प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी में अंतर

Published on: August 05, 2022 17:42 IST
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ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है ? और कैसे काम करता है ?( Blockchain technology in Hindi )
आप बिटकॉइन में रूचि रखते है तो यह पोस्ट आपके लिए ही है और आपको ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है? इसके बारे में जानना बेहद ही जरुरी है। ब्लॉकचेन के विषय में जानने से पहले मै आपलोगों ये बताता चलू की वर्ष 2008 में बिटकॉइन के आने के बाद इस टेक्नोलॉजी को लाया गया। इस टेक्नोलॉजी को लाने के पीछे का मकसद बिटकॉइन का लेन-देन था। परन्तु इस टेक्नोलॉजी के मदद से सभी प्रकार के क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन होता है।
बात अगर बिटकॉइन और ब्लॉकचेन का करे तो दोनों में बहुत अंतर है जिसके बारे में हमलोग आज के इस पोस्ट में जानेंगे। ब्लॉकचेन देखा जाये तो एक ब्लॉक में रिकॉर्ड के रूप में होता है, और इसकी जानकारी हर उस व्यक्ति के पास होता हो जो उस ब्लॉक से जुड़ा हुआ रहता है।
टेक्नोलॉजी से भरी इस वर्तमान समय में हर चीज बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है । और यह कहना गलत नही होगा की आने वाले समय में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक अलग ही मुकाम पाने वाला है, और उस समय इसकी अहमियत कुछ और ही होगा । तो आइये अब जानते है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से जुड़ी हर एक जानकारी जो आप सभी के लिए जानना बेहद ही जरुरी है ।
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Block-chain |
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है?
ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी है जिसके माध्यम से किसी भी प्रकार के डिजिटल इनफार्मेशन और क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन होता है । ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी Private Key, Peer to Peer Network और Blockchain Protocol पे आधारित टेक्नोलॉजी है ।
ब्लॉकचेन का इस्तेमाल एक खाता बही ( तकनीकी भाषा में बोले तो Public Ledger ) की तरह होता है जहा किसी भी प्रकार के Transactions जैसे-डेबिट और क्रेडिट दोनों का इनफार्मेशन सुरक्षित होता है । जिसे बाद में न तो मिटाया जा सकता है और न ही उस इनफार्मेशन को बदला जा सकता है ।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के कारन Transactions के लिए किसी बैंक या कोई थर्ड पार्टी की आवश्यकता भी नही पड़ता है । रिकॉर्ड को ब्लॉक के एक लम्बी श्रृंखला में होने के कारन इसे ब्लॉकचेन कहा जाता है। और इससे जुड़े कंप्यूटर की श्रृंखला को नोड्स कहा जाता है ।
ब्लॉकचेन कैसे काम करता है ?
आइये इसे समझते है- जब कोई भी व्यक्ति पैसे जमा करवाता है तो उस व्यक्ति की जानकारी ब्लॉक के माध्यम से Ledger प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी में अंतर में सुरक्षित हो जाता है ।
जिसकी एंट्री डिजिटल फॉर्म में होता है । और ब्लॉक में इलेक्ट्रॉनिक रूप से जुड़े हर सदस्य के पास इसकी जानकारी पहुच जाती है । जिसे एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रखा जाता है । जिससे ब्लॉकचेन Transactions में होने वाले गड़बड़ी की प्रतिशत को बहुत ही कम कर देता है ।
यह टेक्नोलॉजी बहुत ही ज्यादा सुरक्षित है । जिसके कारन इसे हैक कर पाना बेहद ही मुश्किल और कठिन कार्य है । जिसके कारन यहा साइबर क्राइम जैसे मामले बहुत ही कम होते है ।
प्राइवेट और पब्लिक ब्लॉकचेन में अंतर
ब्लॉकचेन के दो प्रमुख प्रकार है- प्राइवेट और पब्लिक ब्लॉकचेन । दोनों में क्या अंतर है आइये समझते है--
पब्लिक ब्लॉकचेन- पब्लिक ब्लॉकचेन एक सुरक्षित नेटवर्क होता है,इसमें किसी का भी कंट्रोल नही होता इसमें एक बार डाटा सेव होने के बाद बदलाव करना मुश्किल होता है । पब्लिक ब्लॉकचेन में हो रहे गतिविधियों को कोई भी देख सकता है । Bitcoin इसी ब्लॉकचेन का एक उदाहरण है ।
