स्टॉक ग्राफ क्या है?

RSI INDICATOR KYA HAI
RSI indicator एक ऐसा टूल जिसे सिख कर आप market के मोमेंटम(Momentum) को आसानी से समझ सकते है और इसे सिख कर अच्छा खासा मुनाफा भी कमा सकते है। आज इस पोस्ट में हम जानेंगे RSI indicator kya hai। RSI एक इंडिकेटर है जो किसी स्टॉक में आने वाली तेजी या मन्दी को आसानी से भांप सकता है ।
आज के इस पोस्ट में हम RSI इंडिकेटर को हिंदी में यानि हमारे राष्ट्र भाषा में समझेंगे। जैसा की हम देख रहे है निफ़्टी आज के समय में अपने जीवन के सबसे ऊपर के स्तर पे आ गयी है। निफ़्टी ने 17 हजार पार करके और ऊपर उड़ रही है। निफ़्टी हो या कोई स्टॉक हर एक instrument में RSI काम करता है। RSI इंडिकेटर हमें हमारे ब्रोकर दिला देते है। अगर आप स्टॉक मार्किट में नए है तो निचे के पोस्ट को आप पढ़ कर बेसिक बातें स्टॉक मार्किट की जान ले , इससे आपको ब्रोकर,दमत,Squareoff जैसे सब्द नए नहीं लगेंगे।
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RSI Meaning
RSI एक ऐसा इंडिकेटर या टूल है जिसकी मदद से हम एक स्टॉक या पुरे इंडेक्स की मोमेंटम को समझ सकते है। RSI का full form होता है Relative Strength index. RSI indicator एक ऐसा technical इंडिकेटर है जिसकी मदद से मार्किट की मोमेंटम पता करते है। इस टूल को हम टेक्निकल एनालिसिस के लिए इस्तेमाल करते है। RSI recent price change को मापने के लिए oversold या overbought जानने में मदद करता है। ये इंडिकेटर दो लाइन के बिच में ऊपर निचे करता है।
ऊपर के लाइन को जब cross करेगा तो overbought कहते है और अगर निचे के लाइन को cross करे तो oversold कहते है । एक लाइन ग्राफ बनता है इन दोनों लाइन के बिच में लाइन ग्राफ बनता है और उसमे एक divergence होता है, जिसे RSI divergence कहते है। पहले के समय में 70 और 30 के दो लाइन होते थे। 70 का लाइन ऊपर होता है जिसके ऊपर लाइन ग्राफ जाने से overbought कहा जाता है।
RSI Signal:
जे वेल्स वाइल्डर द्वारा विकसित रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (आरएसआई), एक प्राइस के गति को मापने के काम आता है। जो मूल्य आंदोलनों की गति और परिवर्तन को मापता है। परंपरागत रूप से आरएसआई को 70 से ऊपर और 30 से नीचे होने पर ओवरसोल्ड माना जाता है। विचलन और विफलता स्विंग की तलाश करके सिग्नल उत्पन्न किए जा सकते हैं।
RSI of Nifty:
Nifty में भी RSI का इस्तेमाल करके हम लोग इस्तेमाल करके आसानी से निफ़्टी के मोमेंटम को जान कर पुरे मार्किट की आने वाली समय में कैसा परफॉर्म करेगा पता कर सकते है। निफ़्टी एक इंडेक्स है जिसमे भारत की 50 टॉप कंपनी की सूचि होती है। मैंने Nifty 50 कंपनी की लिस्ट और निफ़्टी के बारे में पहले से लिखा है , आप उसे एक बार पढ़ ले। निफ़्टी के chart को dekhne से jitna समझ ni aaega तो RSI indic
RSI full form:
RSI का फुल फॉर्म है Relative Strength इंडेक्स। इसकी मदद स्टॉक ग्राफ क्या है? से हम लोग मार्किट में प्राइस के strength यानि ताकत को समझते है। RSI हमें स्टॉक मार्किट में किसी भी स्टॉक की सही वैल्यू क्या चल रही है वो बताता है।
RSI in share market:
शेयर मार्किट में RSI नाम के इंडिकेटर को हम किसी भी सेगमेंट में उसे कर सकते है । NIFTY 50 इंडेक्स हो या कोई भी कंपनी का स्टॉक । रसी हमें बताने में सक्छम है की उस तत्कालीन समय में उस इंस्ट्रूमेंट की कीमत क्या है।
RSI मार्किट को तीन भाग में बाँट कर बताता है, सबसे पहले ये जान ले की RSI इंडिकेटर में दो लेवल बनते है और जब भी इनदोनो लेवल में से कोई भी एक लेवल को प्राइस काट कर ऊपर या निचे निकलता है तब हम उस स्टॉक को OVERbought या OverSOLD कहते है। निचे इन दोनों का मतलब समझने के लिए पढ़े।
