mool Baatein / शेयर बाजार की मूल बातें जानेगे शेयर बाजार की मूल बातें |
Share Bazaar Ki Mool Baatein / शेयर बाजार की मूल बातें :-
शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहां पर विभिन्न कंपनियों के शेयरों का कारोबार किया जाता है | भारत में दो प्राथमिक एक्सचेंज है | एनएसई (NSE-National Stock Exchange) बीसई (BSE – Bombay Stock Exchange) अॅप सटॉकस क्यों चुने ? अॅप सटॉकस शेयर बाजार के मूल सिद्धांतों, व्यापार करने के तरीके और सफल व्यापारिक रणनीतियों के बारे में जानकारी प्रदान करता है | शेयर बाजार के तौर-तरीकों को समझने के लिए हर उत्सुक निवेशक को मौका देता है |
प्राथमिक बाजार और द्वितीय बाजार में अंतर ?
प्राथमिक बाजार:-
द्वितीय बाजार :-
शेयर बाजार में शेयरों की कीमत कैसे तय होती है?
शेयर बाजार की मूल बातें समझते हुए हमारे लिए यह अति आवश्यक है कि बाजार ही शेयरों की कीमत निर्धारित करता है | सामान्य तौर पर शेयरों का मूल्य उस समय बढ़ जाता है जब कंपनी तेजी से बढ़ रही हो |
डीमैटरियलाइजेशन (डीमैट) खाता खोलें:
शेयर बाजार या दुनिया भर में कहीं भी निवेश करने के लिए डीमैट खाता खोलना होगा। यह डीमैट खाता पंजीकृत सेबी ब्रोकर के साथ खोला जाना चाहिए। आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों को आपके डीमैट खाते में इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जाता है। जब आप इन प्रतिभूतियों को बेचना चाहते हैं, तो वे आपके डीमैट खाते से ही डेबिट किए जाते हैं। तो, मूल रूप से डीमैट आपकी प्रतिभूतियों के लिए एक स्टोर के रूप में कार्य करता है।
ऐसे कई ब्रोकर हैं, जहां आप अपना डीमैट खोल सकते हैं। पर मैं व्यक्तिगत रूप से Zerodha को पसंद करता हूँ। क्योकि Zerodha में शेयर को लंबे समय के लिए खरीदने पर कोई दलाली नहीं देनी होती हैं। Zerodha के साथ अभी 25 लाख से भी ज्यादा उपयोगकर्ता है।
यदि आपको डीमैट अकाउंट खोलना है तो मैं सलाह दूंगा की आप Zerodha क साथ खाता खोले।
आप कब ट्रेडिंग कर सकते हैं?
बाजार सुबह 9:15 बजे खुलते हैं और दोपहर 3:30 बजे तक खुले रहते हैं। बाजार सोमवार से शुक्रवार तक खुलता हैं। शनिवार और रविवार बाजार बंद रहता है।
भारत में, दो एक्सचेंज हैं जहां आप ट्रेडिंग कर सकते हैं।
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)
समय क्या हैं?
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारतीय बाजारों में सामान्य ट्रेडिंग घंटे सुबह 9:15 बजे से शुरू होकर दोपहर 3:30 बजे तक होते हैं, लेकिन अन्य ट्रेड भी हैं जो इस से पहले और बाद में होते हैं।
नीचे इन घंटों के दौरान होने वाली ट्रेडिंग गतिविधियों की सूची दी गई है:
सुबह ब्लॉक डील विंडो:
सुबह 8:45 से 9:00 बजे के बीच जगह लेता है। ब्लॉक डील वह डील होती है, जहां शेयर सीधे 2 पार्टियों के बीच बेचे जाते हैं, न कि बाजारों के जरिए। ये ब्लॉक सौदे शेयरों की मात्रा के लिहाज से बहुत बड़े हैं
पूर्व-खुला बाजार:
यह सुबह 9:00 से 9:15 के बीच होता है। शेयर बाजार की मूल बातें इस समय में सभी मामलों को एक ही मूल्य पर मिलान किया जाता है जो उस दिन की शुरुआती कीमत बन जाती है।
सामान्य व्यापारिक घंटे:
इस अवधि के दौरान शेयर बाजारों की सामान्य व्यापारिक गतिविधियां होती हैं, जहां हर कोई ट्रेडिंग में भाग लेता है। समय सुबह 9:15 बजे से अपराह्न 3:30 बजे तक है
शेयर बाजार सूचकांक क्या हैं:
इंडेक्स उन कंपनियों का एक समूह है, जिन्हें एक साथ क्लब किया जाता है और एक मूल्य दिया जाता शेयर बाजार की मूल बातें है। दो सबसे लोकप्रिय भारतीय सूचकांक हैं:
- निफ्टी 50- शीर्ष 50 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है
- सेंसेक्स- शीर्ष 30 कंपनियों का प्रतिनिधित्व
जैसा कि, सूचकांकों की कंपनियों में निवेश करने वाला एक अच्छा विकल्प होगा क्योंकि धन कम होने का जोखिम कम होता है क्योंकि इसमें भारत की शीर्ष कंपनियां शामिल होती हैं इसलिए उनके प्रदर्शन नहीं करने की संभावना कम होती है।
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जिनका आपको पता होना चाहिए:
जब आप शेयर बाजार में कारोबार कर रहे होते हैं तो आपके सामने कई शर्तें आएंगी, जिन्हें आपको जानना जरूरी है। कुछ महत्वपूर्ण शब्द जिन्हें आपको जानना चाहिए, वे हैं: