ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है? कैसे शुरू करें।
फॉरेक्स ट्रेडिंग से भले ही आप परिचित हों या नहीं, लेकिन लाभ प्राप्त करने का यानिकी निवेश से कमाई करने का यह भी एक शानदार तरीका है। इसलिए इसे समझने से पहले हमें यह समझना होगा की प्रत्येक देश की अपनी अलग अलग ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान मुद्रा होती है। और प्रत्येक राष्ट्र की मुद्रा एक दुसरे के मुकाबले मूल्य के आधार पर कमजोर एवं मजबूत होती है। कहने का अभिप्राय यह है की इस वैश्वीकरण के युग में पूरी दुनिया में कहीं भी बिजनेस किया जा सकता है और इन्टरनेट ने इसे और आसान बना दिया है।
आज व्यक्ति चाहे तो भारत में बैठे बैठे विदेशी मुद्रा जैसे डॉलर, यूरो, पौंड इत्यादि कमा सकता है यह सब इन्टरनेट के कारण मुमकिन हुआ है। खैर इस लेख में हम केवल फॉरेक्स ट्रेडिंग पर ही अपना ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करेंगे। वह इसलिए क्योंकि वर्तमान में फोरेक्स ट्रेडिंग भी कमाई करने का एक माध्यम बन सकता है। लेकिन यह कार्य व्यक्ति केवल किसी रजिस्टर्ड फ़ॉरेक्स ब्रोकर के माध्यम से ही कर सकता है। हालांकि विभिन्न देशों की मुद्राओं के प्रति हमारा आकर्षण बचपन से ही पैदा हो जाता है।
इसलिए यदि हमारे पास भारत के अलावा किसी अन्य देश की मुद्रा कभी आती है तो हम उसे संग्रहित करना शुरू कर देते हैं। वयस्क होने पर मुद्राओं के प्रति यही आकर्षण हमें फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में और जानने को उत्सुक करता है। लोगों की इसी उत्सुकता को ध्यान में रखते हुए आज हम फॉरेन करेंसी एक्सचेंज ट्रेडिंग के बारे में जानने का प्रयत्न कर रहे हैं।
फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है (What is Forex Trading in Hindi):
फॉरेक्स ट्रेडिंग में पहला शब्द फ़ॉरेक्स का अर्थ फॉरेन एक्सचेंज होता है। साधारण शब्दों में फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग का अर्थ एक दुसरे के बीच विभिन्न विदेशी मुद्राओं का व्यापार करना है अर्थात इस प्रक्रिया के अंतर्गत विभिन्न देशों की मुद्राओं में उनके मूल्य के घटते बढ़ते रहने के कारण व्यापार होता है। कोई भी व्यक्ति जो विदेशों से किसी भी प्रकार का कोई सौदा करना चाहता है उसे वह सौदा खरीदने के लिए उस देश की मुद्रा की आवश्यकता हो सकती है।
चाहे कोई छुट्टी पर भ्रमण करने के लिए गया हो, या फिर वह विदेश से कुछ खरीदना चाहता हो, या किसी सर्विस के लिए भुगतान कर रहा हो इत्यादि के लिए उसे उस देश की मुद्रा की आवश्यकता होती है। उदाहरणार्थ: अमेरिका में स्थित कॉलेज का शुल्क देने के लिए व्यक्ति को US Dollor की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि अमेरिका में स्थित कॉलेज भारतीय रूपये में फीस स्वीकार नहीं करेगा। इसलिए डॉलर में भुगतान करने के लिए सर्वप्रथम व्यक्ति को US Dollor खरीदने होंगे।
इन्हें खरीदने के लिए व्यक्ति को उस समय निर्धारित डॉलर मूल्य के आधार पर भारतीय रुपयों में भुगतान करना होगा। बस इन्हीं आवश्यकताओं के फलस्वरूप फॉरेक्स ट्रेडिंग की शुरुआत होती है जहाँ विदेशी मुद्रा की बिक्री एवं विनिमय किया जाता है। और जहाँ व्यक्ति ने भारतीय रूपये देकर US Dollor की प्राप्ति की उसे Exchange कहा जाता है। इस स्थिति में इस एक्सचेंज द्वारा US Dollor फॉरेन एक्सचेंज मार्किट से खरीदे जायेंगे। साधारण शब्दों में विदेशी मुद्रा की ट्रेडिंग ही फॉरेक्स ट्रेडिंग कहलाती है।
फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे काम करती है ?
