भारत मे Bitcoin कैसे खरीदे

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क्रिप्टो रेगुलेशन पर एक्सपर्ट्स की राय: निवेशक क्रिप्टो बेचने-खरीदने में जल्दबाजी न करें, सरकार इसका मौका देगी; जानिए इससे जुड़े सवालों के जवाब
भारत सरकार एक बिल लाने वाली है, जिसके जरिए प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी को रेगुलराइज किया जाएगा। भारत के करीब 10 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स इस खबर से अनिश्चितता की स्थिति में आ गए हैं। उनके मन में सवाल है कि भारत में क्रिप्टो करेंसी बैन होने की स्थिति में इसका क्या किया जाएगा। भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोगों ने क्रिप्टो में निवेश किया है जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसके बाद अमेरिका का नंबर आता है, जहां 2.7 करोड़ क्रिप्टो निवेशक हैं।
दैनिक भास्कर ने निवेशकों के इस डर को लेकर मार्केट एक्सपर्ट्स से बात की.
सरकार ही दिखाएगी निवेशकों को रास्ता
Giottus क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के को-फाउंडर अर्जुन विजय कहते हैं, 'बिल की बात सामने आने के बाद निवेशकों में घबराहट देखी जा रही है। सवाल उठ रहे हैं कि अगर सरकार बिटकॉइन, इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाती है तो लोगों के पास पहले से मौजूद क्रिप्टो का क्या होगा? इसका साफ-साफ जवाब तो बिल के आने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन 2019 में भी सरकार क्रिप्टो से जुड़ा एक बिल लाई थी। तब कहा गया था कि जिन लोगों के पास पहले से क्रिप्टोकरेंसी हैं, उनके बारे में सरकार बताएगी कि उन्हें कहां भेजना है और कैसे डिस्पोज करना है। ऐसे में निवेशक जल्दबाजी न करें।'
क्या आप क्रिप्टो ट्रेडिंग (Crypto Trading) में नए हैं? कहां से करें शुरुआत और क्या हर कोई कर सकता है ट्रेडिंग? आइए जान लेते हैं
Highlights क्रिप्टो करेंसी ने पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से ग्रो की है। ऐसे में जिन लोगों ने धैर्य से काम लिया है आज वे करोड़पति बन गए है। आज की तारीख में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करना बहुत ही आसान बन गया है।
Crypto: वर्ष 2010 में 10000 रूपए की मूल्य के Crypto currency आज की तारीख में लगभग 66 करोड़ रूपए के हो गए हैं उस समय जिन्होंने धैर्य के साथ विश्वास करके invest बनाए रखा वो सभी आज करोड़पति बन गए।
कैसे होता है लेन-देन Bitcoin me transaction kaise hota hai
बिटकॉइन एक प्रकार की आभासी मुद्रा है। जिसका इस्तेमाल आप केवल online लेन-देन में ही कर सकते हैं। इस प्रकार होने वाले भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से होने वाले भुगतान से बिलकुल अलग है।
भारत में केंद्रीय बैंक इस मुद्रा का समर्थन नहीं करता है इसलिए इस मुद्रा का विनिमय निजी तौर होता है। जिसे ‘माइनिंग’ नामक प्रक्रिया के माध्यम उत्पादित किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए एक विशेष किस्म के सॉफ्टवेयर की भारत मे Bitcoin कैसे खरीदे जरूरत होती है।
बिटकॉइन का लेन-देन एक ई-वॉलेट से दूसरे ई-वॉलेट के जरिये होता है। जो आपके निजी डेटाबेस में उपलब्ध होते हैं। बिटकॉइन का लेन-देन का रिकॉर्ड एक Public Account में रहता हैं, जिसे “Blockchain” कहते। हैं
