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एक डॉलर खाता क्या है

एक डॉलर खाता क्या है
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार अब भी 8.9 महीनों के आयात व्यय के लिए पर्याप्त एक डॉलर खाता क्या है है और किसी भी बाहरी संकट का का सामना करने की क्षमता देता है। फिच ने कहा, इस बड़े विदेशी मुद्रा भंडार से कर्ज पुनर्गठन क्षमता को आश्वासन मिलता है। इसके अलावा अल्पकालिक बाह्य बकाया ऋण भी कुल भंडार का सिर्फ 24 फीसदी ही है।

डॉलर के मुकाबले अभी तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, क्या USD के मुकाबले 80 के स्तर पर पहुंच जाएगा INR?

एक डॉलर खाता क्या है

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का संपर्क बैंकिंग संबंध 78 देशों में 320 से भी ज्यादा अंतरराष्ट्रीय बैंकों के साथ है. विदेशों में हमारे ग्राहकों को उच्च प्रतिस्पर्धा दर पर विश्वनीय सेवा प्राप्त हो, यह सुनिश्चित करने हेतु बैंकों का चयन ध्यानपूर्वक किया जाता है.

संपर्की बैंक का व्यापक नेटवर्क हमारे ग्राहकों को निम्न रूप से सहायता प्रदान करता है:

हमारे आयातकों के पास हमारे द्वारा जारी किया गया आयात साख पत्र होगा तथा विश्व में फैले हमारे संपर्क बैंकों द्वारा उनको सलाह भी दी जाएगी. अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में उत्तम प्रतिष्ठा होने के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे बैंक का साख पत्र स्वीकार्य है. फिर भी अगर अपने देश में आपूर्तिकर्ता, बैंक से हमारे साख पत्र की पुष्टि चाहता है तो हमारा संपर्क बैंक प्रसन्नता पूर्वक उसकी पुष्टि करेगा.

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा) के तहत आयात भुगतान एवं अन्य प्रयोजनों के लिए जावक धन प्रेषण सरलता पूर्वक किया जायेगा.
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डॉलर के मुकाबले एक डॉलर खाता क्या है रुपया पस्त, निचले स्तर का एक और रिकॉर्ड बनाया, 2014 में इतने का था एक डॉलर

डॉलर के मुकाबले रुपया पस्त, निचले स्तर का एक और रिकॉर्ड बनाया, 2014 में इतने का था एक डॉलर

विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने और विदेशी पूंजी की सतत निकासी के बीच अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में गुरुवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 6 पैसे की गिरावट के साथ एक और निचले स्तर को छुआ। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 83.06 पर खुला। बता दें 30 मई 2014 को एक डॉलर का मूल्य 59.28 रुपये था।

बता दें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल कीमतों में तेजी तथा निवेशकों में जोखिम लेने की धारणा कमजोर होने से भी रुपये पर असर पड़ा। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (शोध विश्लेषक) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि डॉलर की बढ़ती कीमतों के बीच घबराहट में रुपये की बिकवाली के चलते रुपया नए निचले स्तर पर आ गया है।

कौन तय करता है डॉलर के मुकाबले रुपये का एक्सचेंज रेट, क्या कभी डॉलर के बराबर थी भारतीय करेंसी?

माना जाता है कि 1947 में डॉलर और रुपये की वैल्यू एकसमान थी. (फोटो- साभार मनीकंट्रोल)

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 15, 2022, 09:21 IST

हाइलाइट्स

एक करेंसी के मुकाबले दूसरी करेंसी की वैल्यू एक्सचेंज रेट द्वारा तय होती है.
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये का एक्सचेंज रेट फिलहाल 82.36 है.
भारत विभिन्न विदेशी मुद्राओं के लिए फ्लोटिंग एक्सचेंज रेट फॉलो करता है.