फॉरेक्स ट्रेडिंग भी इक्विटी ट्रेडिंग की तरह ही है बस फर्क सिर्फ इतना है की इक्विटी ट्रेडिंग में कमाई या नुकसान के लिए शेयर का मूल्य निर्णायक भूमिका में होता है। तो वहीँ फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग में एक्सचेंज मूल्य निर्णायक भूमिका में होता है। फॉरेक्स ट्रेडिंग से कमाई करने के लिए व्यक्ति अपनी अपेक्षा एवं जानकारी के अनुसार कोई भी मुद्रा खरीद सकता है। और अच्छे ढंग से समझने के लिए आप नीचे दिए गए उदाहरणों को पढ़ सकते हैं।
उदाहरणार्थ:
माना की प्रमोद नामक ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान व्यक्ति डॉलर की बढती हुई कीमतों का लाभ उठाना चाहता है चूँकि डॉलर आज 70 रूपये पर कारोबार कर रहा है। प्रमोद को अपनी जानकारी एवं अनुभव के आधार पर लगता है की यह तीन महीनों के अन्दर अन्दर 73 रूपये तक जा सकता है। तो इस स्थिति में व्यक्ति USD खरीद सकता है और जब तीन महीने बाद यह 73 रूपये पर पहुँच जाए तो इन्हें बेच सकता है। इस प्रकार व्यक्ति प्रत्येक 1000$ पर 3000 रूपये तक की कमाई कर पाने में सफल होगा।
भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें:
हालांकि भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग आम लोगों की पहुँच से दूर है इसके अनेकों कारण जैसे इस प्रक्रिया में अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता होती है। और दूसरा लोग अक्सर इस बारे में भी भ्रमित रहते हैं की भारत में इस तरह का काम करना कानूनी तौर पर सही है या फिर यह अवैध होता है। इसलिए यहाँ पर यह स्पष्ट कर देना जरुरी है की भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग को लेकर काफी नियम शर्तें निर्धारित की गई हैं।
इसलिए फॉरेक्स ट्रेडिंग नामक इस प्रक्रिया को सिर्फ वही व्यक्ति कर सकता है जिसके पास किसी SEBI Registered Broker का अकाउंट हो। कहने का आशय यह है की ऐसा कोई भी व्यक्ति जो फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करना चाहता हो के पास किसी फ़ॉरेक्स ब्रोकर के साथ अकाउंट होना अति आवश्यक है।
वर्तमान में कानूनी रूप से फ़ॉरेक्स की अनुमति कुछ भारतीय एक्सचेंजों, बीएसई, एनएसई, एमसीएक्स-एसएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) इत्यादि को है। भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए व्यक्ति को किसी रजिस्टर्ड फ़ॉरेक्स ब्रोकर के साथ ही अकाउंट खोलने की आवश्यकता होती है। और इसी खाते के माध्यम से व्यक्ति फॉरेक्स ट्रेडिंग कर सकता है।
सफल फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए कुछ टिप्स :
यद्यपि जैसे की हम उपर्युक्त वाक्य में भी बता चुके हैं की फॉरेक्स ट्रेडिंग भी इक्विटी ट्रेडिंग यानिकी शेयर मार्किट की तर्ज पर ही कार्य करती है। जहाँ शेयर मार्किट में शेयर का मूल्य नफा नुकसान तय करता है वही इसमें एक्सचेंज मूल्य। इसलिए यह जरुरी नहीं है की जो फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करेगा वह लाभ ही प्राप्त करेगा हो सकता है उसे नुकसान भी हो। इसलिए यहाँ नीचे हम कुछ ऐसी बातों का जिक्र कर रहे हैं जिनका अनुसरण करके सफल फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग की जा सकती है।
- फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें की आपको मार्किट की उचित जानकारी एवं पर्याप्त अनुभव प्राप्त है।
- यद्यपि फ़ॉरेक्स मार्किट सप्ताह के पांच दिन चौबीस घंटे खुली रहती है लेकिन भारत का बाजार शाम 5 बजे बंद हो जाता है। इसलिए व्यक्ति को इंट्राडे का चुनाव करना चाहिए।
- स्कैम इत्यादि से सावधान रहने की आवश्यकता है किसी रजिस्टर्ड फ़ॉरेक्स ब्रोकर के माध्यम से ही इस तरह की ट्रेडिंग करें।
- प्रत्येक ट्रेड के लिए स्टॉप लॉस सेट करें अन्यथा विफल हो सकते हैं।
- फॉरेक्स ट्रेडिंग करने से पहले ट्रेडिंग करने की योजना बना लें और हमेशा उसका अनुसरण करें।
- ट्रेडिंग से हमेशा अपनी भावनाओं को अलग करके रखें क्योंकि भावनाओं में अक्सर मनुष्य अव्यवहारिक निर्णय ले लेता है।
- ध्यान रहे अपने नुकसान की पूर्ति के लिए ट्रेड न करें बल्कि तभी ट्रेड करें जब आपको लगता है की यह आपके लिए एकदम सही है।
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इनका नाम महेंद्र रावत है। इनकी रूचि बिजनेस, फाइनेंस, करियर जैसे विषयों पर लेख लिखना रही है। इन विषयों पर अब तक ये विभिन्न वेबसाइटो एवं पत्रिकाओं के लिए, पिछले 7 वर्षों में 1000 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। इनके द्वारा लिखे हुए कंटेंट को सपोर्ट करने के लिए इनके सोशल मीडिया हैंडल से अवश्य जुड़ें।
ट्रेडिंग क्या है?