overbought का मतलब है जब भी किसी एक स्टॉक को ज्यादा ख़रीदा गया है जिसके वजह से उस स्टॉक की कीमत बढ़ गयी है, लेकिन एक निश्चित दुरी पे जाके अब उसकी बिकवाली शुरू हो सकती है।
Oversold यानि की किसी स्टॉक ग्राफ क्या है? भी एक स्टॉक की बिकवाली बहुत अधिक हो गयी है जिसकी वजह से उस स्टॉक की कीमत बहुत गीत चुकी है और इससे से ज्यादा नहीं गिर सकती , इसे हम ओवरसोल्ड कहते है।
RSI indicator tool:
हर broker जैसे की Zerodha Upstox GROWW ALICEBLUE आदि आपको जब दमत अकाउंट ओपन करके देते है तब आपके ट्रेडिंग डैशबोर्ड में ये इंडीकेटर्स मुफ्त में दिए जाते है।
आपको करना इतना है की आप इंडीकेटर्स के मेनू से इसको अपने चार्ट में जोड़ लेना है। मैंने ज़ेरोढा प्लेटफार्म पे कैसे RSI को अपने चार्ट में ऐड करना है निचे दिए वीडियो में बताया है । पुरे वीडियो को देखिये कैसे RSI का उसे करके और उसमे कुछ परिवर्तन करके हम इसको बेहतरीन तरीके से उसे कर सकते है।
जैसे मैंने बताया एक free RSI इंडिकेटर है जिसके लिए हमें कोई पैसेँदेनेकी जरुरत नहीं है , अगर आपके पास demat अकाउंट नहीं है to आप निचे दिए गए लिंक से खोल सकते है। अगर आप दूसरे वेबसाइट पे भी जाकर RSI उसे करना chahte है तो मेरे पास उसका भी उपाय है rsi indicator website की लिंकक निचे स्टॉक ग्राफ क्या है? दी है आप वह जाके भी RSI इंडिकेटर को अपने चार्ट में उसे कर सकते है ।
ध्यान रहे ऊपर के वीडियो में मैंने RSI में जरुरी चेंज और लेवल जो मई इस्तेमाल करता हु बताया है तो वीडियो जरूर पूरी देखे।
RSI indicator meaning
RSI इंडिकेटर स्टॉक ग्राफ क्या है? दो लेवल में बाट कर बनाया गया है , हम इसको बनाने नहीं जा रहे इसलिए हम लोग ज्यादा इसके अंदर घुसने के बजाये इसको कैसे इस्तेमाल करे वो समझेंगे। इस इंडिकेटर को 0 से लेकर 100 के बिच में रखा गया है । आम तौर पे अगर देखे तो 30 के निचे जब लाइन जाता है तो oversold खा जाता है। और जब 70 के ऊपर जाता है तो overbought लेकिन समय के साथ जैसे बदलाव जरुरी है वैसे ही इस system में भी हमें परिवर्तन की जरुरत है । मैंने अपने यूट्यूब वीडियो में लाइव दिखाया है कैसे इन लेवल को चेंज करना है और कितने पे इसलिए एक बार आप ऊपर के वीडियो को देख ले ।
How to use RSI indicator
RSI इंडिकेटर को हम इस्तेमाल बड़े ही होसियारी से करेंगे। जब भी इंडिकेटर के लाइन मेरे बताये गए लेवल के ऊपर जाएगा हम लोग BUY करेंगे शेयर को और जब भी निचे जाएगा तो हम लोग SELL करेंगे। मार्किट में हम ट्रेड तब लेते है है एक ट्रेंड फॉलो कर रहा हो मार्किट । मार्किट में जैसा मैंने पहले बताया है की दो ट्रेंड है जो इस प्रकार है :
हम लोग अपट्रेंड और downtrend में ट्रेड करते है बस सिडेवेस में मार्किट अटका रहता है इसलिए हम ट्रेड नहीं करते । इतना समझ लीजिए की अगर रसी में 30-70 के बिच में लाइन है तो हम ट्रेड नहीं करेंगे।
RSI indicator in zerodha
ज़ेरोढा हो या कोई दूसरी ब्रोकर की प्लेटफार्म सबमे RSI को एक ही तरीका से देखना है, सबसे पहले अकाउंट में लॉगिन करना है और अगर अकाउंट नहीं है तो ओपन करा ले बस 15 मिनट में अकाउंट ओपन हो जाता है। उसके बाद किसी भी शेयर की चार्ट को खोले और ऊपर मेनू में इंडिकेटर पे क्लिक करके RSI सर्च करे और उसे add कर ले अपने चार्ट में।
OPEN ACCOUNT IN ZERODHA
RSI trading Strategy