नई दिल्ली. एक डॉलर खाता क्या है अमेरिकी डॉलर ($) के मुकाबले भारतीय रुपया (₹) आए दिन नया न्यूनतम स्तर छू रहा है. फिलहाल यह 1 डॉलर के मुकाबले 82.367 रुपये पर है. शुक्रवार को यह 0.24 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ था. कोई करेंसी किसी दूसरे देश की करेंसी के मुकाबले कितनी मजबूत या कमजोर है यह एक्सचेंज रेट से पता चलता है. भारतीय रुपये और डॉलर की तुलना करें तो अगर आप एक डॉलर खाता क्या है 82.36 रुपये लेकर डॉलर में कन्वर्ट करने जाते हैं तो आपको केवल 1 डॉलर मिलेगा. यही एक्सचेंज रेट है.

अब सवाल उठता है कि एक्सचेंज रेट तय कौन करता है. सबसे पहला ख्याल दिमाग में भारतीय रिजर्व बैंक का आता है, लेकिन ऐसा नहीं है. दरअसल, भारतीय रुपये का एक्सचेंज रेट कोई एक संस्थान या संगठन नहीं करता है. केवल डॉलर ही नहीं अन्य विदेशी मुद्राओं के मुकाबले भी भारतीय रुपये का एक्सचेंज रेट कई बाजार आधारित फैक्टर्स द्वारा तय होता है. गौरतलब है कि 1990 से पहले यह काम आरबीआई ही करता था. तब भारत एक फिक्स्ड एक्सचेंज रेट को फॉलो करता था. उस समय घरेलू करेंसी अमेरिकी डॉलर और अन्य मुद्राओं के एक बास्केट के साथ पैग्ड थी. पैग होने का मतलब है कि दूसरी करेंसी के मुकाबले अपनी करेंसी को एक तय सीमा बांध दिया जाएगा और उसमें गिरावट या तेजी उसी दायरे में रहेगी. इस सिस्टम में आरबीआई या केंद्र सरकार अपनी करेंसी का एक्सचेंज रेट तय करते हैं.

Rupee at Record Low: रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर, 82.68 प्रति डॉलर तक नीचे फिसला

By: ABP Live | Updated at : 10 Oct 2022 10:27 AM (IST)

Edited By: Meenakshi

रुपया, डॉलर (फाइल फोटो)

Rupee at Record Low: भारतीय करेंसी रुपया आज अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया है. शुरुआती कारोबार में ये अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 82.68 प्रति डॉलर पर आ गया है. रुपये में रिकॉर्ड गिरावट के बाद भारी चिंता बन रही है और इसके 85 रुपये प्रति डॉलर तक नीचे आने का अंदेशा जताया जा रहा है.

शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. एक डॉलर की कीमत पहली बार 82.68 रुपये हो गई है. भारतीय रिजर्व बैंक की रुपये की गिरावट को थामने की कोशिशों का नतीजा बहुत कम देखने को मिला है और रुपये में लगातार कमजोरी के साथ कारोबार हो रहा है.

बढ़ेगी रुपये की स्वीकार्यता

आरबीआई ने यह एक अच्छा कदम उठाया है. इससे अपतटीय केंद्रों में एक डॉलर खाता क्या है एक डॉलर खाता क्या है रुपये को वैश्विक स्तर पर अधिक व्यापार योग्य बनाया जा सकेगा. मुझे लगता है कि एनडीएफ की मात्रा और बढ़ेगी. यह एक डॉलर खाता क्या है रुपये को अंतरराष्ट्रीय व्यापार वाली मुद्रा बनाने की दिशा में एक कदम है. आरबीआई के इस कदम से रुपये की स्वीकार्यता बढ़ेगी. यह लंबी अवधि में डॉलर के उपयोग को भी कमजोर करेगा. इन्हें डॉलर की भागीदारी के बिना सीधे कारोबार किया जा सकता है. इसे और अधिक व्यापार योग्य, स्वीकार्य बनाना. विदेशी खरीदार भारतीय बैंक में वोस्ट्रो खाता खोल सकते हैं और वे भारतीय निर्यातकों को भारतीय रुपये में भुगतान कर सकते हैं. एफएक्स जोखिम विदेशी खरीदार को हस्तांतरित हो जाता है क्योंकि रुपये की राशि तय हो जाती है.

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