बिटकॉइन ब्रोकर क्या हैं?

इस पर सरकार की एससी गर्ग समिति ने अपनी रिपोर्ट भी सौंपी है। सरकार के पास कई मंत्रालयों की एक संयुक्त समिति की रिपोर्ट भी है। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस संबंध में बैठक ली थी। समझा जाता है कि भारत सरकार संसद के अगले सत्र में क्रिप्टोकरेंसी की निगरानी के लिए एक विधेयक पेश कर सकती है। तो आख़िर क्या है क्रिप्टोकरेंसी और यह इतनी चर्चा में क्यों है? जिसके बारे में अभी भी भारतीय लोग ज़्यादा नहीं जानते उसको लेकर सरकार के स्तर पर आख़िर इतनी हलचल क्यों है?
क्रिप्टोकरेंसी में करना चाहते हैं निवेश? इन 9 बातों का रखें ध्यान
- Money9 Hindi
- Updated On - September 3, 2021 / 11:45 AM IST
हाई रिटर्न के कारण क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) ने समय के साथ काफी लोकप्रियता हासिल की है. केवल एक क्लिक पर ही आसानी से खरीदी और बिक्री की प्रक्रिया ने इसे खास तौर पर युवाओं के बीच लोकप्रिय बना दिया है. छोटे शहरों से लेकर महानगरों में रहने वाले लोगों में भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर आकर्षण बढ़ा है और वे इसमें निवेश करना चाहते हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की दुनिया में जाने से पहले आपको इन नौ चीजों के बारे में जान लेनी चाहिए.
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भारत में बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों का क्रेज बना हुआ है.
Crypto-currency awareness : भले ही मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी की निगरानी के लिए विधेयक लाने की तैयारी कर रही है, लेकिन फिर भी भारत में बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों का क्रेज बना हुआ है. पिछले 12 महीनों में कुल ग्लोबल सर्चेज़, क्रिप्टो मालिकों की संख्या, ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स और अन्य फैक्टर्स के आधार पर भारत फिलहाल सातवा सबसे ज्यादा ‘क्रिप्टो अवेयर’ (crypto-aware) देश है. ब्रोकर डिस्कवरी और कंपैरिजन प्लेटफॉर्म BrokerChooser की हालिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार, देश के लोगों में क्रिप्टो के संबंध में जागरूकता को लेकर किए गए इस अध्ययन में दुनिया के 50 देशों को शामिल किया गया था.
क्या कहती है रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो बिटकॉइन ब्रोकर क्या हैं? अवेयरनेस स्कोर में भारत ने 10 में से 4.39 अंक हासिल किए. भारत ने इस मामले में ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी और जापान जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया. इस चार्ट में यूक्रेन 7.97 अंकों के साथ सबसे ऊपर है. इसके बाद रूस, अमेरिका, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और यूके का स्थान है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ग्लोबर स्तर पर सर्च किए जाने वाले वाक्य हैं – cryptocurrency, what cryptocurrency to invest in, cryptocurrency to buy, cryptocurrency trading, cryptocurrency trends, और cryptocurrency brokers.
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रोजगार में क्रिप्टो निभा रहा है अहम भूमिका
इसके अलावा, रोजगार सृजन के मामले में भी क्रिप्टो अहम भूमिका निभा रहा है. नैसकॉम ने क्रिप्टो एक्सचेंज वज़ीरएक्स के साथ साझेदारी में पिछले महीने प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा था कि इंडस्ट्री में साल 2030 तक 8 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा करने की क्षमता है, वहीं 2030 तक इंडस्ट्री का आकार 241 मिलियन डॉलर तक पहुंचने की बिटकॉइन ब्रोकर क्या हैं? उम्मीद है. अब तक, भारतीय खुदरा निवेशकों द्वारा क्रिप्टो में 6.6 बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है.
(Article : Sandeep Soni)
(इस स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुझाव/सिफारिशें संबंधित कमेंटेटर/रिपोर्ट द्वारा दी गई हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन उनकी सलाह के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है. क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें.)
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क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा
क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्रा है। यह रुपए, पाउंड, डॉलर या यूरो की तरह नोट तो नहीं है जिसे जेब में रखा जा सकता है, लेकिन यह काम ऐसा ही करता है। यानी इसका मूल्य है। ठीक उसी तरह जिस तरह 10, 50, 100, 500 या 2000 रुपये के नोटों की क़ीमत है। यदि इस पर भरोसा है तो ये इतने मूल्य या क़ीमत के नोट हैं, नहीं तो यह सिर्फ़ कागज का एक टुकड़ा है। बिटकॉइन ब्रोकर क्या हैं? क्रिप्टोकरेंसी के साथ भी ऐसा ही है। वह कंप्यूटर के बेहद जटिल एन्क्रिप्टेड कोड बिटकॉइन ब्रोकर क्या हैं? से बनाई गई करेंसी है और इसका भी मूल्य या क़ीमत अब इसलिए है कि जो लोग लेनदेन करते हैं उनको इसमें भरोसा है।
क्रिप्टोकरेंसी को उपयोग करने के लिए न तो किसी बैंक की ज़रूरत है और न ही किसी सरकार की निगरानी की। क्रिप्टोकरेंसी को बिना किसी रोकटोक के दुनिया भर में कहीं भी ऑनलाइन भुगतान भेजा जा सकता है या प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए कोई शुल्क भी नहीं लगता है। बस आपके पास इंटरनेट की सुविधा है और मोबाइल या लैपटॉप है तो इस क्रिप्टोकरेंसी से लेनदेन बैठे-बैठे कर सकते हैं। बस मोबाइल पर क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी ऐप खोलकर और काम शुरू किया जा सकता है।
बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि रुपया एक मुद्रा है बिटकॉइन ब्रोकर क्या हैं? और डॉलर, पाउंड, यूरो दूसरी मुद्राए हैं। इसी तरह से बिटकॉइन की तरह ही कई और क्रिप्टोकरेंसी भी हैं जिनमें इथेरियम, टीथर, कार्डानो, पोल्काडॉट, रिपल और डोजकॉइन आदि शामिल हैं। हालाँकि, चीन विरोध करता रहा है, लेकिन इसने भी अपनी क्रिप्टोकरेंसी युआन की शुरुआत की है। समझा जाता है कि अमेरिका जैसे विरोध करने वाले देश भी अपनी क्रिप्टोकरेंसी बनाने के प्रयास में हैं।
सवाल है रुपये, डॉलर जैसी मुद्राओं का प्रबंधन तो सरकारें करती हैं, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को कौन चलाता है?
दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन नाम की टेक्नोलॉजी से संचालित होती है। ब्लॉकचेन एक बही खाते की तरह है जो जानकारी को रिकॉर्ड करने की एक प्रणाली है। यानी यह एक तरह का डाटाबेस है।
क्रिप्टोकरेंसी के संचालन का काम ब्लॉकचेन करता है। इसके लिए किसी कर्मचारी की ज़रूरत नहीं होती है।
क्रिप्टोकरेंसी की लेनदेन की जानकारी जहाँ सुरक्षित रखी जाती है उसको 'डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर' कहते हैं जो एक ही समय दुनिया भर के हजारों कम्प्यूटरों में सुरक्षित होती है। इन हज़ारों कम्पयूटरों को 'नोड्स' कहा जाता है।
बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी कौन बनाता है?
सवाल है रुपये, डॉलर जैसी मुद्राओं को तो सरकारें बनाती हैं, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को कौन बनाता है? क्या कोई भी सामान्य से लैपटॉप-कंप्यूटर पर इसे बना सकता है? इसका जवाब है 'नहीं'। इसे हर कोई बना तो सकता है लेकिन इसके लिए शक्तिशाली कम्प्यूटरों का बड़े नेटवर्क के साथ, विशेषज्ञ और बहुत बड़ी मात्रा में बिजली की ज़रूरत होती है।
क्रिप्टोकरेंसी वाले नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर यानी नोड्स जटिल क्रिप्टोलॉजिकल गणित के सवाल को हल करते हैं और उसे सत्यापित करते हैं। उस नेटवर्क में शामिल होने के लिए अधिक से अधिक शक्तिशाली कंप्यूटरों को प्रोत्साहित किया बिटकॉइन ब्रोकर क्या हैं? जाता है। लेनदेन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए और नए बनाए गए सिक्कों के लिए इस काम में लगे लोगों को सिस्टम पुरस्कृत करता है। नए बनाए गए सिक्कों के बदले में लेनदेन को सत्यापित करने और रिकॉर्ड करने की इस प्रक्रिया को 'माइनिंग' के रूप में जाना जाता है। माइनिंग की प्रक्रिया के लिए शक्तिशाली कम्प्यूटर, पेशेवर और काफ़ी ज़्यादा बिजली की ज़रूरत होती है। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बिटकॉइन नेटवर्क की बिजली की खपत वाशिंगटन राज्य के वार्षिक उपयोग के बराबर है। इसी कारण क्रिप्टोकरेंसी को पर्यावरण के लिए ख़तरनाक भी माना जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी पर विवाद क्यों है? सरकारें राजी क्यों नहीं?
सरकारों को आशंका है कि जब क्रिप्टोकरेंसी पर सरकारों का नियंत्रण नहीं है तो इसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जाएगा और इनका इस्तेमाल तस्कर और आतंकवादी भी करेंगे। क्रिप्टोकरेंसी के विरोध में यह भी तर्क दिया जाता है कि इसके मूल्य में काफ़ी ज़्यादा उतार-चढ़ाव होते हैं और यह शेयर बाज़ार की तरह व्यवहार करता है इस वजह से इस पर भरोसा उस तरह नहीं किया जा सकता है। वैसे भी, मुद्रा भरोसे पर ही टिकी होती है।
क्रिप्टोकरेंसी के पक्षधर लोग तर्क देते रहे हैं कि इस तरह तो पारंपरिक मुद्राओं का इस्तेमाल भी कालेधन को बटोरने, रिश्वतखोरी और आतंकवादी गतिविधियों में होता है। ऐसे लोग तर्क देते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी में भरोसा लोगों बिटकॉइन ब्रोकर क्या हैं? का लगातार बढ़ रहा है। एक तर्क तो यह भी दिया जाता रहा है कि चूंकि क्रिप्टोकरेंसी पर सरकारों का नियंत्रण नहीं है इसलिए उनकी सत्ता को इससे डर लग रहा है, इस वजह से वे इसको मान्यता नहीं दे रहे। हालाँकि, दक्षिण अमेरिका के देश अल सल्वाडोर ने इसके इस्तेमाल पर क़ानूनी मुहर भी लगा बिटकॉइन ब्रोकर क्या हैं? दी है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी कोई सरकारी गाइडलाइन या नियम-कानून मौजूद नहीं हैं।