RSI ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को और अच्छे से समझने के लिए आप वीडियो को देखे और फिर एक स्टॉक buy या Sell करके RSI ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को देखे कितना काम कर रहा है । कभी भी नयी स्ट्रेटेजी सीखे तो अपना पूरा कैपिटल लगा कर ट्रेड नहीं करे। स्ट्रेटेजी बहुत होती है आपको जो समझ आये और आसान लगे उसका इस्तेमाल किया करे और उसमे पारंगत हो जाए।
Summary
हमने सीखा की कैसे हम स्विंग ट्रेडिंग करके हफ्ते का अच्छा पैसा कमा सकते है। RSI indiactor Kya Hai के इस पोस्ट में हमने सीखा की हमारी RSI की मदद से हमारी ट्रेडिंग की स्ट्रेटेजी क्या होगी और हम स्विंग ट्रेडिंग के rules को बिना भूले ट्रेडिंग करना है। आपको इस पोस्ट से जुडी को डाउट हो तो हमें निचे कमेंट में लिख कर पूछ सकते है। आपको ये पोस्ट कैसा लगा हमें कमेंट करके बताये। अआप अपने सगे सम्बन्धियों , दोस्तों को ये पोस्ट भेज कर जागरूक बनने में सहायता करे।
क्या है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस? शेयर बाजार में पैसा कमाने के लिए जरूरी है ये ज्ञान, जानें इसे कैसे सीखें
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी शेयर या कंपनी के पिछले और वर्तमान प्रदर्शन के आधार पर भविष्य की संभावना का अ . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 03, 2022, 11:42 IST
हाइलाइट्स
टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर के जरिए स्टॉक के प्राइस की मूवमेंट का अंदाजा लगाया जाता है.
फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है.
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस सीखने के लिए कई बुक, कोर्स और ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.
नई दिल्ली. शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले इसकी पर्याप्त समझ होनी चाहिए. किसी भी स्टॉक को खरीदने के लिए उसके बारे में अच्छे से अध्ययन करना होता है और यह दो तरीकों टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए किया जाता है. लेकिन, आम निवेशक को इसके बारे में ज्यादा समझ नहीं होती है लेकिन बाजार में सक्रिय रूप से काम करने वाले निवेशक और मार्केट एक्सपर्ट्स इसकी गहरी समझ रखते हैं. हालांकि, टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस की समझ विकसित करना ज्यादा मुश्किल नहीं है.
आइये जानते हैं कि आखिर टेक्निकल और फंटामेंटल एनालिसिस क्या है और कैसे इसके बारे में समझ विकसित करके शेयर बाजार में सक्रिय निवेशक के तौर पर काम किया जा सकता है. इन दोनों तरीकों से आप शेयर की कीमत का सही अनुमान और भविष्य से जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता लगा सकते हैं, साथ ही स्टॉक कब खरीदें और कब बेचें, यह निर्णय लेने में भी आपको मदद मिलेगी.
क्या है टेक्निकल एनालिसिस?
टेक्निकल एनालिसिस में किसी भी शेयर के चार्ट को देखकर उसकी डेली, वीकली और मंथली मूवमेंट और प्राइस के बारे में जानकारी हासिल की जाती है. चार्ट के जरिए सबसे शेयर के सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखा जाता है. यहां सपोर्ट से मतलब है कि स्टॉक कितनी बार किसी एक खास भाव से ऊपर की ओर गया है. ज्यादातर एनालिस्ट सपोर्ट लेवल पर ही खरीदी की सलाह देते हैं.
वहीं, रेजिस्टेंस का मतलब है कि कोई स्टॉक कितनी बार किसी एक भाव से फिर से नीचे की ओर लौटकर आया है. अगर कोई शेयर अपने रेजिस्टेंस को तोड़कर ऊपर की ओर जाता है तो इसे ब्रेकआउट कहते हैं यानी कि अब शेयर का भाव और बढ़ेगा. इसके विपरीत, यदि स्टॉक सपोर्ट लेवल को तोड़ देता है तो उसके नीचे जाने की संभावना ज्यादा रहती है.