ट्रेडिंग की बहुत सारी किस्में भी होती हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं:
- स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
- इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
- स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
- पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
ऊपर दी हुई 4 किस्मों के बारे में हम संक्षेप में बात करते हैं।
स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
स्काल्पिंग ट्रेडिंग का मकसद होता है मिनटों में पैसा कमाना इसमें ट्रेडर शेयर को कुछ चंद मिनटों (या उससे ज्यादा समय के लिए) के लिए ही खरीदते हैं और स्टॉक मार्केट में इन्हीं शेयर के दाम बढ़ने (या कम होने पर) पर खरीदे गए शेयर को बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं। जब कोई भी ट्रेडर ऐसी ट्रेडिंग करता है तो उसे स्काल्पिंग ट्रेडिंग कहते हैं।
ऐसी ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर 1 दिन में 1 से ज्यादा कुछ बार 10-20 से ज्यादा भी ट्रेड करते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
इंट्राडे ट्रेडिंग को हम डे ट्रेडिंग भी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद लेता
है और उसी दिन में अपने शेयर को फायदे या नुकसान में बेच देता है। आसान शब्दों में कहें तो एक ट्रेडर 1 दिन में समान खरीदता है और उसी दिन में अपना सामान बेच देता है।
इसे कहते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग। इंट्राडे ट्रेडिंग का मकसद अचानक आई उछाल या गिरावट का लाभ उठाना होता है जिससे ट्रेडर समय रहते ही मुनाफा कमा सके।
इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर हर बार लाभ ही कमाए ऐसा संभव नहीं है ट्रेडर को इसमें नुकसान भी हो सकता है।
ट्रेडिंग में सबसे मुश्किल इंट्राडे ट्रेडिंग होती है इसलिए इसको अच्छी तरह स्टॉक मार्केट सीखने के बाद ही करना शुरू करना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक अपने पास रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है
पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
पोजीशन ट्रेडिंग से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने के लिए शेयर की डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।
ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।
लेकिन इसमें रिस्क भी होता है। क्योंकि अक्सर हम देखते हैं कि शेयर बाजार में किसी अच्छी या बुरी खबर के कारण आने वाले दिनों में बाजार कुछ बहुत ज्यादा ऊपर या बहुत ज्यादा नीचे खुलता हैं। उदाहरण के तौर पर 2020 में स्टॉक मार्केट कोरोना वायरस की वजह से बहुत बुरी तरह से गिरा था।
अक्सर लोगों के मन में आता है कि क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाई जा सकती है या नहीं। ऐसा सवाल हर इंसान के मन में आता है तो आइए हम आपको आसान शब्दों में इसकी जानकारी देते हैं।
हर एक इंसान के लिए ट्रेडिंग के जरिए पैसे कमाना संभव है पर यह आसान नहीं होता है क्योंकि जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि अगर कोई व्यक्ति शेयर के मूल्य की हर एक छोटी मूवमेंट से अच्छा पैसा कमाना चाहता है तो उसके लिए ज्यादा से ज्यादा शेयर लेने आवश्यक हैं और इसके लिए पैसों की जरूरत बहुत ज्यादा होगी।
पैसों के साथ-साथ हर एक व्यक्ति को जो कि इसमें पैसे लगाते हैं उनको TECHNICAL ANALYSIS की जानकारी होनी भी जरूरी है। तभी हम प्राइस के पैटर्न को समझ सकेंगे और वक्त आने पर शेयर को बेच और खरीद सकेंगे।
ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि लगातार अपनी गलतियों से सीखना क्योंकि जितना ही हम
सीखेंगे उतना हमारा तजुर्बा बढ़ेगा जिससे कि हम Successful Trader ट्रेडर बन सकेंगे। अपनी गलतियों से सीखना और उससे आगे बढ़ना ही सक्सेसफुल ट्रेडर की पहचान होती है।
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे पहले हमें स्टॉक ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान ब्रोकर के पास जाना पड़ेगा। स्टॉक ब्रोकर हमारा ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट कर बैठे ऑनलाइन खोला जा सकता है।
नीचे हमने मशहूर स्टॉक ब्रोकर के लिंक दिए हैं जिन पर क्लिक करके आप अपना डिमैट अकाउंट घर से ही 15 मिनट में खोल सकते हैं।
भारत के मशहूर स्टॉक ब्रोकर:
फिर इसके बाद शेयर को बेचने और खरीदने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करवाने जरूरी है जिसके लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट के साथ अपना एक बैंक अकाउंट भी लिंक करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर हम कभी पैसों की जरूरत हो तो हम ट्रेडिंग अकाउंट में से बैंक अकाउंट में पैसा जमा करवा सकें।
यह जरूरी नहीं है कि हम अपना कोई नया बैंक अकाउंट ही खुलवाएं बैंक में अगर हमारे पास अपना कोई पुराना खाता भी है तो हम उसको भी लिंक करवा सकते हैं। इससे हमारे शेयर का जो Dividend होगा उसके हकदार हम होंगे और उसकी राशि हमारे इसी बैंक अकाउंट में जाएगी।
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?
