विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट

Published on: August 27, 2022 12:39 IST
India Forex Reserves: रुपये को गिरने से थामने की कोशिशों में विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट, जानें डिटेल्स
RBI Data: इसी हफ्ते रुपया एक डॉलर के मुकाबले 83 रुपये के नीचे जा लुढ़का था. जानकारों का मानना है कि रुपया 85 के लेवल तक गिर सकता है. रुपये को थामने के लिए आरबीआई को डॉलर बेचना पड़ रहा है.
By: ABP Live | Updated at : 21 Oct 2022 07:35 PM (IST)
प्रतिकात्मक फोटो ( Image Source : Getty )
India Forex Reserves: रूपये (Rupee) में जारी गिरावट को थामने के लिए आरबीआई ( RBI) को बार बार डॉलर बेचना पड़ रहा है जिसके चलते भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ( Foreign Currency Reserves) में बड़ी गिरावट आई है. 14 अक्टूबर, 2022 को खत्म हफ्ते पर विदेशी मुद्रा भंडार कई वर्षों के निचले स्तरों पर जा गिरा है. आरबीआई ने जो आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 528.37 अरब डॉलर रह गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक 14 अक्टूबर, 2022 को खत्म हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में 4.50 अरब डॉलर की गिरावट आई है और ये घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया है. इससे पहले 7 अक्टूबर को खत्म हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में 10 हफ्तों में पहली बार बढ़ोतरी देखने को मिली थी. बीते वर्ष 3 सितंबर 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर था. जो इस वर्ष मार्च में घटकर 607 अरब डॉलर रह गया था और अब 114.08 अरब डॉलर घटकर 528 अरब डॉलर रह गया है.
विदेशी करेंसी एसेट्स 2.83 अरब डॉलर घटकर 468.67 रह गया है. तो गोल्ड रिजर्व में भी गिरावट आई है और ये 1.50 अरब डॉलर घटकर 37.45 अरब डॉलर का रह गया है. दरअसल डॉलर के मुकाबले रुपये में बड़ी गिरावट देखने को मिली. रुपया गिरकर 83.35 के लेवल तक जा गिरा. रुपये को डॉलर के मुकाबले गिरने से बचाने के लिए आरबीआई अब तक 114 अरब डॉलर अपने विदेशी मुद्रा भंडार से बेच चुका है.
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के मुताबिक चालू खाते का घाटा 4 फीसदी रहा तो विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 510 अरब डॉलर के लेवल तक गिर विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट सकता है. हालांकि आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास कह चुके हैं कि बाजार में उतार चढ़ाव के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार बेहतर रहा है. उन्होंने कहा कि बाजार के हालात को देखते हुए आरबीआई लगातार विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट दखल देता रहा है.
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Published at : 21 Oct 2022 07:05 PM (IST) Tags: RBI Rupee - Dollar Foreign Currency Reserves India Forex Reserves हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
रुपया रसातल में, अब विदेशी मुद्रा भंडार ने बढ़ाई टेंशन, 4.50 करोड़ डॉलर की बड़ी गिरावट
अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया शुक्रवार को चार पैसे की तेजी के साथ 82.75 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। रुपये विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट में शुरू में गिरावट आई थी लेकिन घरेलू शेयर बाजार में तेजी के साथ यह बढ़त में बंद हुआ।
भारतीय करेंसी रुपया में हर दिन नई गिरावट आ रही है। इस गिरावट के बीच अब देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 4.50 करोड़ डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया। इससे पहले, सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।
इसमें इस साल अगस्त के बाद से पहली बार किसी साप्ताह में वृद्धि हुई थी। बता दें कि एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
लगातार आ रही गिरावट: देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई हफ्तों से लगातार कम हो रही है। दरअसल, तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपये को संभालने के लिए आरबीआई ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है।
आंकड़ों के अनुसार, 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 2.828 अरब डॉलर घटकर 468.668 अरब डॉलर रह गयीं। एफसीए असल में समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है। डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्य वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है।
स्वर्ण भंडार के मूल्य में सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.35 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी। जबकि विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में यह 1.502 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 37.453 अरब डॉलर रह गया।
रुपया का हाल: बता दें कि अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया शुक्रवार को चार पैसे की तेजी के साथ 82.75 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। रुपये में शुरू में गिरावट आई थी लेकिन घरेलू शेयर बाजार में तेजी के साथ यह बढ़त में बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट, 572 अरब डॉलर से भी आया नीचे