प्राइवेट ब्लॉकचेन- पब्लिक ब्लॉकचेन के ठीक विपरीत इस ब्लॉकचेन में इसका नेटवर्क प्राइवेट होता है । जिसमे किसी भी कार्य के पहले हर एक नोड्स से अनुमति लेना पड़ता है । पब्लिक ब्लॉकचेन के तुलना में यह उससे कम सुरक्षित होता है । Ripple इसी ब्लॉकचेन का एक उदाहरण है ।
ब्लॉकचेन की प्रमुख विशेषता एँ
- ब्लॉकचेन में डाटा को एक बार Save होने के बाद बदलना असंभव है । जिससे फ्रॉड होने की संभावना ख़त्म हो जाता है ।
- ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में लेन-देन की प्रक्रिया के लिए इसे प्रोग्राम किया जाता है ।
- डेटाबेस का रिकॉर्ड उससे जुड़े सभी कंप्यूटर में होता है । जिससे किसी एक कंप्यूटर में गड़बड़ी होने पर कोई नुकसान नही होता है ।
- इसका डेटाबेस एन्क्रिप्टेड होता है ।
- इसमें किसी थर्ड पार्टी के बिना लेन-देन कर सकते है ।
- इससे लेन-देन में काफी कम समय लगता है ।
- ब्लॉकचेन एक वितरित नेटवर्क की तरह कार्य करता है जिससे कार्य प्रणाली में कोई समस्या नही होता है ।
ब्लॉकचेन के नुकसान
- किसी भी वितिए लेन-देन के लिए Nodes के आपसी सहमती की आवश्यकता होती है ।
- आम लोगो के लिए इसे समझना बहुत ही मुश्किल होता है ।
- इसके ब्लॉक में बहुत से कंप्यूटर के जुड़े होने के कारन इसके उपयोग के लिए बहुत ही ज्यादा इलेक्ट्रिक पॉवर की जरुरत पड़ता है ।
- इसके Key को हमेशा सुरक्षित रखना पड़ता है ।
ब्लॉकचेन का उपयोग
वर्तमान समय में ब्लॉकचेन का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रो में हो रहा है--
- लेन-देन के लिए
- बैंक के क्षेत्र में
- इ-वोटिंग के लिए
- स्वास्थ्य क्षेत्र में
- साइबर सुरक्षा के लिए
- क्लाउड स्पेस के लिए
- सूचना के क्षेत्र में
ब्लॉकचेन का भविष्य
टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में और आज के इस लेख से आप समझ ही गए होंगे ब्लॉकचेन का भविष्य कितना और किसपे आधारित होने वाला है । ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ने आने के साथ ही सभी क्षेत्रो में अपना अहमियत दिखाना शुरू कर दिया है ।
परन्तु अभी भी इसे बहुत से लोग समझ नही पाए है, क्योंकि यह नार्मल टेक्नोलॉजी से भिन्न है । लेकिन आने वाले समय में इसे थोडा और भी आसान बनाया जा सकता है ।
भारत में भी अब कुछ कुछ कंपनी ब्लॉकचेन के जरिए लेन-देन की प्रक्रिया शुरू कर दिया है । और इसमें कोई गड़बड़ी ना हो इसे सुनिक्षित करने के लिए कई तरह के इन्तेजाम भी किये जा रहे है ।
दोस्तों आज के इस ब्लॉग में हमलोगो ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे जाना और मुझे उम्मीद है की आप जरुर कुछ सीखे होंगे । आपको यह पोस्ट ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है ? अच्छा लगा हो तो कृपया इस पोस्ट को शेयर जरुर करे । यदि इसमें कुछ त्रुटि रह गया हो तो कमेंट करके जरुर बताये ।
ED ने क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX के बैंक बैलेंस को फ्रीज किया, निवेशक हो जाएं सावधान
ED ने पिछले महीने कुछ क्रिप्टो एक्चेंजों को कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और फॉरेन एक्सचेंज के नियमों के उल्लंघन को लेकर समन भेजा था।
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: August 05, 2022 17:42 IST
Photo:FILE Bitcoin
ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने क्रिप्टो एक्सचेंज प्रवर्तन निदेशालय के बैंक बैलेंस को फ्रीज कर दिया है। कुछ दिन पहले ही वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने एक लिखित उत्तर में बताया कि ED इस क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े दो मामलों की फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत जांच कर रहा है। WazirX के जरिए लगभग 2,790 करोड़ रुपये की कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ED कर रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, ED ने वजीरएक्स चलाने वाली कंपनी जानमाई लैब के एक निदेशक से संबंधित परिसरों की तलाशी ली, इस दौरान मिली गड़बड़ी को देखते हुए ED निदेशक के 64.67 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस को फ्रीज करने का फैसला किया है।