ट्रेडर या इन्वेस्टर के साथ स्टॉक एक्सचेंज को जोड़ने का काम स्टॉक ब्रोकर करता है। स्टॉक ब्रोकर हमारे स्टॉक
एक्सचेंज के बीच एक कनेक्शन का काम करता है।
Trading अकाउंट खोलने के लिए जो जरूरी डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं वह नीचे लिखे हैं:
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? इसके उपयोग क्या है?
Share Market में Invest करने के लिए कई प्रकार की जानकारियों का होना जरुरी होता है.
जैसे की Demat Account, Trading Account इत्यादी.
कुछ लोग Trading और Demat Account के बिच फर्क को नहीं जानते है. लेकिन इन दोनों के बिच बहुत बड़ा फर्क होता है.
पिछले पोस्ट में हमने Demat Account के बारे में बताया था. इसमें हम Trading Account के बारे में बताने वाले है.
इसमें आप जानेंगे की Trading Account क्या होता है ? ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है? और Trading Account के लाभ क्या है? Trading Account कैसे खोले?
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?
What Is Trading Account In Hindi
Trading Account Means Trade करने वाला Account.
शेयर मार्केट में किसी भी शेयर को खरीदने और बेचने के लिए ट्रेडिंग Account का जरुरत पड़ता है.
यानि, Trading Account से ही किसी भी शेयर को खरीदने और बेचने का काम होता है.
इस Account को शेयर मार्केट से जुड़ते समय खुलवाना होता है.
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है ?
Working A of Trading Account, How To Prepare Trading Account
Trading Account की प्रक्रिया Step-By-Step दिया गया है जो निम्न है.
Trading Account में पैसा Add करना
शेयर Price देखना
शेयर खरीद/बिक्री का Order देना
ऑर्डर Stock Exchange तक पहुचना
Counter Order मिलने पर यह ऑर्डर Execute होना
टैक्स और चार्ज के साथ ट्रेडिंग अकाउंट से पैसे कटना
Demat Account में शेयर जमा होना
Value बढ़ने पर शेयर बेचने का ऑर्डर रखना
बेचकर उसका पैसा टैक्स और ब्रोकरेज कटने के बाद ट्रेडिंग अकाउंट में जमा होना.
ट्रेडिंग अकाउंट के लाभ
Benefits of a Trading Account
फ़ोन पर या ऑनलाइन शेयर खरीदना या बेचना
मार्किट अपडेट और फ़्री न्यूज़ अलर्ट
विश्लेषकों की एक अनुभवी टीम से सलाह
व्यक्तिगत ट्रेडिंग सीमा निर्धारित करने की अनुमति
Trading Account कैसे खोले?
Trading Account Opening, Need of Trading Account
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए सबसे पहले एक सेबी पंजीकृत स्टॉकब्रोकर का चयन करना है.
सभी ब्रोकर का Application उपलब्ध है. जिसे आप अपने Device में इनस्टॉल कर सकते है.
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए कुछ पैसे भी लगते है. जो सभी ब्रोकर का प्लान के हिसाब से अलग-अलग है.
Form भरने होते है. और कुछ डॉक्यूमेंट जमा करने होते है.
जमा किया जाने वाला डॉक्यूमेंट "Pan Card, Saving Bank Account, Address Proof, Photo" होना चाहिए.
अब Document सत्यापित और Kyc के लिए Phone कॉल या घर पर विजिट करके किसी Person के द्वारा किया जाता है.
प्रोसेस Ok होने के बाद उस Account का इस्तेमाल कर पाते है. यानि शेयर की खरीद/बिक्री किया जा ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान सकता है.
