क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं

क्रिप्टो मार्केट में आई गिरावट पर बोले RBI गवर्नर, 'क्रिप्टोकरेंसी की नहीं है कोई वैल्यू'
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "यह कुछ ऐसा है जिसकी कोई वैल्यू नहीं है. आप इसे कैसे रेग्यूलेट करते हैं, इस पर बड़े सवाल हैं. हमारा रुख बिल्कुल साफ है, यह भारत की मौद्रिक, वित्तीय और वृहद आर्थिक स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर करेगा."
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत का रुख हमेशा से ही अधिक उदार नहीं रहा है, और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में एक बार फिर इसे स्पष्ट कर दिया है. सोमवार को RBI गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी और इसके मार्केट के प्रति आगाह कर रहा था, और अब यह क्रैश हो गया है.
CNBC TV18 को दिए एक इंटरव्यू में RBI क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "हम क्रिप्टो के खिलाफ सावधानी बरत रहे हैं और देखिए कि क्रिप्टो मार्केट में अब क्या हुआ है. अगर हम पहले से ही इसे रेग्यूलेट कर रहे थे, तो लोगों ने सवाल उठाया होगा कि नियमों का क्या हुआ."
RBI गवर्नर ने कहा, "यह कुछ ऐसा है जिसकी कोई वैल्यू नहीं है. आप इसे कैसे रेग्यूलेट करते हैं, इस पर बड़े सवाल हैं. हमारा रुख बिल्कुल साफ है, यह भारत की मौद्रिक, वित्तीय और वृहद आर्थिक स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर करेगा."
हाल ही में, दुनियाभर के क्रिप्टोकरेंसी मार्केट भारी गिरावट देखने को मिली है. सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन इस महीने की शुरुआत में 27,000 डॉलर पर ट्रेड कर रही थी. एक वक्त था जब इसने अब तक के सबसे अधिक 69,000 डॉलर के आंकड़े को छुआ था. लेकिन जब से बिटकॉइन गिरावट आनी शुरू हुई, तब से यह 30,000 डॉलर से ऊपर नहीं पहुंच पाई है.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि उनका मानना है कि केंद्र सरकार भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर केंद्रीय बैंक साथ खड़ी नज़र आती है. दास का मानना है कि सरकार भी यह समझती है कि क्रिप्टोकरेंसी का कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है.
दास ने कहा, “हमने सरकार को अपनी स्थिति से अवगत करा दिया है और वे इस पर विचार करेंगे. मुझे लगता है कि सरकार की ओर से जो बयान सामने आ रहे हैं, वे लगभग एक जैसे हैं। वे भी समान रूप से चिंतित हैं."
RBI ने क्रिप्टो एक्सचेंजों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है. अपने शुरुआती दिनों में, जब बिटकॉइन धीरे-धीरे भारत में अपनी पहचान बना रहा था; RBI ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई थी. हालांकि, 2018 में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध को हटा दिया था, और तब से RBI ने वर्चुअल करेंसी पर कड़ा रुख बनाए रखा है. इसने भारत में मैक्रोइकॉनॉमी पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रभाव को लेकर समय-समय पर आगाह किया है.
सरकार भी क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से स्वीकार करने में हिचक रही है.
इस साल के केंद्रीय बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी और इससे जुड़ा संपत्तियों की ट्रेडिंग पर 30 प्रतिशत कर का प्रस्ताव दिया था. इसके ट्रांजेक्शन पर बतौर TDS 1 प्रतिशत कटौती तय की गई है.
गौरतलब हो कि RBI गवर्नर शक्तिकांत दास क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इससे पहले बीते साल नवंबर में भी चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी ने RBI के लिए 'गंभीर चिंता' पैदा की है. शक्तिकांत दास ने तब ये भी कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या को बढ़ा-चढ़ा कर बताया जा रहा है.
आपको बता दें कि रिजर्व बैंक की चिंता के बावजूद देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों में क्रेज बढ़ता जा रहा है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बढ़ने से बीते साल के अगस्त महीने में CoinDCX यूनिकॉर्न बन गया था. और इसके बाद अक्टूबर में CoinSwitch Kuber ने यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री मारी थी.
बैन होगी Cryptocurrency? इससे निवेशकों पर क्या पड़ेगा असर? यहां जानिए कुछ जरूरी बातें.
क्रिप्टोकरेंसी बैन होने वाली हैं. बीते दिन ये खबर आते ही हर तरफ आग की तरह फैल गई। खबर आई कि मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की तैयारी में हैं। जिसके लिए केंद्र की तरफ संसद के शीतकालीन सत्र में एक बिल लाने की तैयारी हो रही है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि सरकार सभी प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने जा रही हैं और वो खुद की एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी लेकर आएगी।
निवेशकों क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं को लग सकता है तगड़ा झटका
ऐसे में वो लोग जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया हुआ है, उनकी टेंशन बढ़ गई। अगर सरकार ने क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह से बैन लगा दिया तो निवेशकों की परेशानी बढ़ सकती है। एक रिपोर्ट ये बताती हैं कि ऐसा होने पर देश की लगभग 8 फीसदी आबादी को झटका लग सकता है। क्योंकि इन लोगों ने कई तरह की डिजिटल मुद्राओं में निवेश किया हुआ है।
70 हजार करोड़ दांव पर?