टेक्निकल एनालिसिस में अहम इंडिकेटर
टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर अहम टूल्स होते हैं. दरअसल ये शेयर की मूवमेंट को लेकर अहम संकेत देते हैं. इनमें मूविंग एवरेज, RSI, MACD, सुपर ट्रेंड और बोलिंजर बैंड समेत कई इंडिकेटर्स शामिल हैं. हर इंडिकेटर का अपना महत्व है लेकिन शेयर बाजार में सक्रिय ज्यादातर निवेशक मूविंग एवरेज, MACD और RSI इंडिकेटर को अहम मानते हैं.
मूविंग एवरेज इंडिकेटर के जरिए किसी भी स्टॉक के पिछले 5, 10, 20, 50, 100 और 200 दिन के एवरेज प्राइस का अध्ययन किया जाता है. अलग-अलग टाइम फ्रेम पर स्टॉक के भाव में बढ़त और गिरावट से तेजी व मंदी का अनुमान लगाया जाता है. वहीं, RSI यानी रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स एक ग्राफ के जरिए यह प्रदर्शित करता है कि शेयर में कितनी खरीदारी और बिकवाली हावी है.
फंडामेंटल एनालिसिस क्यों जरूरी?
फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है. इसमें मुख्य रूप से कंपनी के फाइनेंशियल्स यानी आर्थिक आंकड़ों पर नजर डाली जाती है. इनमें P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखा जाता है. अगर प्राइस अर्निंग रेशियो की वैल्यू कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की काफी गुंजाइश है. वहीं, प्राइस टू बुक वैल्यू रेशियो कम है तो इसका मतलब हुआ कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है.
फंडामेंटल एनालिसिस में कम्पनी की सम्पत्तियों स्टॉक ग्राफ क्या है? तथा देनदारियों की अध्ययन करके कम्पनी की नेट वैल्यू निकाली जाती है. इसके आधार पर कम्पनी के स्टॉक की कीमत का अनुमान लगाया जाता है. इसमें कम्पनी की डिविडेंड पॉलिसी भी देखी जाती है. इस तरह की स्टडी से अंडरवैल्यूड कंपनियों के बारे में पता लगाया जा सकता है जिनके भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना होती है.
कैसे सीखें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में जानने के बाद अब सवाल उठता है कि यह ज्ञान कहां से लिया या सीखा जाए. टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के लिए कई बुक्स और इंटरनेट पर ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.
इसके अलावा आप नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी मार्केट (NISM) के जरिए शेयर मार्केट में बतौर रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइज के तौर पर काम करने के लिए कई कोर्सेस ज्वाइन कर सकते हैं. इनमें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस से जुड़े विषयों को कवर किया जाता है.
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NIFTY Meaning In Hindi निफ्टी क्या है
NIFTY Meaning In Hindi निफ्टी क्या है और इसे कैसे गिनते हैं इस बारे में हिंदी में लेख. निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध 50 प्रमुख शेयरों का सूचकांक है. निफ्टी की जानकारी, इसे गिनने का तरीका क्या है, यह बढ़ता घटता कैसे हे, कौन से शेयर इसमें शामिल हैं और इसका आधार वर्ष क्या है आसान हिंदी में। साथ ही जानिये मुक्त फ्लोट बाजार भारित यानि Free Float Market Weighted Stock Market Index क्या होता है।
NIFTY Meaning In Hindi
NIFTY Meaning In Hindi
NIFTY दो शब्दों को मिला कर बना है NATIONAL और FIFTY. इससे यह प्रतीत होता है कि NIFTY शब्द नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध सर्वोच्च पचास शेयरों पर आधारित है. भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के इंडेक्स को NIFTY कहते हैं। NIFTY निफ्टी की चाल से आपको बाजार की चाल का हाल मालूम हो जाता है. यदि निफ्टी में तेजी है तो आप मान सकते हैं कि बाजार में भी तेजी है. यदि निफ्टी में गिरावट है तो आप मान सकते हैं कि बाजार में भी गिरावट है. हालाँकि निफ्टी केवल पचास शेयरों की कीमत के आधार पर ही गिना जाता है फिर भी NIFTY की दिशा बाजार की दिशा का भी संकेत देती है.