पिछले महीने ईडी ने भेजा था समन
पिछले महीने ईडी ने कुछ क्रिप्टो एक्चेंजों को कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और फॉरेन एक्सचेंज के नियमों के उल्लंघन को लेकर समन भेजा था। जिन एक्सचेंज को समन भेजा गया था उनमें कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX), वजीरएक्स (WazirX) और कॉइनस्विच कुबेर (Coinswitch Kuber) शामिल थे। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया था कि जांच से पता चला है कि भारत में जानमाई लैब्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ऑपरेट किया जा रहा क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म वजीरक्स, केमैन आइलैंड बेस्ड एक्सचेंज बिनेंस के इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर रहा था। जांच में पाया गया है कि इन दोनों एक्सचेंजों के बीच सभी क्रिप्टो ट्रांजैक्शन ब्लॉकचेन पर दर्ज नहीं किए जा रहे थे और रहस्य बने हुए थे।
खर्च की गई मोटी रकम
ईडी ने जांच में पाया है कि फिनटेक कंपनियों ने क्रिप्टो एसेट्स खरीदने में मोटा पैसा खर्च किया और फिर उन्हें विदेशों में ट्रांसफर कर दिया। इन कंपनियों और इनके वर्चुअल एसेट्स को फिलहाल ट्रेस नहीं किया जा सकता। जांच में पाया गया कि अधिकतम रकम को वजीरएक्स एक्सचेंज को भेज दिया गया था और इस तरह खरीदे गए क्रिप्टो-एसेट्स को अज्ञात विदेशी वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया गया था।
Cryptocurrency पर सरकार का बड़ा फैसला, नहीं मिलेगी कानूनी मान्यता
Cryptocurrency Bill को लेकर फिर एक बार नया डेवलपमेंट देखने को मिला है। खबर है कि इस बिल पर सरकार की तरफ से एक कैबिनेट नोट जारी किया गया है जिसमें ये कहा गया है कि इस बिल के ज़रिए सरकार की मंशा प्राइवेट Cryptocurrencies को रेगुलेट करने की है, ना कि इन्हें बैन करने की। मगर, इसके साथ ही इस cabinet नोट में ये भी साफ कर दिया गया है कि भारत में क्रिप्टो को कानूनी मुद्रा के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी । ये बिल Cryptocurrency को Cryptocurrency नहीं बल्कि Crypto asset के नाम से डिस्क्राइब करेगा ।
तो ये Cryptocurrency और Crypto asset के बीच क्या फर्क है और इससे investors पर क्या फर्क पड़ेगा, आज बात करेंगे इसी के बारे में।
Cryptocurrency और Crypto asset के बीच क्या अंतर है ये समझने से पहले ये समझ लीजिए कि currency किसे कहते हैं? मुद्रा या currency पैसे के उस रूप को कहते हैं जिससे हम रोजमर्रा के जीवन में किसी भी चीज़ या सेवा को खरीदते या बेचते हैं । इसमें सिक्के और काग़ज़ के नोट दोनों आते हैं। अब इसे ध्यान से सुन लीजिए। किसी देश में इस्तेमाल की जाने वाली करेंसी उस देश की सरकारी व्यवस्था द्वारा बनाई जाती है और back भी की जाती है। इस नोट को ध्यान से देखिए। इस पर ये लिखा हुआ है कि मैं धारक को — रुपए देने का करता हूँ। ऐसा आपको हर नोट पर लिखा मिल जाएगा। भारत में रुपया और पैसा करेंसी है, दुबई की करेंसी दिरहम है, अमेरिका की डॉलर तो uk की करेंसी पौंड है।
अब क्योंकि भारत की सरकार किसी भी प्रकार की Cryptocurrency, फिर चाहे वो पब्लिक हो या प्राइवेट, को मान्यता नहीं देती, और ना ही आगे इन्हें मान्यता देने का कोई इरादा है, इसीलिए इन्हें करेंसी नहीं कहा जाएगा। यानी भारत में Cryptocurrency को “लीगल टेन्डर” नहीं माना जाएगा।
अब बड़ा सवाल ये है कि अगर Cryptocurrency को रेगुलेट किया जाएगा तो उसे किस प्रकार और कौन रेगुलेट करेगा?