रिपोर्ट की मानें तो अभी के समय में निवेशकों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये कई प्रचलित डिजिटल करेंसी लगाए हुए हैं। ऐसे में सरकार अगर क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगा देती हैं, तो ये भारतीय निवेशकों को परेशानी में डाल सकता है।
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
ये एक तरह की डिजिटल करेंसी होती है। मतलब जैसे नोट या फिर सिक्के को हाथ में लेते हैं, इसमें ऐसा नहीं होता। इस करेंसी का कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है, ये डिजिटल होती हैं। और क्रिप्टोग्राफी से इनको सिक्योर किया जाता है। हर क्रिप्टोकरेंसी एक यूनिक प्रोग्राम कोड से बनती है, जिससे इसकी कॉपी बनाना या धोखाधड़ी कर पाना नामुमकिन सा ही है।
दुनियाभर में इस वक्त 7 हजार से भी अधिक कई तरह के क्रिप्टो कॉइन चलन में हैं। जबकि 2013 तक तो केवल एक ही क्रिप्टोकरेंसी हुआ करती थीं। ये क्रिप्टोकरेंसी थीं Bitcoin। बिटकॉइन आज भी भारत समेत दूसरे देशों में काफी ज्यादा पॉपुलर है।
आखिर कौन-सा बिल ला रही सरकार?
दरअसल, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जल्द शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा बिल पेश करेगीं। बिल का नाम है क्रिप्टोकरेंसी एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021। बिल के तहत सरकार अपनी आधिकारिक क्रिप्टो करेंसी लाने की तैयारी कर रही है। जानकारी ऐसी है कि सरकार 26 नवंबर को ये बिल पेश करने वाली है, जिसमें ही ये पता चल पाएगा कि क्या केंद्र पूरी तरह से इन क्रिप्टो करेंसी पर बैन क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगा रही है या फिर कुछ शर्तों के साथ ट्रेडिंग की इजाजत मिलेगी?
क्या हो सकता है इसका असर?
भारत सरकार अगर क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करती है तो Bitcoin समेत दूसरी सभी डिजिटल मुद्राओं निवेश करने वालों के लिए बड़ी परेशानी हो सकती है। सरकार क्रिप्टो पर बैन लगाने का फैसला करती है तो इसके बाद बैंक और आपके क्रिप्टो एक्सचेंजों के बीच लेनदेन बंद हो जाएगा। आप क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए अपनी स्थानीय मुद्रा को परिवर्तित नहीं कर पाएंगे और न ही उन्हें भुना पाएंगे।
मंगलवार को जैसे ही बैन की ये खबर सामने आई, तो कई क्रिप्टोकरेंसी क्रैश हो गई। अधिकतर क्रिप्टो में बड़ी गिरावट देखने को मिलीं। ये खबर सामने आने के बाद Bitcoin में करीब 15 तो वहीं Ethereum में 12 फीसदी, Tether में करीब 6 फीसदी और USD कॉइन में करीब 8 फीसदी की गिरावट देखने को मिलीं।
Ruchi Mehra
रूचि एक समर्पित लेखक है जो किसी भी विषय पर लिखना पसंद करती है। रूचि पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ, विदेश, राज्य की खबरों पर एक समान पकड़ रखती हैं। रूचि को वेब और टीवी का कुल मिलाकर 3 साल का अनुभव है। रुचि नेड्रिक न्यूज में बतौर लेखक काम करती है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा बैन! कानून के दायरे में लाने की तैयारी, अगले बजट में हो सकती है बड़ी घोषणा
मौजूदा समय में भारत में क्रिप्टोकरेंसी जारी करने, उपयोग करने और व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है। सरकार इस संबंध में विचार कर रही है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा बैन! (फाइल फोटो)
Highlights भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की बजाय इसके बाजार को कानूनी दायरे में लाने के बारे में विचार कर रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगले साल बजट में इस संबंध में अहम घोषणा की जा सकती है। हाल के महीनों में भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार तेजी से बढ़ा है।
नई दिल्ली: भारत सरकार अगले साल फरवरी में आने वाले बजट में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने संबंधी बड़ी घोषणाएं कर सकती है। भारत में हाल के वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी में निवश का बाजार बढ़ा है और ऐसे में इसके लिए कानूनी ढांचा ला सकती है।
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने इस संबंध में संकेत दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार सरकार के पहले के क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध के दृष्टिकोण से दूर जाने की अब संभावना है। प्रतिबंध की बजाय सरकार इसे विनियमित करने का विकल्प चुन सकती है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारी इस संबंध में काननी ढांचे और आवश्यक नियमों को ठीक करने के लिए लगातार बात कर रहे हैं।
वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि विनियमन की ओर सोच है। अधिकारी ने कहा, 'कल ये नहीं होना चाहिए कि अगर मैं एक अपनी डिजिटल करेंसी शुरू करता हूं और अच्छी मार्केटिंग के बाद कोई लोग इसे खरीदतें हैं और फिर मैं भाग जाता हूं, क्योंकि मैं एक प्राइवेट प्लेयर हूं! लोगों ने अपने अन्य संपत्तियों का उपयोग करके उस करेंसी को खरीदा होगा। ऐसी स्थिति से बचने के लिए सरकार को विनियमन की ओर देखने की जरूरत है।'
भारत में बढ़ा है क्रिप्टो करेंसी का बाजार