NIFTY Meaning In Hindi – NSE का सूचकांक
BSE तथा NSE भारत के प्रमुख शेयर बाजार हैं जहां शेयरों की ट्रेडिंग होती है. सेंसेक्स तथा निफ्टी इनके प्रमुख सूचकांक हैं. हमने अपनी पिछली पोस्ट सेंसेक्स क्या है में आपको बताया था की सेंसेक्स क्या है और इसे कैसे गिनाते हैं. सेंसेक्स क्योंकि 30 शेयरों पर आधारित है और NIFTY 50 शेयरों पर आधारित है तो हम कह सकते हैं की निफ्टी बाजार की चाल का व्यापक तरीके से प्रतिनिधित्व करता है. यह पचास शेयर 22 अलग अलग उद्योगों से लिए गए हैं. यहां पढ़ें निफ्टी में शामिल शेयर कौन कौन से हैं।
NIFTY Meaning In Hindi – Free Float Market Weighted
सेंसेक्स की ही तरह निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मुक्त फ्लोट बाजार भारित शेयर बाजार सूचकांक (free-float market-weighted stock market index) है. किसी भी कंपनी के बाजार पूंजीकरण Market Capitalization का वह हिस्सा जो बिकने के लिए बाजार में उपलब्ध हो सकता है वह फ्री फ्लोट बाजार पूँजी होगी और उसी के आधार पर निफ्टी की भी गणना की जाती है. पचास शेयरों के इसी इंडेक्स को NIFTY कहते हैं. यहां पढ़ें सेंसेक्स और निफ्टी में अंतर क्या हैं।
Base Year आधार वर्ष
मुक्त फ्लोट बाजार भारित शेयर बाजार सूचकांक (free-float market-weighted stock market index) में इंडेक्स की कैसे गणना की जाती है गणना का पूरा तरीका आप सेंसेक्स स्टॉक ग्राफ क्या है? क्या है पर देख सकते हैं. निफ्टी का आधार वर्ष 1995 है और आधार अंक 1000 है. इस सूचकांक की गणना 3 नवम्बर 1995 से की जाती है और इस दिन सूचकांक का आधार 1000 माना गया है.
आज यदि निफ्टी का मूल्य 11000 के करीब है, तो इसका मतलब यह है कि निफ्टी के शेयरों की कीमत 1995 के मुकाबले अब तक 1100% तक बढ़ चुकी है.
NIFTY का महत्व
NIFTY भारत की अर्थव्यवास्था का प्रतीक है और इसका बढ़ना और घटना हमारे उद्योगों की प्रगति और देश के अरे्काथिक विकास का सूचक है। पूरी दुनिया के निवेशक NIFTY पर अपनी नजर रखते हैं और यह भारत में देसी विदेशी निवेशकों के विश्वास का प्रतीक है।
आंकड़ों को समझने में सहायक
किसी भी बाजार के आँकड़ों को समझने में वहाँ का सूचकांक बहुत सहायक होता है। NSE के डाटा के समझने के लिये NIFTY बहुत महत्वपूर्ण टूल है। किन्हीं भी दो या अधिक कालखंडों में बाजार की चाल की तुलना करने के यह इंडेक्स बहुत सहायक होते हैं। चार्ट और ग्राफ के जरिये इन्हें समझना और भी आसान हो जाता है।
तकनीकि विश्लेषण में सहायक
बाजार में निवेश भविष्य की उम्मीदों पर टिका होता है। कई तकनीकि विश्लेषक NIFTY की चाल से बाजार का भविष्य बताते हैं। यह विश्लेषण वैज्ञानिक होता है और बहुत से निवेशक और संस्थान करते हैं। इसके लिये कई तरह के सॉफ्टवेयर भी उपलब्ध हैं जिनकी जानकारी से बाजार की चाल की भविष्यवाणी की जाती है।
यह मेरी कोशिश थी NIFTY Meaning In Hindi निफ्टी क्या है में समझाने की. उम्मीद है कि आपको समझ आ गया होगा कि निफ्टी क्या है और इस का क्या महत्व है.
What is the Hindi meaning of liquidity in the stock market?
लिक्विड स्टॉक्स क्या है, लिक्विड स्टॉक्स को कैसे पहचानें, स्टॉक लिक्विडिटी क्या होती है, क्या लिक्विड स्टॉक्स खरीदना सही है (What is liquid stocks in hindi, Liquid stocks kya hai, Stock liquidity in hindi, How to identify liquid stocks)
हमें अक्सर सुनने को मिलता है कि जिस स्टॉक के अंदर लिक्विडिटी नहीं है हमें उसे buy नहीं करना चाहिए लेकिन यह बात हमेशा सही नहीं होती।
हमें यह पता होना चाहिए कि अगर कोई स्टॉक लिक्विड नहीं है तो उसका क्या कारण है। आपको स्टॉक्स की लिक्विडिटी को समझना बहुत जरूरी है तभी आप एक अच्छा लिक्विड स्टॉक्स buy कर सकते हैं।
इसीलिये आज हम आपको बताने वाले हैं-
लिक्विड स्टॉक्स क्या है?