तो यह था Trading Account से जुड़े जानकरी जिसमे आपने जाना की Trading Account क्या होता है ? ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है? और Trading Account के लाभ क्या है? Trading Account कैसे खोले?
अगर आपको इस जानकारी से हेल्प मिला हो तो कृपया इसे जरुर शेयर करे.
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ऐसे करें Investment, होंगे कई फायदे!
आज अपनी कमाई और संपत्ति के हिसाब से हर कोई कहीं न कहीं कोई निवेश यानी Investment जरूर करता है। यह एक वस्तु या संपत्ति होती है, जिसे आप भविष्य में आय कमाने के लिए खरीदते हैं या उपयोग करते हैं। इससे आपको अपने जीवन के मुश्किल दौर में भी काफी राहत मिलती है। इसलिए हर व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार कोई न कोई निवेश जरूर करना चाहिए।आइये जानते हैं इसके बारे में खास बातें -
क्या होता है निवेश (What is investment)
इसका आसान अर्थ यह होता है कि आप अपने पैसों या संपत्ति को किसी ऐसे जगह पर लगाना, जहाँ से आपको भविष्य में एक बेहतर रिटर्न हासिल हो। इसे आप अपनी एक संपत्ति भी मान सकते हैं, जो आपके पैसे को बढ़ाने का काम करते हैं।
इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि मान लीजिए कि आपके पास 500 रुपये हैं और आप इसे कहीं निवेश कर देते हैं। यदि यह पैसा 5 वर्षों में 1000 रुपया बन जाता है, तो यह समझा जाता है कि यह आपके लिए फायदे का सौदा रहा। यदि 500 का 480 हो गया, तो इसे नुकसान माना जाता है।
इस तरह, निवेश (Investment) हमेशा जोखिमों से भरा होता है। इसलिए कहीं भी पैसा लगाने से पहले इसके बारे में अच्छी तरह से जान और समझ लें। अन्यथा आपको काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
क्या होता है स्मार्ट इन्वेस्टमेंट
कहीं भी निवेश करने के दौरान आपके मन में सबसे ज्यादा चिन्ता रिटर्न और जोखिमों को लेकर रखती है। लेकिन एक स्मार्ट इनवेस्टर को यह बात अच्छी तरह से पता होता है कि बाजार को लेकर कोई भी भविष्यवाणी करना खतरे से खाली नहीं है। छोटी अवधि वाले किसी भी इन्वेस्टमेंट पर अधिक फायदा या नुकसान हो सकता है। लेकिन अधिक रिटर्न की चाह रखने वाले लोग लंबी अविध के निवेश को चुनना पसंद करते हैं। इसे लेकर, बाजार में टाइम इन द मार्केट और टाइमिंग द मार्केट बेहद जरूरी है।
कई लोग बाजार में पैसा लगाते समय स्टॉक वैल्यू का अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं। लेकिन इसमें जोखिम अधिक होता है। निवेश की इस रणनीति को ही टाइमिंग द मार्केट कहा जाता है। वहीं, ठीक इसके विपरीट कई लोग लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं। ऐसे लोग कोई अनुमान लगाए बिना स्टॉक खरीदते हैं कि बाजार में कब तेजी या मंदी होगी। इस रणनीति को टाइम इन द मार्केट कहा जाता है।
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें? (How to investment in mutual funds)
यदि आप पहली बार म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश कर रहे हैं, तो इसके लिए कुछ बातों को ध्यान रखना जरूरी है। जैसे कि यदि आप पैसे लगा रहे हैं, ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान तो इसका अर्थ यह नहीं है कि आपको इसका वैसा ही लाभ मिल सकता है, जैसा कि दावा किया जा रहा है। क्योंकि यह बिजनेस पूरी तरह से बाजार जोखिमों के अधीन है। इसलिए इसमें निवेश करने से पहले किसी जानकार से जरूर बात करें।
हालांकि इसमें बेहतर रिटर्न के लिए आप लंबी अवधि के निवेश को चुन सकते हैं। कई मायनों में यह बैंक एफडी से होता है। आप इसमें 100 रुपये से 500 रुपये की एसआईपी से भी शुरुआत कर सकते हैं.