मौजूदा समय में भारत में क्रिप्टोकरेंसी जारी करने, उपयोग करने और व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है। जबकि भारत को विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी बाजारों में गिना जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार हाल-फिलहाल में 15 लाख भारतीयों ने निजी क्रिप्टोकरेंसियों में निवेश किया है। इस क्षेत्र में काम कर रहे दर्जनों स्टार्ट-अप सहित निवेश के जोखिम के बावजूद लोगों का रुझान इस ओर बढ़ रहा है।
भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग में इस साल मई के बाद से तेज वृद्धि देखी गई है। ये उछाल खासकर आरबीआई के उस स्पष्टीकरण के बाद आया जिसमें बैंकों को क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग के खिलाफ ग्राहकों को चेतावनी नहीं देने के लिए कहा गया था।
वहीं, साल 2019 में एक वित्त मंत्रालय की समिति ने एक विधेयक का प्रस्ताव दिया था। इसमें क्रिप्टोक्यूरेंसी पर प्रतिबंध की बात कही गई थी हालांकि इसे अब ठंडे बस्ते में डालते हुए समाप्त कर दिया गया है।
Cryptocurrency क्या है, सरकार सभी private क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक पेश करेगी
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पेश करने के लिए तैयार में है. सभी निजी क्रिप्टोकरेंसीज को बैन किया जा सकता है. सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस बारे में बिल लेकर आ रही है.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर काबू पाने की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है. केंद्र सरकार ने 23 नवंबर 2021 को क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) लाने की घोषणा कर दी. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. सभी निजी क्रिप्टोकरेंसीज को बैन किया जा सकता है. सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस बारे में बिल लेकर आ रही है.
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पेश करने के लिए तैयार में है. लोकसभा की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने वाला विधेयक अगले सप्ताह से शुरू होने वाले सत्र में संसद में लाए जाने वाले 26 कानूनों में से एक है. भारत में वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोई विनियमन नहीं है.
Govt to introduce 'The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021' in winter session of Parliament
Bill seeks to create a facilitative framework for creation of official digital currency to be issued by RBI & ban all private cryptocurrencies in India pic.twitter.com/yeaLfuCiBs
— ANI (@ANI) November 23, 2021सभी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी
सभी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में 'द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021' लाएगी. क्रिप्टोकरेंसी तकनीक के इस्तेमाल में राहत देने के लिए ही सरकार इस बिल में भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से सरकारी डिजिटल करेंसी चलाने के लिए फ्रेमवर्क का प्रावधान रखेगी.
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा
इस बिल को लेकर लोकसभा बुलेटिन में सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है. गौरतलब है कि वित्त मामलों की संसदीय समिति में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हुई थी जिसमें पाबंदी की बजाए नियमन का सुझाव दिया गया था.
डिजिटल करेंसी में उतार-चढ़ाव
क्रिप्टोकरेंसी के विपरीत रिजर्व बैंक द्वारा जारी इस डिजिटल करेंसी में उतार-चढ़ाव नहीं होगा. यह डिजिटल करेंसी देश की अर्थव्यवस्था में सर्कुलेट हो रही करेंसी का ही हिस्सा होगी. यही नहीं, इसकी कैश के साथ अदला-बदली भी की जा सकेगी. गौरतलब है कि सिस्टम में करेंसी के प्रसार पर रिजर्व बैंक का नियंत्रण रहता है. जब अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती है तो ज्यादा करेंसी की जरूरत होती है.
क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता
क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता रिजर्व बैंक के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि देश में करेंसी के प्रसार पर उसका ही नियंत्रण रहता है. यह तो ऐसी करेंसी है जिस पर रिजर्व बैंक तो क्या किसी सरकार का भी नियंत्रण नहीं है. इसलिए क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं सरकार इस पर अंकुश लगाते हुए डिजिटल करेंसी का विकल्प देने की तैयारी कर रही है.
इस बिल का उद्देश्य
इस बिल का उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना है. आरबीआई ने साल 2018 में क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को बैन कर दिया गया था.
इस बिल के तहत ये प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी. सुप्रीम कोर्ट ने लगभग दो साल बाद इसको लेकर कानून बनाने की बात कही थी. इस बिल के जरिए सरकार सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक आसान फ्रेमवर्क तैयार करना चाहती है.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है. इसको इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी जारी नहीं करती है. गौरतलब है कि देश में बड़े पैमाने पर लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. इन करेंसीज में काफी उतार-चढ़ाव होता है.
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