स्टॉक्स की लिक्विडिटी क्यों महत्वपूर्ण है?
अच्छे लिक्विड स्टॉक्स कैसे ढूंढे?
स्टॉक्स की लिक्विडिटी कैसे पता करें?
लिक्विड स्टॉक्स खरीदना चाहिए या नहीं?
तो इन सबके बारे में जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा ध्यान से पढ़िएगा चलिए शुरू करते हैं:
Stock Liquidity की परिभाषा
हम किसी भी stock को कितनी आसानी से Buy या Sell कर सकते हैं बिना उसके प्राइस को Imapact किये। मतलब हमारी Buying या Selling से उसके price पर ज्यादा असर नहीं होना चाहिए।
तो कोई भी स्टॉक आपके लिए Liquid है या illiquid यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप उसकी कितनी Quantity Buy करना चाहते हो।
Quantity का अर्थ है: Number of Shares मतलब आपने कितने शेयर्स खरीदे हैं।
Example: मान लो आपको किसी स्टॉक के केवल 100 शेयर्स ही खरीदना है तो आपको उसके ट्रेडिंग वॉल्यूम से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा भले ही उसका ट्रेडिंग वॉल्यूम कम क्यों ना हो।
लेकिन अगर आपको उस स्टॉक के 10000 या 50,स्टॉक ग्राफ क्या है? 000 शेयर्स खरीदने हैं तो आपको पहले ट्रेडिंग वॉल्यूम को देखना होगा।
लिक्विड स्टॉक्स क्या है?
लिक्विड स्टॉक्स का अर्थ है कि किसी स्टॉक को कितनी आसानी से खरीदा या बेचा जा सकता है बिना स्टॉक के प्राइस को impact किये। मतलब जिन स्टॉक्स में बहुत स्टॉक ग्राफ क्या है? सारे buyers और sellers interested होते हैं उन्हें High Liquidity stocks या लिक्विड स्टॉक्स कहते हैं।
इसी तरह जिन stocks में कम लोग interested होते हैं उन्हें Low Liquidity stocks या illiquid stocks कहते हैं।
लिक्विड स्टॉक्स के चार्ट्स हमेशा smoothly चलते हैं। यानी की ग्राफ की movement के बीच में बहुत ज्यादा gap या space नहीं होता है। ये वही stocks होते हैं जिन्हें बहुत ज्यादा ट्रेड किया जाता है।
जबकि जो stocks लिक्विड नहीं होते हैं उनके price movement के chart में बहुत ज्यादा उथल-पुथल दिखाई देती है यानी कि charts कभी अचानक से ऊपर तो कभी अचानक से नीचे दिखाई देता है।
इसीलिए इनके ग्राफ की movement के बीच में space बहुत ज्यादा होता है। ऐसे stocks का प्राइस बहुत कम होता है और इन्हें हम Penny stocks या illiquid stocks भी बोलते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि केवल स्टॉक की लिक्विडिटी को देखकर ही स्टॉक्स को खरीदना चाहिए। अगर स्टॉक लिक्विडिटी कम है तो उसे नहीं खरीदना चाहिए लेकिन यह बात हर बार सच नहीं होती। आइये इसे एक उदाहरण के द्वारा समझते हैं- मान लीजिए कोई High Value Stock है मतलब उसका price बहुत ज्यादा है। For Example: MRF कम्पनी का Share price 80000 के आसपास है। अब चूंकि MRF का price ज्यादा है इसलिए इसका volume कम होगा। मतलब खरीदने और बेचने वालों की संख्या कम होगी. (MRF की Average Trading Volume 10000 के आस पास ही रहती है उससे ज्यादा नहीं क्योंकि इसका प्राइस बहुत High है) यानी कि इस स्टॉक को बहुत कम लोग खरीदेंगे। चूंकि इसका Trading Volume कम है इसलिए इस स्टॉक्स की लिक्विडिटी भी कम होगी। तो इसका मतलब यह नहीं है कि यह एक अच्छा स्टॉक नहीं है बल्कि MRF तो इंडिया की टॉप कंपनीज में से एक है। तो सिर्फ ट्रेडिंग वॉल्यूम को देखकर ही यह सोचना कि हमें इसमें निवेश नहीं करना चाहिए तो आपका यह निर्णय गलत होगा। इसीलिए स्टॉक्स की लिक्विडिटी को समझना आपके लिए बहुत जरूरी है। इसे भी पढ़े : Free Paynearby Retailer ID Registration
स्टॉक्स की लिक्विडिटी क्या होती है?