बता दें कि इसमें निवेश करने के लिए आपको अपना एक डिमैट अकाउंट बनाना होगा। इसके लिए आप इंटरनेट पर उपलब्ध कई ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप का इस्तेमाल कर सकता है। इसके अलावा, इसे खुलवाने के लिए आप अपने आस पास के किसी एजेंट की भी मदद ले सकते हैं। यदि आप डिमैट अकाउंट से डायरेक्ट फंड में इन्वेस्टमेंट करते हैं, तो कमीशन कम या ना के बराबर लगता है।
लेकिन किसी इसे खुलवाने के लिए आप किसी एजेंट की मदद लेते हैं, तो इसे रेगुलर फंड कहा जाता है और आपको कमीशन एजेंट को भी देना होगा।
कहाँ कर सकते हैं निवेश
1. LIC - एलआईसी भारत की सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद बीमा कंपनियों में से एक है। यदि आप कोई रिस्क लिए बिना ही और बिल्कुल आसान निवेश करने के लिए सोच रहे हैं, तो आप एलआईसी को चुन सकते हैं।
2. Mutual Fund - यह कम समय में बेहतर रिटर्न हासिल करने का एक बेहतर जरिया है। यदि आप 4-5 वर्षों में ही अच्छी आय हासिल करना चाहते हैं, तो इसे चुन सकते हैं।
3. FD - इसका अर्थ है - Fixed Deposit। यह एक कम जोखिम वाला निवेश साधन है, जो आपको अच्छा रिटर्न, कई पे-आउट विकल्प प्रदान करता है।
4. RD - इसका अर्थ है - Recurring Deposit। इसमें आपको बैंकों को हर महीने एक तय किस्त भरनी पड़ती है और आपको अच्छा रिटर्न भी हासिल होता है।
5. Share Market - शेयर मार्केट को स्टॉक मार्केट भी कहा जाता है। इसके जरिए आप कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे सकते हैं। बता दें कि पहले शेयरों की खरीद-बिक्री मौखिक बोलियों से होती थी। लेकिन अब सारा लेन-देन स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े कंम्प्यूटरों के जरिये होता है। इसके लिए आप कई ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
6. Property - आज देश में प्रोपर्टी काफी महंगी हो गई है। यदि आपका बजट है, तो आप जमीन, घर जैसे चीजों में पैसे लगा कर काफी अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं।
7. Gold - आज सोने का भाव 50 हजार रुपये से भी अधिक हो चुका है और आने वाले समय में और महंगा ही होगा। ऐसे में आप सोने में भी काफी निवेश कर सकते हैं और अच्छा फायदा कमा सकते हैं।
8. Business - आज देश में छोटे-छोटे स्टार्टअप का भी चलन काफी बढ़ गया है। इसलिए आप बिजनेस सेक्टर में भी निवेश कर काफी अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं। जैसे - सोलर सेक्टर, फार्मिंग, डेयरी फार्मिंग, आदि।
9. Education - यदि आपके पास बजट है, तो आप शिक्षा के क्षेत्र में भी थोड़ा सा निवेश कर काफी अच्छी आय कमा सकते हैं। जैसे - ट्यूशन क्लासेस लेना, आदि।
10. Health - आज समय बहुत ही अनिश्चित है और अस्पताल यानी खर्चों का घर। इसलिए आज हर परिवार को स्वास्थ्य बीमा होना जरूरी है। इसके तहत आप हर महीने थोड़ी से राशि निवेश कर, भविष्य में बड़े खतरे से बच सकते हैं।
सोलर में करें निवेश
यदि आप कोई सोलर सेक्टर से जुड़ना चाहते हैं, तो यह काफी आसान है। इसमें आप कम निवेश के साथ ही जुड़ सकते हैं और हर महीने काफी अच्छी आय सुनिश्चित कर सकते हैं।
बता दें कि यदि आप बिना कोई पैसा लगाए इससे जुड़ना चाहते हैं, तो आप इसमें एक Influencer के रूप में काम कर सकते हैं। जुड़ने के लिए क्लिक करें - https://www.loomsolar.com/pages/become-an-affiliate-earn-money
वहीं, यदि आप बाजार से पहले ही जुड़े हुए हैं, तो आप एक डीलर के रूप में काम शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आपको 1000 रुपये की फीस भरनी होगी।
अधिक जानने के लिए क्लिक करें - https://www.ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान loomsolar.com/products/dealer-registration
इसके अलावा, यदि आप बाजार में डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में अपनी पकड़ बना चुके हैं और कुछ नया करना चाहते हैं, तो आप इस सेक्टर में डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में अपना काम शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आपको बस 5000 रुपये की फीस भरनी होगी।
अपना सकते हैं सोलर सिस्टम भी
वहीं, इसके अलावा आप अपने घर में 3 किलोवाट से 5 किलोवाट तक का सोलर सिस्टम लगा कर, खुद को बिजली के मामले में काफी हद तक आत्मनिर्भर बना सकते हैं। इसमें आपको सिर्फ 3 से 5 लाख रुपये खर्च होंगे। इस पर आप टैक्स में भी सरकार से काफी राहत पा सकते हैं और आपको 25 वर्षों तक बिजली के लिए सोचने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
क्यों चुनें लूम सोलर?