बिटकॉइन के क्या फायदे हैं ? Bitcoin ke kya fayade hai
1. Bitcoin को आप किसी भी मुद्रा में खरीद सकते हैं।
2. Bitcoin का लेन-देन आप पूरी दुनिया में कहीं भी और कभी कर सकते हैं।
3. Bitcoin भेजने में शुल्क लगता हैं वो Debit card और Credit card के मुकाबले बहुत ही कम होता हैं।
4. Bitcoin ने साल 2020 में 302% रिटर्न दिया है। इस हिसाब से ये निवेश के लिए एक अच्छा साधन हो सकता है!
5. Bitcoin का मार्किट 24×7 खुला रहता है। जिसमे आप कभी भी निवेश कर सकते हैं।
बिटकॉइन के क्या नुकसान हैं ? Bitcoin ke kya nuksan hai
1. Bitcoin को अभी भारत में पूरी तरह से authority नहीं मिली है। अगर किसी कारणवश आपका अकाउंट हैक हो जाता है, तो आप इसकी शिकायत कहीं नहीं कर सकते।
2. Bitcoin को भारत में पूर्ण authority नहीं मिलने के कारण ये कभी बैन भी हो सकता है।
3. Bitcoin मार्किट जिस स्पीड से ऊपर जाता है तो कभी उसी स्पीड से नीचे भी गिरता है। जो आपके लिए नुकसान साबित हो सकता है।
कैसे खरीदते हैं क्रिप्टोकरेंसी और कहां करते हैं भारत मे Bitcoin कैसे खरीदे स्टोर, भारत में क्या है लीगल स्टेटस? यहां जानें हर बात
- Paurav Joshi
- Publish Date - October 14, 2021 / 03:52 PM IST
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आजकल खूब चर्चा हो रही है. बिटक्वॉइन (Bitcoin) के एक क्रिप्टोकरेंसी है. क्रिप्टोकरेंसी शुरुआत में बस प्रोग्रामर्स और डेवलपर्स के दिलचस्पी की चीज थी, लेकिन अब इसकी पॉपुलैरिटी इतनी बढ़ गई है कि अब सामान्य व्यक्ति भी इसमें निवेश करने की सोच रहा है. इस आर्टिकल में हमको आप इसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में विस्तार से बारे में बताएंगे.
Investment in Crypto Currencies: BitCoin में निवेश का स्टेपवाइज प्रॉसेस, इन तीन चार्जेज के बारे में भी जानकारी है जरूरी
दुनिया भर में निवेशकों के बीच बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है.
Investing in Crypto Currencies: भारत समेत दुनिया भर में निवेशकों के बीच बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. पिछले कुछ वर्षों में इसने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी है जिसे कंप्यूटर पर जटिल समीकरणों को हल कर माइन किया जाता है. इसे माइन करने वाले यानी माइनर्स को रिवार्ड के तौर पर क्रिप्टो करेंसी मिलती है लेकिन जिन्हें तकनीकी समझ नहीं है, भारत मे Bitcoin कैसे खरीदे वे भी क्रिप्टो हासिल कर सकते हैं. जिस प्रकार कंपनी के शेयरों की बीएसई और एनएसई जैसे एक्सचेंजों पर खरीद-बिक्री होती है, वैसे ही क्रिप्टो एक्सचेंजों पर बिटक्वाइन जैसे क्रिप्टो की खरीद-बिक्री होती है यानी कि आपको अगर बिटक्वाइन में निवेश करना है तो किसी एक्सचेंज पर जाकर आसानी से इसमें पैसे लगा सकते भारत मे Bitcoin कैसे खरीदे हैं.
इस प्रकार कर सकते हैं क्रिप्टो में निवेश
क्रिप्टों में निवेश के लिए वजीरएक्स (WazirX), क्वाइनडेक्स (Coindex), जेबपे Zebpay, क्वाइनस्विच कुबेर (Coin Switch Kuber) और यूनोकॉइन UnoCoin जैसे एक्सचेंज हैं. क्रिप्टो में निवेश के लिए पहले आपको एक्सचेंज की साइट पर जाकर पर्सनल डिटेल्स के जरिए रजिस्ट्रेशन करना होगा.
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क्रिप्टो ट्रेडिंग पर ये हैं चार्जेज
- एक्सचेंज फीस: क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है. फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
- नेटवर्क फीस: क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है. आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो भारत मे Bitcoin कैसे खरीदे यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए यह फीस दी जाती है.
- वॉलेट फीस: क्रिप्टो करेंसी को ऑनलाइन बैंक खाते के समान एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं. क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.