स्टॉक्स की लिक्विडिटी को जानने से पहले हमें लिक्विडिटी को समझना होगा-
लिक्विडिटी का हिंदी अर्थ होता है ‘तरलता’ यानी कि पानी की तरह चलने वाला। लेकिन स्टॉक स्टॉक ग्राफ क्या है? मार्केट में लिक्विडिटी का संबंध ‘सरलता’ से है ना की ‘तरलता’ से।
मतलब अगर किसी मार्केट में market participants यानी कि buyers और sellers को ट्रेड करने में सरलता होती है तो हम कह सकते हैं कि वह मार्केट लिक्विड मार्केट है।
ट्रेड का मतलब होता है (खरीदना और बेचना)
तो लिक्विडिटी हमें यह दिखाती है कितनी आसानी से किसी भी Asset को cash में convert किया जा सकता है।
जैसे– House, Building, Furniture, Machines etc.
आपको बता दें हर Asset की लिक्विडिटी अलग-अलग होती है जैसे; Cash की लिक्विडिटी सबसे ज्यादा होती है, उसके बाद Gold और फिर उसके बाद Stocks की लिक्विडिटी उससे भी कम होती है।
लेकिन सबसे कम लिक्विडिटी Modern Arts या equipment जैसी चीज़ों की होती है मतलब ऐसी चीजें जिन्हें sell करना काफी मुश्किल होता है।
उदाहरण: मान लीजिए कि आपके पास कोई जमीन है जो एक तरह से आपका Asset है। अगर आप किसी कारण से इसे बेचना चाहते हैं तो आप उसे तुरंत नहीं बेच पाएंगे क्योंकि पहले आपको कोई खरीददार ढूंढना होगा जिसे आप की जमीन पसंद आ सके और वह आपकी इच्छा के अनुसार पैसे दे सके।
लेकिन ऐसा खरीददार ढूंढने में आपको काफी समय लग सकता है और उसके बाद उस जमीन को बेचने की पूरी प्रोसेस में काफी समय भी लग जाएगा इसीलिए हम कह सकते हैं कि उस जमीन की लिक्विडिटी कम है।
क्योंकि उसे आसानी से cash में convert नहीं किया जा सकता है।
दूसरी ओर अगर हमारे पास कोई ऐसी मशीन है जो कि हमारे क्षेत्र में बहुत कम लोगों के पास है और उसे बहुत सारे लोग खरीदना चाहते हैं तो अगर आप उस मशीन को बेचना चाहें तो आप उसे तुरंत किसी को स्टॉक ग्राफ क्या है? भी बेच सकते हैं और उसके बदले में आपको पैसे मिल जाएंगे इसका मतलब है कि उस मशीन की लिक्विडिटी बहुत ज्यादा है।
बिल्कुल यही कांसेप्ट स्टॉक्स की लिक्विडिटी पर भी लागू होता है जैसे;
अगर किसी स्टॉक्स की लिक्विडिटी ज्यादा है तो इसका मतलब है कि उस stock को बहुत ज्यादा ट्रेड किया जा रहा है यानी कि बहुत सारे लोग उस स्टॉक को खरीद या बेच रहे हैं.
ठीक इसके विपरीत अगर किसी स्टॉक्स की लिक्विडिटी कम है तो उस स्टॉक्स को बहुत कम लोग खरीद और बेच रहे स्टॉक ग्राफ क्या है? हैं.
इसका मतलब है कि जिस स्टॉक की लिक्विडिटी जितनी ज्यादा होती है वह stock उतना ज्यादा पॉपुलर होता है और जिस स्टॉक की लिक्विडिटी कम होती है वह उतना ही कम पॉपुलर होता है।
जैसे- Penny Stocks
पेनी स्टॉक्स का मतलब वह स्टॉक्स जो ज्यादातर लोगों के बीच पॉपुलर नहीं है और इनको बहुत कम लोग जानते हैं इसीलिए इन्हें बहुत कम खरीदा या बेचा जाता है.