आज लूम सोलर देश की सबसे प्रतिष्ठित और विश्वसनीय सोलर कंपनी है, जो उन्नत तकनीकों से लैस सोलर पैनल बनाने के साथ ही, लिथियम ऑयन बैटरी को भी बनाने के लिए जानी जाती है। यह एक कन्ज्यूमर ब्रांड है, जो ग्राहकों को एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं देती हैं।
बता दें कि मौजूदा समय में इस कंपनी से देश के हजारों लोग जुड़े हुए हैं और अपने इलाके में कंपनी के स्थानीय प्रतिनिधि के रूप में काम करते हुए, हर महीने एक अच्छी कमाई अर्जित कर रहे हैं।
निष्कर्ष
हमें यकीन है कि यह लेख आपके लिए बेहद मददगार साबित होगा। यदि आप सोलर सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं और खुद को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही, कमाई का भी एक बेहतर साधन विकसित करना चाहते हैं, तो ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान अभी हमसे संपर्क करें। हमारे विशेषज्ञ आपकी मदद के लिए हमेशा ही तैयार रहते हैं।
शेयर बाजार के फायदे Share Market Benefits Hindi
What Is Share Market In Hindi (शेयर मार्केट क्या है ?) Share market के बारे में तो अपने जरूर सुना होगा कुछ लोगो को तो इसके बारे में अच्छी तरह पता है लेकिन यदि आपको Share market बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको Share market hindi में बतायेंगे और बतायेंगे की आप कैसे share market में निवेश करके अच्छे पैसे कमा सकते है इसके फायदे क्या है और इसके नुकसान क्या क्या है ?
क्योकि आज बहुत से लोग share market से पैसे कमा कर करोड़पति बन चुके है और बहुत लोग share market के अन्दर ट्रेडिंग करना चाहते है लेकिन इसके बारे में जानकारी नही है और share market के फायदे नुकसान के बारे में नही पता है तो वह share market से पैसे नही कमा सकते है इसलिए आज हम Share Market Benefits Hindi के बारे में विस्तार से बतायेंगे | share market ke fayde
शेयर का क्या अर्थ है ?
What is Share Hindi :- Share का अर्थ एक हिस्सा होता है | जब आप किसी कंपनी निवेश करते हैं, तो आप उस कंपनी के आंशिक हिस्सेदार बन जाते हैं |Share किसी कंपनी में आंशिक भागीदारी प्राप्त करने का एक तरीका हैं | जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हो, तब आप उस कंपनी के शेयर होल्डर या ‘इक्विटी होल्डर’ बन जाते हो | शेयर को इक्विटी और स्क्रिप्ट भी कहा जाता है |
जैसे – एक ABC कंपनी की कुल पूंजी 1 करोड़ है, और कंपनी अपनी 1 करोड़ की पूंजी को, 1 लाख अलग-अलग, बराबर मूल्य के हिस्से में बाँट देती है, अब बांटा गया हर एक हिस्सा, कंपनी की पूंजी का एक सबसे छोटा भाग है जिसकी कीमत अब 100 रूपये है, पूंजी के इसी छोटे भाग को ही SHARE कहा जाता है,
इस तरह ABC कंपनी की पूंजी SHARE में बाँट दिए जाने पर अब कंपनी की पूंजी SHARE CAPITAL कहलाएगी, जो इस प्रकार से होगी –
TOTAL NO of SHARE X SHARE PRICE = SHARE CAPITAL
1,00,000 (एक लाख SHARE) X 100 (एक शेयर) = 1,00,00,000 (1 करोड़ कुल शेयर कैपिटल)
शेयर मार्किट क्या है ? What is Share market in Hindi?