डॉलर के मुकाबले रुपये में उतार चढ़ाव के बीच विदेशी मुद्रा भंडार घटा है। विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का घटना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 1.152 अरब डॉलर घटकर 571.56 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के मुताबिक इससे पहले समाप्त सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार 7.541 अरब डॉलर घटकर 572.712 अरब डॉलर रह गया था।
डॉलर के मुकाबले रुपये में उतार चढ़ाव के बीच विदेशी मुद्रा भंडार घटा है। विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का घटना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक भारत के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 1.426 अरब डॉलर घटकर 510.136 अरब डॉलर रह गयी।
डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।
गोल्ड रिजर्व बढ़ा: आंकड़ों के मुताबिक सप्ताह में गोल्ड रिजर्व का मूल्य 14.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 38.502 अरब डॉलर हो गया। सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 10.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.963 अरब डॉलर हो गया। आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 2.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.96 अरब डॉलर हो गया।
Indian Foreign Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट, इसके पीछे की असली वजह आई सामने
Indian Foreign Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह जानकारी दी है।
Edited By: India TV Business Desk
Published on: August 27, 2022 12:39 IST
Photo:INDIA TV भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट
Highlights
- भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट
- गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा एसेट्स (FCA) और स्वर्ण भंडार का कम होना है
- यूक्रेन-रूस युद्ध भी है इसका कारण
Indian Foreign Reserves: देश विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह जानकारी दी है। इससे पहले 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.238 करोड़ डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर रहा था।
इसे पीछे का असली कारण स्वर्ण भंडार का कम होना है
रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा एसेट्स (FCA) और स्वर्ण भंडार का कम होना है। साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, एफसीए 5.77 अरब डॉलर घटकर 501.216 अरब डॉलर रह गयी। आंकड़ों के अनुसार, स्वर्ण भंडार का मूल्य 70.4 करोड़ डॉलर घटकर 39.914 अरब डॉलर रह गया। उस दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 14.6 करोड़ डॉलर घटकर 17.विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट 987 अरब डॉलर पर आ गया। जबकि आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 5.8 करोड़ डॉलर गिरकर 4.936 अरब डॉलर रह गया।
क्या कहता है आरबीआई?
विदेशी मुद्रा भंडार घटने के पीछे विश्व में आर्थिक मंदी आने के संकेत भी है। भारतीय रिजर्व बैंक इसे कंट्रोल करने की लगातार कोशिशें कर रहा है। उसके हस्तक्षेप से मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार घटने की दर में कमी आई है। आरबीआई अधिकारियों के अध्ययन में यह कहा गया है। अध्ययन में 2007 से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मौजूदा समय में उत्पन्न उतार-चढ़ाव को शामिल किया गया है। केंद्रीय बैंक की विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप की एक घोषित नीति है। केंद्रीय बैंक यदि बाजार में अस्थिरता देखता है, तो हस्तक्षेप करता है। हालांकि, रिजर्व बैंक मुद्रा को लेकर कभी भी लक्षित स्तर नहीं देता है।
यूक्रेन-रूस युद्ध है इसका कारण
आरबीआई के वित्तीय बाजार संचालन विभाग के सौरभ नाथ, विक्रम राजपूत और गोपालकृष्णन एस के अध्ययन में कहा गया है कि 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भंडार 22 प्रतिशत कम हुआ था। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद उत्पन्न उतार-चढ़ाव के दौरान इसमें केवल छह प्रतिशत की कमी आई है। अध्ययन में कहा गया है कि इसमें व्यक्त विचार लेखकों के हैं और यह कोई जरूरी नहीं है कि यह केंद्रीय बैंक की सोच से मेल खाए।
रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर अपने हस्तक्षेप उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल रहा है। यह विदेशी मुद्रा भंडार में घटने की कम दर से पता चलता है। अध्ययन के अनुसार, निरपेक्ष रूप से 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के कारण मुद्रा भंडार में 70 अरब अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई। जबकि कोविड-19 अवधि के दौरान इसमें 17 अरब डॉलर की ही कमी हुई। वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण इस वर्ष 29 जुलाई तक 56 अरब डॉलर की कमी आई है।
अध्ययन में कहा गया है कि उतार-चढ़ाव को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्वों में ब्याज दर, मुद्रास्फीति, सरकारी कर्ज, चालू खाते का घाटा, जिंसों पर निर्भरता राजनीतिक स्थिरता के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर घटनाक्रम शामिल हैं।