अगर पेनी स्टॉक्स को कोई अचानक से बहुत ज्यादा खरीद लेता है तो इसका प्राइस अचानक से ऊपर चला जाता है और अगर कोई बेच देता है तो ग्राफ अचानक से नीचे आ जाता है। यही कारण है कि इसके प्राइस का ग्राफ स्मूथ तरीके से आगे नहीं बढ़ता है और इसीलिए पेनी स्टॉक्स को हम iliquid stocks भी कह सकते हैं।
क्या कम लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए?स्टॉक ग्राफ क्या है?
आपको अक्सर बोला जाता है कि कम लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स में निवेश नहीं करना चाहिए लेकिन ऐसा आपको क्यों बोला जाता है?
उसके पीछे पहला कारण यह है कि आपको जानबूझकर ऐसे stocks से दूर रखा जाता है।
आपने देखा होगा कि जो स्टॉक्स मल्टीबैगर (multibagger) बनते हैं शुरुआत में उनका वॉल्यूम भी कम होता है क्योंकि शुरुआत में बड़े इन्वेस्टर्स और कंपनियां ही उसमें Invest करते हैं और उसके बहुत सारे शेयर्स को अकेले ही खरीद लेते हैं।
लेकिन जब Volume और Price बढ़ना शुरू होता है तो धीरे-धीरे आप और हम जैसे Retail Investors का ध्यान भी इन stocks की तरफ जाता है।
दूसरा कारण यह है कि आपको केवल Liquid stocks को खरीदने के लिए ही हर जगह बोला जाता है क्योंकि ये Hot Stocks होते हैं इसलिए आपके नुकसान होने की संभावना भी ज्यादा होती है।
मेरी सलाह है कि आप Hot stocks से जितना हो सके उतना दूर रहिए। लालच में आकर उसे मत खरीदिये क्योंकि इनका प्राइस और वॉल्यूम किसी न्यूज़ के चलते अचानक से बढ़ जाता है और इनमें लिक्विडिटी आ जाती है लेकिन कुछ समय बाद इनका प्राइस अचानक से dump हो जाता है जिससे बहुत सारे निवेशकों को नुकसान झेलना पड़ता है।
स्टॉक ग्राफ क्या है?
हेलो फ्रेंड समय पर स्नेक्स ध्यान को स्टॉप पर ग्राफ्ट किया गया है फल की गुणवत्ता किस पर निर्भर करेगी विकल्प एशियान कल 20 टॉप होटल्स इन दोनों एक था भी और कांटे इनमें से कोई नहीं तो यहां पर में बताना है कि यदि एक्सियोम इसे 186 उनको किस पर ग्राफ्ट किया है ग्राफ्ट किया है हमने स्टॉक पर ठीक है ग्राफ्ट किया है यानी कि सिवान के पादप में स्टॉक की एक भाग को लगाया है या स्टॉक की क्या किया है वह आपको हमने काटकर इसमें रोपित किया है ठीक है या फिर इसके अंदर लगाया है तो हमारी जो फल की गुणवत्ता रहेगी क्या रहेगी फल की गुणवत्ता वह किस पर निर्भर करेगी तो उनके ऊपर क्राफ्ट किया स्टाफ को
तो यह क्या हो गया यह एक हाइब्रिड पादप हो गया क्या हो गया हाइब्रिड पादप हो गया लेकिन इस हाइब्रिड पादप में जो है जो फल की गुणवत्ता है वह फल की गुणवत्ता निर्भर करती है से उनके जीवन के जीनोटाइप पर किस पर सिवान के जीनोटाइप पर क्योंकि आधार में जो पौधा है क्योंकि हमने ऊपर किसे क्राफ्ट किया है स्टाफ को तो आधार में जो पादप है आधार का पादप वह कौन सा है स्वान और इसी के जीनोटाइप पर क्यों निर्भर करेगी फल की गुणवत्ता तो विकल्पों को देख लेते हैं तो पहला दिया है संतोष यानी वह पादप है जिस पर फल की गुण जाने पर करेगी तो यह होता है सही स्टॉप स्टॉप पर फल की गुणवत्ता निर्भर नहीं करेगी क्योंकि यह ग्राफ पर किया गया है ऊपर की ओर इसीलिए दोनों और भी ऑप्शन सही नहीं है और इनमें से कोई नहीं उत्तर भी सही नहीं है तो
उत्तर होता है दोस्तों विकल्प है आशा करता हूं कुछ प्रश्न का उत्तर समझ आया होगा वीडियो को देखने के लिए धन्यवाद