Share Market kya hai? Share market या stock market एक ऐसा मार्किट जंहा कंपनी के शेयर की Selling aur Purchasing की जाती है यानि जिस मार्किट के अन्दर कंपनीज के शेयर को खरीदा और बेचा जाता है उसे Share market या stock market कहते है शेयर मार्किट के अंदर बहुत सी कंपनी अपने शेयर Issue करती है और बहुत से इंवेस्टवेर उन्हें खरीदते है और फिर उन्हें बेचते है और इस प्रक्रिया को Stock Market ट्रेडिंग कहते है share market in hindi basic knowledge
और यह एक बहुत से लोग बहुत सारा पैसा कमाते है और बहुत से लोग बहुत सारा पैसा डूबा भी देते हैकंपनी के शेयर की कीमत कभी घटती ही तो कभी बढती रहती है इसलिए Share market in hindi बहुत जोखिम वाली मार्किट है क्योकि यदि कोई किसी कंपनी के ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान के शेयर खरीदता है तो उस इन्वेस्टर की उस कंपनी के लाभ और हानि के अन्दर हिसेदारी हो जाती है तो कंपनी अच्छी परफॉरमेंस के साथ काम कर रही है तो शेयर का रेट कम नही होगा और इन्वेस्टर को लाभ होगा और कंपनी की परफॉरमेंस अच्छी नही है तो इन्वेस्टर के शेयर रेट कम हो जायेगा और उसके पैसे डूब जायेंगे | share market ke fayde
शेयर बाजार के फायदे – Share Market Benefits hindi
उच्च लिक्विडिटी (High Liquidity) :- इंडियन शेयर मार्किट में, दो एक्सचेंज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) हैं ज्यादातर कंपनियां या तो इन इन दोनों एक्सचेंजों पर या इनमें से किसी एक में अपने शेयरों का बिज़नेस करती हैं। यह निवेशकों को उच्च लिक्विडिटी प्रदान करता है क्योंकि औसत दैनिक मात्रा अधिक होती है। इसलिए, यदि कोई इन्वेस्टर स्टॉक एक्सचेंजों पर किसी भी शेयर को खरीदना या बेचना चाहता है, तो लिक्विडिटी इसे आसान बनाती है।
कम समय अवधि में उच्च रिटर्न (High returns) :- Bonds और Fixed Deposits जैसे अन्य इन्वेस्टमेंट ऑप्शन से तुलना की जाये तो शेयर मार्किट निवेशकों को तुलनात्मक रूप से कम समय अवधि में अधिक रिटर्नदेता है लेकिन शेयर मार्किट रूल को फॉलो करना पड़ेगा जैसे : ट्रेडिंग की योजना बनाना, स्टॉप–लॉस और ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान ले–प्रॉफिट ट्रिगर्स का उपयोग करना, अनुसंधान और उचित परिश्रम करना, और धैर्यवान होने से स्टॉक निवेश में निहित risk को काफी कम किया जा सकता है और शेयर बाजार निवेश पर रिटर्न को बढाया जा सकता है |
No Money Investment Limit :- शेयर मार्किट एक ऐसा इन्वेस्टमेंट आप्शन है जिसके अन्दर अगर आपके पास ₹1000 भी है, तो भी आप इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं और अगर वह 1000 करोड़ पर करोड़ है तब भी आप शुरू कर सकते हैं, यहां पर इन्वेस्टमेंट करने के लिए कम से कम या अधिक से अधिक पैसों की कोई सीमा नहीं है |
पैसे से पैसा कमाना :- शेयर मार्किट एक ऐसी जंहा आपको किसी तरह का कोई भी प्रोडक्ट खरीदना या बेचना नहीं होता हैइ आप सिर्फ अपने पैसों से स्टॉक्स खरीदते हैं और STOCKS बेचकर बेचकर पैसे प्राप्त करते हैं |
Share Market Benefits hindi
लाभ और हानि की कोई सीमा नहीं :- शेयर मार्किट के अन्दर प्रॉफिट और loss की कोई लिमिट नही है इसके अन्दर इन्वेस्टर के उपर निर्भर करता है की कितने अच्छे से ट्रेडिंग कर सकता है और अच्छे पैसे कमा सकता है |
No Time और Space Limit :- शेयर मार्किट एक सप्ताह के अन्दर 5 दिन और हर दिन 6 घंटे चलता है ओ आप अपनी मर्जी के हिसाब से ट्रेडिंग कर सकते है और इसके लिए ज्यादा स्पेस की जरुरत नही पड़ती है और जंहा अच्छा इन्टरनेट मिले वंहा से ट्रेडिंग कर सकते है |
Regulatory Environment and Framework :- इंडियन स्टॉक मार्किट को स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) द्वारा कण्ट्रोल किया जाता है SEBI के पास स्टॉक एक्सचेंजों को विनियमित करने, इसके विकास और इन्वेस्टर के अधिकारों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। इसका मतलब यह है कि जब इन्वेस्टर शेयर बाजार में वित्तीय प्रोडक्ट में निवेश करते हैं तो उसके साथ कोई धोखाधड़ी नही हो सकती है
Facility (सुविधा) :- स्टॉक मार्किट के अन्दर इन्वेस्टर को बहुत सी सुविधा दी जाती है जैसे कोई भी इन्वेस्टर इलेक्ट्रॉनिक रूप से शेयर को ट्रान्सफर कर सकता है और ट्रेडिंग कर सकता है इसके अलावा, ब्रोकिंग सेवा प्रदाता ऑनलाइन शेयर कारोबार सुविधाएं प्रदान करते हैं जो निवेश को सुविधाजनक बनाते हैं, क्योंकि निवेशक अपने घरों या कार्यालयों के आराम से कंप्यूटर के माध्यम से अपने आर्डर स्थापित कर सकते हैं |
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