बता दें Crypto asset को मौजूदा क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म से संचालित किया जाएगा जिसे Securities & Exchange Board of India यानी सेबी के द्वारा रेगुलेट किया जाएगा। इसके अलावा Crypto asset रखने वालों के लिए इसे declare करने और क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के अंदर लाने के लिए एक कट-ऑफ डेट भी निर्धारित की जाएगी।
कई लोगों को क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो-एसेट्स के बीच के अंतर के बारे में काफी confusion हैं। Cryptocurrency, जैसा कि हम सभी जानते हैं, virtual currency हैं, यानी ये नोट या सिक्के जैसे physical form में नहीं होती। अब आप पूछेंगे कि फिर ये जो bitcoin और Ethereum का जो सिकका हम देखते हैं वो क्या है? दरअसल वो सिर्फ representational images या सिक्के होते हैं। यानी आपके पास अगर ये सिक्के हैं तो आप इनसे वो चीज़ें भी नहीं खरीद सकते जिसके बदले में बिटकॉइन acceptable हो। आपको कोई भी क्रिप्टो ऐसेट डिजिटल फॉर्म में ही खरीदना या बेचना पड़ेगा।
Cryptocurrencies लेनदेन करने के लिए क्रिप्टोग्राफ़िक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करती हैं। वे decentralized होती हैं, जिसका मतलब ये है कि उनहें किसी भी प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी में अंतर central authority या governing body रेगुलेट नहीं करती हैं।
दूसरी तरफ, Crypto Assets में सभी क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट किया जाएगा और इनका लेजर भी बनाया जाएगा। आसान भाषा में समझे तो Crypto Assets रेगुलेटेड Cryptocurrencies को कहा जा सकता है।
अब क्योंकि Crypto Assets का बकायदा लेजर मेंटेन किया जाएगा इसका मतलब अगर कोई इनका आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग समेत किसी भी तरीके से गलत इस्तेमाल करता है तो उसे Prevention of Money Laundering Act यानी PMLA के तहत सज़ा दी जाएगी।
खबरों की माने तो अगर कोई व्यक्ति exchange के provisions का उल्लंघन करता है तो उसे 1.5 साल तक की जेल और 5 से 20 करोड़ तक का फाइन भी उसपर लगाया जा सकता है।
इसके पहले भी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी के गलत हाथों में जाने के जोखिम पर नजर रखी जा रही प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी में अंतर है। उन्होंने ये भी कहा था कि डिजिटल करेंसी के विज्ञापनों को रोकने को ले कर कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है।
सरकार सदन के इसी शीतकालीन सत्र में Cryptocurrency Bill ले कर आ रही है। ऐसे में ये नई तकनीक भारत का भविष्य बदलती है या भारत की सरकार इस तकनीक का भविष्य, ये देखना दिलचस्प होगा।
ED ने क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX के बैंक बैलेंस को फ्रीज किया, निवेशक हो जाएं सावधान
ED ने पिछले महीने कुछ क्रिप्टो एक्चेंजों को कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और फॉरेन एक्सचेंज के नियमों के उल्लंघन को लेकर समन भेजा था।
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: August 05, 2022 17:42 IST
Photo:FILE Bitcoin
ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने क्रिप्टो एक्सचेंज प्रवर्तन निदेशालय के बैंक बैलेंस को फ्रीज कर दिया है। कुछ दिन पहले ही वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने एक लिखित उत्तर में बताया कि ED इस क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े दो मामलों की फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत जांच कर रहा है। WazirX के जरिए लगभग 2,790 करोड़ रुपये की कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ED कर रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, ED ने वजीरएक्स चलाने वाली कंपनी जानमाई लैब के एक निदेशक से संबंधित परिसरों की तलाशी ली, इस दौरान मिली गड़बड़ी को देखते हुए ED निदेशक के 64.67 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस को फ्रीज करने का फैसला किया है।
पिछले महीने ईडी ने भेजा था समन
पिछले महीने ईडी ने कुछ क्रिप्टो एक्चेंजों को कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और फॉरेन एक्सचेंज के नियमों के उल्लंघन को लेकर समन भेजा था। जिन एक्सचेंज को समन भेजा गया था उनमें कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX), वजीरएक्स (WazirX) और कॉइनस्विच कुबेर (Coinswitch Kuber) शामिल थे। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया था कि जांच से पता चला है कि भारत में जानमाई लैब्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ऑपरेट किया जा रहा क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म वजीरक्स, केमैन आइलैंड बेस्ड एक्सचेंज बिनेंस के इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर रहा था। जांच में पाया गया है कि इन दोनों एक्सचेंजों के बीच सभी क्रिप्टो ट्रांजैक्शन ब्लॉकचेन पर दर्ज नहीं किए जा रहे थे और रहस्य बने हुए थे।
खर्च की गई मोटी रकम
ईडी ने जांच में पाया है कि फिनटेक कंपनियों ने क्रिप्टो एसेट्स खरीदने में मोटा पैसा खर्च किया और फिर उन्हें विदेशों में ट्रांसफर कर दिया। इन कंपनियों और इनके वर्चुअल एसेट्स को फिलहाल ट्रेस नहीं किया जा सकता। जांच में पाया गया कि अधिकतम रकम को वजीरएक्स एक्सचेंज को भेज दिया गया था और इस तरह खरीदे गए क्रिप्टो-एसेट्स को अज्ञात विदेशी वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया गया था।